भारतीय समाज की पुनर्रचना में युवाओं को आगे आना चाहिए: योगेश ताम्रकार

सतना ।।समाज की पुनर्रचना: समकालीन आयाम और चुनौतियां” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सतना में संपन्न हुआ. इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में उद्घाटन एवं समापन सत्र में अलावा चार तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया .जिसमें वक्ताओं ने भारतीय समाज की पुनर्रचना के संबंध में अपने शोध मुलक एवं व्यवहारिक विचार रखें.

संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त करते हुए डॉ हर्षवर्धन श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय संस्कृति समन्वय की संस्कृति है यह विभिन्नता में एकता का प्रतिनिधित्व करती है. भारतीय समाज के पुनर्रचना के संबंध में गहन शोध की जरूरत है . जिसका उद्देश्य समाज में सौहार्दता को विकसित करना है.अति विशिष्ट अतिथि के रूप में विचार रखते हुए उद्योगपति और समाजसेवी श्री योगेश ताम्रकार जी ने कहा कि समाज की पुनर्रचना के लिए युवाओं को आगे आना होगा और स्टार्टअप, उद्यमिता, पहल , नवाचार आदि के माध्यम से रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना होगा। . इसमें महिलाओं को भी आगे आना होगा. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर एस गुप्ता ने कहा कि महाविद्यालय में 3 साल बाद राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन एवं महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी. समाज शास्त्रियों को भारतीय समाज की पुनर्रचना के लिए गहन शोध करना चाहिए। संगोष्ठी में स्रोत वक्ता एवं विषय प्रवर्तक डॉक्टर ध्रुव दीक्षित (जबलपुर) का विचार था कि दीर्घ अवधि तक इस्लाम एवं अंग्रेज शासकों ने भारतीय समाज की रचना में में सुनियोजित ढंग से परिवर्तित एवं नष्ट करने का कार्य किया. स्वतंत्रता के पश्चात भी इस पर पर्याप्त नहीं दिया गया .परंतु एक दशक पहले देश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद इस पर ध्यान दिया गया है .अतः आज देश में समाज की पुनर्रचना पर विमर्श चल रहा है । राष्ट्र निर्माण के इस काम में सभी लोगों को योगदान करना चाहिए।समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉक्टर एस पी शुक्ला (रीवा) ने कहा कि आज राष्ट्रवाद पर देश में विचार-विमर्श चल रहा है इसके विभिन्न स्वरूपों पर बहस हो रही है समाज के हुनर रचना में समानता पहुंच और समावेशी व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए. सामाजिक संरचना में संस्कृति मनोवृति और आधुनिकीकरण का योगदान है. आधुनिकीकरण और परंपराबाद भी महत्वपूर्ण है इस पर भी हमें ध्यान देना चाहिए ।संगोष्ठी में डॉक्टर अमित साहू ,डॉक्टर विजय कुमार दीक्षित, डॉक्टर स्वाति शुक्ला, डॉक्टर नवीन कुमार, डॉक्टर अखिलेश मणि त्रिपाठी, डॉक्टर श्रीनिवास मिश्रा, डॉक्टर शिवांगी दहिया, डॉ अनुराग वर्धन पांडे डॉक्टर संतोष उपाध्याय ,डॉक्टर एस सी राय ,आदि ने अपने गंभीर विचार प्रस्तुत किए।डॉक्टर गौहर खान विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र के निर्देशन में संपन्न इस संगोष्ठी के समन्वय डॉ विनोद कुमार रस्तोगी थे इस संगोष्ठी का वित्त पोषण मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग की गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के द्वारा किया गया था।कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डॉक्टर गौहर खान द्वारा किया गया .इसके आयोजन में डॉक्टर मनोज सिन्हा, डॉक्टर आमना सिंह ,श्रीमती मनोरमा रैकवार, नीतू सिंह, संजय कुमार चौरसिया, राजाराम चौधरी , नागेंद्र सिंह, शिवेंद्र चतुर्वेदी ,वसुंधरा सिंह ,सूर्यांश सिंह, संतोष तिवारी. आदि का विशेष योगदान रहा।