लोकसभा चुनाव-2024 (Loksabha Elections-2024) में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका (Big setback to BJP in Uttar Pradesh) लगा है. कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. इसी कड़ी में स्मृति ईरानी (Smriti Irani) का भी नाम है. वो अमेठी से पार्टी की प्रत्याशी थीं. कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा (Congress candidate Kishori Lal Sharma) ने हराया है. इस जीत को शर्मा ने गांधी परिवार और अमेठी की जनता की जीत करार दिया है. वहीं, हार का सामना करने के बाद स्मृति ईरानी का भी बयान आया है.
स्मृति ईरानी ने कहा, मुझे लगता है कि आज जनता का आभार व्यक्त करने का दिन है, जो जीते उन्हें बधाई देने का दिन है. संगठन का स्वभाव विश्लेषण करने का है और संगठन विश्लेषण करेगा. एक जनप्रतिनिधि के नाते यह मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने हर गांव में जाकर काम किया. हार या जीत के बावजूद मैं लोगों से जुड़ी और यह मेरे जीवन का बहुत बड़ा सौभाग्य है. उधर, किशोरी लाल शर्मा की जीत पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने कहा है, किशोरी भैया, मुझे कभी कोई शक नहीं था, मुझे शुरू से यकीन था कि आप जीतोगे. आपको और अमेठी के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई.
लोकसभा चुनाव नतीजों पर प्रियंका गांधी ने कहा, मैं बहुत खुश हूं. मैं उत्तर प्रदेश की जनता को कहना चाहूंगी कि उन्होंने बहुत विवेक दिखाया और मुझे सबसे ज्यादा गर्व अपने उत्तर प्रदेश पर है. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, मैं दोनों सीटों पर जीता हूं. वायनाड और रायबरेली के मतदाताओं को दिल से धन्यवाद देता हूं. थोड़ा समय लूंगा और तय करूंगा कि कौन सी सीट पर रहूंगा. अभी निर्णय नहीं लिया है. हिंदुस्तान के सबसे गरीब लोगों ने संविधानबचाने का काम किया है.
MP News :भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान स्थानीय स्तर पर खोले जाने वाले अस्थाई कार्यालय में केवल एक झंडा और 4 गुना 8 फीट के आकार का एक बैनर ही लगा सकेगा। अभ्यर्थियों को ऐसे अस्थाई कार्यालय खोलने के पहले विधिवत अनुमति भी प्राप्त करनी होगी।
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निर्वाचन आयोग के मुताबिक अभ्यर्थियों को अस्थाई कार्यालय की अनुमति इस आधार पर दी जा सकेगी की ऐसा कार्यालय सार्वजनिक या निजी सम्पत्ति पर अतिक्रमण कर नहीं खोला जायेगा। अस्थाई कार्यालय किसी भी धार्मिक स्थान या धार्मिक स्थल के परिसर तथा शैक्षणिक संस्थान और अस्पतालों में भी नहीं खोला जा सकेगा।
उम्मीदवार अपना अस्थाई कार्यालय मौजूदा मतदान केन्द्रों से 200 मीटर के दायरे में भी नहीं खोल सकेंगे। निर्वाचन आयोग के मुताबिक अस्थाई कार्यालय में लगाये जाने वाले झण्डे और बैनर में अभ्यर्थी केवल पार्टी का प्रतीक अथवा फोटोग्राफ ही लगा सकेगा।
मध्यप्रदेश के दो दिग्गज कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अपने-अपने क्षेत्रों में उलझे हैं। तीसरे अजय सिंह राहुल चुनाव तो नहीं लड़ रहे पर उनकी पेशानी में गहरी उलझन साफ देख सकते हैं।
विन्ध्य में कांग्रेस के खानदानी घरानों में सिर्फ वही एकमात्र चश्मो-चिराग बचे हैं। अबतक चुरहट के अलावा सभी कांग्रेसी घराने ध्वस्त हो चुके हैं और सबके कुलदीपक अब भाजपाई हैं।
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अजय सिंह राहुल की उलझन का सबब सीधी और सतना के लोकसभा उम्मीदवार तो हैं ही कांग्रेस के बूढ़े दरख़्त में मची पतझड़ भी है, जो हरे भरे विन्ध्य की राजनीति को बियाबान में बदल रही है।
लगभग तीन चौथाई छोटे, मझोले, बड़े नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस से नाता तोड़ चुके हैं और यह सिलसिला अभी थमा नहीं..।
कांग्रेस से टूटकर भाजपा के पाले में गिरने वाले ज्यादातर वे हैं जिन्हें अजय सिंह राहुल का समर्थक माना जाता है। अजय सिंह चुप हैं, वे इस मसले पर ज्यादा खुलकर बोल भी नहीं रहे।
सबसे बड़ा दलबदल सतना में हुआ जिसे ‘राहुल भैया’ का सबसे प्रभावी क्षेत्र माना जाता रहा है। लोकसभा के 2009 के कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर सिंह तोमर और प्रवक्ता अतुल सिंह समेत सैकड़ों तो गए ही अजय सिंह राहुल के लेफ्टिनेंट समझे जाने वाले नागौद के पूर्व विधायक यादवेन्द्र सिंह ने सपरिवार और समर्थकों की भीड़ के साथ भाजपा की सदस्यता स्वीकार की।
ये वही यादवेन्द्र सिंह हैं जिन्हें 2023 के चुनाव में टिकट वितरण के समय चैनलों पर आपने रोते हुए देखा होगा।
दबंग छवि के यादवेन्द्र 2014 के विधानसभा चुनाव में ‘बाघ की मांद’ से नागौद की सीट छीन कर लाए थे। हां बाघ की मांद, यह नागौद के राजसी खानदान की सीट है नागौद के बिटलू महाराज नागेन्द्र सिंह जैसे कद्दावर का वर्चस्व है।
तब यादवेन्द्र ने सिर्फ एक ही सवाल किया था – टिकट काट दी, मेरा गुनाह क्या था? टिकट में अजय सिंह राहुल का जोर नहीं चला। यहां सोनकच्छ के नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कमलनाथ से कहकर डा.रश्मिपटेल को टिकट दिलवा दी थी।
यादवेन्द्र सिंह बसपा से चुनाव लड़ें और रश्मि को जीतने नहीं दिया। वे अब खुले मन से भाजपा में हैं।
अजय सिंह राहुल भले ही मीडिया में दिग्गज दिख रहे हों, पर वास्तव में उनसे ज्यादा बेबस और लाचार कोई नहीं ।
कांग्रेस से भाजपा गए एक नेता से मैंने पूछा- क्या राहुल भैय्या ने नहीं रोका? उसने प्रतिप्रश्न किया कि डंके की चोट पर राहुल भैय्या को गाली देने वाले, कार्यक्रमों में अपमानित करने वाले सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू को कांग्रेस की लोकसभा टिकट देते वक्त क्या कांग्रेस नेतृत्व ने राहुल भैय्या से पूछा था?
इन दिनों कांग्रेस की राजनीति यहां सतना में सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू से शुरू होकर वहीं खत्म होती है। विधानसभा की टिकट डब्बू को, मेयर की टिकट डब्बू को और अब लोकसभा की टिकट भी डब्बू को। कांग्रेस में पिछले पांच साल से सिर्फ डब्बू का डब्बा बज रहा है।
ये सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू और कोई नहीं परिस्थितिवश उत्पन्न हुए उन्हीं सुखलाल कुशवाहा के बेटे हैं जिन्होंने सतना से कांग्रेस की संभावनाओं पर ताला जड़ दिया था, वे बसपा के नेता थे।
इतिहास को पलटें तो सुखलाल कुशवाहा का चेहरा 1996 के लोकसभा की सतना समर भूमि में एक गेम चेंजर की तरह उभरता है। इस चुनाव में अर्जुन सिंह तिवारी कांग्रेस से, तोषण सिंह कांग्रेस से और वीरेंद्र कुमार सखलेचा भाजपा से मैदान पर थे।
सुखलाल कुशवाहा ने दो दिग्गज पूर्व मुख्यमंत्रियों को हराकर देशभर में सुर्खियां बटोरीं।
1991 में अर्जुन सिंह की यहां से लोकसभा सदस्य बने इसके बाद से कांग्रेस का खाता नहीं खुला।
कभी सतना सीट अर्जुन सिंह के लिए ऐसी थी कि यहां से उन्होंने यहां के लिए अनजान भोपाली अजीज कुरैशी को लड़ाया जो नामांकन भरने और जीत का सर्टीफिकेट लेने आए थे।
रीवा की एक चुनावी जनसभा में कभी अर्जुन सिंह ने कहा था- रीवा मेरा प्रिय है और यहां से लड़ने की साध भी रही पर यहां अन्नदाता (महाराज मार्तण्ड सिंह) हैं, तिवारी जी भी(श्रीनिवास तिवारी)यहीं से राजनीति करते सो इसलिए संसदीय राजनीति के लिए मैंने सतना चुना।
अर्जुन सिंह ने रीवा और सीधी के मुकाबले सतना को ज्यादा वरीयता दी और समर्पित कार्यकर्ताओं का कुनबा खड़ा किया। 2014 के लोकसभा चुनाव में अगर मैहर के कांग्रेस विधायक नारायण त्रिपाठी रातोंरात पलटी न मारते तो अजय सिंह राहुल यहां से सांसद होते। मोदी लहर में भी वो बमुश्किल 10 हजार वोट से हारे।
अजय सिंह राहुल की उलझन अब यह कि सतना के उनके ज्यादातर कार्यकर्ता भाजपा में जा मिले हैं। सिद्धार्थ कुशवाहा राहुल को अपना नेता मानते नहीं, तो ऐसे में करें तो करें क्या?
और पिछले लोकसभा का स्मरण करें तो राहुल समर्थकों ने कांग्रेसी सिद्धार्थ कुशवाहा पर पार्टी के खिलाफ गणेश सिंह को मदद देने का आरोप लगाया था, मैदान पर अजय सिंह समर्थक राजाराम त्रिपाठी मैदान पर थे।
विन्ध्य के दिग्गज अजय सिंह राहुल की सीधी लोकसभा को लेकर उलझन और भी पेचीदा है। सीधी उनका गृह जिला है जहां से वे एक मात्र विधायक हैं।
सीडब्ल्यूसी सदस्य और कमलनाथ सरकार के सबसे प्रभावी मंत्रियों में शुमार रहे कमलेश्वर पटेल यहां से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
सीधी में चुरहट का सिक्का 70 के दशक से ही रहा। 72 के चुनाव में उनके ताऊ रणबहादुर सिंह निर्दलीय चुनकर लोकसभा पहुंचे। बीच की कुछ जीत-हार छोड़ दें तो अर्जुन सिंह के अनुयाई मोतीलाल सिंह, माणिक सिंह जैसे नेता यहां से चुनकर जाते रहे हैं।
कमाल तो 1996 में हुआ जब तिलकराज सिंह तिवारी कांग्रेस से जीत कर देशभर में सनसनी फैला दी जबकि उनके नेता अर्जुन सिंह यही चुनाव सतना से गंवा चुके थे।
चुरहट विधानसभा चुनाव हारने के बाद 2019 में अजय सिंह राहुल यहां से लोकसभा उम्मीदवार बने। उल्लेखनीय यह कि यहां से वे 2 लाख से ज्यादा मतों हारे। सतना लोकसभा 2014, चुरहट विधानसभा 2018, सीधी लोकसभा 2019 हार की हैट्रिक के बाद अजय सिंह राहुल के पांच साल पार्टी के भीतर सिर्फ़ उपेक्षा और अपमान के रहे।
कमलनाथ ने राहुल के समानांतर सीधी से कमलेश्वर पटेल और सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा को न सिर्फ बढ़ाना शुरू किया अपितु समय-कुसमय अजय सिंह राहुल को ठिकाने लगाने की कोशिश भी की।
स्मरण के लिए कमलनाथ का वो चर्चित बयान- विन्ध्य ने बंटाधार न किया होता तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार कभी न गिरती। यह संकेत अजय सिंह राहुल के लिए था, राहुल इससे आहत भी हुए।
अब इस लोकसभा चुनाव में कमलनाथ के दोनों पट्ठे कमलेश्वर व डब्बू जीतते हैं तो यह विन्ध्य की राजनीति का अब तक का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट होगा।
और फिर कांग्रेस के आखिरी घराने चोरहट और उसके चश्मो-चिराग का क्या होगा जब यह अनुमान ठेले पर गुटखा फांकने वाला वोटर बयान कर सकता है तो अजय सिंह राहुल और उनके समर्थकों को राजनीति के समुंदर में तैरने का अनुभव है।
और अंत में
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बघेली में कहनूत है- ‘सत्तर पूत बहत्तर नाती, ओके घर मां दिया न बाती’। ये वही विन्ध्य है जो कांग्रेस की हर विपरीत परिस्थिति पर सीना तानकर खड़ा रहता था और आज हाल यह। कभी भाजपा को उम्मीदवार हेरे नहीं मिलते थे। अब स्थितियां उलट है.. रात को सोया कांग्रेसी कल सुबह भाजपा का भगवा दुपट्टा पहनकर निकल पड़े, कौन जान सकता है..चिरहुला वाले पंड्डिज्जी भी नहीं।
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सतना।।कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा ने स्थानीय बघेली भाषा में मतदाताओं के नाम लिखी पाती
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प्रिय मतदाता,
जइसन की अपना पंचें जानित हयन कि देश मा लोकसभा का चुनाव होय रहा है। अपने सतना संसदीय क्षेत्र मा मतदान 26 अप्रैल 2024 का होय वाला है। या चुनाव मा अपना पंचन का वोट डारब बहुतय जरूरी है। आपन अपने वोट से अपने समाज, गांव, देश का भला कई सकित है। अपना पंचें जानित हयन कि सतना पहिले एकय जिला रहा है अब येहिन मा मैहर दूसर जिला बन गा है ता अब सतना संसदीय क्षेत्र मा दुई जिला होइगें । अपना पंचें दोउ जिला के मतदाता अउर जउन अपना के परिवार वाले दूसरे जगह में हैं उनहूँ पंचन का बुलवाय के लोकतंत्र के उत्सव मतदान मा बढ़ चढ़ के भाग लेंयका है जइसे हम पचे दशरहा, देवारी, होरी, राखी यासब त्यौहार बड़ी खुशी के साथ मनाइत है वहै मेर से हमहीं पचेन का 26 अप्रैल का आपन आपन वोट डारके या लोकतंत्र के महापर्व का बड़े धूमधाम से मनामय का है।
अपना पचेन से या अउर कहें का रहा कि सब त्यौहार साल मा एक बार आवत है पय या लोकतंत्र का त्यौहार 5 साल मा आवत है ता एही हमही अउर त्यौहारन के अपेक्षा ज्यादा धूमधाम से मनावय चाही। एहींन से अपने देश का चुनाव करामय वाला आयोग जेही चुनाव आयोग कहत है, उई कहिन हय कि” लोकतंत्र का पर्व, देश का गर्व” या पर्व का मनाय के देश का गर्व बढ़ामय का है।
जइसन कि सबय कोउ जानित हयन कि खुशहाल समाज अउर अपने देश का खुशहाल रखै खातिर एक मजबूत लोकतंत्र की बड़ी आवश्यकता होत है, ऐखे लाने हमही सबका आपन आपन वोट जरूर डारे चाही।
एक बार फेर से अपना पचेन से गोहार हय कि अपना पचें लोकसभा क्षेत्र सतना के मतदान दिनांक 26 अप्रैल 2024 का आपन-आपन बहुमूल्य वोट जरूर डारके अपने लोकतंत्र का मजबूत बनाई ।
Satna News ,सतना,मध्यप्रदेश।। लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिये भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार दूसरे चरण में संपन्न होने वाले संसदीय क्षेत्र सतना के लिये निर्वाचन की अधिसूचना गुरुवार 28 मार्च को जारी हुई। अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। नाम-निर्देशन दाखिल करने के पहले दिन कोई नामांकन पत्र दाखिल नहीं हुआ।
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लोकसभा निर्वाचन 2024 में नाम निर्देशन पत्र कलेक्ट्रेट परिसर के कलेक्टर न्यायालय कक्ष क्रमांक एफ-2 में रिटर्निंग ऑफिसर लोकसभा अनुराग वर्मा के समक्ष प्रातः 11 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक प्रस्तुत किए जा सकेंगे।कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नाम निर्देशन पत्र 4 अप्रैल तक सार्वजनिक अवकाश के दिन 29 मार्च, 31 मार्च और 1 अप्रैल को छोड़कर प्रस्तुत किए जा सकते हैं। नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 5 अप्रैल को की जाएगी।
जबकि नाम निर्देशन पत्रों की वापसी 8 अप्रैल को अपरान्ह 3 बजे तक हो सकेगी। इसी दिन अपराह्न 3 बजे के उपरांत शेष बचे अभ्यर्थियों को प्रतीक चिन्हों का आवंटन कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मतदान 26 अप्रैल को होगा तथा मतगणना 4 जून को संपन्न होगी।जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक अभ्यर्थी से निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर नाम निर्देशन पत्र तथा दस्तावेज प्राप्त किए जाएंगे। नाम निर्देशन पत्र प्रारूप-2 ख तथा प्रारूप-26 में शपथ पत्र देना आवश्यक होगा। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी के नाम निर्देशन पत्र जमा करने के दौरान अधिकतम तीन वाहनों को कार्यालय के 100 मीटर की परिधि के भीतर आने की अनुमति होगी। नामांकन के समय कलेक्टर न्यायालय में रिटर्निंग ऑफिसर के कक्ष में अभ्यर्थी सहित अधिकतम पांच व्यक्ति को प्रवेश करने की अनुमति है।
कलेक्टर ने बताया कि प्रवेश द्वार पर प्रवेश के वास्तविक समय को रिकॉर्ड करने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। नाम निर्देशन के समय जनसमूह एवं वाहनों की संख्या पर नियंत्रण और कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इसके साथ ही कार्यालय परिसर के प्रवेश द्वारों में सुरक्षा बलों की भी तैनाती सुनिश्चित की गई है।
Kangana Ranaut News: बॉलीवुड अभिनेत्रीऔर हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कंगना रनौत के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करना कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत को महंगा पड़ा है. विवादित पोस्ट पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है और सुप्रिया श्रीनेत को नोटिस जारी किया है. आयोग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. यही नहीं आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ टिप्पणी के लिए भाजपा सांसद दिलीप घोष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
Kangana Ranaut News: निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ दिलीप घोष की टिप्पणी, कंगना रनौत के खिलाफ सुप्रिया श्रीनेत की टिप्पणी को ‘अशोभनीय और गलत’ बताया.
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को हिमाचल प्रदेश के मंडी सीट से अपना उम्मीदवार बनाया, तो सुप्रिया श्रीनेत ने अपने सोशल मीडिया अकांउट से कंगना की तस्वीर शेयर करते हुए बेहद विवादित पोस्ट डाला. उन्होंने लिखा, ‘मंडी में इस समय क्या भाव चल रहा कोई बताएगा’. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद श्रीनेत ने अपने पोस्ट को हटा लिया और सफाई देते हुए कहा कि उनके अकांउट को किसी हैक कर लिया था. श्रीनेत ने पूरे प्रकरण पर सफाई देते हुए कहा है कि उनके फेसबुक और इंस्टाग्राम खातों तक कई लोगों की पहुंच है और उनमें से किसी ने बेहद अनुचित पोस्ट की. उन्होंने कहा, जैसे ही मुझे पता चला मैंने वह पोस्ट हटा दी. जो लोग मुझे जानते हैं, वे यह भी अच्छी तरह जानते हैं कि मैं कभी भी किसी महिला के प्रति व्यक्तिगत और अशोभनीय टिप्पणी नहीं कर सकती. मैं जानना चाहती हूं कि यह कैसे हुआ.
Election Commission of India issues show cause notices to BJP MP Dilip Ghosh and Congress leader Supriya Shrinate for their remarks against West Bengal CM Mamata Banerjee and BJP's Lok Sabha candidate Kangana Ranaut respectively. pic.twitter.com/451FoJUP8I
कंगना रनौत ने कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत पर पलटवार करते हुए सोशल मीडिया में पोस्ट किया और करारा जवाब दिया, उन्होंने लिखा था, प्रिय सुप्रिया जी, एक कलाकार के रूप में अपने करियर के पिछले 20 वर्षों में मैंने हर तरह की महिला की भूमिका निभाई है. ‘रानी’ में एक भोली लड़की से लेकर ‘धाकड़’ में एक आकर्षक जासूस तक, ‘मणिकर्णिका’ में एक देवी से लेकर ‘चंद्रमुखी’ में एक राक्षसी तक. ‘थलाइवी’ में एक क्रांतिकारी नेता तो ‘रज्जो’ में वेश्या का किरदार.
श्रीनेत पर बीजेपी ने बोला हमला, तो सफाई में उतरी कांग्रेस
कंगना के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट पर जहां बीजेपी ने सुप्रिया श्रीनेत पर जोरदार हमला बोला और कार्रवाई की मांग की, तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी सफाई देने में उतर गई. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने अपनी सहकर्मी का बचाव करते हुए कहा, कोई भी व्यक्ति जो मेरी सहकर्मी सुप्रिया श्रीनेत से परिचित होगा, वह इस तथ्य से अवगत होगा कि श्रीनेत इस तरह की आपत्तिजआपत्तिजनक नक भाषा का कभी भी इस्तेमाल नहीं कर सकती हैं. कांग्रेस के श्रीनिवास बीवी ने कहा कि रनौत के खिलाफ श्रीनेत के अकाउंट से की गई टिप्पणियां पूरी तरह से अपमानजक हैं. इधर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और चंडीगढ़ से भाजपा सांसद किरण खेर ने भी उक्त टिप्पणियों की निंदा की. स्मृति ईरानी एक पूर्व टेलीविजन कलाकार हैं, जबकि खेर हिंदी फिल्मों में काम कर चुकी हैं. अन्य लोगों ने भी रनौत का समर्थन किया.
Satna News :मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी म.प्र. भोपाल के निर्देशानुसार आगामी लोकसभा चुनावों में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया की पेड न्यूज पर नजर बनाए रखने जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा ने जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है।
सतना टाइम्स डॉट इन
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा कमेटी के अध्यक्ष होंगे। जबकि समिति के सदस्यों में जिला पंचायत सीईओ डॉ. परीक्षित झाड़े, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रघुराजनगर (शहरी) नीरज खरे, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी परमीत कौर, जिला प्रबंधक ई-गर्वनेंस योगेश तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार संजय पयासी एवं पीआरओ नगर निगम नारायण चतुर्वेदी एमसीएमसी के सदस्य बनाए गए हैं। जबकि जिला जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह, को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है। गठित कमेटी भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार कार्य निष्पादित करेगी।
Loksabha Election 2024 :भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों शुरू कर दी है। ऐसे में आज शनिवार को भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष JP Nadda ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए निम्नलिखित राज्यों में प्रदेश चुनाव प्रभारी एवं सह-चुनाव प्रभारी की नियुक्ति की है। जिसमें महेंद्र सिंह को मध्य प्रदेश का लोकसभा चुनाव प्रभारी और सतीश उपाध्याय को सह प्रभारी नियुक्त किया है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए निम्नलिखित राज्यों में प्रदेश चुनाव प्रभारी एवं सह-चुनाव प्रभारी की नियुक्ति की है। pic.twitter.com/1hpPH4cNsa
MP News: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है, इस बीच आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने सोशल मीडिया विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की सोशल मीडिया की कार्यप्रणाली, संगठनात्मक भूमिका और लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया की भूमिका पर चर्चा की गई।
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जीतू पटवारी ने ट्वीट कर कहा
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने ट्वीट कर कहा कि, आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के साथियों से संवाद कर आगामी कार्ययोजना हेतु चर्चा की। बैठक में मुख्य रूप से प्रदेश प्रभारी संदीप गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष श्री अभय तिवारी जी सहित सभी पदाधिकारी उपस्थित थे।
आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के साथियों से संवाद कर आगामी कार्ययोजना हेतु चर्चा की।
बैठक में मुख्य रूप से प्रदेश प्रभारी श्री संदीप गुप्ता जी, प्रदेश अध्यक्ष श्री अभय तिवारी जी सहित सभी पदाधिकारी उपस्थित थे। pic.twitter.com/EOBnV17Oyw
वहीं कल सोमवार को स्टेट इलेक्शन और पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक होगी। कल कांग्रेस की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शामिल होंगे। इससे पहले कल कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) की अध्यक्षता में पराजित प्रत्याशियों की बैठक हुई थी, प्रदेश कार्यालय में बुलाई गई बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपना संबोधन दिया।
वही हारे हुए प्रत्याशियों ने अपनी हार के कारण बताएं थे। वही बैठक में जीतू पटवारी ने कहा था कि, आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए लगातार तीन दिन तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार मंथन होगा। इसी क्रम में पार्टी प्रत्याशियों की बैठक, पार्टी के अन्य घटकों की और सोमवार को लोकसभा प्रभारियों की बैठक रखी गई है। उन्होंने कहा कि पार्टी लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की कोशिश करेगी।
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लोकसभा चुनाव 2024 के करीब आते ही देश में चुनावी गतिविधियां तेज होने लगी हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे ही विपक्षी दलों के इंडिया अलायंस के बीच कई राज्यों में सीट शेयरिंग का मुद्दा जटिल होता जा रहा है। इसी बीच खबर आई है कि इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने गठबंधन के सहयोगी दलों के सामने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, झारखंड, बिहार और बंगाल में पसंदीदा लोकसभा सीटें की मांग की है। साथ में कांग्रेस ने दिल्ली और महाराष्ट्र में अपने लिए सीटों का नंबर भी बताया है।
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यूपी की इतने सीटों की मांग
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन में अपने सहयोगी दलों से 11 सीटें मांगी हैं। इन 11 सीटों का नाम भी तय हो गया है जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की परंपरागत सीट रायबरेली और अमेठी के अलावा झांसी, फैजाबाद, लखीमपुर, सहारनपुर, महाराजगंज, धरुहरा, वाराणसी, प्रतापगढ़ और लखनऊ है। बता दें कि वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सांसद हैं।
ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले साफ कर दिया था की उनकी पार्टी बंगाल में वामपंथी पार्टी और कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। जिसके बाद कांग्रेस के नेता नाराज हो गए थे। इसी बीच कांग्रेस ने राज्य की 6 लोकसभा सीटों पर दावा ठोका है। इन सीटों के नाम मालदा- उत्तर, मालदा-दक्षिण, बेहरामपुर, जंगीपुर, रायगंज और बशीरहाट।
इंडिया अलायंस में शामिल अपने सहयोगी दलों से कांग्रेस ने झारखंड की हजारीबाग, रांची, धनबाद, खूंटी, जमशेदपुर, चतारा, पलामू, सिंहभूम और लोहदरगा सीटें मांगी है। लेकिन लालू यादव की पार्टी राजद ने चतरा और पलामू सीट पर अपना दावा ठोका है। बात बिहार की करें तो कांग्रेस यहां की 40 में से 9 सीटों पर दावा ठोक रही है वहीं, राजधानी की 4 सीटों पर भी कांग्रेस ने दावा ठोका है।
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