गृहमंत्री अमित शाह जम्मू रीजन में हाल ही में हुई आतंकी घटनाओं और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर अहम बैठक करेंगे. नॉर्थ ब्लॉक में सुबह 11:00 होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता स्वयं गृहमंत्री अमित शाह करेंगे.
बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल, NSA प्रमुख अजीत डोभाल,गृह सचिव,IB चीफ, RAW चीफ, NIA के DG समेत सभी अर्धसैनिकों बालों के डीजी, एवं आर्मी,एयर फोर्स के बड़े अधिकारी समेत गृह मंत्रालय के अन्य अधिकारी सम्मालित होंगे. देखना दिलचस्प होगा कि इस बैठक में क्या-क्या फैसला लिए जाते हैं? और किन-किन मुद्दों पर चर्चा होती है?
नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वे नेहरू के बाद ऐसा करने वाले दूसरे पीएम बन गए हैं. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ले ली है. शिवराज सिंंह ने लोकसभा चुनाव में विदिशा सीट से रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी. वह अब तक 4 बार मध्यप्रदेश के सीएम रह चुके हैं. नितिन गडकरी ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ले ली है.
वह नागपुर से सांसद हैं. गडकरी 1995 में पहली बार मंत्री बने थे. मनोहर लाल खट्टर ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली है. वह दो बार हरियाणा के सीएम रह चुके हैं. इस बार वह करनाल लोकसभा सीट से जीतकर आए हैं. एस जयशंकर ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है. वह गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं. पिछली सरकार में जयशंकर ने विदेश मंत्रालय संभाला था.
अमित शाह ने ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ. शाह गांधीनगर से लगातार दूसरी बार सांसद बने हैं. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने मोदी को पीएम पद की शपथ दिलाई. उनके बाद राजनाथ सिंंह ने शपथ ली. कयास हैं कि मोदी के साथ करीब 63 मंत्री शपथ ले सकते हैं. राष्ट्रपति भवन में 7 देशों के लीडर्स के अलावा देश के फिल्म स्टार भी इस समारोह में पहुंचे. इनमें अक्षय कुमार, शाहरुख खान, विक्रांत मेसी और राजकुमार हिरानी शामिल हैं। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी दिखे.
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश प्रगति के सभी क्षेत्रों में आगे है। भोपाल से लेकर हर चौपाल तक विकास हुआ है। मध्यप्रदेश में हॉलिस्टिक एप्रोच (समग्र दृष्टिकोण) से कार्य हुआ है। मध्यप्रदेश को देश के विकसित राज्यों में पहुँचाने का प्रयास किया गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को प्रगति की ओर उन्मुख राज्य बनाया है। श्री शाह आज भोपाल के कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर में गरीब कल्याण महाअभियान में मध्यप्रदेश के रिपोर्ट कार्ड (2003-2023) को जारी कर संबोधित कर रहे थे।
Image credit by twitter
केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में सतत् विकास की ओर अग्रसर होना है। वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने मध्यप्रदेश को निरंतर और मन से आवश्यक सहयोग दिया है। बीमारू राज्य से बेमिसाल राज्य बनने वाले मध्यप्रदेश ने अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है। मध्यप्रदेश का गठन वर्ष 1956 में हुआ।
मध्यप्रदेश कभी बीमारू कहा जाता था, आज बेमिसाल विकास का राज्य कहा जाता है। जो कभी बंटाढार माना जाता था, आज वह हर क्षेत्र में बुलंदियों पर खड़ा है। आज विकास की दृष्टि से हर पैरामीटर में मध्यप्रदेश आगे दिखाई देता है, जिसे कभी बर्बाद कर राइट ऑफ किया गया था।
आज मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के 20 सालों का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने प्रस्तुत कर गरीब कल्याण महाअभियान का शुभारंभ किया।
गत 20 वर्षों में भाजपा सरकार ने मध्य प्रदेश को बिमारू राज्य से विकसित राज्य की श्रेणी में लाकर प्रदेश की विकास दर को बढ़ाने का काम किया है। साथ ही वंचितों… pic.twitter.com/4drRpGngdt
वर्ष 1980 में आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञ श्री आशीष बोस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री को एक प्रतिवेदन दिया था जिसमें अविभाजित मध्यप्रदेश सहित, उत्तरप्रदेश, बिहार और राजस्थान को बीमारु राज्य कहा गया था। तब इन राज्यों को देश की ग्रोथ में बाधा मानते हुए कहा गया था कि इन राज्यों में सुधार आसान नहीं है। लेकिन मध्यप्रदेश ने इस टैग को खत्म किया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश को बीमारु राज्य से मुक्ति मिली है। प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में सफलता मिली है। चाहे कृषि का क्षेत्र हो, युवाओं को स्वभाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की सुविधा देने का प्रश्न हो, महिलाओं का कल्याण हो, सड़क, पानी, बिजली का क्षेत्र हो, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र हो, गरीबों को योजनाओं का लाभ दिलवाने का कार्य हो, सभी में मध्यप्रदेश ने बीस वर्ष में उल्लेखनीय कार्य किया है। आम जनता के हित में कार्य कर मध्यप्रदेश में बेमिसाल राज्य बना। बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य और सुशासन के साथ मजबूत कानून व्यवस्था से प्रदेश में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिला है।
करप्शननाथ ने अपने 15 महीने के शासन में पॉलिटिकल वेंडेटा को नीचे तक पहुँचाने के अलावा कुछ नहीं किया। pic.twitter.com/WO7gtRXJOE
केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि स्टेट को विकास में बाधा मानते हुए राइट ऑफ स्थिति वाला माना गया था, वो आज सबसे आगे है। मध्यप्रदेश में प्रत्येक योजना के निचले स्तर तक क्रियान्वयन की मजबूत नींव पर विकास और जन-कल्याण की इमारत खड़ी की गई है।
सभी क्षेत्रों में निरंतर आगे मध्यप्रदेश
केन्द्रीय मंत्री श्री शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश गरीबी से लोगों को मुक्ति दिलवाने में सबसे आगे है। पिछले 20 वर्ष में शिक्षा, सड़क, कृषि विकास दर, गेहूँ खरीदी, धान खरीदी, राशन के वितरण, विद्यालयों के उन्नयन, पर्यटन क्षेत्र परियोजनाओं के क्रियान्वयन, योजनाओं के संचालन, नयी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाएँ खोलने, राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण, हवाई अड्डों के विकास, ऊर्जा उत्पादन, ओंकारेश्वर में शंकराचार्य जी की प्रतिमा और अद्वैत संस्थान प्रारंभ करने की पहल, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की पहल, सिंचाई क्षेत्र, महाकाल लोक के निर्माण, भोपाल और इन्दौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट, पेसा नियम लागू करने और निवेश के लिए मध्यप्रदेश को अनुकूल राज्य के रूप में उभारने के कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनाने और नए भारत के निर्माण करने के संकल्प में मध्यप्रदेश जैसे राज्य सहयोगी हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने अपने संबोधन में मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेता स्व. कुशाभाऊ ठाकरे का स्मरण भी किया।
मोदी जी ने गरीब कल्याण की पुरानी धारणा को बदल कर टुकड़ों-टुकड़ों की जगह पूर्ण विकास का विजन देश के सामने रखा है। इसलिए जनता बार-बार उन्हें जनादेश देती है।#कमल_निशान_गरीब_कल्याणpic.twitter.com/iWJGXj44L4
पहले म.प्र. में जो सड़क निर्मित हुई थी तो सड़क में गड्ढा था या गड्ढे में सड़क थी मालूम नहीं पड़ता था। मैं कई बार दाहोद के रास्ते से महाकाल के दर्शन करने आया था। गहरी नींद में दाहोद तक सोते थे जैसे ही एमपी शुरू होता था गाड़ी गड्ढे में गिरते ही नींद खुल जाती थी। ऐसी 60,000 किलोमीटर सड़कें यहाँ थीं, अब 5,10,000 किलोमीटर सड़कें ग्रामीण सड़कों को मिलाकर बना दी गई है। राष्ट्रीय राज्य मार्ग 4800 किलोमीटर से बढ़कर 13000 किलोमीटर हुआ है।
मध्यप्रदेश को देश का सबसे अग्रणी राज्य बनायेंगें
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक दौर था जब मध्यप्रदेश बीमारु राज्य था, पानी, बिजली, सड़क, डकैतों का आतंक जैसी कई समस्याओं से ग्रस्त था। आज हम इस छवि को बदलने में सफल रहे हैं। मध्यप्रदेश की अर्थ-व्यवस्था का आकार 2003 के 71 हज़ार करोड़ से विगत वर्ष 13 लाख 50 हज़ार करोड़ तक ला दिया गया है। विशेषकर 2014 से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सहयोग से डबल इंजन की मध्यप्रदेश सरकार ने विकास के नये कीर्तिमान रचे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश के विकास को गति प्रदान करने में कोई कसर बाक़ी नहीं छोड़ी। मध्यप्रदेश के विकास को नई गति, नई दिशा प्राप्त हुई और दोगुनी गति से मध्यप्रदेश ने विकास किया। मध्यप्रदेश राष्ट्रीय विकास दर से तेज गति से प्रगति कर रहा है। राष्ट्रीय जीएसडीपी में योगदान का प्रतिशत भी इस अवधि में 3.6 प्रतिशत से बढ़कर आज 4.8 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2003 में 23 हज़ार करोड़ से बढ़कर आज मध्यप्रदेश का बजट 3 लाख 14 हज़ार करोड़ रुपये हो गया है। देश की 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थ-व्यवस्था के संकल्प में मध्यप्रदेश 550 बिलियन डॉलर का योगदान देने के लिए तेज़ी से कार्य कर रहा है। आज मध्यप्रदेश की विकास दर विगत वर्ष 19 प्रतिशत, वर्तमान वर्ष में 16 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार इस प्रगति से संतुष्ट नहीं है। प्रधानमंत्री जी द्वारा अमृतकाल में वर्ष 2047 तक भारत को दुनिया का सबसे समृद्ध, वैभवशाली और गौरवशाली राष्ट्र बनाने के संकल्प में मध्यप्रदेश अपनी भूमिका का निर्वहन करेगा। हम मिलकर मध्यप्रदेश को देश का सबसे अग्रणी राज्य बनायेंगें।
पहले टुकड़ों-टुकड़ों में विकास होता था, 25 हजार शौचालय बनाना है। अब आता है घर-घर शौचालय बनाना है, पहले आता था 10 हजार घरों में बिजली पहुँचाना है अब मोदी जी कहते हैं हर घर में बिजली होनी चाहिए, हर गरीब को घर मिलना चाहिए, हर गरीब को पीने का पानी मिलना चाहिए, हर गरीब के घर में गैस सिलेंडर पहुँचना चाहिए। संपूर्ण सैचुरेशन की दिशा में गरीब कल्याण का कॉन्सेप्ट स्वतंत्र भारत में अगर किसी ने लागू किया है तो हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है।
मैं मध्यप्रदेश की 9 करोड़ जनता को भरोसा दिलाने आया हूँ कि आने वाला अमृत काल का समय में मध्यप्रदेश को देश के सबसे विकसित राज्यों की श्रेणी में रखने के लिए और संपूर्ण आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में हम काम करेंगे।
अंतिम छोर के हर व्यक्ति तक विकास पहुँचायेंगे
सांसद श्री वी.डी. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हम स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। अंतिम छोर के हर व्यक्ति तक विकास पहुँचायेंगे। कार्यक्रम में मंच पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में गरीब कल्याण महा अभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश के दो दशक (2003-2023) में हुए विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किए जाने के अवसर पर मध्यप्रदेश में विकास आयामों पर केन्द्रित फिल्म प्रदर्शित की गई। केन्द्र सरकार के गत 9 वर्ष के कार्यकाल में हुए उल्लेखनीय कार्यों एवं उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। साथ ही गरीब कल्याण योजनाओं पर आधारित गीत लांच किया गया।
देश में यदि गत दस वर्ष में 10 प्रतिशत आबादी गरीबी के चक्र से बाहर निकली है तो उसमें मध्यप्रदेश का सर्वाधिक योगदान है।
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हर क्षेत्र में ढेर सारे परिवर्तन किए हैं। जहां तक प्रदेश के बजट के आकार की बात हो, यह वर्ष 2002 में 23 हजार 100 करोड़ था। अब यह 3 लाख 14 हजार करोड़ से अधिक है।
मध्यप्रदेश में शिक्षा का बजट 2556 करोड़ से बढ़कर 38 हजार करोड़ हुआ है। कोई भी समाज शिक्षा के विकास के बिना खड़ा नहीं हो सकता।
मध्यप्रदेश में पूर्व सरकार के समय स्वास्थ्य का बजट सिर्फ 580 करोड़ रुपये था जो अब 16 हजार करोड़ है। इसमें आयुष्मान भारत योजना शामिल नहीं है।
सर्व शिक्षा अभियान में सिर्फ 844 रुपये की राशि खर्च होती थी अब लगभग 7 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण पर में भी बजट में वृद्धि हुई है। पहले जहां 1056 करोड़ रुपये की राशि खर्च होती थी अब 64 हजार 390 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
सर्व शिक्षा अभियान में सिर्फ 844 रुपये की राशि खर्च होती थी अब लगभग 7 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण पर में भी बजट में वृद्धि हुई है। पहले जहां 1056 करोड़ रुपये की राशि खर्च होती थी अब 64 हजार 390 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
मध्यप्रदेश प्रति व्यक्ति आय पहले 11 हजार 700 रुपए थी जो अब बढ़कर एक लाख 40 हजार रुपए हो गई है।
एमएसएमई सेक्टर में साल भर में 4 हजार 299 उद्योगों के पंजीयन होते थे। अब इनकी संख्या 3 लाख 61 हजार है।
सड़क निर्माण में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। पहले सिर्फ 60हजार किलोमीटर सड़कें थीं। अब मध्यप्रदेश में 5 लाख 10 हजार किलोमीटर लम्बाई से अधिक की सड़कें हैं जो आठ गुना से भी ज्यादा हैं। एनएच सड़कों की लम्बाई 4800 से बढ़कर 13 हजार किलोमीटर हो गई।
कृषि क्षेत्र में कृषि विकास दर साढ़े छह गुना बढ़ गई है। गेंहूँ खरीदी 4 लाख 38 हजार मीट्रिक टन से 70 लाख 96 हजार मीट्रिक टन हो गई है। धान खरीदी 0.95 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 46 लाख 30 हजार मीट्रिक टन हो गई है। प्रदेश में 90 लाख से अधिक किसानों को 19 हजार करोड़ रुपए से अधिक लाभ दिए गए हैं।
मध्यप्रदेश में नि:शुल्क राशन वितरण का लाभ सिर्फ 52 लाख परिवारों को मिलता था जो करीब सवा करोड़ लोगों को मिल रहा है।
मेडिकल सीटें 620 थीं जो अब 4 हजार से ज्यादा हैं।
एकलव्य आवासी आदर्श विद्यालय बिलकुल नहीं थे इनकी संख्या अब 63 है।
आईटीआई की सख्या 159 से बढ़कर 1514 हो गई है।
पर्यटन क्षेत्र में सड़कों के बनने से पर्यटक संख्या बढ़ी है। एक समय सिर्फ 64 लाख पर्यटक प्रतिवर्ष आते थे, इनकी संख्या बढ़कर 9 करोड़ हो गई है।
प्रदेश में तीन शहरों रीवा, ग्वालियर और जबलपुर में एयर पोर्ट विकास और टर्मिनल निर्माण के कार्य हो रहे हैं। इंदौर को दिल्ली- मुम्बई कॉरीडोर में शामिल किया गया ।
प्रदेश की ऊर्जा क्षमता 29 हजार मेगावाट से भी अधिक है।
सिंचाई साधनों के विस्तार से 47 लाख हेक्टर से अधिक क्षेत्र सिंचित हो रहा है।
प्रदेश में 46 लाख से अधिक बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना और 53 लाख से अधिक बहनों को स्वसहायता समूहों से जोड़कर लाभान्वित किया गया है।
इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल परियोजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं।
प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 4 से बढ़कर 24 तक हो गई है।
प्रदेश में जनजातीय समाज के हित में पेसा कानून लागू करने और जनजातीय संस्कृति दिखाने वाले संग्रहालय की स्थापना की जा रही है।
मध्यप्रदेश औद्योगिक निवेश के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बना है।
खण्डवा जिले में ओंकारेश्वर में 2400 करोड़ रुपए लागत से विद्युत उत्पादन इकाई प्रारंभ की जा रही है।
प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की पहल हुई है।
Union Home Minister reached the Kol tribe program in Satna : सतना। इस साल प्रदेश में विस चुनाव होने वाले है। जिसको लेकर बीजेपी ने तैयारियां तेज कर दी है। प्रदेश ही नहीं दिल्ली से भी प्रदेश में तैयारियों पर जोर दिया जा रहा है। पीएम मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक सभी लोग मप्र में नजरें टिकाय हुए हैं। (मध्यप्रदेश की हर छोटी बड़ी भरोसेमंद खबरों के लिए डाऊनलोड करें SATNA TIMES )आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मप्र के दो दिवसीय दौरे पर हैं। सबसे पहले अमित शाह खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचे जहां से वह मैहर पहुंचकर माता शारदा का दर्शन कर पूजन किया।
Union Home Minister reached the Kol tribe program in Satna : अमित शाह सतना में शबरी जयंती पर आयोजित कोल जनजाति महाकुंभ में हिस्सा लेंगे। यहां वे एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में एक लाख आदिवासियों के शामिल होने का अनुमान है। शाह इसके अलावा 550 करोड़ की लागत से बने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण भी करेंगे। इससे पहले खजुराहो एयरपोर्ट पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा समेत मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने अमित शाह की अगवानी की। उनके साथ राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल, कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी भी मैहर पहुंचे।
Union Home Minister reached the Kol tribe program in Satna : जनसभा के बाद गृहमंत्री रीवा रोड स्थित ओम रिसोर्ट आएंगे, जहां डिनर के बाद रात 8 बजे भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। वे रात्रि विश्राम सतना में ही करेंगे। अगले दिन 25 फरवरी को वे हेलीकॉप्टर से खजुराहो और फिर वहां से 11 बजे विशेष विमान से उत्तर प्रदेश रवाना होंगे। केंद्रीय गृहमंत्री शाह के लिए Z सुरक्षा युक्त तीन कारकेड तैनात हैं। हर कारकेड का जिम्मा SP स्तर के अधिकारी के पास है। त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की कमान रीवा रेंज के एडीजीपी केपी व्यंकटेश्वर राव संभाल रहे हैं। उनके साथ 6 डीआईजी,14 आईपीएस, 35 एडिशनल एसपी, 100 डीएसपी, 100 इंस्पेक्टर और एसएएफ की 20 कंपनियों के जवानों समेत 5 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं।
भोपाल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) मध्य प्रदेश के दौरे पर रहेंगे। आगामी 24 फरवरी को सतना आएंगे। जहां सतना में शबरी माता जयंती के अवसर पर आयोजित कोल जनजाति महाकुंभ में शामिल होंगे। मेडिकल कॉलेज भवन (Satna Medical College Building) का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
जानिए मिनट टू मिनट कार्यक्रम
केंद्रीय मंत्री अमित शाह का 24 फरवरी को दोपहर 12.25 बजे छतरपुर जिले (Chhatarpur) के खजुराहो एयरपोर्ट (Khajuraho Airport) पहुंचेंगे। दोपहर 12.55 बजे सतना के मैहर (Maihar, Satna) हेलीपेड पहुंचेंगे। दोपहर 1 बजे मां शारदा देवी मंदिर (Maa Sharda Devi Temple) में दर्शन कर पूजन करेंगे। इसके बाद दोपहर 1.30 बजे सर्किट हाउस (Circuit House) पहुंचेंगे।
अमित शाह दोपहर 2.35 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा मैहर से सतना के लिए प्रस्थान करेंगे। 3.15 बजे सतना में शबरी माता जयंती (Shabari Jayanti) के अवसर पर आयोजित कोल जनजाति महाकुंभ में शामिल होंगे। शाम 5.15 बजे सतना के मेडिकल कॉलेज कैंपस में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन और दौरा कर जनसभा को संबोधित करेंगे। शाम 6.45 बजे ओम इंटरनेशनल होटल पहुंचकर बैठक में शामिल होंगे। सतना में ही रात्रि विश्राम करेंगे।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री 25 फरवरी को सुबह 10 बजे सड़क मार्ग से सतना एयरपोर्ट पहुंचेंगे। सुबह 10.45 बजे सतना से हेलीकॉप्टर से खजुराहो एयरपोर्ट जाएंगे। अमित शाह सुबह 10.50 बजे खजुराहो एयरपोर्ट से गोरखपुर प्रस्थान करेंगे।
SATNA NEWS सतना।। सतना सांसद गणेश सिंह, कलेक्टर अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने मैहर एसडीएम धर्मेंद्र मिश्रा, एसडीओपी लोकेश डावर तहसीलदार मानवेंद्र सिंह चौकी प्रभारी संतोष उलादी के साथ 24 फरवरी को देश के गृहमंत्री अमित शाह के मैहर आगमन पर मंदिर परिसर में सुरक्षा एवं अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
उन्होंने देवी जी रोड मैहर में पर्यटन सूचना केन्द्र के मैदान में बनाये जा रहे हैलीपेड और सर्किट हाउस मैहर का भी निरीक्षण कर की जा रही तैयारियों और व्यवस्थाओ का जायजा लिया। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 24 फरवरी को सबसे पहले मैहर पहुंच कर मां शारदा देवी के दर्शन करेंगे। इसके बाद हैलीकॉप्टर से सतना आकर सतना के कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
सतना ।।आज मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया जब यहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में शुरू हो रही है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने भोपाल में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की हिन्दी में तैयार पाठ्यक्रम पुस्तकों का विमोचन किया।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिये अविस्मरणीय दिन है जिसे स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार अब मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में होगी। इस संकल्प को देश में पहली बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूरा किया जो बधाई के पात्र हैं।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा कि अंग्रेजी में कमजोर छात्र भी अब मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में कर पायेंगे। आज का दिन अंग्रेजी की गुलामी से मुक्त होने का दिन है। हिन्दी की पढ़ाई से नया प्रकाश होगा और एक सपना पूरा हुआ जब मध्यप्रदेश के छात्र उंचे आसमान में लम्बी उड़ान भरेंगे।
जिला स्तर पर राज्य सरकार द्वारा किये गये इस नवाचार का शुभारंभ एवं मेडिकल की हिन्दी पुस्तकों का विमोचन के “हिन्दी में ज्ञान के प्रकाश” कार्यक्रम का सजीव प्रसारण एकेएस विश्वविद्यालय सतना के सभागार में देखा गया है। जिला स्तर पर कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद सतना गणेश सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया। इस मौके पर महापौर योगेश ताम्रकार, कलेक्टर अनुराग वर्मा, सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित राव, कुलाधिपति एकेएस विश्वविद्यालय वीपी सोनी, आयुक्त नगर निगम राजेश शाही, वाइस चासंलर हर्षवर्धन श्रीवास्तव, डॉ आरएन त्रिपाठी, सीएमएचओ डॉ एलके तिवारी, जिलाध्यक्ष नरेन्द्र त्रिपाठी सहित जनप्रतिनिधि और आमजन उपस्थित रहे।
जिला स्तरीय कार्यक्रम कों संबोधित करते हुये सांसद गणेश सिंह ने कहा कि हमारी भाषा और संस्कृति को तोड़ने के बहुत प्रयास किये गए, पर कोई भी उसमें सफल नहीं हो पाया। हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई एक अभिनव पहल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अथक प्रयासों से यह दिन आया है। यह मानव जीवन से सीधा जुड़ा हुआ है। पहले हमारे यहां गुरुकुल पद्धति में हिंदी और संस्कृत में शिक्षा दी जाती थी। अंग्रेजों के आने के बाद हमारे यहां अंग्रेजी और उनके खानपान और पहनावे को अपनाने गया। देश में मध्य प्रदेश पहला राज्य है जिसने हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई की शुरुआत की है। आज के दिन एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है, जो इतिहास में लिखा जाएगा। सांसद श्री सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव पर मध्यप्रदेश द्वारा हिंदी में मेडीकल की पढ़ाई प्रारंभ करना केवल हिंदी में पढ़ाई ही नहीं बल्कि देश एवं हिंदी भाषी लोंगो के लिये एक उपलब्धि और गौरव का विषय है। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में विश्व के अन्य देशों जैसे रुस, जापान, चाइना एवं अन्य देशों में उनकी ही मातृभाषा में मेडीकल की पढ़ाई की जाती है। इन सभी देशों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य है जिसने नवीन शिक्षा नीति का पालन करते हुये हिंदी में मेडीकल की पढ़ाई शुरु करने का निर्णय लिया है।
सांसद श्री सिंह ने कहा कि हिन्दी हमारी मातृभाषा है, मेडीकल की पढ़ाई अभी तक अंग्रेजी में होती थी, किन्तु प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में होगी, जिसका शुभारंभ 16 अक्टूबर को हो रहा है। उन्होंने कहा कि इंजीनियर, मेडीकल, टेक्निकल की पढ़ाई अंग्रेजी में होने से कई बच्चे हिन्दी मीडियम के वंचित रह जाते थे, किन्तु हमारी मातृभाषा हिन्दी है। हिन्दी मीडियम से हमारे छात्र डॉक्टर बनना चाहते थे, उनके सपने अधूरे रह जाते थे। अब उन बच्चों को भी मौका मिलेगा, जो गांव बस्तियों से हिन्दी मीडियम से पढ़ाई करते थे। उन्हें भी एमीबीबीएस की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। हिन्दी में एमबीबीएस की पढ़ाई होगी तो निश्चित रूप से अधिक बच्चों के भाग्य का उदय होगा।