मध्यप्रदेशरीवालेटेस्ट न्यूज़विंध्यहिंदी न्यूज

Rewa News: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी पर टिप्पणी कर विवादों में घिरे रीवा सांसद

Rewa News: मध्यप्रदेश के रीवा के वर्तमान सांसद महोदय जनार्दन मिश्रा अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं पर बने रहते हैं, हाल ही में उन्होंने मध्यप्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और विंध्य के सफेद शेर कहे जाने वाले श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी (दादा) पर टिप्पणी कर दी, जिसके बाद से वह एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं.

Rewa News: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी पर टिप्पणी कर विवादों में घिरे रीवा सांसद

दरअसल रीवा के सिरमौर चौराहे पर बने थर्ड लेग फ्लाईओवर के लोकार्पण कार्यक्रम में अपने उद्बोधन के दौरान सांसद महोदय विकास की चर्चा कर रहे थे इसी बीच उन्होंने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की चर्चा शुरू कर दी. उन्होंने कहा की “जब श्रीनिवास तिवारी हुआ करते थे तो यह नारा चला करता था कि दादा नहीं दऊ आय वोट ना दैहा तऊ आय एक ठे गढ्ढा नहीं पटवा पाईस दादा दऊ” अपने उद्बोधन में जिस वक्त वह श्रीनिवास तिवारी की बात कह रहे थे उस वक्त का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है और लोंग सांसद महोदय के इस बयान का जमकर विरोध भी कर रहे हैं.

Rewa News: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी पर टिप्पणी कर विवादों में घिरे रीवा सांसद

देखने वाली बात यह है कि श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से त्योंथर विधानसभा से विधायक हैं. फिर भी सांसद महोदय अपनी ही पार्टी के सदस्य के परिवार के खिलाफ ऐसी टिप्पणी कर गए. अब देखना दिलचस्प यह होगा कि सिद्धार्थ तिवारी अपने दादाजी पर की गई इस तरह की टिप्पणी पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं. सवाल यह भी है की क्या किसी ऐसे व्यक्ति पर टिप्पणी करना उचित है जो अब इस दुनिया पर नहीं है?

श्रीनिवास तिवारी से विंध्य की जनता का सिर्फ राजनैतिक रिश्ता ही नहीं रहा है बल्कि भावनात्मक रिश्ता भी रहा है, विंध्य के लोग श्रीनिवास तिवारी को अपने परिवार का सदस्य मानते थे ऐसे में सांसद महोदय द्वारा की गई इस टिप्पणी का विंध्य की जनता पर गलत असर हो सकता है जो की भविष्य में भाजपा के वोट बैंक को भी प्रभावित कर सकता है.

Rishi Raj Shukla

ऋषि राज शुक्ला (पत्रकार) - फिल्में अच्छी लगती है, राजनीति आकर्षित करती है, अपराधियों को छोड़ना नहीं चाहता, सवाल करना आदत है और पत्रकारिता के बिना जी नहीं सकता ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button