जिस गांव में दूर-दूर तक कोई शिक्षक नहीं, उस गांव की बेटी ने BPSC में किया कमाल.

Sarita Kumar Success Story: कहते हैं कि सही दिशा में कड़ी मेहनत करने वाले लोग जीवन में कभी असफल नहीं होते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं. हाल ही में बिहार के बेहद गरीब परिवार से आने वाली सरिता कुमार ने बीपीएससी में सफलता हासिल कर सबका ध्यान खींचा हैं. सरिता का चयन राज्य सचिवालय में सहायक प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर हुआ है. आइए जानते हैं उनके संघर्ष भरे सफर के बारे में…

दूर-जूर तक नहीं मिलते इस गांव में टीचर
जानकारी के मुताबिक सरिता कुमार एक ऐसे गांव से हैं, जहां टीचर ढूंढने के लिए 5 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. सरिता गया के बांके बाजार प्रखंड के एक गांव की रहने वाली हैं. वह लगभग एक दर्जन नौकरियों में असफल रहीं, इसके बावजूद उन्होंने हौसला नहीं खोया और अपनी पढ़ाई जारी रखी.
सरिता ने परीक्षा के लिए सेल्फ स्टडी और कोचिंग के जरिए अपनी तैयारी की. सितंबर 2023 में सचिवालय सहायक शाखा अधिकारी के पद पर चयनित होने से पहले उन्हें पूर्वी रेलवे से नौकरी का प्रस्ताव मिला. इससे पहले वह बिहार पुलिस, आरपीएफ, इंस्पेक्टर और एनटीपीसी समेत 11 सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में असफल रही थीं.
घर की जिम्मदारी निभाते हुए की पढ़ाई
एक इंटरव्यू में सरिता ने बताया कि उनके गांव में पढ़ाई का माहौल नहीं है. ऐसे में वह रोजाना पढ़ने के लिए गांव से 5 किलोमीटर दूर बांके बाजार जाती थी. इसके अलावा एक साल तक गया में रहकर पढ़ाई की. सरिता ने घर का सारा काम करते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी, जिसमें खाना बनाने से लेकर खेत से जानवरों का चारा लाना भी शामिल है.
वह हर दिन रात 12 बजे तक पढ़ाई करती थी. सरिता ने कहा कि इस सफर में परिवार ने उनका पूरा साथ दिया है. शादी से पहले उन्हें अपने माता-पिता से और शादी के बाद पति और ससुराल वालों का समर्थन मिला. वह कहती हैं कि खासतौर सेउनके ससुर हमेशा उन्हें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते थे.
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