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  • Satna Times Special Story : दिव्यांग क्रिकेटर ब्रजेश के संघर्ष की कहानी, पोलियो से ग्रसित मगर हौसले को कोई क्षति ग्रस्त नही कर पाया

    Satna Times : बृजेश द्विवेदी सदस्य ,भारतीय दिव्यांग क्रिकेट , मध्य प्रदेश मे निवासरत है।ब्रजेश की कहानी भी हर उस संघर्षशील व्यक्ति की तरह है जो अपने लक्ष्य की प्राप्ति मे आने वाली सभी बढ़ाओ को अपनी ताकत बना लेता है।डेढ़ वर्ष की आयु में पोलियो से पूरा शरीर बेजान हुआ ग्रसित हुआ मगर हौसले को कोई क्षति ग्रस्त नहीं कर पाय। उस समय जब पोलियो ला इलाज बीमारी थी। डॉक्टर को दिखने पर पता चल की बालक को पोलियो हुआ है और माँ ने जब इलाज पूछा तो डॉक्टर साहेब का जबाब था की ये जो दिए गए तेल से जितनी मालिश होगी उतना जल्दी प्रभाव पड़ेगा।

    माँ ने दिन देखा ना रात पागलो की तरह अपने लाल को किसी भी तरह खड़ा करने की लालसा मे ऐसा चमत्कार किया की 7 दिन मे बालक खड़ा होकर डॉक्टर के पास पहुँच कर नमस्कार किया तो डॉक्टर ने कहा ये चमत्कार है।जब आप मे कुछ कमी होती है तो जिज्ञाषा भी बढ़ती है की जब वो कर सकता है तो मै क्यों नहीं और इसी का जबाब दूंदते हुए ब्रजेश आगे बढ़ा और क्रिकेट जैसे मेहनत कस एवं महंगे खेल की ओर अग्रशर हुआ।

    पिताजी राज्य परिवहन मे कंडक्टर थे और ३ भाई एवं बहन मे सब से छोटे। जब होश संभाला तो आर्थिक इसतिथि ऐसी थी जी ले यही काफी है मगर कहते है ना की “जब आँखों मे अरमान लिया मंजिल को अपना मान लिया। फिर मुस्किल क्या आसान क्या बस ठान लिया तो ठान लिया। “स्कूल जीवन मे एक संघर्ष ये था की माता पिता अपने बच्चो की फीस भर ले यही बहुत बड़ी उपलब्धि थी जो की किसी तरह पूरी हो जाती थी और उस पर क्रिकेट जैसे खेल का सामान खरीदना एक सपना होता था।

    मगर दापति और प्लास्टिक बॉल से अपना मन हल्का कर लेते थे ।थोड़ा आगे सोचा तो बस बढाई के पास जाओ और उससे निवेदन करो की एक लकड़ी को बैट का आकर देदे। किसी तरह बैट बना तो 5 रुपए की स्पंच की बॉल कैसे खरीदे सो कपडे की गेंद बनाया अंदर कोई सड़क मे फटी बाल मिली उसीको उसको प्लास्टिक और फिर कपडे से लपेटा और सुरु हो गए। समय थोड़ा बदला तो टेनिस की बाल के लिए जद्दो जहद । खैर दोस्तों की मदद से वो भी हो गया।


    अब बड़े हुए और लगा की हम सचिन नहीं तो राहुल तो बन ही सकते है मगर कैसे संभव हो लेदर बॉल और बैट, ग्लव्स तो केवल टीवी मे ही देखा है खरीदना तो कल्पना से परे था। एक सीनियर खिलाडी ने बाउंड्री मे बॉल उठाते देखा तो दया बस एक फटा बैट दिया बैट बीच से फटा हुआ था फेविकोल अंदर लगा के रेशम के धागे से उस्सकी गैटिंग करके तैयार किया तो लगा वर्ल्ड कप जीत गए। बस यही से करवा आगे बढ़ा। उस समय ग्राउंड मतलब खली बड़ी जगह जहा सब कुछ आप को ही करना पड़ेगा।

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    3.30 को सुबह उठ कर साइकिल से 6 किलो मीटर आगे जा कर गाँधी स्टेडियम मे पाहिले पिच को रोल करना फिर उसके सूखने तक व्यायाम करना फिर दोपहर 12 तक जी तोड़ मेहनत कर वापस घर जा के फिर 3 बजे दोपहर फिर ग्राउंड मे उपलब्ध हो जाना। या सीलसिला १० साल तक चलते रहना।
    दौड़ पाते नहीं ,थोड़ी सोहरत मिली तो लोगो ने रनर देने से मन किया। कई ऐसे मौके हुए जब इस बिपति को अपनी ताकत बनाना पड़ा मगर बोलिंग तो थी ना।

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    लेफ्ट आर्म स्पिनर होने के कारन हमेशा बिरोधी को चकमा दिया । एक समय ऐसा भी आया की हर शहर गांव लोगो ने बुलाया और अच्छा करने पर अपने कंधे मे भी उठाया और कुछ पैसे जेव मे डाला।बड़े होते होते ये समझ मे आया की दिव्यांगता के कारण सामान्य क्रिकेट मे अपने करियर को आगे ले जाना संभव नहीं है। और एक क्रिकेट खिलाडी बनने का जो सपना संजो रखा था अटूट मेहनत कर के वो अब अधूरा सा लग रहा था। मगर एक चीज किसी इन्शान को टूटने नहीं देती वो है अपने परिवार का हौशला और दोस्तो का उत्शाहवर्धन।

    भाई जहा अच्छे खिलाडी रहे वही मेरे दोस्त मेरे प्रतिद्वन्द्वी मगर एक बाद सब कहते थे की ” मंजिले मिल ही जाये गई भटकते हुए ही सही गुमराह वो है जो घर से निकलते ही नहीं “। बस फिर क्या था निकल पड़े दिव्यांग क्रिकेट की खोज मे। जब कंधे मे किट रख कर सफर मे निकले तो टी टी साहेब ने मेरी हालत देखते हुए भी कहा की आप स्लिपर मे चढ़े है।

    तो 650 रूपया फाइन लगेगा, इतना तो मै टोटल ले के भी नहीं चला था जनरल बोगी मे घुसे तो बथरूम मे जगह मिले और इतनी भीड़ थी की मांगा हुआ जूता भी बथरूम मे छूट गया । भिलाई पहुंचे और ट्रायल दिया और 1999 में मध्य प्रदेश दिव्यांग क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला और यहीं से जो प्रोफेशनल क्रिकेट है उसकी मेरी शुरुआत हु। उस समय बुनियादी सुबिधाओ का आभाव तहत मगर ललक इन्शान को उन सब कमियों को नहीं सोचने देती क्यों की लक्ष बड़ा था भारतीय टीम मे जो पहुंचना था।

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    2003 से 2007 तक मध्य रेलवे की तरफ से प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला उसी दौरान तमिलनाडु के खिलाफ हुए एक मैच में 57 रन की शानदार पारी खेलते हुए मध्य रेलवे को जीत दिलाने में एक अहम योगदान देने की कोशिश की एवं 2007 मे आखिरी मैच शेष भारत बनाम राष्ट्रीय विजेता (छत्तीसगढ़ ) खेल कर खेल ख़तम क्यों की उस समय तक एक खास गेंद( प्रोसोफ्ट ) से हम दिव्यांगों की क्रिकेट होती थी और उस समय तक भारतीय टीम का निर्माण नहीं हुआ था। 2007 में परिस्थितियों ने अपने आपको और विकराल किया, नतीजा यह हुआ कि खेल से दूरियां बनाकर रोजगार ढूंढने के लिए खेल से दूरी बनाया। 2008 से मै एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी मे चयनित हुआ मगर सायद मेरी हालत देखते हुए मुझे नहीं चयनित किया गया।

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    मगर मेरी भी जिद थी की अब नौकरी करूँगा तो इसी कंपनी मे और मै सफल भी हुआ 02 जून 2008 मे मै उसी कंपनी मे चयनित हुआ मगर दुसरे प्रदेश मे जहा मैंने 4125 रुपये से अपनी नौकरी की शुरुआत की। खूब मेहनत किया मगर जीवन मे एक टीश थी की काश मै अपने सपने पूरा कर सकता और सायद भगवन ने मेरी सुन ली। 2014 इंजीनियरिंग की एक श्रेष्ट संस्था भारतीय प्रोद्योगिकीय संस्थान इंदौर का एक इस्तिहार देखा और उसमे आवेदन दिया। कभी सोचा नहीं तहत की मै इसका हिस्सा बनूँगा पर ईश्वर ने एक नया आयाम प्रदान किया। यहा के वातावरण ने मुझे फिर से हौशला दिया की मै पुनः अपने पंखो से उड़न भरु और वही हुआ।


    2017 में जीवन में एक टर्निंग प्वाइंट आया और राष्ट्रीय स्तर राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेट प्रतियोगिता जिसका आयोजन अजमेर में हुआ वहां पर मध्य प्रदेश से खेलते हुए 71 रन की शानदार पारी खेली वही एक मैच में 4 विकेट लिया मेरे प्रदर्शन को देखते हुए चयनकर्ता एवं दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया ने 2017 अक्टूबर में आयोजित हुई मैत्री कप(भारत- बंग्लादेश) मे मुझे देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया और तब से आज तक मै भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व कर रहा हु ।

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    2021 मे जब सहारा देश कोरोना की चपेट मे था उस समय आई पी एल की तर्ज मे शारजाह ,यू ए ई मे आयोजित दिव्यांग प्रीमियर लीग मे मै बतौर मुंबई आइडियल्स कप्तान रहा श्रेस्ट प्रदर्शन किया और टीम सेमी फाइनल तक पहुंची।सब के आशीर्वाद से जो ताकत मिली उसी को उर्जा बनाकर आज भी अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हु और अब तक बंग्लादेश मे आयोजित होने वाली 4 देशों की बैंगबंधु सीरीज हो चाहे, भारत और नेपाल तपन ट्रॉफी हो या टाटा स्टीलीयम कप (भारत बांग्लादेश नेपाल सीरीज) चाहे वह भारत नेपाल सीसीएल कप सभी में अपने देश को प्रतिनिधित्व किया।


    अगर अवार्ड और सम्मान की बात करें तो 2018 में मुझे माननीय सतना महापौर ने सतना स्वच्छ भारत अभियान का ब्रांड एंबेसडर बनाया।सितंबर 2018 में ही उम्मीद हेल्प लाइन फाउंडेशन द्वारा दिव्यांग रत्न से नवाजा ।इनके जीवन में 2019 एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है जिसमें उन्हे चार बड़े अवॉर्ड मिले हैं जिनमें से इंडिया स्टार पैशन आवर्ड 15 अगस्त को इंडिया स्टार बुक ऑफ रिकॉर्ड की तरफ से दिया गया।

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    यूथ इंडिया डिवेलपमेंट बोर्ड की तरफ से मुझे इंडियास शाइनिंग स्टार का अवार्ड दिया गया। वहीं 11 अक्टूबर 19 को मध्यप्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित नेशनल स्पोर्ट्स टाइम अवार्ड में मुझे मध्यप्रदेश खेल रत्न से नवाजा गया। 21 अक्टूबर 19 को नेशंस पर्सनालिटी अवार्ड से सम्मानित किया गया। दिव्यांग क्रिकेटर ब्रजेश ने सतना टाइम्स से बात चीत के दौरान कहा कि आज मै एक खिलाडी के साथ साथ एक गर्डियन भी हु उन दिव्यांग खिलाडियो का जो क्रिकेट को मे अपना कैरियर बनाना चाहते है. मेरा प्रयास है की जो मुझे नही मिला वो उनको मिले l अंत मे एक ही बात कहूँगा की “जिंदगी जीना आसान नहीं होता बल्कि बनाना पड़ता है l कैसे ? कुछ सब्रा कर के , कुछ बर्दास्त कर के और बहुत कुछ नजरअंदाज़ करके”

  • India ने T20 World Cup में जीत से की शुरुआत,आखिरी गेंद पर पाकिस्तान को Kohli ने 4 विकेट चटाई धूल

    Satna Times : टी20 वर्ल्ड कप 2022 के सुपर-12 के ग्रुप-2 में भारत ने रोमांचक मैच में पाकिस्तान रविवार को 4 विकेट से हरा दिया। मेलबर्न के मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। पाकिस्तान ने 20 ओवर में 8 विकेट पर 159 रन बनाए। भारत ने 160 का टारगेट 20वें ओवर की आखिरी गेंद पर हासिल किया। पाकिस्तान के लिए शान मसूद ने नाबाद 52 और इफ्तिखार अहमद ने 51 रन बनाए। भारत के लिए विराट कोहली ने नाबाद 82 रन बनाए।

    टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही। दूसरे ओवर में नसीम शाह ने केएल राहुल को पवेलियन भेज दिया। अगले ही ओवर रोहित शर्मा आउट हो गए। छठे ओवर में सूर्यकुमार यादव आउट हो गए। पावरप्ले में 31 रन बने और 3 विकेट गिरे। इसके बाद विराट कोहली और हार्दिक पांड्या ने शतकीय साझेदारी करके टीम को संभाला। आखिरी ओवर में हार्दिक पांड्या और दिनेश कार्तिक आउट हुए। पाकिस्तान की ओर से हारिस रऊफ और मोहम्मद नवाज ने 2-2 विकेट लिए।

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    पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने के बाद पाकिस्तान की शुरुआत अच्छी नहीं रही। अर्शदीप सिंह ने दूसरे ओवर की पहली ही गेंद पर बाबर आजम को गोल्डन डक पर आउट किया। इसके बाद उन्होंने चौथे ओवर में मोहम्मद रिजवान को पवेलियन भेजा। पावरप्ले में टीम ने 2 विकेट खोए और 32 रन बनाए। इसके बाद पाकिस्तान को शान मसूद और इफ्तिखार अहमद ने संभाला। इफ्तिखार अहमद को अर्धशतक जड़ने के बाद मोहम्मद शमी ने पवेलियन भेजा। भारत के लिए हार्दिक पांड्या और अर्शदीप सिंह ने 3-3 विकेट लिए। शाहीन शाह अफरीदी रंग में नहीं दिखे।

  • RR vs GT: राजस्थान रॉयल्स को हराकर IPL 2022 की प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर पहुंची गुजरात टाइटन्स, 37 रन से जीता मैच

    गुजरात टाइटंस ने आईपीएल के मैच में राजस्थान रॉयल्स को 37 रन से हराया। कप्तान हार्दिक पांड्या (87), अभिनव मनोहर (43) और डेविड मिलर (31) की तूफानी पारियों और लॉकी फर्ग्युसन (23 रन पर तीन विकेट) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत गुजरात टाइटंस ने राजस्थान रॉयल्स को 2022 आईपीएल के 24वें मैच में गुरुवार को एकतरफा अंदाज में 37 रनों से हरा दिया और पांच मैचों में चौथी जीत दर्ज करने के साथ तालिका में शीर्ष पर पहुंच गए। 

    राजस्थान ने 20 ओवर में चार विकेट पर 192 रन का विशाल स्कोर बनाया और राजस्थान को नौ विकेट पर 155 रनों पर रोक दिया। राजस्थान को पांच मैचों में दूसरी हार का सामना करना पड़ा। 

    बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए राजस्थान ने देवदत्त पडिकल और रविचंद्रन अश्विन को 56 के स्कोर तक गंवा दिया।  लेकिन दूसरे छोर से जोस बटलर रन ठोकने में लगे हुए थे। बटलर 24 गेंदों में आठ चौकों और तीन छक्कों की मदद से 54 रन बनाकर टीम के 65 के स्कोर पर बोल्ड हुए। बटलर को लौकी फर्ग्युसन ने बोल्ड किया। कप्तान संजू सैमसन 11 गेंदों में 11 रन और रैसी वान डेर डुसेन छह रन  बनाकर आउट हुए। 

    शिमरॉन हेटमायर ने एक छोर से कड़े प्रहार करते  हुए 17 गेंदों में दो चौकों और एक छक्के की मदद से 29 रन बनाये लेकिन मोहम्मद शमी ने हेत्माएर का विकेट लेकर गुजरात की जीत का रास्ता साफ़ कर दिया। फर्ग्युसन ने रियान पराग का विकेट निकालकर राजस्थान के संघर्ष पर विराम लगा दिया। पराग ने 16 गेंदों पर 18 रन बनाये। राजस्थान का सातवां विकेट 138 के स्कोर पर गिरा। जिमी नीशाम का विकेट 147 पर गिरा। राजस्थान ने नौ विकेट पर 155 रन बनाये। राजस्थान की तरफ से फर्ग्युसन के तीन विकेटों  के अलावा यश दयाल ने 40 रन पर तीन विकेट लिए।  इससे पहले कप्तान हार्दिक पंड्या के 52 गेंद में नाबाद 87 रन की मदद से गुजरात टाइटंस ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ आईपीएल के मैच में चार विकेट पर 192 रन बनाये। अभिनव मनोहर ने 28 गेंद में 43 और डेविड मिलर ने 14 गेंद में नाबाद 31 रन बनाकर हार्दिक का बखूबी साथ निभाया । पहली बार आईपीएल में उतरी गुजरात टीम का यह अब तक का सर्वोच्च स्कोर है ।

    टीममैचजीतहारटाईनो रिजल्टप्वॉइंट्सनेट रनरेट
    गुजरात टाइटन्स541008+0.450
    कोलकाता नाइट राइडर्स532006+0.446
    राजस्थान रॉयल्स532006+0.389
    पंजाब किंग्स 532006+0.239
    लखनऊ सुपर जायंट्स532006+0.174
    रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर532006+0.006
    दिल्ली कैपिटल्स422004+0.476
    सनराइजर्स हैदराबाद422004-0.501
    चेन्नई सुपर किंग्स514000-0.745
    मुंबई इंडियंस505000-1.072

    हार्दिक और मनोहर ने चौथे विकेट के लिये 86 रन जोड़े । इसके बाद कप्तान और मिलर ने 25 गेंद में 53 रन की साझेदारी की। पहले बल्लेबाजी के लिये भेजी गई गुजरात टीम ने तीन विकेट 53 रन पर गंवा दिये थे। इसके बाद हार्दिक ने कमान संभाली और अपनी पारी में आठ चौके तथा चार छक्के लगाये । वहीं मनोहर ने चार चौके और दो छक्के जड़े तो मिलर ने पांच चौके और एक छक्का लगाया । उन्होंने कुलदीप सेन के डाले 19वें ओवर में 21 रन लिये ।

    हार्दिक ने पांचवें ओवर में कुलदीप को लगातार तीन चौके लगाये । इसके बाद सातवें ओवर में रियान पराग को पहला छक्का जड़ा। मनोहर ने शानदार फॉर्म में चल रहे स्पिनर युजवेंद्र चहल को एक चौका और एक छक्का जड़ा । इसके बाद 14वें ओवर में दोनों ने कुलदीप को तीन चौके जड़े और हार्दिक ने अपना अर्धशतक भी पूरा किया । अगले ओवर में पंड्या ने अनुभवी स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को दो छक्के लगाये । इस ओवर में 16 रन बने । 

    गुजरात के 15 ओवर में तीन विकेट पर 130 रन बन गए थे । मनोहर के आउट होने के बाद मिलर ने रनगति रूकने नहीं दी । इससे पहले मैथ्यू वेड (12) सस्ते में आउट हो गए थे । विजय शंकर (दो) और शुभमन गिल (13) भी कोई कमाल नहीं कर सके जिन्हें पराग ने लांग आन सीमा पर शिमरोन हेटमायेर के हाथों लपकवाया ।

  • आखिरी ओवर में राहुल तेवतिया ने फिर किया धमाका, छक्के पर छक्का लगाकर गुजरात को दिलाई रोमांचक जीत

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। इंडियन प्रीमियर लीग के 15वें सीजन में गुजरात की टीम के जीत का अभियान जारी है। शुक्रवार को पंजाब की टीम के खिलाफ रोमांचक जीत के साथ टीम ने टूर्नामेंट में जीत का हैट्रिक पूरा किया। आखिरी ओवर में राहुल तेवतिया ने लगातार छक्के जमाते हुए पंजाब के जीत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए पंजाब ने 9 विकेट पर 189 रन बनाए थे। जवाब में आखिरी गेंद पर 4 विकेट के नुकसान पर जीत का लक्ष्य हासिल किया।

    पंजाब की टीम के खिलाफ गुजरात के कप्तान हार्दिक पांड्या ने टास जीत कर पहले गेंदबाजी चुनी। आखिर के ओवर में अर्शदीप और राहुल चाहर की तेज पारी की बदौलत टीम ने 9 विकेट पर 189 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया। लक्ष्य का पीछा करते हुए ओपनर शुभमन गिल ने 57 गेंद पर 96 रन की लाजवाब पारी खेल टीम को जीत के करीब पहुंचाया। डेब्यू कर रहे सुदर्शन ने 35 रन बनाए तो कप्तान हार्दिक 27 रन की पारी खेल आउट हुए।

    तेवतिया ने दिलाई रोमांचक जीत

    आखिरी ओवर में गुजरात की टीम को 19 रन की जरूरत थी और गेंद पंजाब के कप्तान ने ओडीन स्मिथ को थमाई। पहली गेंद वाइड गई तो दूसरी गेंद पर कप्तान हार्दिक का विकेट हासिल हुआ। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे तेवतिया ने 1 रन लेकर स्ट्राइक बदला। अगली 3 गेंद पर 17 रन की जरूरत थी। चौथी गेंद पर डेविड मिलर ने चौका लगाया। अब 13 रन चाहिए था जीत के लिए और स्मिथ ने थ्रो मारा जिसपर तेवतिया ने एक रन लेकर स्ट्राइक वापस ली।

    अब अगली दो गेंद पर टीम को जीत के लिए 2 छक्के की जरूरत थी। पिछले सीजन में वेस्टइंडीज के गेंदबाज शेल्डन काट्रेल को जमकर छक्के लगाते हुए राजस्थान को विजयी बनाने वाले राहुल से वैसी ही बल्लेबाजी की उम्मीद थी। राहुल ने अपने नाम के मुताबिक ही अगली दो गेंद पर छक्के पर छक्का जमाया और टीम को जीत की हैट्रिक मनाने का मौका दिया। 3 गेंद पर तेवतिया 13 रन बनाकर लौटे और जीत की खुशी में फैंस नाच उठे। 

  • इंस्टाग्राम पर वेंकटेश अय्यर और तेलुगु एक्ट्रेस प्रियंका की ‘CUTE’ चैट हुई वायरल, फैन्स बोले- कुछ तो पक रहा है

    Indian Premier League 2022: वेंकटेश अय्यर ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 के दूसरे लेग में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की ओर से खेलना शुरू किया और कम ही समय में अपने खेल से धमाल मचा डाला। एक साल से कम के समय में वह टीम इंडिया की ओर से वनडे और टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू कर चुके हैं। वेंकटेश वैसे तो सोशल मीडिया पर कुछ खास एक्टिव नहीं रहते हैं, लेकिन उन्होंने जैसे ही तेलुगु एक्ट्रेस प्रियंका जवालकर की एक पोस्ट पर कमेंट किया, यह कमेंट वायरल हो गया।प्रियंका की पोस्ट पर वेंकटेश का कमेंट आया, तो तेलुगु एक्ट्रेस ने जवाब भी दिया। फिर क्या था, फैन्स इस चैट के मजे लेने लगे। कुछ फैन्स ने तो यहां तक लिखा कि लगता है दोनों के बीच कुछ तो पक रहा है। प्रियंका ने इंस्टाग्राम पर यह फोटो शेयर की, जिस पर वेंकटेश ने कमेंट में लिख दिया Cute!

    फिर क्या था प्रियंका ने ज्यादा देरी किए बिना इस कमेंट पर जवाब में लिखा, ‘कौन? तुम?’ वेंकटेश के कमेंट को 10 हजार से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं और इस कमेंट पर करीब 2000 लोग कमेंट कर चुके हैं। प्रियंका ने 2017 में एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। अभी तक वह चार तेलुगु फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। प्रियंका सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं।

  • PBKS vs RCB: इस खिलाड़ी ने नहीं टपकाया होता कैच तो जीत जाती आरसीबी, कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने भी मानी ये बात

    फाफ डुप्लेसिस की अगुवाई वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का आईपीएल 2022 में आगाज हार के साथ हुआ। बल्लेबाजों द्वारा 205 रन बनाने के बावजूद टीम को पंजाब किंग्स के खिलाफ 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में गेंदबाजों के साथ-साथ कई जगह फील्डिंग में भी चूक हुई और मैच के बाद कप्तान फाफ डुप्लेसिस ने खुद इस बाद को स्वीकार किया। 17वें ओवर के दौरान अनुज रावत ने 1 के निजी स्कोर पर ओडियन स्मिथ का कैच टपका दिया था। इसके बाद इस खिलाड़ी ने मौके का फायदा उठाया और 8 गेंदों पर 3 छक्कों और एक चौके की मदद से 25 रनों की तूफानी पारी खेल टीम को जीत दिलाई।

    फाफ डुप्लेसिस ने मैच के बाद कहा “मुझे लगता है कि बल्लेबाजी वास्तव में अच्छी थी। वो अंत में गिरा कैच और फिर ओडियन स्मिथ ने 8 गेंदों पर 25 रन बनाए। मुझे लगता है कि जब हमने उनका कैच छोड़ा तो वह शायद 10 रन पर थे। अगर वह आउट होते तो निचले क्रम के बल्लेबाज आते। अच्छे कैच ही आपको मैच जीताते हैं।” 

    उन्होंने आगे कहा “मैदान पर थोड़ी ओस थी, गेंदबाजों के लिए कठिन रात थी, लेकिन मुझे लगा कि वे गीली गेंद से काफी अच्छे थे। छोटे मार्जिन, लेकिन उन्होंने वास्तव में अच्छी तरह से इसका पीछा किया। उनके पास वास्तव में अच्छा पावरप्ले था। दूसरी पारी में गेंद थोड़ी और स्किड हुई और फिर हमने उसे खूबसूरती से वापस खींच लिया। हमने बीच में काफी अच्छी चीजें कीं। लेकिन आप जानते हैं कि ओडियन स्मिथ आपके साथ क्या कर सकते हैं। तो आपको उन मौकों को पकड़ना होगा। यहां तक ​​कि दूसरे खिलाड़ी, शाहरुख खान ने भी आज रात आखिरी दो गेंदों तक कमाल किया। अगर शुरुआतसे ही अवसरों को पकड़ा होता तो मैच अलग होता।”

    आरसीबी को 205 रनों के लक्ष्य तक पहुंचाने में डुप्लेसिस ने अहम रोल अदा किया। धीमी शुरुआत के बावजूद इस सलामी बल्लेबाज ने 57 गेंदों पर 7 छक्कों और 3 चौकों की मदद से 88 रन की धमाकेदार पारी खेली।

    अपनी इनिंग के बारे में कप्तान ने कहा “मैं थक गया हूं! दिमाग में वही पहली पारी चल रही है, ओह (मुस्कुराते हुए)। आज बल्ले से शुरुआत करना मुश्किल रहा। पहले चार ओवर में गेंद स्विंग कर रही थी, मुझे लगता है कि मैंने पहली 10 गेंदों पर 1 रन बनाया था। बल्ले को पकड़ना थोड़ा मुश्किल है लेकिन उसे पार करना अच्छा लगता है।

  • ICC Women’s World Cup 2022: भारत विश्व कप से बाहर, रोमांचक मुकाबले में मिली साउथ अफ्रीका से हार

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। न्यूजीलैंड में खेले जा रहे आइसीसी महिला विश्व कप से भारतीय टीम का सफर खत्म हो चुका है। टीम इंडिया को आखिरी लीग मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ हर हाल में जीत चाहिए थी लेकिन वह नाकाम रही। क्राइस्टचर्च के हेगले ओवल में खेले गए मुकाबले में भारतीय टीम को 3 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। भारत ने स्मृति मंधाना, शेफाली वर्मा और कप्तान मिताली राज के अर्धशतक के दम पर 7 विकेट पर 50 ओवर में 274 रन बनाने में कामयाब हुई थी। लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम ने आखिरी गेंद पर चौके के साथ 7 विकेट खोकर जीत हासिल किया.

    आखिरी गेंद पर हुआ जीत का फैसला 

    भारतीय टीम के पास आखिरी गेंद तक जीत का मौका था लेकिन वह इसे हासिल करने से चूक गई। साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 6 गेंद पर 7 रन की जरूरत थी। कप्तान मिताली ने गेंद दीप्ति शर्मा को थमाई। पहली गेंद पर 1 रन बना इसके बाद दूसरी गेंद पर हरमनप्रीत कौर के बाउंड्री से किए गए थ्रो पर त्रिषा चेत्री रन आउट होकर वापस लौटी। भारत की उम्मीद पूरी तरह से जिंदा हो चुकी थी। अगली दो गेंद पर एक-एक रन बने फिर डु प्रेज की शाट पर हरमन ने कैच पकड़ा तो लगा अब काम बन गया। तभी कुछ ऐसा हुआ जिसने भारतीय फैंस का दिल तोड़ दिया। अंपायर ने गेंद को नो बाल करार दिया। इसके बाद दो गेंद पर दो रन की जरूरत थी जिसे आसानी से हासिल कर साउथ अफ्रीका ने भारत का सपना तोड़ दिया। भारत ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 274 रनों का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया था। भारत की तरफ से शेफाली वर्मा, स्मृति मंधाना और कप्तान मिताली राज ने अर्धशतकीय पारी खेली थी। स्मृति मंधाना और शैफाली वर्मा ने भारत को शानदार शुरुआत दिलवाई थी, दोनों ने पहले विकेट के लिए केवल 15 ओवर में 91 रन जोड़े थे। शैफाली वर्मा ने तेज-तर्रार 46 गेंदों पर 53 रन की पारी खेली। इसके बाद मंधाना ने मोर्चा संभाला। हालांकि वो शतक बनाने से चूक गईं। उन्होंने 71 रन की पारी खेली। कप्तान मिताली ने 68 रनों की पारी खेली।भारतीय टीम को इस मैच में झूलन गोस्वामी की कमी खूब खली। भारतीय गेंदबाज 274 रन के बड़े स्कोर को डिफेंड करने में नाकामयाब रही। सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए भारत को हर हाल में यहां जीत चाहिए था लेकिन बल्लेबाजों के अच्छे प्रदर्शन के बाद भी गेंदबाजों का साथ नहीं मिला।

  • ICC Women’s World Cup: भारत-आस्ट्रेलिया के बीच विश्व कप का मुकाबला, कब और कहां देखें यह अहम मैच

    नई दिल्ली,आइसीसी वर्ल्ड कप के 18वें मैच में भारत का मुकाबला अब तक अविजीत रही आस्ट्रेलिया की टीम से होगा। इस मैच में भारत के सामने जीत की चुनौती होगी क्योंकि अब तक खेले गए चार मैचों में भारतीय टीम को दो में जीत और दो मैच में हार का सामना करना पड़ा है।

    पिछले मैच में भारत की बैटिंग पूरी तरह से फ्लाप रही थी और इंग्लैंड के खिलाफ मैच में टीम केवल 134 रन ही बना पाई थी। इंग्लैंड ने 35वें ओवर में ही इस मैच को अपनी झोली में कर लिया था। फिलहाल भारतीय टीम प्वाइंट्स टेबल में टाप चार में है और आस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत न केवल टीम के मनोबल को बढ़ाएगा बल्कि नाकआउट दौर में पहुंचने की संभावनाओं को भी मजबूत करेगा। उम्मीद है भारत इंग्लैंड के खिलाफ मैच की गलतियों से सबक लेते हुए इस मैच में टीम को एक ठोस शुरुआत देगी। यदि आप भी इस मैच का आनंद लेना चाहते हैं तो इससे जुड़ी कुछ अहम बातें जान लीजिए।

    19 मार्च, शनिवार को खेला जाएगा भारत और आस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप का 18वां मुकाबला।

    कहां खेला जाएगा भारत और आस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप का 18वां मुकाबला?

    इडेन पार्क आक्लैंड में खेला जाएगा भारत और आस्ट्रेलिया के बीच ये मुकाबला।

    कितने बजे खेला जाएगा भारत और आस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप का 18वां मुकाबला?

    भारत और आस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप का ये मुकाबला भारतीय समयनुसार सुबह 6.30 बजे शुरू होगा।

    कितने बजे होगा भारत और आस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप के 18वें मुकाबले का टास?

    भारत और आस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप के 18वें मुकाबले का टास सुबह 6 बजे होगा।

    कहां देख सकते हैं भारत और आस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप का 18वां मुकाबला?

    भारत और आस्ट्रेलिया के बीच 18वें मुकाबले को आप स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क और हाटस्टार पर देख सकते हैं।

  • Kohli अपनी फिटनेस के जरिए तेंदुलकर के किस बड़े रिकार्ड की कर सकते हैं बराबरी, पूर्व भारतीय कोच ने बताया

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। विराट कोहली की तुलना सचिन तेंदुलकर के साथ हमेशा की जाती है। सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट में कई रिकार्ड्स अपने नाम किए हैं और ऐसा माना जाता है कि विराट कोहली उनसे आगे निकल सकते हैं। कई रिकार्ड्स के मामले में तो विराट कोहली सचिन तेंदुलकर से आगे निकल भी गए हैं। वनडे में सचिन के नाम पर 49 शतक दर्ज है और कोहली के नाम पर 43 शतक है। कोहली 33 साल के हैं और माना जाता है कि वो इस मामले में भी सचिन को पीछे छोड़ सकते हैं। 

    अब भारत के पूर्व कोच अंशुमान गायकवाड़ ने विराट कोहली में जबरदस्त विश्वास दिखाया है और कहा कि 33 साल के कोहली भारत के लिए 200 टेस्ट खेल सकते हैं और सचिन के रिकार्ड की बराबरी कर सकते हैं। यही नहीं उनका विश्वास है कि वो शायद इस रिकार्ड को तोड़ भी सकते हैं जिसके शायद टूटने की संभावना नहीं है। अंशुमान ने नेटवर्क 18 के साथ बात करते हुए कहा कि कोहली 100 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और अभी वो लगातार खेल रहे हैं। कोहली को 100 टेस्ट मैच खेलने का बाद जो अनुभव हासिल हुआ है वो सबसे बड़ा अंतर है। 

    अंशुमान ने आगे कहा कि जब तक विराट कोहली फिट हैं उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता है और वो अपनी फिटनेस को लेकर काफी सतर्क रहते हैं। अपनी फिटनेस के दम पर अगर वो भारत के लिए 200 टेस्ट मैच खेल जाते हैं तो मुझे हैरानी नहीं होगी क्योंकि वो लगातार मैच खेलते हैं। अगले सात से आठ साल में वो 200 टेस्ट मैचों के करीब पहुंच सकते हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि वो फिट रहेंगे और अगले 10 साल तक खेलेंगे। उन्होंने कहा कि ये भारतीय क्रिकेट के लिए बड़ा फायदेमंद होने जा रहा है। कोहली ना सिर्फ सामने से प्रदर्शन और नेतृत्व कर रहे हैं बल्कि एक कप्तान और खिलाड़ी के तौर पर उन्हें जो अनुभव मिला है वो काफी बड़ी बात है। कोहली कभी हार नहीं मानते और उनकी सोच सकारात्मक रहती है। 

  • नहीं रहे शेन वॉर्न: ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज क्रिकेटर शेन वॉर्न का हार्ट अटैक से निधन, 52 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

    ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज क्रिकेटर शेन वॉर्न का थाईलैंड में दिल का दौड़ा पड़ने से निधन हो गया। उनके प्रबंधन की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है। वह 52 वर्ष के थे। वॉर्न के प्रबंधन ने आस्ट्रेलियाई मीडिया को एक संक्षिप्त बयान जारी किया है कि वॉर्न का थाईलैंड के को समुई में निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से पूरे क्रिकेट जगत में शौक की लहर दौड़ गई है।

    वॉर्न ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 145 टेस्ट मैचों में 708 विकेट चटकाए थे। उनके नाम वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में 194 मैचों में 293 विकेट दर्ज हैं। प्रथम श्रेणी उनके नाम 1319 विकेट झटके थे। वह टेस्ट क्रिकट में श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज थे। 

    वॉर्न ने 1992 में भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने 15 साल तक क्रिकेट के मैदान पर अपना राज किया। वह 1999 विश्व कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के मेंबर भी थे। फाइनल में उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था। वह 1993 से 2003 तक पांच

    शेन वॉर्न की मैनेजमेंट एजेंसी ने कहा कि दिग्गज लेग स्पिनर थाईलैंड के एक विला में थे, जहां वह सुबह बेहोशी की अवस्था में पाए गए़। इसके बाद मेडिकल टीम की पूरी कोशिशों के बाद भी उन्हें होश में नहीं लाया जा सका। बयान में कहा गया, ‘शेन वॉर्न अपनी विला में अचेत पाए गए। मेडिकल स्टाफ की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी उनके परिवार ने इस मौके पर निजता बनाए रखने की अपील की है। समय आने पर आगे ब्यौरा दिया जाएगा।’

    शेन वॉर्न का आखिरी ट्वीट भी था दुखद, इंस्टा स्टोरी भी आई सामने

    12 घंटे पहले रॉड मार्श के निधन पर जताया था शोक

    महान स्पिनरों में से एक वॉर्न ने शुक्रवार को ही एक एक ट्वीट भी किया था, जिसकी भी स्टोरी उन्होंने लगाई। गुरुवार की रात को सोने से पहले उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर एक इंस्टा स्टोरी लगाई थी, जिसमें उन्होंने विला की स्टोरी लगाई थी। ये विला थाईलैंड का है। उन्होंने फोटो शेयर करते हुए लिखा था, “गुड नाइट फ्रॉम समुजानाविल्लास को समुई।” वहीं, एक अन्य इंस्टा स्टोरी में उन्होंने अपने एक ट्वीट की फोटो लगाई, जिसमें 12 घंटे पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉड मार्श के निधन पर शोक व्यक्त किया था।

    आईपीएल में पहली खिताब जीतने वाली टीम के कप्तान 

    इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वॉर्न आईपीएल से जुड़े थे। उनकी कप्तानी में राजस्थान रॉयल्स ने 2008 में आईपीएल का पहला खिताब जीता था। वॉर्न बाद में राजस्थान टीम के कोच भी बने थे। इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक क्रिकेट में कमेंट्री भी की। 

    ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज क्रिकेटर शेन वॉर्न का थाईलैंड में दिल का दौड़ा पड़ने से निधन हो गया। उनके प्रबंधन की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है। वह 52 वर्ष के थे। वॉर्न के प्रबंधन ने आस्ट्रेलियाई मीडिया को एक संक्षिप्त बयान जारी किया है कि वॉर्न का थाईलैंड के को समुई में निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से पूरे क्रिकेट जगत में शौक की लहर दौड़ गई है। वॉर्न ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 145 टेस्ट मैचों में 708 विकेट चटकाए थे। उनके नाम वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में 194 मैचों में 293 विकेट दर्ज हैं। प्रथम श्रेणी उनके नाम 1319 विकेट झटके थे। वह टेस्ट क्रिकट में श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज थे। 

    महज 12 घंटे में दो महान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की मौत  

    वॉर्न ने 1992 में भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने 15 साल तक क्रिकेट के मैदान पर अपना राज किया। वह 1999 विश्व कप जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के मेंबर भी थे। फाइनल में उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था। वह 1993 से 2003 तक पांच बार एशेज सीरीज जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रहे थे।  

    शेन वॉर्न की मैनेजमेंट एजेंसी ने कहा कि दिग्गज लेग स्पिनर थाईलैंड के एक विला में थे, जहां वह सुबह बेहोशी की अवस्था में पाए गए़। इसके बाद मेडिकल टीम की पूरी कोशिशों के बाद भी उन्हें होश में नहीं लाया जा सका। बयान में कहा गया, ‘शेन वॉर्न अपनी विला में अचेत पाए गए। मेडिकल स्टाफ की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी उनके परिवार ने इस मौके पर निजता बनाए रखने की अपील की है। समय आने पर आगे ब्यौरा दिया जाएगा।’

    शेन वॉर्न का आखिरी ट्वीट भी था दुखद, इंस्टा स्टोरी भी आई सामने

    12 घंटे पहले रॉड मार्श के निधन पर जताया था शोक

    महान स्पिनरों में से एक वॉर्न ने शुक्रवार को ही एक एक ट्वीट भी किया था, जिसकी भी स्टोरी उन्होंने लगाई। गुरुवार की रात को सोने से पहले उन्होंने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर एक इंस्टा स्टोरी लगाई थी, जिसमें उन्होंने विला की स्टोरी लगाई थी। ये विला थाईलैंड का है। उन्होंने फोटो शेयर करते हुए लिखा था, “गुड नाइट फ्रॉम समुजानाविल्लास को समुई।” वहीं, एक अन्य इंस्टा स्टोरी में उन्होंने अपने एक ट्वीट की फोटो लगाई, जिसमें 12 घंटे पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉड मार्श के निधन पर शोक व्यक्त किया था।

    आईपीएल में पहली खिताब जीतने वाली टीम के कप्तान 

    इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वॉर्न आईपीएल से जुड़े थे। उनकी कप्तानी में राजस्थान रॉयल्स ने 2008 में आईपीएल का पहला खिताब जीता था। वॉर्न बाद में राजस्थान टीम के कोच भी बने थे। इसके बाद उन्होंने कुछ समय तक क्रिकेट में कमेंट्री भी की। 

    2015 में सचिन तेंदुलकर के खिलाफ खेला था अपना पिछला मैच

    2007 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद शेन वॉर्न ने आईपीएल और बिग बैश लीग में खेलना जारी रखा था। क्रिकेट के​ किसी भी फॉर्मेट में उन्होंने अपना पिछला मैच 2015 में अमेरिका में खेला था। वॉर्न ने उस मैच में वॉरियर्स की कप्तानी की थी, जिसका मुकाबला महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की एसआरटी ब्लास्टर्स की टीम से हुआ था। महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न पिछले साल अगस्त में कोरोना पॉजिटिव भी पाए गए थे। हालांकि उन्होंने कोरोना की दोनों डोज ले रखी थी। लेकिन बावजूद इसके बीमार होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। 

    ‘बॉल ऑफ सेंचुरी’ के लिए याद किए जाएंगे

    शेन वॉर्न ने 1993 में 24 वर्ष की उम्र में ओल्ड ट्रैफर्ड में जिस गेंद पर इंग्लैंड के माइक गैटिंग को आउट किया था, उसे ”बॉल ऑफ सेंचुरी’ माना जाता है। गैटिंग उस लेग ब्रेक पर हैरान रह गए। गेंदबाजी की यह कला उस समय अंतिम सांसे ले रही थी जब वॉर्न ने उसे पुनर्जीवित किया। वह श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) के बाद सर्वाधिक विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज थे। क्रिकेट आस्ट्रेलिया और श्रीलंका क्रिकेट ने 2007 में दोनों दिग्गजों के सम्मान में दोनों देशों के बीच टेस्ट सीरीज का नाम वॉर्न मुरलीधरन ट्रॉफी रखा।

    भारत के खिलाफ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर पहला टेस्ट खेलने वाले वॉर्न को 1992 से 2007 के बीच उनकी अतुल्य उपलब्धियों के लिए विजडन ने शताब्दी के पांच क्रिकेटरों में चुना। उन्हें 2013 में आईसीसी ‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किया गया। वॉर्न 1999 विश्व कप जीतने वाली आस्ट्रेलियाई टीम के सदस्य थे। उन्होंने एशेज क्रिकेट में सर्वाधिक 195 विकेट लिए हैं।

    भारत में काफी लोकप्रिय थे

    अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद उन्होंने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स को पहले ही सत्र में कप्तान और कोच के रूप में खिताब दिलाया। मैदान के भीतर और बाहर बेहतरीन शख्सियत के मालिक वॉर्न ने कमेंटेटर के रूप में भी कामयाबी पाई। भारत में वह काफी लोकप्रिय थे और रवि शास्त्री उनका पहला टेस्ट विकेट थे।

    विवादों से भी रहा नाता

    अपने मिजाज के कारण कई बार वह विवादों से भी घिर जाते थे। मसलन 1998 में मार्क वॉ और उन्हें पिच और मौसम के हालात की जानकारी एक सटोरिये को देने की एवज में पैसा लेने के लिये क्रिकेट आस्ट्रेलिया को जुर्माना देना पड़ा। दक्षिण अफ्रीका में 2003 विश्व कप से पहले वह प्रतिबंधित डायूरेटिक के सेवन के दोषी पाए गए। उनका हालांकि कहना था कि उनकी मां ने वजन कम करने के लिए उन्हें वह दवा दी थी। वह क्रिकेट में कोचिंग के खिलाफ थे और उनका मानना है कि क्रिकेट में मैनेजर होने चाहिए।

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