Ias succes story

  • IAS Success Story: किसान की बेटी ने रचा इतिहास, सिर्फ 24 साल की उम्र में पास किया UPSC एग्जाम और बनीं IAS अफसर!

    IAS Success Story: UPSC देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है, जिसमें हर साल लाखों युवा शामिल होते हैं, लेकिन कुछ ही सफलता प्राप्त कर पाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी प्रतिभाशाली लड़की की कहानी बताएंगे, जिसने बेहद कम उम्र में यूपीएससी परीक्षा पास कर अपनी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की। आइए, जानते हैं उनकी प्रेरणादायक कहानी…
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    महज 24 की उम्र में बनीं IAS

    दरअसल, हम बात कर रहे हैं IAS अधिकारी ईश्वर्या रामनाथन की, जिन्होंने मजह 24 साल की उम्र में दो बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्लियर की। ईश्वर्या रामनाथन भारत के सबसे युवा IAS अधिकारियों में से एक हैं। जब वह सिर्फ 24 साल की थीं, तब उन्होंने 2019 यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया 47वीं रैंक के साथ सफलता हासिल की थी। वर्तमान में वह तमिलनाडु के तिरुवल्लूर में सब-कलेक्टर, एसडीएम के पद पर तैनात हैं।

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    कलेक्टर गगनदीप सिंह बेदी से हुई प्रभावित

    तमिलनाडु के तटीय जिले कुड्डालोर से ताल्लुक रखने वाली ईश्वर्या ने बचपन से ही बाढ़, चक्रवात और भारी बारिश जैसी कई प्राकृतिक आपदाएं देखी हैं। खासतौर पर 2004 की सुनामी का उन पर गहरा असर पड़ा। उस महत्वपूर्ण समय के दौरान कलेक्टर गगनदीप सिंह बेदी की भूमिका का अवलोकन करने से उन पर गंभीर प्रभाव पड़ा।

    पिता करते हैं खेती

    ईश्वर्या अपनी वित्तीय स्थिति से भी प्रेरित थी। उनके पिता आर। रामनाथन एक काजू उगाने वाले किसान हैं। जबकि उनकी मां, जिनकी कम उम्र में ही शादी हो गई थी और बाद में उन्हें सरकारी नौकरी मिल गई, उन्होंने भी ईश्वर्या को कलेक्टर बनने के लिए प्रेरित किया।

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    पहले प्रयास में आई 630 रैंक

    अपने दिमाग में बड़े सपने लिए ईश्वर्या ने 2017 में अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में यूपीएससी की कोचिंग लेकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। अपने पहले प्रयास में उनकी ऑल इंडिया रैंक 630 थी और वह रेलवे अकाउंट्स सर्विस के लिए चुनी गई। हालांकि, वह IAS अधिकारी बनने के अपने सपने से प्रेरित थीं।

    दूसरे प्रयास में पूरा किया IAS बनने का सपना

    इसलिए 2019 में अपने दूसरे प्रयास में, ईश्वर्या ने IAS अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करते हुए, ऑल इंडिया 47वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा को सफलतापूर्वक पास किया। रिजल्ट के बाद एक इंटरव्यू में ईश्वर्या ने बताया कि IAS अधिकारी बनना उनका बचपन का सपना था, जो उनकी मां से प्रेरित था।

    दोनों बहने IAS-IPS

    अपने पेशे के अलावा, ईश्वर्या सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव रहती हैं, जहां उनके एक लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। दिलचस्प बात यह है कि ईश्वर्या की बहन सुष्मिता रामनाथन ने भी यूपीएससी में सफलता हासिल की और वर्तमान में एक आईपीएस अधिकारी हैं।

  • IAS Success Story :खूबसूरती में किसी हीरोइन से कम नहीं है यह महिला IAS, मॉडलिंग करियर छोड़ा और सिर्फ 10 महीने की सेल्फ स्टडी के बाद बनीं अफसर

    IAS Success Story :भारत देश में यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इसमें पास होने के लिए परीक्षार्थी 14-15 घंटे कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई करते हैं। वहीं कुछ परीक्षार्थी नौकरी करते हुए भी यूपीएससी की तैयारी करते हैं, तो कई ऐसे भी होते हैं जो परीक्षा की तैयारी के लिए नौकरी भी छोड़ देते हैं। उन्हीं में से एक परीक्षार्थी ऐसी भी (Ias Aishwarya Sheoran)हैं, जिन्होंने मां के सपनों को पूरा करने के लिए मॉडलिंग को चुना और बाद में यूपीएससी के लिए मॉडलिंग को अलविदा (UPSC success story) कह दिया।

    Photo – IAS Aishwary

    मॉडलिंग करियर चुन किया मां का सपना पूरा

    वर्ष 2018 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास (Passed UPSC exam in first attempt) करने वाली आईएएस ऐश्वर्या श्योरण मिस इंडिया फेमिना रह चुकी हैं। ऐश्वर्या दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स  से ग्रेजुएशन करने के बाद अपनी मां का सपना पूरा करने के लिए मॉडलिंग में करियर बनाने का निर्णय किया।

    आईएएस ऐश्वर्या बचपन से पढ़ाई में काफी होशियार थीं। उन्होंने दिल्ली के चाणक्यपुरी के संस्कृति स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की। बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में  97.5 प्रतिशत अंक लाकर टॉप भी किया।

    UPSC के लिए छोड़ दिया मॉडलिंग करियर

    आईएएस ऐश्वर्या (IAS Aishwarya) साल 2014 में दिल्ली में क्लीन एंड क्लियर फ्रेश फेस बनीं। इसके बाद वह साल 2016 में फेमिना मिस इंडिया प्रतियोगिता में शामिल हुईं और फाइनलिस्ट रहीं। हालांकि इसके बाद ही उन्होंने अपना मॉडलिंग करियर छोड़कर यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। ऐश्वर्या ने कॉलेज के बाद 2018 में कैट की परीक्षा भी दिया और उनका चयन भी हो गया था, लेकिन उन्होंने एडमिशन नहीं लिया।

     

    पहले प्रयास में की UPSC की परीक्षा पास 

    आपको बता दें कि ऐश्वर्या (IAS Aishwarya) की मां ने बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन के नाम पर उनका नाम रखा था। मॉडलिंग करियर छोड़कर यूपीएससी के लिए ऐश्वर्या ने 10 महीने घर पर ही रहकर तैयारी की। बिना कोचिंग के ही उन्होंने अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा (upsc exam) पास कर ली। पहले ही प्रयास में उन्होंने 93वीं रैंक हासिल की थी।

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  • IAS Success Story :कभी स्कूल में मुश्किल से 60 फीसदी अंक लाते थे, अब रोजाना 4 घंटे पढ़ाई कर बने IAS अफसर, जानिए जुनैद अहमद की प्रेरणादायक कहानी

    कहते हैं सफलता उन्हीं को मिलती हैं जो असफलताओं से नहीं घबराते। किसी भी सफल व्यक्ति को रातों-रात सफलता नहीं मिल जाती है। इसके पीछे रात-दिन की कड़ी मेहनत होती है। इस बात को सही साबित करने का काम किया है उत्तर प्रदेश के रहने वाले जुनैद अहमद ने जिन्हें कभी 60 प्रतिशत अंक लाने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। स्कूल में सामान्य विद्यार्थी होने के कारण भी उन्होंने आत्मविश्वास कभी खोया नहीं। उन्होंने रोज़ाना सिर्फ 4 घंटे की पढ़ाई करके यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास किया और तीसरी रैंक लाकर इतिहास रच दिया। जुनैद के लिए इस मुकाम तक पहुंचना इतना आसन नहीं था।

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    इस सफर में उन्हें तीन बार इस परीक्षा में असफलता का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने अपनी गलतियों से सीख ली और आगे बढ़ते रहे। उन्होंने अपनी गलतियों से सीखते हुए अपनी मेहनत के दम पर आईएएस ऑफिसर बनने का यह सफर तय किया है। तो आइए जानते हैं उनके जीवन की प्रेरक कहानी के बारे में।

    शुरू से ही थे एवरेज स्टूडेंट

    उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक कस्बे के रहने वाले जुनैद अहमद शुरू से ही पढ़ाई में तेज़ नहीं थे। वो एक एवरेज स्टूडेंट माने जाते थे। उनके पिता जावेद हुसैन पेशे से वकील हैं और मां आयश रज़ा एक हाउस मेकर हैं। जुनैद की शुरूआती पढ़ाई बिजनौर के नगीना कस्बे से ही हुई। उनके स्कूल और कॉलेज में कभी 60 प्रतिशत से अधिक अंक नहीं आए। उन्हें 60 प्रतिशत अंक लाने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। लेकिन जुनैद के सपने शुरू से ही काफी बड़े थे। जुनैद ने कक्षा 12वीं पास करने के बाद नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद जुनैद के मन में IAS अधिकारी बनने का ख्याल आया।

    तीन बार असफल होने पर भी नहीं मानी हार

    जुनैद आईएएस ऑफिसर बनना तो चाहते थे लेकिन उन्होंने सच से कभी मुंह नहीं मोड़ा, वो जानते थे कि वो एक एवरेज स्टूडेंट हैं। आईएएस बनने के लिए काफी पढ़ाई करनी पड़ती है, लेकिन उनके हौसले बुलंद थे। साल 2013 से उन्होंने खुद को अपने सपने के आगे झोंक दिया। इसमें उनके परिवार का भी उन्हें पूरा सपोर्ट मिला। उन्होंने पहले UPSC से जुड़ी जानकारियों के बारे में रिसर्च किया। इसके बाद जुनैद ने जामिया मिलिया इस्लामिया स्थित जामिया रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी में दाखिला पा लिया जो मुफ्त में सिविल सर्विसेज के छात्रों को तैयारी करवाती है। इसमें छात्रों की कोचिंग से लेकर रहने खाने की सुविधा फ्री होती है। जुनैद शुरुआत में 8 से 9 घंटे रोज़ाना पढ़ाई करते थे। लेकिन एक बार बेसिक क्लीयर होने के वाद वो सिर्फ 4 घंटे ही पढ़ाई करते थे। वे बीच-बीच में खुद को रिफ्रेश रखने के लिए मूवी, खेल और जिम आदि का सहारा लेते रहते थे। जुनैद पहले तीन प्रयास में लगातार असफल होते रहे। लेकिन लगातार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और मेहनत के साथ अपने सपने को पूरा करने में डटे रहे।

    ऐसे बनें IAS ऑफिसर

    जुनैद को खुद पर पूरा भरोसा था इसलिए उन्होंने अपनी गलतियों से सीखते हुए आगे बढ़ने का फैसला किया। चौथे प्रयास में जुनैद ने UPSC की परीक्षा में 352वां रैंक हासिल किया। उनका सेलेक्शन भारतीय राजस्व विभाग में हो रहा था, जो उन्हें मंजूर नहीं था। वो भारतीय प्रशासनिक सेवा में पद पाना चाहते थे। जिसके लिए जुनैद एक बार फिर से तैयारी में जुट गए और आखिरकार अपने पांचवे प्रयास में जुनैद ने UPSC 2018 की परीक्षा में न सिर्फ सफलता हासिल की बल्कि ऑल इंडिया तीसरा स्थान हासिल करके अपना सपना पूरा कर लिया। आज जुनैद IAS ऑफिसर के पद पर तैनात हैं।

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    जुनैद ने जब अपनी सफलता की बात अपने परिवार को बताई तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। जुनैद ने अपने नामुमकिन से सपने को मुमकिन कर दिखाया। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता की नई कहानी लिखी है। आज वो लाखों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने सबको यह बता दिया कि एक औसत छात्र भी यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में टॉप कर सकता है और आगे बढ़ सकता है।

    लेख के बारे में आप अपनी टिप्पणी को कमेंट सेक्शन में कमेंट करके दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर एक व्यापारी हैं और अपने व्यापार में मुश्किल परेशानियों का सामना कर रहे हैं और चाहते हैं कि स्टार्टअप बिज़नेस को आगे बढ़ाने में आपको एक पर्सनल बिज़नेस कोच का अच्छा मार्गदर्शन मिले तो आपको PSC (Problem Solving Course) का चुनाव ज़रूर करना चाहिए जिससे आप अपने बिज़नेस में एक अच्छी हैंडहोल्डिंग पा सकते हैं और अपने बिज़नेस को चार गुना बढ़ा सकते हैं।

  • IPS Anshika Success Story: ये IPS अफसर है बला सी खूबसूरत, अंशिका वर्मा का सुन्दर रूप देख दीवाने हो जाते है लोग

    IPS Anshika Success Story: ये IPS अफसर है बला सी खूबसूरत, अंशिका वर्मा का सुन्दर रूप देख दीवाने हो जाते है लोग बात की जाये IPS का मुकाम हासिल करने की तो ये कोई मामूली बात नहीं है हलाकि पहले प्रयाश में ये अफसर भी मुकाम हासिल नहीं कर पायी थी पुनः प्रयास करने के बाद में मुकाम हासिल कर नाम रोशन किया है.

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    यूपी के प्रयागराज की रहने वाली अंशिका वर्मा (Anshika Verma) अपने दूसरे प्रयास में बिना कोचिंग के आईपीएस अधिकारी (IPS Officer) बन गई. आइए आपको बताते हैं अंशिका की सफलता की कहानी.


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    उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज की रहने वाली अंशिका वर्मा को सच साबित कर दिखाया. इन्होंने अपने दूसरे प्रयास में अपनी लगन और मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा पास की है. इनका चयन आईपीएस के पद पर हुआ है.

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    प्रयागराज में की तैयारी

    अंशिका वर्मा यूपी के प्रयागराज से ताल्लुक रखती हैं. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे ज्यादातर युवा दिल्ली जाकर कोचिंग करते हैं और तैयारी करते हैं, मगर अंशिका ने बिना दिल्ली जाए प्रयागराज में रहकर ही प्रिपेयरेशन की और बिना कोचिंग के परीक्षा पास की. उन्होंने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है.


    आपको बता दें अंशिका एक इंजीनियर हैं. उन्होंने प्राथमिक शिक्षा नोएडा से पूरी की. इसके बाद उन्होंने साल 2014-18 में गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशंस में बीटेक की डिग्री हासिल की. अंशिका के पिता यूपी के बिजली विभाग से रिटायर हैं और मां हाउस वाइफ हैं.

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    दूसरे प्रयास में पास की परीक्षा

    अंशिका का मन सिविल सेवा में जाने का था इसलिए बीटेक करने के बाद वे प्रयागराज आ गई. यहीं उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और पहली बार साल 2019 में परीक्षा दी. हालांकि, तब उन्हें सफलता नहीं मिली. निराश होने के बजाए अंशिका ने मेहनत जारी रखी.


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    उन्होंने अपनी गलतियों को सुधारा और दूसरी बार परीक्षा साल 2020 में दी. इसमें उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा पास की और इंटरव्यू में भी अच्छे नंबर हासिल किए. अंशिका ने देशभर में 136 वां रैंक हासिल किया. उनका चयन आईपीएस के पद पर हुआ और उन्हें उत्तर प्रदेश काडर दिया गया.

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  • IAS Tina Dabi: टीना डाबी के घर आने वाला है नन्हा मेहमान, ड्यूटी को लेकर सरकार को लिखी ये चिट्ठी

    IAS Tina Dabi Good News: आईएएस अफसर और जैसलमेर कलेक्टर टीना डाबी के घर एक नन्हा मेहमान आने वाला है। टीना डाबी ने खुद अपनी प्रेग्नेंसी की पुष्टि की है। DM टीना डाबी सोशल मीडिया पर बहुत पॉपुलर हैं। घर में आने वाली नई खुशखबरी को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।

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    Jaisalmer Collector Tina Dabi maternity leave: देश की सबसे चर्चित आईएएस अधिकारियों में से एक कलेक्‍टर टीना डाबी प्रेग्नेंट हैं। अपनी शादी के करीब 14 महीने बाद उन्होंने अपने पति प्रदीप गवांडे को गुड न्‍यूज दी है. जिला कलेक्टर टीना डाबी ने खुद अपनी प्रेग्नेंसी की पुष्टि की है। घर में छाई खुशियों के बीच जहां नए मेहमान के स्वागत की तैयारियां हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर टीना डाबी फटाफट अपने दफ्तर का सारा काम निपटा रही है। ताकि वो अपना समय अपनी फैमिली को दे सकें।

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    टीना डाबी के प्रग्नेंट होने की खबर तब सामने आई जब बीते दिनों उन्होंने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर नॉन फील्ड पोस्टिंग का निवेदन किया था। बताया जा रहा है टीना डाबी ने जयपुर ट्रांसफर मांगा है। जो उन्हें जल्द ही मिल सकता है। दरअसल टीना डाबी कुछ समय बाद मैटरनिटी लीव पर जाने वाली हैं। ऐसे में लगातार अपने जिले के पेडिंग कामों को तेजी से पूरा कर रही हैं।

    विस्थापित महिला ने दिया था आशीर्वाद

    देश की सबसे चर्चित आईएएस अधिकारियों में से एक टीना डाबी की प्रेग्नेंसी की खबर कुछ दिनों पहले दुनिया को तब पता चली थी जब जैसलमेर जिले में पाकिस्तान से विस्थापित लोगों को जमीन अलॉट करवाने के मामले में वो फील्ड पर थीं। उस दौरान पाकिस्तान से विस्थापित एक महिला उन्हें ‘पुत्रभव’ कहकर आशीर्वाद देती नजर आईं थी। इस पर टीना डाबी खिलखिला कर हंस पड़ी थीं। टीना डाबी ने कहा था उनके लिए लड़का-लड़की में कोई भेद नहीं है। उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में मुस्कुराते हुए यह भी कहा था कि बेटी होगी तो भी चलेगी। DM टीना डाबी सोशल मीडिया पर बहुत पॉपुलर हैं, प्रेग्नेंसी को लेकर दिए गए उनके बयान वाला वीडियो जमकर वायरल हुआ था।

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  • IAS Success Story: 2 बार UPSC में हुई फेल बन गई IAS, जाने सफलता की कहानी

    IAS Ashna Chaudhary: आशना चौधरी वो नाम है जिसने साबित कर दिया की अगर कड़ी मेहनत से कोई भी प्रयास किया जाये तो वह कभी विफल नहीं होता, आशना हापुड़ के एक छोटे से जिले में रहने वाली उन्होंने दिल्ली की लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वीमेन से इंग्लिश लिटरेचर में BA Honours के साथ ग्रेजुएशन किया | आइये जानतें है इनके सफलताओं की कहानी के बारें में विस्तार से।

    IAS Success Story: Failed in UPSC 2 times, became IAS, know the success story
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    IAS Aashna Chaudhary Success Story

    Upsc को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, इस वर्ष 2023 Upsc में Participate करने वाले स्टूडेंट्स का खुद का कहना था की इस बार का Upsc Prelims को क्रैक करना इतना आसान नहीं होगा, इससे पहले जून  में संघ लोक सेवा आयोग ने (UPSC) ने नतीजे घोषित किये थे जिसमे की कुल 14,624 कैंडिडेट्स द्वारा ही  Prelims परीक्षा पास की गयी थी,जबकि कुछ उम्मीदवार ही इस परीक्षा के तीनो Phase पास कर पाए ,और साथ ही ऐसे भी बहुत विद्यार्थी थे जिन्होंने 2 या 3 attempt में इस परीक्षा को पास किया।

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    अब हम आपको अपने इस लेख में एक ऐसे विद्यार्थी के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने 2 बार Attempt में इस परीक्षा को clear नहीं कर पायी लेकिन तीसरी बार में Planning Strategy बनाकर बन ही गयी आईएएस और All India Rank ( एआईआर ) 116 हासिल की जिनका नाम है Aashna Chaudhary।

    Introduction Of Aashna Chaudhary

    आशना चौधरी उत्तर प्रदेश के  हापुड़ जिले के एक छोटे से गांव पिलखुआ की रहने वाली है, आशना के पिता डॉ अजित चौधरी सरकारी कॉलेज में एक प्रोफेसर है और उनकी माता इंदु सिंह जो की एक हाउस वाइफ है।

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    Aashna ने अपनी Graduation लेडी श्री राम कॉलेज से BA (HONS) English Litrature में की, आशना ने ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद 2019 में Upsc की तैयारी शुरू कर दी और South Ashian University से Internation Relationship में अपनी मास्टर डिग्री की शुरुआत भी की यही नहीं इन्होने एक Ngo के साथ भी काम करना शुरू किया जो की अनाथ बच्चो को शिक्षित करने का काम करते है।

    उन्होंने अपने एक साल के कठिन परिश्रम के साथ साल 2020 में अपना पहला Attempt दिया और इस attempt में वह असफल रही, और फिर साल 2021 में वह अपने दूसरे Attempt में भी 2.5 नंबर से पीछे रह गयी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, और तीसरे साल में पूरी Planning Strategy के साथ 2022 में सफलता हासिल की और All India Rank एआईआर  में 116 अंक हासिल किये, इन्होने तीनो फेज  992 नंबर के साथ पास किये, और IAS बन गयी।

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  • UPSC Success Story: यह थी सौम्या शर्मा की पहले प्रयास में कोचिंग के बिना आईएएस बनने की स्ट्रेटजी

    UPSC Without Coaching: किसी के सपनों को पूरा करने की चाह में, कोई बाधा बहाने के रूप में काम नहीं करनी चाहिए. इस धारणा को सिद्ध करने वाली प्रेरक कहानियां अक्सर सामने आती हैं और ऐसी ही एक स्टोरी सौम्या शर्मा की है. आज, हम भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की एक अधिकारी सौम्या शर्मा की स्टोरी में तल्लीन हैं, जिन्होंने बिना किसी कोचिंग के यह उपलब्धि हासिल की. विशेष रूप से, सौम्या को तेज बुखार से जूझते हुए परीक्षा में बैठने की अतिरिक्त चुनौती का सामना करना पड़ा.

    UPSC Success Story: यह थी सौम्या शर्मा की पहले प्रयास में कोचिंग के बिना आईएएस बनने की स्ट्रेटजी
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    Education and Background
    सौम्या शर्मा ने दिल्ली में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) में कानून की पढ़ाई की. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, वह एनएलयू में अपने समय के तुरंत बाद, 2017 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में शामिल हुई. उन्होंने 22 साल की छोटी सी उम्र में इस जर्नी की शुरुआत की.

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    Preparation Without Coaching
    कई उम्मीदवारों के विपरीत, सौम्या शर्मा ने यूपीएससी की तैयारी के लिए किसी भी कोचिंग संस्थान में शामिल होने का फैसला नहीं किया. इसके बजाय, उन्होंने परीक्षा के लिए अपनी तैयारी बढ़ाने के लिए अलग-अलग टेस्ट सीरीज पर भरोसा किया. यह सेल्फ स्टडी अप्रोच फायदेमंद साबित हुई क्योंकि उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली थी.

    Battling Fever During the Main Exam
    मुख्य परीक्षा से ठीक एक सप्ताह पहले सौम्या को तेज बुखार हो गया. हालांकि, उनका दृढ़ संकल्प अटूट रहा. अपनी बीमारी के बावजूद, वह लगातार 102-103 डिग्री टेंपरेचर के साथ परीक्षा में बैठीं. सौम्या को दिन में तीन बार सेलाइन ड्रिप दी गई, यहां तक ​​कि परीक्षा हॉल में ब्रेक के दौरान भी.

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    Academic Strengths and Adaptability
    सौम्या शर्मा की शैक्षणिक शक्ति यूपीएससी परीक्षा के दौरान साफ हो गई. सुनने में अक्षमता से पीड़ित होने के बावजूद, उन्होंने किसी भी रियायत पर भरोसा नहीं किया और जनरल कैटेगरी के तहत आवेदन किया. सवालों को शीघ्रता से समझने और उनका विश्लेषण करने की उनकी क्षमता के साथ-साथ जनरल नॉलेज में उनकी मजबूत नींव ने उनकी सफलता में मदद की. इतिहास और भूगोल जैसे सब्जेक्ट, जहां सामान्य ज्ञान पर उनकी पकड़ विशेष रूप से मजबूत थी, ने उनके प्रदर्शन में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

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    The Result
    अपने पहले प्रयास में, सौम्या शर्मा ने 23 साल की उम्र में यूपीएससी 2017 की परीक्षा में देश भर में 9वीं रैंक हासिल करके एक शानदार मुकाम हासिल किया. ​​उनका समर्पण और दृढ़ता प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करती है.

  • UPSC Success Story: UPSC के लिए छोड़ दिया मिस इंडिया बनने का सपना,जाने कौन है ये ब्यूटी क्वीन …

    Taskin Khan UPSC: पूर्व मिस उत्तराखंड तस्कीन खान ने आखिरकार मिस इंडिया बनने का सपना देखा था, लेकिन हालात बदलने के साथ, पूर्व ब्यूटी क्वीन अब देश की शीर्ष नौकरशाह बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। तस्किन ने प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा में 736 की अखिल भारतीय रैंक के साथ सफलता हासिल की है, जब हाल ही में परिणाम घोषित किए गए थे।

    UPSC Success Story: UPSC के लिए छोड़ दिया मिस इंडिया बनने का सपना,जाने कोन ये ब्यूटी क्वीन ...
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    तस्कीन एक सोशल मीडिया स्टार हैं जिनके काफी फॉलोअर्स हैं। 2016-17 के बीच, उन्होंने मिस देहरादून और मिस उत्तराखंड दोनों खिताब जीते। उनका अगला कदम राष्ट्रीय मंच था, लेकिन अपने पिता की सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने एक नई दिशा लेने का फैसला किया और यूपीएससी सीएसई परीक्षा को अपना मिशन बना लिया। तीन असफल प्रयासों के बाद, और “धैर्य और कड़ी मेहनत की परीक्षा” से बचे रहने के बाद, उन्होंने आखिरकार शीर्ष प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त की.

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    तस्कीन शुरुआती स्कूल में इक्का-दुक्का छात्र नहीं थे. कक्षा 8 तक गणित उसका सबसे मजबूत पॉइंट नहीं था, उसने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया. हालांकि, उन्होंने साइंस स्ट्रीम में कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा में 90 प्रतिशत से ज्यादा नंबर हासिल किए. तस्कीन एक प्रोफेशनल मॉडल और एक्ट्रेस होने के अलावा एक बास्केटबॉल चैंपियन, एक नेशनल लेवल की डिबेटर भी थीं. उन्होंने स्कूल के बाद एनआईटी में एडमिशन के लिए क्वालिफाई किया, लेकिन अपने माता-पिता की फीस वहन करने में असमर्थता के कारण प्रतिष्ठित संस्थान में एडमिशन नहीं ले पाईं.

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    बीएससी ग्रेजुएट ने अपनी सफलता के बाद यूपीएससी की तैयारी का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि उनकी यूपीएससी जर्नी सामान्य नहीं थी. दिलचस्प बात यह है कि उन्हें यूपीएससी के लिए प्रयास करने का विचार एक इंस्टाग्राम फॉलोअर से मिला, जो एक आईएएस उम्मीदवार थे. इसके बाद वह हज हाउस में यूपीएससी परीक्षा के लिए पढ़ाई करने के लिए मुंबई चली गईं. इसके बाद उन्होंने जामिया की मुफ्त प्रवेश परीक्षा की कोचिंग हासिल की और 2020 में दिल्ली चली गईं. पिता की पेंशन के साथ घर पर तनावपूर्ण वित्तीय स्थिति के बावजूद, तस्कीन खान प्रतिष्ठित परीक्षा को पास करने में कामयाब रहीं और अब एक टॉप सरकारी अधिकारी के रूप में एक सपनों की नौकरी के लिए तैयार हैं.

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  • Success Story: हिंदी मीडियम UPSC Topper कृतिका मिश्रा ने बताई बहुत आसान Strategy, ​हिंदी मिडियम से हासिल की 1st रैंक

    UPSC Topper Kratika Mishra Success Story: संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त करना यूपीएससी के प्रत्येक अभ्यर्थी की इच्छा होती है, जिसके लिए युवा दिन-रात एक कर देते हैं। हालांकि कड़ी मेहनत के बाद भी इस परीक्षा में सफलता पाना सभी के लिए संभव नहीं है, क्योंकि इसकी सफलता दर बहुत कम है।MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए  सतना टाइम्स ऐप को डाऊनलोड करें, इस लिंक पर करें क्लिक

    कुछ पहले ही प्रयास में झंडा गाड़ लेते हैं तो कुछ वर्षों की मेहनत के बाद सफलता पाते हैं। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 66वीं रैंक हासिल करने वाली कृतिका मिश्रा की सफलता की कहानी आज हम आपको बताएंगे कि कैसे वह हिंदी माध्यम से इसकी तैयारी कर पाई हैं।

    तैयारी हिंदी मीडियम से की गई थी

    कृतिका मिश्रा उत्तर प्रदेश के कानपुर की रहने वाली हैं। उन्होंने यूपीएससी सीएसई 2022 में ऑल इंडिया 66वीं रैंक हासिल की है। सबसे बड़ी बात यह है कि कृतिका ने हिंदी मीडियम से पहली रैंक हासिल की है। यानी कृतिका ने यूपीएससी सीएसई की परीक्षा और इंटरव्यू हिंदी में दिया।

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    कृतिका पीएचडी कर रही हैं

    कृतिका के पिता दिवाकर मिश्रा इंटर कॉलेज में पढ़ाते हैं और मां एलआईसी में कार्यरत हैं. बताया जाता है कि कृतिका बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छी रही हैं. वर्तमान में वह कानपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी की छात्रा हैं। बचपन से ही उनका उद्देश्य आईएएस अधिकारी बनकर समाज की सेवा करना था।

    Success Story: पहले UPSC पास किया, फिर PCS का रिजल्ट आया, फिर बने SDM

    ये कृतिका द्वारा दिए गए सफलता मंत्र हैं

    सबसे पहले परीक्षा के सिलेबस को समझना जरूरी है, ताकि आप भटक न जाएं।
    तैयारी के लिए पिछले 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करना बहुत महत्वपूर्ण है।
    प्रीलिम्स के दौरान धैर्य रखें।
    मॉक टेस्ट देते समय उसका विश्लेषण और रिवीजन जरूर करें।
    मेन्स के लिए प्रीलिम्स देने से पहले तैयारी करनी चाहिए।
    उत्तर लेखन का अभ्यास पहले से शुरू करना भी बहुत फायदेमंद होता है।
    परीक्षा की तैयारी में एनसीईआरटी की किताबें बहुत मददगार होती हैं। NCERT की किताबों से अपने शॉर्ट नोट्स तैयार करना चाहिए.
    इंटरव्यू के दौरान नर्वस ना हों. इसके लिए पहले से ही ज्यादा से ज्यादा मॉक इंटरव्यू की प्रैक्टिस करें.

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  • Success Story: पहले UPSC पास किया, फिर PCS का रिजल्ट आया, फिर बने SDM

    IAS Success Story Arnav Mishra: कहते हैं सब्र का फल मीठा होता है। मेहनत अपना रंग दिखाती है। आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बता रहे हैं जो अब अफसर बन गया है। हम बात कर रहे हैं अर्णव मिश्रा की। अर्णव ने यूपीएससी की परीक्षा दी थी, इसके अलावा उन्होंने पीसीएस की परीक्षा भी दी थी। यूपीएससी में पहली लिस्ट में उनका नाम नहीं आया लेकिन जब दूसरी लिस्ट आई तो वे आईएएस अफसर बन गए। यूपीएससी के रिजल्ट के 9 दिन बाद पीसीएस का रिजल्ट आया और अर्णव ने उसमें 16वीं रैंक हासिल की और एसडीएम बन गए।

    Success Story: पहले UPSC पास किया, फिर PCS का रिजल्ट आया, फिर बने SDM
    Image credit satna times

    आईआईटी जोधपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद अर्णव ने कुछ समय नौकरी भी की। इसके बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने के उद्देश्य से सिविल सेवा परीक्षा देने की तैयारी की। उनकी बड़ी बहन अरुशी मिश्रा, एक भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी, उनकी प्रेरणा का स्रोत थीं। अर्णव ने बताया कि कड़ी मेहनत, लगन और पारिवारिक माहौल की मदद से उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल किया है।

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    अर्णव अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के अलावा बड़ी बहन और देवर के कुशल मार्गदर्शन, परिवार के सहयोग और शिक्षकों को देते हैं। गौरतलब है कि अर्णव की बड़ी बहन आरुषि मिश्रा इससे पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय वन सेवा और उत्तर प्रदेश लोक सेवा में भी जिले का नाम रोशन कर चुकी हैं। आरुषि और उनके पति चश्तर गौर भी उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। आरुषि ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में 229वीं रैंक हासिल की थी।

    अर्णव मिश्रा के परिवार में ज्यादातर लोग ऑफिसर रैंक के हैं। अर्नव उन उम्मीदवारों के लिए एक उदाहरण हैं जो एक साथ 2 परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने साबित कर दिया कि कोई भी काम मुश्किल नहीं होता।

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