Ias success story

  • Ias Success Story :एक्टर का बेटा फिल्मी ग्लैमर छोड़ बना IAS ऑफिसर, हासिल की ऑल इंडिया 75वीं रैंक

    IAS Shrutanjay Narayanan Succes Story: फिल्मों की चकाचौंध भरी दुनिया में, जहां स्टार किड्स अक्सर अपने मशहूर माता-पिता के नक्शेकदम पर चलते हैं, वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं, जो अपने लिए एक अलग राह चुनते हैं. ऐसा ही एक असाधारण रास्ता प्रसिद्ध तमिल अभिनेता चिन्नी जयंत के बेटे श्रुतंजय नारायणन ने चुना है. श्रुतंजय ने अपने पिता की तरह फिल्म जगत में करियर बनाने के बजाय यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनकर एक असाधारण उपलब्धि हासिल की है. आइये आज हम आपको श्रुतंजय नारायणन की प्रेरणा भरी सफलता की कहानी के बारे में बताते हैं.

    IAS Shrutanjay Narayanan Success story

    इसी समय ठान लिया कि बनना है ऑफिसर
    जहां श्रुतंजय के पिता चिन्नी जयंत ने फिल्म उद्योग पर एक अमिट छाप छोड़ी है, वहीं श्रुतंजय की आज एक अलग ही पहचान है. अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में नाटकों और अन्य कार्यक्रमों में प्रदर्शन करने के बावजूद, वह जानते थे कि वह एक अलग क्षेत्र में सार्थक प्रभाव डालना चाहते है.

    हासिल की ऑल इंडिया 75वीं रैंक
    साल 2015 में, श्रुतंजय नारायणन की कड़ी मेहनत और समर्पण रंग लाई, जब उन्होंने देश की सबसे कठिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की. उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उन्हें ऑल इंडिया 75वीं रैंक दिलाई, जो अपने आप में ही एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो उन्हें अलग बनाता है.

    ये था उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट
    नॉलेज के प्रति श्रुतंजय नारायणन के जुनून ने ही उन्हें यूपीएससी मेंस परीक्षा के लिए ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में समाजशास्त्र (Sociology) का चयन करने के लिए प्रेरित किया. हालांकि भूगोल (Geography) में भी उनकी काफी रुचि थी, उन्होंने इंटरव्यू के पहले 20 मिनटों के दौरान इंटरव्यू पैनल पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया, एक मजबूत प्रारंभिक प्रभाव बनाने के महत्व को समझा.

    रोजाना इतने घंटे की तैयारी
    सफलता के लिए प्रयास करते हुए, श्रुतंजय ने रात की शिफ्ट के दौरान एक स्टार्टअप में काम करते हुए गहन अध्ययन का नियम बनाए रखा. शुरुआत में अपनी पढ़ाई के लिए प्रतिदिन चार से पांच घंटे समर्पित करते हुए, बाद में उन्होंने अपने प्रयासों को तेज कर दिया और अपनी तैयारी के अंतिम चरण में अपनी पढ़ाई के समय को 10 से 12 घंटे तक बढ़ा दिया.

    फिल्म जगत के बजाय सिविल सेवा में बनाया करियर
    श्रुतंजय नारायणन का फिल्म जगत की चकाचौंध और ग्लैमर में जाने के बजाय सिविल सेवा में अपना करियर बनाने का निर्णय उनके असाधारण दृढ़ संकल्प और अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है. एक स्टार किड से लेकर आईएएस अधिकारी बनने तक की उनकी प्रेरक यात्रा इस बात की याद दिलाती है कि कड़ी मेहनत, जुनून और खुद के प्रति सच्चे रहकर किसी भी क्षेत्र में महानता हासिल की जा सकती है.

  • इंजीनियरिंग और UPSC परीक्षा एक साथ पास की, ऑल इंडिया 5वीं रैंक के साथ IAS अफसर बने

    IAS Srushti Deshmukh Gowde Success Story:भारत में, सिविल सेवाओं में काम करने वाले व्यक्ति की अत्यधिक प्रशंसा की जाती है और उसे अत्यंत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा, जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति आईएएस अधिकारी बनने की इच्छा रखता है, वह भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर साल बड़ी संख्या में छात्र यूपीएससी परीक्षा में शामिल होते हैं. चूंकि यह एक बहुत ही प्रतिस्पर्धी परीक्षा है और केवल 1000 उम्मीदवार ही इस परीक्षा पास कर पाते हैं और सिविल सेवक बनने के अपने सपने को पूरा कर पाते हैं.

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    महज 23 साल की उम्र में बनीं IAS
    आज हम आपको एक ऐसी ही उम्मीदवार के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और 2018 में ऑल इंडिया 5वीं रैंक हासिल की. दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईएएस अधिकारी सृष्टि देशमुख गौड़ा की. 1995 में जन्मी सृष्टि देशमुख मध्य प्रदेश के भोपाल के कस्तूरबा नगर की रहने वाली हैं. वह महज 23 साल की थीं जब वह यूपीएससी परीक्षा पास करने में सफल रहीं.

    उनके स्कूल के दिनों की बात करें तो सृष्टि देशमुख गौड़ा एक मेधावी छात्रा थीं. वह कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल, बीएचईएल, भोपाल गईं और 93.4% अंकों के साथ 12वीं बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की.

    कॉलेज के दौरान ही कर ली UPSC की तैयारी
    सृष्टि देशमुख भारत के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में पढ़ाई करने की इच्छुक थीं, लेकिन वास्तव में, वह जेईई (JEE) क्लियर करने में सफल नहीं हो पाई और फिर उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक पूरा करने के लिए भोपाल के लक्ष्मी नारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया. सृष्टि ने अपने कॉलेज के दिनों में ही अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर और यूपीएससी की तैयारी एक साथ ही और परीक्षाएं भी एक साथ देकर पास कर ली.

    इनसे हुई है सृष्टि देशमुख की शादि 
    इसके अलावा, सृष्टि देशमुख को संगीत सुनना बहुत पसंद है और वह रोजाना योगा भी करती हैं. सृष्टि देशमुख के पिता, जयंत देशमुख, एक इंजीनियर हैं, जबकि उनकी मां, सुनीता देशमुख, एक शिक्षिका हैं. सृष्टि देशमुख ने अपने बैचमेट डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा से शादी की है, जो एक आईएएस अधिकारी भी हैं.

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