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ऐतिहासिक गधा मेला : चित्रकूट में फिल्मी सितारों के नाम से बिकते हैं गधे और खच्चर!कटरीना और सलमान की ये है कीमत

सतना,मध्यप्रदेश।। चित्रकूट में दीपदान मेले का आज चौथा दिन है। दीपदान मेले में दिवाली के दूसरे दिन मंदाकिनी नदी के किनारे ऐतिहासिक गधा मेला लगता है। यह मेला औरंगजेब के जमाने से लगता चला आ रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत अलग-अलग प्रांतों के व्यापारी गधों को बेचने और खरीदने आते हैं।

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आज धार्मिक नगरी चित्रकूट में पशुधन की धूम है। दिवाली के दूसरे दिन लगने वाले गधा मेले में रौनक है। मंदाकिनी नदी के किनारे हजारों की संख्या में गधों और खच्चरों का मेला लगा है, जिसकी बाकायदा नगर पंचायत ने व्यवस्था की है। मेले में देश के कोने-कोने से गधा व्यापारी अपने पशुओं के साथ आए हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि इस मेले में फिल्मी सितारों के नाम से गधों और खच्चरों बिकते है इनके नाम शाहरुख, सलमान आमिर कैटरीना आदि होते है इस बार सबसे अभी तक महगी कैटरीना खच्चर घोड़ी 41 हजार में बिकी है।

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औरंगजेब के समय से चली आ रही परंपरा मंदाकिनी नदी के किनारे लगने वाले इस मेले की परंपरा बहुत पुरानी है। इस मेले की शुरुआत मुगल बादशाह औरंगजेब ने की थी। औरंगजेब ने चित्रकूट के इसी मेले से अपनी सेना के बेड़े में गधों और खच्चरों को शामिल किया था। इसलिए इस मेले का ऐतिहासिक महत्व है। इस मेले में एक लाख तक के गधे बिकते हैं। सुविधाओं का है टोटा मुगल काल से चली आ रही ये परंपरा सुविधाओं के अभाव में अब लगभग खात्मे की कगार पर है। नदी के किनारे भीषण गंदगी के बीच लगने वाले इस मेले में व्यापारियों को न तो पीने का पानी मुहैया होता है, और न ही छाया।

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दो दिवसीय गधा मेले में सुरक्षा के नाम पर होमगार्ड तक के जवान नहीं लगाए जाते। वहीं व्यापारियों के जानवर बिकें या न बिकें ठेकेदार उनसे पैसे वसूल लेते हैं। ऐसी हालत में यह ऐतिहासिक गधा मेला अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। धीरे-धीरे व्यापारियों का आना कम हो रहा है। वही गधा ब्यापरियो ने बताया कि मेले में ढेकेदार द्वारा 30 रु प्रति खूंटा जानवर के बाँधने का लिया जाता है। एवं 600 रु प्रति जानवर इंट्री का लिया जाता हैं।और सुविधा कुछ नही दी जातीं।गधे ब्यापारी ने इसे अवैध वसूली बताया।

 

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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