सतना। मध्य प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर है। कई जिलों बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। रुक-रुककर हुई बारिश ने शासकीय प्रबंधन की पोल खोल दी है। कई जिलों में हालात बिगड़ने लगे हैं।भारी बारिश का असर सतना और मैहर जिले पर खासा देखा जा रहा है। यहां बीते तीन दिन से लगातार जारी बारिश के चलते बाढ़ ने ऐसा कहर बरपाया है कि घर, मकान, दुकान, खेत, खलिहान, सड़कें सब जलमग्न हो गई हैं।
झमाझम बारिश से नदी नाले उफान पर आ गए। खेत जलमग्न हो गए। एक ओर बारिश से लोगों को खासी परेशानी हो रही है, वहीं दूसरी ओर किसान खेतों में लबालब पानी देखकर खुश हैं। मिली जानकारी के अनुसार पिछले पंद्रह दिनों से जो बारिश हुई थी, वह खेती के लिए नाकाफी थी।इससे किसान बहुत दिनों से झमाझम बारिश होने का इंतजार कर रहे थे। बारिश हो जाने के बाद धान रोपाई कार्य जोर पकड़ेगा। वहीं, बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया और जगह-जगह जलभराव हो गया।
जल निकासी के लिए नालियों की साफ-सफाई ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के द्वारा नही कराई गई, जिस कारण रहवासियों को जलभराव स्थिति के चलते आवागमन में समस्याओं का सामना करना पड़ा। इससे व्यवस्था की हकीकत खुलकर सामने आ गई। बारिश के चलते लोग घरों में दुबके रहे।
जगह जगह सड़कों में भरा पानी
बारिश के कारण कई जगह सड़कों में पानी भर गया। मां शारदा देवी मंदिर जाने वाले मार्ग में पुलघटा के ऊपर पानी आ जाने से कई घंटे जाम की स्थिति रही। डेल्हा जरियारी मार्ग पर जहां हाल ही में 12 करोड़ 84 लाख की लागत से सड़क और पानी निकासी के लिए पुलिया बनाई गई थी, वहां सड़क के ऊपर पानी आने से आवागमन बाधित हुआ। कई जगह सड़कों पर पेड़ गिरने से भी लोगों को काफी परेशानी हुई।
लोगो के घरों में घुसा पानी
बारिश से जनजीवन काफी अस्तव्यस्त हो गया। उचित प्रबंधन और उचित जल निकासी न होने से कई घरों में पानी घुस गया। इस परेशानी से निजात दिलाने मैहर कलेक्टर रानी बाटड ने भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्र लखवार, गिरगिटा अमिलिया कला का निरीक्षण किया और प्रभावित लोगों को शासकीय विद्यालयों में ठहराने के निर्देश दिए।
कलेक्ट्रेट और भाजपा कार्यालय डूबा
मैहर का कलेक्ट्रेट परिसर एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालय भारी बारिश के चपेट में हैं। लिलजी नदी का जल स्तर बढ़ने से पूरे परिसर में पानी ही पानी है। कलेक्ट्रेट तक जाने का रास्ता शनिवार को ही बंद हो गया था। बड़ी मुश्किल से लोग निकल पा रहे थे।शनिवार की रात बारिश के बाद पूरे परिसर में पानी भर गया है। आनन-फानन में कलेक्ट्रेट और महाविद्यालय बना तो दिए गए, लेकिन आवागमन की उचित व्यवस्था नहीं की गई। परिणाम स्वरूप थोड़ी सी बारिश में ही रास्ते में पानी भर जाता है और आने जाने में काफी दिक्कत होती है।
बारिश में कई कच्चे घर गिरे
ग्राम कन्हवारा में रामाधार नामदेव का मकान बारिश के कारण गिर गया। उनके पास सिर छुपाने की जगह तक नहीं बची। मकान गिरने से राशन सामग्री भी पूरी खराब हो गई। रामाधार नामदेव का कहना है कि 5 साल पहले उन्होंने आवास योजना की फाइल लगाई थी। मोहल्ले में लगभग 99 प्रतिशत लोगों के मकान बन चुके हैं, लेकिन उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिला। वहीं मैहर जिले के ग्राम जुड़वानी में भी कई कच्चे मकान गिरने की खबर है।