सतना,मध्यप्रदेश।। पर्यावरण सुरक्षा के लिये ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार फसलों (विशेषतः धान एवं गेहूं) की कटाई उपरांत फसल अवशेषों को खेतों में जलाना प्रतिबंधित किया गया है। जिले में भी नरवाई जलाने से होने वाली आगजनित घटनाओं पर नियंत्रण के लिये कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अनुराग वर्मा द्वारा प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर अनुविभागीय दंडाधिकारियों को संबंधित व्यक्ति पर तत्काल पात्रतानुसार जुर्माना अधिरोपित करते हुये आग के कारण का पंचनामा तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं।
साथ ही ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये गये हैं। लेकिन प्रतिबंधों के बावजूद भी जिले में नरवाई जलाने की घटनायें सामने आ रही हैं।उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास ने बताया कि कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय भोपाल से प्राप्त सैटेलाइट मॉनीटरिंग की रिपोर्ट अनुसार जिले जिले के अलग-अलग अनुविभागों में 2 मई को 78, 4 मई को 21 और 5 मई को 23 स्थानों पर नरवाई जलाने की घटनायें रिकॉर्ड की गई हैं। उप संचालक कृषि ने संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारियों को सैटेलाइट मॉनीटरिंग की रिपोर्ट से अवगत कराते हुये जिला दंडाधिकारी के निर्देशों के अनुरुप कार्यवाही करने का अनुरोध किया है।
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नरवाई को जलायें नहीं, पशुओं के लिये भूसा बनवायें
उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास ने किसानों से अपील की है कि फसल अवशेष/नरवाई किसी भी स्थिति में नहीं जलायें। यदि हम नरवाई में आग लगाते है तो भूमि की उर्वरा शक्ति एवं पोषक तत्वों को हानि होती है। किसान नरवाई को न जलाकर उन्नत कृषि यंत्रो का उपयोग कर पशुओं के लिये भूसा बनवा सकते हैं। इसके लिये उन्नत कृषि यंत्र जैसे रीपर, स्ट्री-रीपर को प्राथमिकता दें। सतना और मैहर जिले में कस्टम हायरिंग सेंटर उपलब्ध हैं। कृषक, कृषि यंत्रों को किराये पर ले सकते हैं। इस संबंध की जानकारी कृषि यंत्री शरद कुमार नर्वे (मो.नं. 9826289760) एवं सहायक कृषि यंत्री विशारद प्रसाद त्रिपाठी (मो.नं. 8224029722) से संपर्क कर प्राप्त की जा सकती है।