भाेपाल मैनिट के मुख्य द्वार पर करीब चार हजार विद्यार्थी आफलाइन परीक्षाओं के खिलाफ कर रहे हैं प्रदर्शन

बीटेक के विद्यार्थी दो दिन से कर रहे हैं प्रदर्शन, मैनिट परिसर के बाहर पुलिस की टीम पहुंचकर तैनात है।
भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। राजधानी के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में आए दिन विरोध प्रदर्शन जारी रहता है। इस साल लगातार विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके पहले छात्राओं ने छात्रावास द्वारा रोक-टोक और खराब खाने को लेकर प्रदर्शन किया था। इसके पूर्व छात्रों ने एनपीटीएल कोर्सेस को लेकर अपना विरोध जताया था।बुधवार से जारी धरना-प्रदर्शन गुरुवार को बड़ा रूप ले लिया। करीब तीन से चार हजार विद्यार्थी मैनिट के मुख्य द्वार के सामने अा पहुंचें। गुरुवार को सुबह करीब 9 बजे से ही विद्यार्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन 75 प्रतिशत उपस्थिति के नियम के विरोध में किया जा रहा है। उनका कहना है कि अंतिम वर्ष में सभी विद्यार्थियों का ध्यान प्लेसमेंट पर होता है। कई बार इंटरव्यू इस दौरान होते हैं, जब क्लासेस का वक्त होता है। ऐसे में विद्यार्थियों के लिए 75 प्रतिशत क्लास में उपस्थिति रखना संभव नहीं हो पाता है। इसके अलावा, नवंबर में कैट का, जनवरी में यूपीएससी की, फरवरी में गेट का आदि की परीक्षाएं होती हैं। बड़ी संख्या में अंतिम वर्ष के विद्यार्थी इन परीक्षाओं में शामिल होते हैं। ये परीक्षाएं आसान नहीं होती। इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए काफी समय चाहिए होता है, इसलिए हम मांग कर रहे हैं कि कालेज प्रबंधन सहयोग करे और 75 प्रतिशत उपस्थिति के इस नियम को वापस ले।

विद्यार्थियों का कहना है कि अगर उन्हें कम उपस्थिति की वजह से परीक्षा देने से रोका गया, तो उनकी सारी मेहनत बर्बाद हो जाएगी। साथ ही, प्लेसमेंट में मिली नौकरी भी चली जाएगी। छात्रों के इस धरना प्रदर्शन पर कालेज प्रशासन अभी तक मौन है। उसने अपनी तरफ से कोई भी आश्वासन नहीं दिया है। इसे देख ऐसा ही लगता है कि प्रशासन व निदेशक हर बार की तरह इस बार भी झुकने को तैयार नहीं हैं। विद्यार्थियों का यह भी कहना है कि आइआइटी खड़गपुर, वाराणसी, एनआईटी राउरकेला, रायपुर, कालीकट व अन्य राष्ट्रीय महत्ता के संस्थानों में भी आनलाइन परीक्षाएं घर से ही करवाई जा रही है। विद्यार्थी वर्तमान में उनके साथ हो रहे व्यवहार व परिस्थितियों के कारण मानसिक रूप से दबाव में हैं। साथ ही दुखी हैं कि उन्हें अंतिम वर्ष में आकर इसका सामना करना पड़ रहा है। विद्यार्थियों ने आफलाइन परीक्षाओं की जगह आनलाइन अध्यापन व आनलाइन परीक्षा का विकल्प प्रशासन के सामने रखा है व मांगें न मानने पर आंदोलन जारी रखने की बात कही है।
विद्यार्थियों का कहना है मांगें पूरी की जाएविद्यार्थियों का कहना है कि इस सेमेस्टर की शुरुआत से ही कक्षाएं आनलाइन करवाई जा रही है। विद्यार्थी सत्र की शुरुआत से ही मानसिकता व अपनी कार्ययोजना इसी माध्यम के अनुसार निर्धारित कर चुके थे। अंतिम वर्ष के विद्यार्थी इसी अनुरूप समय निकाल कर अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं जैसे यूपीएससी, सिविल सर्विस परीक्षा, गेट व कैट की तैयारी में पूर्ण रूप से जुट चुके थे। अचानक सत्र के मध्य में (मार्च माह में) कहा जाता है कि अन्तिम वर्ष को भी परीक्षाएं देने आफलाइन आना होगा व पूरे अप्रैल माह उन्हें यहीं रोका जाएगा। ऐसे में विद्यार्थियों की कार्य प्रणाली व करियर को ऐसे में नुकसान पहुंचा है, अभियांत्रिकी जैसे विषयों को आनलाइन में पढ़ाकर आफलाइन रूप में परीक्षा लेना विद्यार्थियों को न्यायोचित भी नहीं लग रहा है। इसके अलावा मैनिट में ही एनआरआई विद्यार्थी भी पढ़ते हैं जिन्हें न केवल आना मुश्किल पड़ रहा है साथ ही कोविड आदि परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ सकता है। एक माह के लिए सिर्फ विद्यार्थियों को वही पूरी व्यवस्था फिर से करनी होगी जिससे बहुत-से लोग जो उपर्युक्त परीक्षाओं की तैयारियों के लिए संलग्न थे, उनकी मानसिकता को भी आघात पहुंचा है साथ ही अनावश्यक रूप से धन का व्यय होना है। इसी बीच मैनिट प्रशासन खुद की ही बात को गलत और फिर सही साबित करने वाले अलग अलग नोटिस अलग अलग समय पर जारी कर रहा है, जिनमें से एक नोटिस में कहा गया कि अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को फरवरी अंत तक अपना सामान खाली करना होगा नहीं जिम्मेदारी विद्यार्थी की ही होगी। इस समय के निकलने से एक दिन पहले, एक नए नोटिस में कहा गया कि अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को कालेज आफलाइन परीक्षा देने आना पड़ेगा।