Satna : नही रहे जाने माने वरिष्ट पत्रकार, इतिहासकार साहित्यकार चिन्तामणि मिश्र

सतना।। जाने माने वरिष्ट पत्रकार, इतिहासकार साहित्यकार चिन्तामणि मिश्र का देहावसान हो गया । हनुमान चौक के पुश्तैनी निवासी 87 वर्षीय श्री मिश्र पिछले एक अरसे से अस्वस्थ थे।उनका जन्म 1935 में हुआ और शुरू से वो हरफन मौला यायावरी जीवन जिये। खोजबीन और अनुसंधान में माहिर सतना के बड़े से बड़े समाचार पत्रों में संपादक बनकर सम्हाला, जवान भारत, टुडे न्यूज, सहित 25 से अधिक अखबारों में बतौर संपादक और 100 से अधिक अखबारों में नियमित स्तंभ लेखन किया।

जो अत्यंत लोकप्रिय होती रहती थी । मेरे बस्ती मेरे लोग, सतना जिले का 1857, आपातकाल और सतना के मीसाबंदी, जाति गंगा, धतकरम, बोल कुबोल, खंड खंड पाखंड, हस्तक्षेप, जन्म अकारथ, पत्रकारितांक चुनौती सहित अन्य पुस्तकें लिखी हैं । उनकी अंतिम दौर पर लिखी पुस्तक आपातकाल और सतना के मीसाबंदी है। शब्द शिल्पी पत्रिका और प्रकाशन परिवार में बहुत से दस्तावेज और संदर्भ ग्रंथ का प्रकाशन भी किया है।

इसके साथ ही वो प्रगतिशील लेखक संघ,हिंदी साहित्य सम्मेलन सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए थे। साहित्य जगत में जन-जन के चहेते थे प्रदेश और देश में उनकी बहुत बड़ी ख्याति थी। सतना के बड़े से बड़े राजनेता शिक्षा विद, समाजसेवी प्रशासनिक अधिकारी उनसे मसवरा लेने जरूर आता था। उनकी पढने और याद रखने की क्षमता अद्भुत थी वे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित थे ।

उनके निधन की खबर से साहित्य जगत में शोक की लहर छा गई है पद्मश्री बाबूलाल दाहिया ,संतोष खरे, प्रहलाद अग्रवाल, डा रामयश बागरी,अनिल आयान श्रीवास्तव, रामशैल गर्ग,श्री मति शुशमा मुनींद्र,वीएस श्रीवास्तव, प्रो प्रहलाद अग्रवाल,सुदामा सरद,रामदास गर्ग, रामलाल सिंह,डॉ अजय तिवारी, निर्मला सिंह परिहार,डॉ अजय तिवारी,विष्णुस्वरुप श्रीवास्तव, रामलाल सिंह,आरवी सुमन, रविशंकर चतुर्वेदी,शैलेन्द्र सिंह शैल,तेजभान सिंह तेज,छोटेलाल पांडेय, रामनारायण सिंह राणा,आदित्य प्रताप सिंह आदि ने गहरा शोक संवेदना व्यक्त किया है।
Article By – Anupam Dahiya