RSS के प्रमुख डा. मोहन भागवत ने वाराणसी में प्रचारकों संग की बैठक के बाद देखी गंगा आरती, बाबा का किया दर्शन

वाराणसी : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख डा. मोहन भागवत ने कहा कि हमारी पहचान ही सेवा है। अतः हम इस तरह का प्रकार कार्य-व्यवहार करें की सभी का दिल जीत सकें। कोई स्वयं सेवक हों या प्रचारक या कुछ और सभी से ऐसी ही अपेक्षा है। इस पर हम जितना ही ध्यान देंगे उतना ही लोगों तक पहुंच सकेंगे।

संघ प्रमुख अपने चार दिवसीय काशी प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार को प्रवास स्थल विश्व संवाद केंद्र में काशी प्रांत के प्रचारकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष की तरफ अग्रसर है। इस दौरान हमने बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं। संघ कार्यकर्ता में जितना ही शील, संयम होगा उतना ही वह लोगों को अपने से जोड़ सकेगा। बदलते परिवेश में शाखा विस्तार पर जोर देने की जरूरत है। इसे लोगों को बताने की जरूरत है। संघ प्रमुख शुक्रवार व शनिवार को इन्हीं मुद्दों पर काशी प्रांत और देश भर से आए प्रचार प्रमुखों से विशेष चर्चा करेंगे। इस दौरान संघ प्रचारक, बौद्धिक शिक्षण प्रमुख, प्रांत संपर्क प्रमुख, प्रांत व्यवस्थापक, प्रांत सेवा प्रमुख आदि के मौजूद रहे। इसके पूर्व संघ प्रमुख ने प्रवास स्थल पर ही शाखा में शामिल हुए। वह बुधवार को गोरखपुर से गाजीपुर के जखनिया स्थित हथियाराम मठ होते काशी आए थे।

रो पैक्स से देखी गंगा आरती, बाबा का किया दर्शन
संघ प्रमुख शाम छह बजे संत रविदास घाट पहुंचे। रो पैक्स (जलयान) पर सवार हुए और राजघाट तक गंगा के घाटों की छटा निहारी। शाम सात बजे दशाश्वमेध घाट पहुंचे। गंगा की धारा में रो पैक्स से ही आरती देखी। ललिताघाट आए और गंगा द्वार होते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश किया। परिसर की नव्य दिव्य छटा देखते हुए गर्भगृह पहुंचे और दर्शन-पूजन किया। इस दौरान पुलिस ने ललिताघाट को खाली करा दिया