UP News : अब मंदिर में नहीं चलेगी वेस्टर्न ड्रेस! क्या आपके पास है धोती या साड़ी?

UP News : अब मंदिर में नहीं चलेगी वेस्टर्न ड्रेस! क्या आपके पास है धोती या साड़ी?

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UP News  : प्रयागराज के प्रसिद्ध श्री मंकामेश्वर मंदिर में इस बार श्रावण मास में रुद्राभिषेक करने वाले भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। 11 जुलाई से शुरू हो रहे सावन महीने में जो भी श्रद्धालु रुद्राभिषेक करना चाहेंगे उन्हें पारंपरिक भारतीय परिधान में ही आना होगा। महिलाएं केवल साड़ी या सूट पहनकर ही अभिषेक कर सकेंगी जबकि पुरुषों को धोती, कुर्ता या पायजामा पहनना अनिवार्य होगा।

श्रावण में रुद्राभिषेक के लिए खास ड्रेस कोड लागू

मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीधरानंद ब्रह्मचारी महाराज ने बताया कि हाल के वर्षों में मंदिर में पूजा-पाठ की शैली में काफी बदलाव देखा गया है। लोग फैशनेबल और अनुचित कपड़े पहनकर आने लगे हैं जिससे धार्मिक मर्यादा प्रभावित हो रही है। इसी कारण सावन में भक्तों के लिए पारंपरिक ड्रेस कोड लागू किया गया है। ये नियम आगे भी प्रभावी रहेंगे।

सिर्फ रुद्राभिषेक नहीं दर्शन के लिए भी अपील

मुख्य पुजारी ने यह भी स्पष्ट किया कि ड्रेस कोड केवल रुद्राभिषेक करने वालों पर लागू होगा। लेकिन जो श्रद्धालु सिर्फ भगवान के दर्शन करने आएंगे उनसे भी अनुरोध किया गया है कि वे भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुरूप सादे और मर्यादित कपड़े पहनें। इससे मंदिर की पवित्रता बनी रहेगी और धार्मिक माहौल भी सौम्य बना रहेगा।

UP News : अब मंदिर में नहीं चलेगी वेस्टर्न ड्रेस! क्या आपके पास है धोती या साड़ी?

पूरे परिसर में लागू रहेगा अनुशासन

मंदिर प्रशासन ने सभी पुजारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ड्रेस कोड का सख्ती से पालन कराएं। मंदिर में अब छोटे कपड़े या जीन्स पहनकर आना पूर्ण रूप से मना है। पुरुषों को शर्ट और फुल पैंट तक की अनुमति है लेकिन अभिषेक के लिए पारंपरिक वस्त्र ही मान्य रहेंगे। इसी के साथ मंदिर प्रशासन भक्तों से संयम और मर्यादा रखने की अपील कर रहा है।

11 जुलाई से लागू होगा नया नियम

यह नया नियम 11 जुलाई से लागू होगा यानी सावन की शुरुआत के साथ। इस दिन से ही मंदिर परिसर में रुद्राभिषेक के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को परंपरागत वेशभूषा में ही आने की अनुमति होगी। मंदिर प्रशासन का उद्देश्य है कि श्रावण मास की धार्मिकता और पवित्रता बनी रहे और लोग ईश्वर के प्रति श्रद्धा के साथ आएं।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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