सतना।। एकेएस विश्वविद्यालय के केंद्रीय सभागार में विधिक सेवा प्राधिकरण सतना के मार्गदर्शन में स्टूडेंट्स के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ एकेएस विश्वविद्यालय के कुल गीत एकेएस शिक्षा देती कौशल और कल्याण की कुलगीत से हुआ इसकी सुमधुर प्रस्तुति ने सभी को आल्हादित किया। विधिक सेवा प्राधिकरण केअध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश श्री अजय कुमार श्रीवास्तव ने इस मौके पर स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए बड़े सरल और सहज शब्दों में मौलिक अधिकार के उचित प्रयोग सहित जीवन जीने और लक्ष्य केंद्रित करने पर कहा की बाय डिफॉल्ट हमें बहुत सारी चीजें मिलती हैं और बाय डिजाइन हम बहुत सारी चीजों का निर्माण करते हैं ।
जीवन में आगे बढ़ने के लिए अनुशासन,समय की पाबंदी और लक्ष्य से ना भटकने की आदत रखनी होती है। उन्होंने एकेएस विश्वविद्यालय के सभागार का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले यहां खेती-बाड़ी हुआ करती रही होगी और अब आज यहां देश के गणमान्य और विशिष्ट जनों का संबोधन और भविष्य के नागरिकों की रचना होती है। इसी तरह उन्होंने कहा की सलमान खान 60 की उम्र पर पहुंचने के समय भी बेहद फिट हैं ।इसमें उनका अनुशासन,समय पर कार्य और बाय डिजाइन का महत्वपूर्ण रोल है ।
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उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा की जब वह जज की परीक्षा देने जा रहे थे तो किसी सिद्ध पुरुष ने उन्हें कहा था कि तुम जज नहीं बन पाओगे लेकिन उसके बाद मैं लगन से कार्य में लगा रहा और ईश्वर से निरंतर प्रार्थना करता रहा कि मुझे जज बनना है आखिर ईश्वर ने मेरी सुनी और मैं आज आपके समक्ष खड़ा हूं ।उन्होंने कहा कि किस्मत उनकी भी होती है जिनके हाथ नहीं होते ।उन्होंने अपने संबोधन को स्टूडेंट से कनेक्ट करते हुए उन्हें मोटिवेट किया उन्होंने कहा कि किस्मत के भरोसे ना बैठे रहे, हो सकता है किस्मत भी आपका इंतजार कर रही हो कि आप काम करें और वह आपको वह प्रदान करें जिसकी आप इच्छा रखते हो ।निराश लोगों से दूरी बनाएं और जो आपको मोटिवेट करते हैं जो आपके उत्साह वर्धन करते हैं, ऐसे लोगों को अपने जीवन में रखें तो लक्ष्य सरल हो जाएगा।
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सचिव श्री एस.के.श्रीवास्तव, ने विधिक सेवा प्राधिकरण के तालुका से लेकर राज्य और केन्द्र तक किए जा रहे कार्यों का विस्तृत आंकड़ा स्टूडेंट के समक्ष पेश किया। उन्होंने कहा की अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। सचिव श्री विश्व दीपक तिवारी ने मौलिक अधिकार एवं मौलिक कर्तव्य विषय पर सारगर्भित व्याख्यान देते हुए कहा की जब जंगल राज था तब माइट इज राइट था। फिर स्टेट हुड आया।1689 में बिल ऑफ राइट्स आया। परिवार समाज और देश के लिए अधिकार और कर्तव्य संविधान में निर्धारित किए गए हैं उन्होंने समय के साथ बदलते हुए कानून का क्रमशः लेखा-जोखा प्रस्तुत किया, उनके सहयोग से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन संपन्न हुआ। श्री एस. के. श्रीवास्तव ने विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी ।
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डॉ सुधीर जैन,डीन विधि संकाय ने स्वागत उद्वोधन दिया एवं प्रो चांसलर श्री अनंत सोनी जी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नवीन शिक्षा नीति में भी कानून पढ़ना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा की बात करने से बात बन जाती है और बात न करने से बातें बन जाती हैं कम्युनिकेशन पर उन्होंने कहा की हर समस्या का समाधान बातचीत है इसे जारी रखना चाहिए जिससे हर समस्या सुलझ सकती है कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का मोमेंटो देकर स्वागत किया गया कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। विधिक सेवा प्राधिकरण के इस कार्यक्रम का संचालन फैकल्टी ऑफ लॉ के प्रो. एस.के दुबे ने किया।