Pak Deputy PM Ishaq Dar: रडार और मिसाइलें हुईं बेअसर, चीन के हथियारों पर उठे सवालों की बौछार

Pak Deputy PM Ishaq Dar: रडार और मिसाइलें हुईं बेअसर, चीन के हथियारों पर उठे सवालों की बौछार

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Pak Deputy PM Ishaq Dar: पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार की तीन दिन की चीन यात्रा की शुरुआत बेहद शर्मनाक रही। जब वह चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचे तो न तो कोई बड़ा चीनी अधिकारी मौजूद था और न ही किसी मंत्री ने उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट पर केवल कुछ जूनियर अधिकारी ही नजर आए। यह नजारा पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और लोग अपने ही डिप्टी पीएम का मजाक उड़ा रहे हैं। माना जा रहा है कि चीन पाकिस्तान से नाराज़ है क्योंकि हाल ही में पाकिस्तान ने भारत के साथ संघर्ष विराम के लिए अमेरिका का रुख किया था।

पाकिस्तानियों ने उड़ाया अपने ही नेता का मजाक

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने जैसे ही इशाक डार की चीन आगमन का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डाला, वैसे ही लोगों ने उनकी खिल्ली उड़ानी शुरू कर दी। कई यूजर्स ने लिखा कि ‘यही है हमारी इज्जत की हालत’। वीडियो में देखा गया कि चीन के अधिकारी डिप्टी पीएम को रिसीव करने के बाद बस में बैठाकर एयरपोर्ट से बाहर ले गए जबकि आमतौर पर किसी भी विदेशी मेहमान के लिए कार की व्यवस्था की जाती है। इसके साथ ही वहां रेड कार्पेट भी नहीं बिछाया गया जिससे पाकिस्तानियों को और भी गुस्सा आया। कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यह चीन का एक सख्त संदेश है।

चीनी हथियारों की विश्वसनीयता पर उठे सवाल

7 मई को भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। इस कार्रवाई में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भी भारत पर हमला करने की कोशिश की लेकिन भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेस तबाह कर दिए जिनमें नूर खान और रहीम यार खान जैसे एयरबेस शामिल थे। पाकिस्तान ने इस हमले में चीन से मिले PL-15 मिसाइल, HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम और JF-17 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया लेकिन यह सभी हथियार विफल साबित हुए। इसके बाद से पाकिस्तान और बाकी दुनिया में चीनी हथियारों की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।

चीन में ठंडा स्वागत और रिश्तों में कड़वाहट

हालांकि चीन ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान को रडार और सैटेलाइट सपोर्ट दिया था लेकिन वह भी काफी नहीं रहा। इशाक डार की इस यात्रा का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा करना है जिसमें अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री भी शामिल होंगे। लेकिन जिस तरह से उन्हें बीजिंग में ठंडा और अपमानजनक स्वागत मिला है उससे साफ लग रहा है कि चीन और पाकिस्तान के रिश्तों में दरार आ गई है। भारत ने इस ऑपरेशन के जरिए न केवल आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया बल्कि चीनी हथियारों की कमजोरी को भी दुनिया के सामने उजागर किया है। इससे भारत की सैन्य और तकनीकी क्षमता की वैश्विक स्तर पर सराहना हो रही है।

पाकिस्तान के डिप्टी पीएम को चीन में कोई खास तवज्जो नहीं मिली जिससे पाकिस्तानी जनता में गुस्सा है। सोशल मीडिया पर लोग खुद ही अपने नेता की आलोचना कर रहे हैं। वहीं भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान की तैयारी और चीन के हथियारों की क्षमता दोनों पर सवाल खड़े हो गए हैं।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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