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LTT-भागलपुर एक्सप्रेस से आधी रात में अलग हुईं 3 बोगियां, 10 की स्पीड ने टाला बड़ा हादसा

Satna Rail Accident : सतना-मानिकपुर रेल खंड पर मंगलवार की देर रात एक बड़ा ट्रेन हादसा होते-होते टल गया है। LTT मुंबई ...

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| सतना टाइम्स

Satna Rail Accident : सतना-मानिकपुर रेल खंड पर मंगलवार की देर रात एक बड़ा ट्रेन हादसा होते-होते टल गया है। LTT मुंबई से भागलपुर जा रही (12336) यात्री ट्रेन की तीन बोगियां चलती ट्रेन से अचानक अलग हो गईं है। गनीमत यह रही कि घटना के वक्त ट्रैक पर ‘कॉशन’ (धीमी गति का निर्देश) लागू था, जिससे ट्रेन की रफ्तार महज 10 किलोमीटर प्रति घंटा थी और कपलिंग टूटते ही प्रेशर कम होने से ऑटोमैटिक ब्रेक लग गए है।

दरअसल यह पूरी घटना रात 2 बजकर 54 मिनट पर मझगवां और ठिकरिया स्टेशन के बीच हुई है। हादसे के बाद ट्रेन में बैठे यात्रियों में हड़कंप मच गया है, हालांकि धीमी गति के कारण कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।

S-1 कोच की कपलिंग टूटने से हुआ हादसा

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेन जब धीमी गति से चल रही थी। तभी उसके S-1 कोच की कपलिंग टूट गई। कपलिंग टूटते ही S-1 कोच, उससे जुड़ा एक जनरल कोच और सबसे पीछे का गार्ड यान (SLR), यानी कुल तीन बोगियां, बाकी ट्रेन से अलग हो गईं।

कपलिंग टूटते ही ट्रेन का प्रेशर हुआ ड्राप

रेलवे के टेक्निकल जानकारों के मुताबिक कपलिंग टूटते ही ट्रेन का प्रेशर ड्रॉप हो गया, जिससे इंजन और अलग हुई बोगियों, दोनों में ऑटोमैटिक ब्रेक लग गए। इससे ट्रेन तुरंत रुक गई है। ट्रेन से अलग हुए तीनों डिब्बे मुख्य ट्रेन से लगभग 100 मीटर पीछे खड़े हो गए।

4 घंटे बाद रवाना हुई ट्रेन

घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। एरिया मैनेजर नरेश सिंह, स्टेशन मास्टर अब्दुल मतीन, RPF, GRP और तकनीकी (C&W) स्टाफ की टीम तुरंत मौके पर पहुंची।मौके पर पहुंचे टेक्निकल स्टाफ ने पाया कि S-1 कोच की कपलिंग खराब हुई थी। इसके बाद S-1 कोच को ट्रेन से पूरी तरह अलग करने का निर्णय लिया गया। उस कोच के यात्रियों को अन्य बोगियों में शिफ्ट किया गया।

प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

इसके बाद, बाकी की दो बोगियों (जनरल कोच और गार्ड यान) को मुख्य ट्रेन से जोड़ा गया।इस पूरी प्रक्रिया में करीब चार घंटे लग गए, जिसके बाद डाउन ट्रैक को चालू किया गया और ट्रेन को सुबह 7 बजे गंतव्य के लिए रवाना किया गया। रेलवे प्रशासन ने इस पूरी घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं

पिछले पाँच वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय जयदेव विश्वकर्मा, जनसरोकार और जमीनी हकीकत की आवाज़ हैं। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक पहल, राजनीति, स्वास्थ्य और आमजन से जुड़े मुद्दों पर इनकी पकड़ गहरी है। निष्पक्षता और सटीक ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए जाने जाने वाले जयदेव, जनता के असली सवालों को सामने लाने में यक़ीन रखते हैं।... और पढ़ें