Success Story :केंद्र और प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनायें सभी आयुवर्ग के हितग्राहियों के जीवन को सरल बना रही है। पात्रतानुसार योजनाओं का लाभ पाकर हितग्राही काफी खुश हैं। वे सरकार की योजनाओं और नीतियों की सराहना कर रहे हैं। सोहावल विकासखंड के बाबूपुर ग्राम निवासी लालबहादुर सिंह भी ऐसे हितग्राहियों में शामिल हैं।
सतना टाइम्स डॉट इन
78 वर्षीय लालबहादुर सिंह को वृद्धावस्था पेंशन की नियमित किस्तें प्राप्त होने से जीवन सुगमता से गुजर रहा है। इस राशि का उपयोग वे अपने जीवन निर्वाह के साथ-साथ परिवार की छोटी जरुरतों को पूरा करने में खर्च कर रहे हैं।लालबहादुर सिंह गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों में शामिल हैं।
घर में थोड़ी बहुत जमीन होने पर खेती-किसानी से उन्होने अपने परिवार का पालन-पोषण किया। लेकिन अब अवस्था ढलने के साथ उनका काम बंद हो गया। बुढ़ापे में उन्हें अपने भविष्य की चिंता सताने लगी। ऐसे में सरकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशन ने सहारा दिया। लालबहादुर नियमित रुप से पेंशन की राशि प्राप्त कर खुशी-खुशी अपना जीवन गुजार रहे हैं। उन्होने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को हृदय से शुभकामनायें दी हैं।
अगर मन में हौसला और लगन हो तो कोई भी मंजिल हासिल करना मुश्किल नहीं है, मंजिल हासिल करने की कमी उन लोगों के लिए बाधा है जिनमें कड़ी मेहनत करने की इच्छाशक्ति की कमी है. जो लोग हमेशा अपनी मंजिल पर नजर रखते हैं उनके सामने कमी कभी आड़े नहीं आती. इस बात को साबित किया है गांव-गांव जाकर लोगों की जरूरत का सामान बेचने वाले अनपढ़ महेंद्र पाल के बेटे पवन कुमार ने.
सतना टाइम्स डॉट इन
नैनोटेक्नोलॉजी में की एमएससी और पीएचडी
गुरदासपुर के एक छोटे से गांव के रहने वाले और बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले पवन कुमार के नाम के साथ अब एक डॉक्टर भी जुड़ गया है. सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा और सरकारी कॉलेज में बीएससी नॉन-मेडिकल के बाद उन्होंने नैनोटेक्नोलॉजी में एमएससी और पीएचडी भी की है. वे कई देशों में शोध करने के बाद अब आयरलैंड में एक यूरोपीय कंपनी में विभिन्न देशों के वैज्ञानिकों के साथ काम कर रहे हैं.
ऐसे मिला हायर एजुकेशन का मौका
पवन के पिता महेंद्र पाल ने बताया कि पवन ने अपनी मेहनत से बीएससी की पढ़ाई सरकारी स्कूलों और सरकारी कॉलेजों से की, लेकिन आगे पढ़ाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. उन्होंने कई बार रक्तदान किया, जिससे उनकी जान-पहचान शहर के एक डॉक्टर से हो गई, जिनकी मदद से वह प्रोफेसर खन्ना और रमन बहल, जो वर्तमान में पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन के चेयरमैन हैं, के संपर्क में आए और उनकी मदद से पवन ने एमए की पढ़ाई पूरी की. अच्छे ग्रेड के साथ एमएससी करने के कारण उन्हें छात्रवृत्ति मिली और उन्होंने अपने दम पर पीएचडी की.
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे सतना टाइम्स एपको डाऊनलोड कर सकते हैं। यूट्यूब पर सतना टाइम्स के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।
UPPSC 2023: यूपीपीएससी 2023 का रिजल्ट जारी हो गया है. किसी के घर का सबसे छोटा तो किसी घर का सबसे बड़ा बच्चा सरकारी अफसर बना है. कई कैंडिडेट तो ऐसे भी हैं जो पहले से सरकारी नौकरी कर रहे थे अब उन्होंने और बड़े पद के लिए क्वालिफाई किया है. आज हम एक घर के ऐसे ही बच्चे के बारे में बात कर रहे हैं जोकि अपने घर में सबसे छोटे हैं और घर के इकलौते बेटे हैं. हम बात कर रहे हैं यूपीपीएससी टॉपर सिद्धार्थ गुप्ता की.
सतना टाइम्स डॉट इन
देवबंद में किराना की दुकान चलाने वाले राजेश गुप्ता के बेटे सिद्धार्थ गुप्ता (27) ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा में टॉप कर जिले का नाम रोशन किया है. सिद्धार्थ वर्तमान में बिजनौर में नायब तहसीलदार के पद पर तैनात हैं.
सिद्धार्थ गुप्ता ने बताया कि तीन प्रयासों के बाद पहले इंटरव्यू में ही उन्हें सफलता मिल गई. साल 2023 में वह नायब तहसीलदार बने और अब उनकी तैनाती बिजनौर जिले के लेखपाल प्रशिक्षण केंद्र में है. पढ़ाई की बात करें तो सिद्धार्थ ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई देवबंद के दून वैली स्कूल से की है. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से बीएससी ऑनर्स किया. सिद्धार्थ ने अपनी सफलता का क्रेडिट अपने माता-पिता को दिया है.
किराना व्यापारी राजेश गुप्ता के तीन बच्चों में सिद्धार्थ सबसे छोटे हैं. उनकी एक बहन डॉ. नेहा दिल्ली में हृदय रोग विशेषज्ञ हैं जबकि दूसरी बहन हाउस वाइफ हैं. सिद्धार्थ ने कहा कि उनका लक्ष्य देश की सेवा करना है. बताया कि गुरुजनों व माता-पिता के आशीर्वाद से ही वह इस मुकाम पर पहुंचे हैं. यूपीपीएससी के रिजल्ट की घोषणा के बाद परिवार में खुशी की लहर है. सिद्धार्थ किराना एसोसिएशन देवबंद के अध्यक्ष राजेश गुप्ता के इकलौते बेटे हैं.
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे सतना टाइम्स एपको डाऊनलोड कर सकते हैं। यूट्यूब पर सतना टाइम्स के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।
Success Story : नाम मेरा कीर्ति गिरधर है और मैं इंस्टाग्राम पर एक ब्यूटी इन्फ्लुएंसर हूं। मार्च 2023 का महीना मेरे लिए एक अद्वितीय संघर्ष और सफलता का प्रतीक बन गया, जब मुझे ‘मिसेज हरियाणा 2023’ के प्रथम रनर-अप का गर्व हासिल हुआ। मेरा यह सफर बहुत ही रोचक और सीख भरा रहा है।
Image credit by satna times
बड़े सपने देखना हम सबकी ख्वाहिश होती है, लेकिन इन्हें पूरा करने के लिए कठिनाइयों का सामना करना भी अपार साहस और मेहनत की आवश्यकता होती है। मैंने भी अपने सपनों की पुरी करने के लिए अनगिनत मेहनत की है।
इस सफर में मुझे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। कई लोगों ने मुझे सलाह दी कि मैं वीडियो बनाने की बजाय दूसरे कामों पर ध्यान दूं, क्योंकि मैं एक परिवार की बहू और मां हूं। लेकिन मैंने हमेशा अपने काम पर ध्यान केंद्रित किया और सोचा कि कुछ करने की मनमानी से नहीं बल्कि कौशल से मिलती है सफलता।
मेरे परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया है, चाहे वो मेरे पति हों या अन्य परिवार के सदस्य। उनका साथ और समर्थन ही मेरी मजबूती की वजह से बने हुए हैं। उनके साथ मिलकर मुझे जुलाई में ‘क्वीन ऑफ द मंथ’ टाइटल मिला, जो एक ऑनलाइन प्रतियोगिता थी, और उससे मेरे आत्मविश्वास में और भी वृद्धि हुई।
मैंने इंस्टाग्राम पर कई प्रमुख ब्रांड्स के साथ सहयोग किया है, जैसे कि फियामा, पॉन्ड्स, निविया, मैगी चटनी, अंकलचिप्स, मॉम्स कंपनी, सेंट बोटैनिका, माई ग्लैम, बिग बॉस, टाइटन, क्लोविया, गिवा, डेटॉल, और कई ज्वेलरी ब्रांड्स। फरवरी 2023 में मैंने एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के साथ काम किया जिसका मुख्यालय पेरिस में था, जिसने मेरी पेशेवरता को और भी मजबूती दी।मेरे सफर में कई उच्च स्थानों की प्राप्ति हुई है, लेकिन ये सब न सिर्फ मेरी मेहनत बल्कि मेरे सपनों के पीछे खड़े मेरे परिवार के समर्थन का परिणाम है।
सफलता का मतलब है सिर्फ़ यथासंभाव प्रयास करना और अपने सपनों को पूरा करने का संकल्प रखना। किसी की मत सुनने के बजाय, अपने आत्म-विश्वास पर विश्वास करें और आगे बढ़ें। जीवन में जितनी चुनौतियाँ आए, उतनी ही मज़ा और सिख छुपी होती है।खुद को निरंतर प्रोत्साहित करते रहने के लिए आपके परिवार का साथ होना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यदि आपके अंदर कोई सपना है, तो उसे पूरा करने में हिम्मत और मेहनत की आवश्यकता होती है।
अंत में, मैं बस यही कहना चाहती हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए आपको उन आवश्यकताओं का सामना करना होगा जो जीवन आपके रास्ते में डालता है। आपकी उम्र, आपके परिवार की स्थिति या किसी भी दिक्कत से ना हारें, बल्कि उनसे सीखें और मज़बूती प्राप्त करें। सपनों की ओर बढ़ते रहें और सफलता की ऊंचाइयों को छूते रहें।