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मैहर में घूमने की जगह, Places to visit in Maihar

मध्य प्रदेश के सतना जिले में मैहर (Maihar) एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल है, जहाँ शारदा माता (Sharda Temple Maihar) का पावन धाम स्थित है। हर साल मैहर में माता के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते है तो तो आइये जानते है कि मैहर में घूमने लायक कौन कौन सी जगहें है जहा आप घूमने के लिए पहुंच सकते है।

मैहर में घूमने की जगह

मैहर में घूमने की जगह। Places to visit in Maihar


मैहर का शारदा मंदिर (Sharda Mata Mandir)

मैहर में स्थित शारदा माता का मंदिर पुरे देश भर में काफी प्रसिद्ध है, त्रिकूट पर्वत की ऊंची चोटी पर माता का मंदिर स्थित है। मंदिर में पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है। इसके अलावा मंदिर पर रोपवे की मदद से भी पहुंचा जा सकता हैं।

मंदिर में शारदा माता विराजमान हैं। इसके साथ ही मंदिर के परिसर में और भी देवी देवता विराजमान हैं, जिनके दर्शन कर सकते हैं। मंदिर से मैहर के चारों तरफ के दृश्य में खूबसूरत पहाड़ देखने को मिलता है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार सती के अंग जहां-जहां पर गिरे थे, वहां-वहां पर एक शक्तिपीठ स्थापित हो गया, ऐसे ही 51 शक्तिपीठों में एक मां शारदा का पावन धाम मध्य प्रदेश के मैहर में त्रिकूट पर्वत की ऊंची चोटी पर है, जिसके बारे में मान्यता है कि यहां पर सती का हार गिरा था।

 शारदा मंदिर - मैहर
शारदा मंदिर – मैहर

नीलकंठ मंदिर और आश्रम

मैहर में स्थित नीलकंठ मंदिर और आश्रम एक प्रमुख जगह है। मैहर से करीब 15 से 16 किलोमीटर दूर आप यहां पर घूमने जा सकते है। यहां पर भगवान श्री राधे कृष्ण जी का मंदिर देखने को मिलता है। नीलकंड महाराज जी ने नीलकंठ आश्रम में तपस्या की थी। बरसात के समय यहां पर झरने भी देखने के लिए मिलता है, जो बहुत ही मनोरम लगता है।

नीलकंठ मंदिर और आश्रम - मैहर
नीलकंठ मंदिर और आश्रम – मैहर

बड़ी खेरमाई मंदिर

मैहर में घूमने के लिए बड़ी खेरमाई मंदिर भी एक अच्छी जगह है, बड़ी खेरमाई मंदिर के बारे में ऐसा भी कहा जाता है, कि यह शारदा माता की बड़ी बहन है और मैहर में शारदा माता के दर्शन करने के बाद इनके दर्शन भी जरूर करनी चाहिए।

यहां पर दर्शन करने के लिए आपको ढेर सारे मंदिर देखने के लिए मिलते है इसके साथ ही यहां पर एक प्राचीन बाबड़ी भी आपको देखने के लिए मिलता है।

बड़ी खेरमाई मंदिर - मैहर
बड़ी खेरमाई मंदिर – मैहर

आल्हा-ऊदल अखाड़ा

मैहर में स्थित एक प्रसिद्ध जगह आल्हा-ऊदल का मंदिर जो कि यह जंगल के बीच में स्थित है। यहां पर एक सरोवर भी है, जहां पर खूबसूरत कमल के फूल देखने की मिलते हैं। यहां पर पिकनिक मनाने के लिए अच्छा स्पॉट हैं।

शारदा माता मंदिर के दरबार से आल्हा उदल का अखाड़ा दिखता भी है,  मान्यता है कि जब रात्रि में शारदा माता का मंदिर का पट बंद हो जाता है तब सुबह में सबसे पहले वहां पर आज भी दो वीर योद्धा आल्हा और उदल अदृष्य होकर माता की पूजा करने के लिए आते हैं और पुजारी के पहले ही मंदिर में पूजा करके चले जाते हैं।

मान्यता है कि आल्हा-उदल ने ही कभी घने जंगलों वाले इस पर्वत पर मां शारदा के इस पावन धाम की न सिर्फ खोज की, बल्कि 12 साल तक लगातार तपस्या करके माता से अमरत्व का वरदान प्राप्त किया था।

आल्हा ऊदल का अखाड़ा - मैहर
आल्हा ऊदल का अखाड़ा – मैहर

बड़ा अखाड़ा मंदिर मैहर

बड़ा अखाड़ा मैहर के प्रमुख स्थानों में से एक है, यहां पर एक बहुत बड़ा शिवलिंग है जो कि मंदिर की छत पर बना हुआ है इसके साथ ही मंदिर के अंदर 108 शिवलिंग विराजमान है।

यहां पर मंदिर के गर्भ गृह में मुख्य शिवलिंग भी देखने के लिए मिल जाएगा। साथ ही मंदिर में आप यहां आश्रम भी घूम सकते है, जहां पर ब्राम्हणों को शिक्षा दी जाति है।

बड़ा अखाड़ा मंदिर - मैहर
बड़ा अखाड़ा मंदिर – मैहर

ओइला मंदिर मैहर

ओइला मंदिर दुर्गा जी को समर्पित है और यह मन्दिर मैहर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां पर दुर्गा जी की बहुत ही भव्य प्रतिमा है। यहां पर शिवलिंग भी विराजमान है। और इसके साथ ही यहां पर आपको गणेश जी के दर्शन भी करने के लिए मिल जाते हैं।

ओइला मंदिर - मैहर
ओइला मंदिर – मैहर

इच्छापूर्ति मंदिर या केजीएस मंदिर

इस मंदिर को बहुत ही खूबसूरती से बनाया गया है। इसके साथ ही इस मंदिर में खूबसूरत नक्काशी देखने को मिलती है। दुर्गा जी को समर्पित इस मंदिर में स्फटिक शिवलिंग, गणेश जी और हनुमान जी, लक्ष्मी जी और श्री राम जी के भी दर्शन करने के लिए मिल जाएंगे।

इसके साथ ही एक खूबसूरत फवारा मंदिर के बाहर देखने के लिए मिल जाएगा। चारों तरफ खूबसूरत यह मन्दिर बगीचों से घिरा हुआ है। और रात के समय में मंदिर खूबसूरत लाइटों से जगमगाता रहता है।

इच्छापूर्ति मंदिर या केजीएस मंदिर - मैहर
इच्छापूर्ति मंदिर या केजीएस मंदिर – मैहर

पन्नीखोह जलप्रपात मैहर

पन्नी जलप्रपात मैहर में स्थित एक अच्छी जगह है। यह जलप्रपात जंगल में स्थित है और यहां पर आप घूमने के लिए बरसात के समय जा सकते हैं। इस जलप्रपात में जाने के लिए आपको पैदल जाना पड़ता है, क्योंकि यहां पर जाने के लिए सड़क नहीं है।

आप इस जलप्रपात में आल्हा उदल मंदिर से जा सकते हैं। वहां से यह जलप्रपात करीब 2 से 3 किलोमीटर दूर पड़ेगा। यहां पर जाकर आपको बहुत अच्छा लगेगा।

पन्नीखोह जलप्रपात - मैहर
पन्नीखोह जलप्रपात – मैहर

माता शारदा की नगरी मैहर की यह जानकारी आपको कैसी लगी निचे कमेंट के माधयम से जरूर बताये, यदि जानकारी अच्छी लगी है तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ।और आप हमारे instagram page से जुड़े

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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