Mohan bhagwat

  • Mohan Bhagwat : मोहन भागवत की सुरक्षा में सरकार ने की बढ़ोत्तरी

    Mohan Bhagwat : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत की सुरक्षा में बढ़ोतरी कर दी गई है. आरएसएस प्रमुख को अब सरकार की तरफ से एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) स्तर की सुरक्षा मिलेगा. बता दे मोहन भागवत को अभी तक z प्लस सुरक्षा दी गई थी जिसे अब (ASL) पर अपग्रेड कर दिया हैं. यह सुरक्षा प्रधानमंत्री और ग्रह मंत्र मंत्री के स्तर की सुरक्षा मानी जाती है.

    Mohan Bhagwat : मोहन भागवत की सुरक्षा में सरकार ने की बढ़ोत्तरी

    मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने उनकी यह सुरक्षा आईबी के थ्रेट अलर्ट के कारण बढ़ाई है. अब उनकी इस नई सुरक्षा व्यवस्था के तहत मोहन भागवत अब जहां भी जाएंगे उनसे पहले ही CISF की टीम उनकी सुरक्षा में वहां मौजूद होगी. वर्तमान मे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ क्लाकवाइज तरीके से 50 कमांडो रहते हैं.

  • Ramlala Praan Pratishtha : 22 जनवरी को यूपी समेत इस राज्य में छुट्टी, RSS प्रमुख भागवत को मिला निमंत्रण

    नई दिल्ली. 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर (Ram mandir) में होने वाले भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Praan Pratishtha) समारोह के लिए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा और विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने आज दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को निमंत्रित किया. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की सरकार ने 22 जनवरी को सभी स्कूलों-कॉलेजों में छुट्टी घोषित करने का फैसला किया है. सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि श्री अयोध्या धाम में श्रीरामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपूर्ण राष्ट्र के लिए ‘राष्ट्रीय उत्सव’ है. शताब्दियों की प्रतीक्षा के पश्चात यह शुभ बेला आई है. इस उपलक्ष्य में सभी सरकारी भवनों को दिव्य स्वरूप में सजाया जाए.

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    इस शुभ अवसर पर आगामी 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित करने के निर्देश दिए गए हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को गोवा सरकार ने भी सरकारी छुट्टी का ऐलान किया. 22 जनवरी को गोवा में सभी सरकारी दफ्तरों में छुट्टी रहेगी. वहीं श्री राम जन्मभूमि मंदिर में स्थापित होने वाला 2100 किलोग्राम का अष्टधातु से बना घण्टा ट्रस्ट को सौंप दिया गया. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि सभी तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं.

    वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा अस्वीकार किए जाने की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह उनकी भगवान राम के प्रति आस्था की कमी को दिखाता है. पटना में भाजपा के राज्य मुख्यालय में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के संचार नेटवर्क को मजबूत करने के लिए आयोजित एक मीडिया कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए ईरानी ने यह टिप्पणी की.

    ईरानी ने कहा कि मुझे बताया गया है कि सोनिया गांधी ने 22 जनवरी के समारोह का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है. हम उनसे इससे कुछ अलग की क्या उम्मीद कर सकते हैं. उनकी राम में आस्था नहीं है ये उन्होंने प्रमाणित किया. स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘हम भाग्यशाली हैं कि हमारे पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में एक ऐसा नेता है जो लोकतंत्र के मंदिर और राम के मंदिर के लिए समान रूप से समर्पित है.’

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  • RSS News: आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत बोले- संघ किसी का प्रतिस्पर्धी नहीं, धर्म व राष्ट्र उत्थान में कार्यरत संगठन

    भोपाल, जेएनएन। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने रविवार को मध्य प्रदेश के भोपाल में संघ के सहयोगी संगठन प्रज्ञा प्रवाह द्वारा आयोजित अखिल भारतीय चिंतन बैठक के समापन सत्र को संबोधित किया। इस मौके पर मोहन भागवत ने कहा कि संघ किसी का प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि धर्म व राष्ट्र उत्थान के लिए कार्यरत विभिन्न संगठनों, संस्था और व्यक्तियों का सहयोगी है। मोहन भागवत ने आह्वान किया कि सभी लोग सुनियोजित रूप से परस्पर सहयोग करते हुए श्रेष्ठ मानवता का निर्माण करें। भागवत ने कहा कि हम एकांत में साधना और लोकांत में सेवा करते रहें। धर्म की रक्षा धर्म के आचरण से होती है। हमारे गुण और धर्म ही हमारी संपदा और हमारे अस्त्र-शस्त्र हैं। सत्य, करुणा, शुचिता और परिश्रम सभी भारतीय धर्मों के मूलभूत गुण हैं।

    हिंदुत्व के विभिन्न आयामों तथा उसके वर्तमान परिदृश्य पर मंथन

    सांस्कृतिक विषयों पर मंथन के क्रम में प्रज्ञा प्रवाह समय-समय पर ऐसी बैठकें आयोजित करता है। भोपाल में दो दिन चली इस बैठक में संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक जे. नंद कुमार सहित अनेक बौद्धिक व वैचारिक संगठनों व संस्थाओं के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हुए। देशभर से आए चिंतक, विचारक, लेखक, इतिहासकार, विभिन्न विश्वविद्यालयों के

    राजनैतिक राष्ट्र रचना का मानवीकरण होना है तो हिंदूकरण आवश्यक

    हिंदुत्व व राजनीति पर चर्चा करते हुए एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष महेशचंद्र शर्मा ने कहा कि हमारा राष्ट्रवाद भौगोलिक न होकर भू-सांस्कृतिक है। विश्व की राजनैतिक राष्ट्र रचना का मानवीकरण होना है तो इसका हिंदूकरण होना आवश्यक है। शर्मा ने कहा कि संविधान का बहिष्कार नहीं, पुरस्कार भी नहीं बल्कि परिष्कार होना चाहिए। लोकतंत्र का भारतीयकरण करते हुए हमें धर्मराज्य स्थापित करने की दिशा में प्रयत्न करना चाहिए।

    कुलपति, अर्थशास्त्री व अकादमिक जगत के कई बुद्धिजीवी व शिक्षाविदों ने हिंदुत्व के विभिन्न आयामों तथा उसके वर्तमान परिदृश्य पर मंथन किया।

    हिंदुत्व जीवन शैली नहीं बल्कि जीवन दर्शन

    हिंदुत्व के वैश्विक पुनर्जागरण पर विचारक राम माधव ने कहा कि हिंदुत्व जीवन शैली नहीं बल्कि जीवन दृष्टि है, जीवन दर्शन है। उन्होंने बताया कि कैसे सनातन धर्म संपूर्ण विश्व में पहुंचा और उसकी वर्तमान स्थिति क्या है। आज कैसे विभिन्न आध्यात्मिक संगठनों के माध्यम से हिंदू धर्म विभिन्न देशों में पहुंच रहा है और उसका आकर्षण दिनों दिन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा वर्तमान वैश्विक समस्याओं का समग्र समाधान हिंदू धर्म ही देता है।

  • RSS के प्रमुख डा. मोहन भागवत ने वाराणसी में प्रचारकों संग की बैठक के बाद देखी गंगा आरती, बाबा का किया दर्शन

    वाराणसी : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डा. मोहन भागवत ने कहा कि हमारी पहचान ही सेवा है। अतः हम इस तरह का प्रकार कार्य-व्यवहार करें की सभी का दिल जीत सकें। कोई स्वयं सेवक हों या प्रचारक या कुछ और सभी से ऐसी ही अपेक्षा है। इस पर हम जितना ही ध्यान देंगे उतना ही लोगों तक पहुंच सकेंगे।

    संघ प्रमुख अपने चार दिवसीय काशी प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार को प्रवास स्थल विश्व संवाद केंद्र में काशी प्रांत के प्रचारकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष की तरफ अग्रसर है। इस दौरान हमने बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं। संघ कार्यकर्ता में जितना ही शील, संयम होगा उतना ही वह लोगों को अपने से जोड़ सकेगा। बदलते परिवेश में शाखा विस्तार पर जोर देने की जरूरत है। इसे लोगों को बताने की जरूरत है। संघ प्रमुख शुक्रवार व शनिवार को इन्हीं मुद्दों पर काशी प्रांत और देश भर से आए प्रचार प्रमुखों से विशेष चर्चा करेंगे। इस दौरान संघ प्रचारक, बौद्धिक शिक्षण प्रमुख, प्रांत संपर्क प्रमुख, प्रांत व्यवस्थापक, प्रांत सेवा प्रमुख आदि के मौजूद रहे। इसके पूर्व संघ प्रमुख ने प्रवास स्थल पर ही शाखा में शामिल हुए। वह बुधवार को गोरखपुर से गाजीपुर के जखनिया स्थित हथियाराम मठ होते काशी आए थे।

    रो पैक्स से देखी गंगा आरती, बाबा का किया दर्शन

    संघ प्रमुख शाम छह बजे संत रविदास घाट पहुंचे। रो पैक्स (जलयान) पर सवार हुए और राजघाट तक गंगा के घाटों की छटा निहारी। शाम सात बजे दशाश्वमेध घाट पहुंचे। गंगा की धारा में रो पैक्स से ही आरती देखी। ललिताघाट आए और गंगा द्वार होते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश किया। परिसर की नव्य दिव्य छटा देखते हुए गर्भगृह पहुंचे और दर्शन-पूजन किया। इस दौरान पुलिस ने ललिताघाट को खाली करा दिया

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