BoycottAdipurush :बंद करो ये कारोबारी धर्म कोई’ ये खेल नहीं, आदिपुरुष का रामायण से दूर दूर तक मेल नहीं…
BoycottAdipurush : राम सिया की पावन गाथा स्वयं एक मर्यादा है।ऋषि मुनियों ने हर युग में ही इसे ध्यान में साधा है।।ऐसा ये परिहास जो’ तुमने शायद नहीं गढ़ा होता।रामचरित रचने से पहले रामचरित्र पढ़ा होता।।बॉलीवुड का मंच नहीं ये त्याग की’ स्वर्णिम गाथा है।जहाँ भाव पहले आते हैं शब्द बाद में आता है।।ज्ञानी ध्यानी राम भक्त का कैसा भेष दिखाया है।
पवनपुत्र की वाणी से छपरी का भाव सुनाया है।।
रामायण के असुर पात्र भी भाषा में मर्यादित थे।
माँ सीता के अंग अंग सब भगवा में अच्छादित थे।।
कब तक अपनी धर्म ध्वजा का ये अपमान सहेंगे हम।
कब तक मूक तमाशा देखें औ चुपचाप रहेंगे हम।।
राम न केवल नाम मात्र ये जीवन की आधारशिला।
वो क्या समझे भावों को मुँह माँगा जिसको दाम मिला।।बंद करो ये कारोबारी धर्म कोई’ ये खेल नहीं।
आदिपुरुष का रामायण से दूर दूर तक मेल नहीं।।
प्राची मिश्रा,कवयित्री