Mumbai News: कार्नैक ब्रिज अब बना सिंदूर ब्रिज, दक्षिण मुंबई की सड़कों पर अब बहेगी रफ्तार की नई लहर

Mumbai News: कार्नैक ब्रिज अब बना सिंदूर ब्रिज, दक्षिण मुंबई की सड़कों पर अब बहेगी रफ्तार की नई लहर

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Mumbai News: मुंबईवासियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। दक्षिण मुंबई के पूर्व और पश्चिम हिस्सों को जोड़ने वाला कर्नाक ब्रिज अब नए नाम ‘सिंदूर ब्रिज’ के रूप में जनता के लिए खोल दिया गया है। इस ब्रिज का उद्घाटन गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। बताया जा रहा है कि इस ब्रिज के शुरू होने से दक्षिण मुंबई में ईस्ट-वेस्ट ट्रैफिक को काफी राहत मिलेगी। लोगों को आज दोपहर 3 बजे से इस ब्रिज पर सफर करने की अनुमति दी गई है।

मुख्यमंत्री ने क्यों बदला ब्रिज का नाम

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्घाटन के मौके पर कहा कि पुराने कर्नाक ब्रिज को सुरक्षा कारणों से गिराया गया था और अब उसकी जगह पर यह सिंदूर ब्रिज जनता को समर्पित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्नाक एक क्रूर ब्रिटिश गवर्नर था जबकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीयों के दिलों में बसता है। इसी कारण इस ब्रिज का नाम सिंदूर ब्रिज रखा गया है। फडणवीस ने बीएमसी का धन्यवाद भी किया कि उन्होंने रिकॉर्ड समय में इस पुल का निर्माण कार्य पूरा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ब्रिज मुंबई के नागरिकों को समर्पित है और आज से सभी इसे उपयोग में ले सकते हैं।

इतिहास से जुड़ा ब्रिज, अब नई पहचान के साथ

जिस ब्रिज का आज उद्घाटन हुआ है वह पहले कर्नाक ब्रिज के नाम से जाना जाता था। यह ब्रिज करीब 150 साल पुराना था और सुरक्षा कारणों से अगस्त 2022 में इसे गिरा दिया गया था। इसके स्थान पर बनाए गए इस नए ब्रिज को अब ‘सिंदूर ब्रिज’ नाम दिया गया है। यह ब्रिज मस्जिद बंदर रेलवे स्टेशन के पास स्थित है और पी.डी. मेलो रोड को क्रॉफर्ड मार्केट, कालबादेवी और मोहम्मद अली रोड जैसे प्रमुख व्यापारिक इलाकों से जोड़ता है। पुराने ब्रिज को हटाकर नए आधुनिक ढांचे को बेहद तेज़ी से तैयार किया गया है।

328 मीटर लंबा ब्रिज बना रिकॉर्ड समय में

इस ब्रिज की लंबाई कुल 328 मीटर है जिसमें 70 मीटर हिस्सा रेलवे परिसर से होकर गुजरता है और 230 मीटर की एप्रोच रोड है। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगड़ की अगुवाई में इस प्रोजेक्ट को तेज़ गति से पूरा किया गया। निर्माण के दौरान दो भारी स्टील गर्डर का उपयोग किया गया जिनका वजन 550 मीट्रिक टन था। दक्षिणी गर्डर 19 अक्टूबर 2024 को स्थापित किया गया जबकि उत्तरी गर्डर 26 और 30 जनवरी 2025 को रेलवे ट्रैफिक ब्लॉक के बीच लगाया गया। बीएमसी ने साबित कर दिया है कि तकनीक और योजना के सही मेल से बड़े प्रोजेक्ट भी तय समय पर पूरे किए जा सकते हैं।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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