Narad Jayanti 2025: नारद मुनि के बारे में 5 हैरान करने वाली बातें जो शायद ही आप जानते होंगे!

Narad Jayanti 2025: नारद मुनि के बारे में 5 हैरान करने वाली बातें जो शायद ही आप जानते होंगे!

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Narad Jayanti 2025: नारद जयंती इस साल 13 मई को मनाई जाएगी। नारद मुनि हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण पात्रों में से एक माने जाते हैं। वह भगवान विष्णु के परम भक्त थे और संगीत व शास्त्रों में निपुण थे। नारद मुनि ब्रह्मा जी के मानस पुत्रों में से एक थे और उन्होंने कठिन तपस्या कर ब्रह्मर्षि का पद प्राप्त किया। उन्हें देवर्षि भी कहा जाता है, यह पद उन मुनियों को दिया जाता है जो तीनों कालों के ज्ञानी होते हैं। आइए जानें नारद मुनि के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।

नारद मुनि थे सृष्टि के पहले पत्रकार

देवर्षि नारद को सृष्टि का पहला पत्रकार माना जाता है। इसका कारण यह है कि नारद मुनि तीनों लोकों में भ्रमण कर सकते थे और एक लोक का संदेश दूसरे लोक तक पहुंचा सकते थे। नारद मुनि देवताओं और असुरों के बीच समाचारों का आदान-प्रदान करते थे। हिंदू धर्म के शास्त्रों में कई ऐसे प्रसंग मिलते हैं, जहां नारद मुनि सूचना के वाहक और पत्रकार के रूप में दिखाई देते हैं। इसी कारण उन्हें सूचना के देवता के रूप में भी पूजा जाता है।

नारद मुनि थे ज्ञान के भंडार

नारद मुनि के व्यक्तित्व पर महाभारत के सभापर्व में काफी विस्तार से चर्चा की गई है। इसमें बताया गया है कि नारद मुनि उपनिषदों के ज्ञाता और वेदों के पंडित थे। इसके अलावा, उन्हें इतिहास और पुराणों का भी ज्ञान था और वह पूर्व काल (भूतकाल) के विषयों से भी अवगत थे। नारद मुनि व्याकरण, ज्योतिष और आयुर्वेद के बड़े ज्ञाता थे। इसके साथ ही उन्हें योग और संगीत का भी गहरा ज्ञान था। यही कारण है कि नारद मुनि को देवताओं से लेकर असुरों और मनुष्यों तक सभी ने सम्मान दिया। नारद मुनि का आदर तीनों लोकों में किया जाता था।

Narad Jayanti 2025: नारद मुनि के बारे में 5 हैरान करने वाली बातें जो शायद ही आप जानते होंगे!

नारद मुनि ने नहीं किया विवाह

नारद मुनि ने अपना पूरा जीवन अविवाहित रहते हुए भगवान की भक्ति और सेवा में बिताया। माना जाता है कि उन्होंने विवाह नहीं किया क्योंकि वह भगवान के प्रति समर्पित रहना चाहते थे। पुराणों में एक घटना आती है, जब भगवान ब्रह्मा ने नारद मुनि से विवाह करने के लिए कहा, लेकिन नारद ने इससे इंकार कर दिया। जब नारद ने बार-बार मना किया, तो ब्रह्मा जी ने उन्हें शाप दिया कि वह जीवन भर अविवाहित रहेंगे।

नारद मुनि का वीणा बजाने का कौशल और भगवान विष्णु से शाप

नारद मुनि को वीणा बजाने का बड़ा कौशल था। वह एक महान वीणा वादक माने जाते थे और उनकी वीणा की आवाज़ से देवता, ऋषि और सभी प्राणियों का मन मोह जाता था। ऐसा माना जाता है कि Goddess Saraswati ने स्वयं नारद को संगीत की शिक्षा दी थी। एक और दिलचस्प घटना यह है कि नारद मुनि भगवान विष्णु के परम भक्त होने के बावजूद एक बार उन्हें शाप भी दे चुके थे। एक बार नारद मुनि ने विष्णु जी से यह इच्छा व्यक्त की कि वह सुंदर रूप पाना चाहते हैं, लेकिन भगवान विष्णु ने उनका रूप बंदर जैसा बना दिया। नारद मुनि को यह रूप देखकर अपमानित होना पड़ा और उन्होंने विष्णु जी को शाप दे दिया कि एक दिन वह भी अपनी पत्नी से वियोग का दुख सहेंगे। ऐसा माना जाता है कि नारद के इस शाप के कारण भगवान विष्णु के अवतार राम जी को सीता माता से वियोग का सामना करना पड़ा।

Neha Mishra
Author: Neha Mishra

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