चित्रकूटमध्यप्रदेशविंध्यसतनाहिंदी न्यूज

MP : चित्रकूट में दीपदान के बाद लगता है गधों का ऐतिहासिक औरंगजेबी बाजार,देश के इस इकलौता अनोखे मेले को दूर दूर से देखने आते है लोग

सतना।। आप सब ने बचपन में मेले और बाजार तो बहुत देखे सुने होंगे और घूमा भी होगा। मगर क्या आपने कभी गधों का मेला देखा है। जी हां, भले ही आप इस मेला या बाजार के बारे में पहली बार सुन रहे हैं,।लेकिन देश में इकलौता गधों का बाजार मध्य प्रदेश के सतना जिले की धार्मिक नगरी चित्रकूट में दीपावली के अवसर पर वर्षों से यह ऐतिहासिक ​मेला बाजार लगता चला आ रहा है।

बाजार में अलग-अलग प्रदेशों से व्यापारी खच्चर-गधे लेकर चित्रकूट पहुंचते हैं। यहां खच्चरों-गधों की बोली-बोली जाती है। खरीदारों के साथ-साथ मेला बाजार घूमने वालों की भी भारी भीड़ भाड़ रहती है।इस मेले की शुरुआत मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा करवाई गई थी। तब से लेकर आज तक मेला बाजार लगातार लगता चला आ रहा है। यह मेला बाजार दीपदान के बाद तीन दिन तक चलता है।

यह भी पढ़े – CM ने गोवर्धन पूजा सार्वजनिक रूप से मनाने का किया ऐलान, गोवर्धन पूजा पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम से सभी जिले वर्चुअली जुड़ेंगे सीएम शिवराज

लोगों का दावा है की मुगल शासक औरंगजेब की सेना में जब रसद और असलहा ढोने वालो की कमी हो गई तब पूरे क्षेत्र से खच्चरों-गधों के मालिकों को इसी मैदान में एकत्रित कर उनके गधे खच्चर खरीदे गए थे। तभी से प्रारंभ हुआ मेला बाजार का यह सिलसिला लगातार चला आ रहा है।

यह भी पढ़े – Diwali Special Story : कागजों में गौशाला का संचालन करता है समूह,बुझ गए गोवर से बनने वाली दियों की लव,मुख्यमंत्री की मंशा पर फिर रहा है पानी

देश के इस इकलौता अनोखे मेले को केवल देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। दीपावली के दूसरे दिन से चित्रकूट के मंदाकिनी नदी के तट पर तीन दिनों तक मेला आयोजित होता है। मेले में काफी दूर-दूर से लोग अपने खच्चर – गधे लेकर आते हैं। और खरीद बिक्री करते हैं। तीन दिन के मेले में लाखों का कारोबार किया जाता है।यहां गधे- खच्चर खरीददारों के अलावा इनको देखने वालों की भीड़ उमड़ती है।

यह भी पढ़े – Satna : आरम्भ युवाओं की एक नई सोच समिति ने वस्त्र दान एवं सम्मान कार्यक्रम का किया आयोजन

आज की टेक्नोलॉजी के दौर में जहां लोग आधुनिकता की ओर बढ़ते चले जा रहे हैं, लेकिन चित्रकूट में आज भी वर्षों पुरानी परंपरा बखूबी चलती चली आ रही है। इस मेले में गधे और खच्चरों की कीमत हजारों लाखों रुपए तक बोली जाती है। व्यापारी अपने गधों के नाम फिल्म स्टारों के नाम पर रखते हैं।जैसे कोई सलमान तो कोई शारूख तो कोई कैटरीना तो कोई मोदी। हालांकि मुगल काल से प्रारंभ हुआ यह मेला अब सुविधाओं के अभाव में कम होता जा रहा है।लेकिन इस विरासत को संजों कर रखने वाले आज भी मेला बाजार का आयोजन करते आ रहे हैं।

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button