Ganesh Singh Satna :विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी गणेश सिंह पर भाजपा का भरोसा कायम, सतना से पांचवी बार चुनावी मैदान में गणेश
सतना। सतना लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद गणेश सिंह ही इस बार भी चुनाव में भाजपा का चेहरा होंगे। भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें पांचवीं बार सतना सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को घोषित हुई भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में सतना सीट से गणेश सिंह को ही एक बार फिर प्रत्याशी बनाए जाने का ऐलान किया गया है। गणेश सिंह वर्ष 2004 से लगातार सतना सीट पर जीत हासिल कर सांसद निर्वाचित होते आ रहे हैं। यह पांचवां मौका है जब वे भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए हैं।
हाल ही में 2023 के मप्र विधानसभा चुनाव में भी उन्हें पार्टी ने सतना सीट से उम्मीदवार बनाया था लेकिन वे 4400 वोट से चुनाव हार गए थे। इस चुनाव में हार के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा इस बार सतना सीट से चेहरा बदला जा सकता है। लोगों ने टिकट पर अपना अपना दावा करना शुरू कर दिया था। लेकिन शनिवार को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए गणेश सिंह के नाम पर मुहर लगा दी।
पिछली बार 2 लाख 31 हजार से जीते
भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 2 लाख 31 हजार 473 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। उन्हें 5 लाख 88 हजार 753 मत मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी राजाराम त्रिपाठी को 3 लाख 57 हजार 280 वोट मिले थे। इसके पूर्व के चुनावों में गणेश सिंह मप्र के पूर्व डिप्टी स्पीकर डॉ राजेन्द्र कुमार सिंह, पूर्व सांसद स्व सुखलाल कुशवाहा और विंध्य की कांग्रेसी सियासत के छत्र माने जाने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल को भी पराजित कर चुके हैं।
गणेश सिंह भाजपा प्रदेश संगठन में प्रदेश मंत्री और विधानसभा चुनाव प्रबन्ध समिति के सदस्य रहे। जाति समीकरण से मिला टिकटचार बार से सतना लोकसभा सीट से सांसद हैं। ओबीसी वर्ग के बड़े चेहरे, ओबीसी स्टैंडिंग कमेटी के चैयरमैन रहे हैं। सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में समर्थकों की बड़ी तादाद और कार्यकर्ताओं की अपनी टीम है। सजातीय वोटों पर भी अच्छी पकड़ है।