होम देश/विदेश मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ उत्तरप्रदेश जॉब/वेकैंसी एंटरटेनमेंट खेल लाइफस्टाइल टेक/गैजेट फैशन धर्म

दीपावली से पहले भोपाल में लगे पोस्टर पर सियासी घमासान: “स्वदेशी व्यवहार” बनाम “सांप्रदायिक सौहार्द”-रामेश्वर शर्मा

भोपाल: दीपावली से ठीक पहले विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा भोपाल में लगाए गए एक पोस्टर ने मध्य प्रदेश की ...

विज्ञापन

Updated on:

| सतना टाइम्स

भोपाल: दीपावली से ठीक पहले विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा भोपाल में लगाए गए एक पोस्टर ने मध्य प्रदेश की राजनीति में नया उबाल ला दिया है। पोस्टर में स्पष्ट अपील की गई है कि लोग अपनी दीपावली की खरीदारी “उन्हीं से करें जो आपकी खरीदी से दिवाली त्योहार मना सके।” इस अपील को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है।

“जो थूकेगा, जनता उस पर थूकेगी” – रामेश्वर शर्मा

स्थानीय भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस पोस्टर का कड़ा समर्थन किया है। उन्होंने इस व्यवहार को ‘स्वदेशी’ बताते हुए कहा, “हम उनसे ही व्यवहार करेंगे जो हमारे देश के लिए ईमानदार रहेगा और जो भारत माता और हिंदुस्तान को अपनी मातृभूमि मानते हैं।”

विधायक शर्मा ने सीधे तौर पर थूकने और सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा अगर कोई मिठाई पर थूकेगा, सब्जी और फल पर थूकेगा तो जनता उस पर थूकेगी। स्वच्छ और सुरक्षित सामान ही खरीदा जाएगा। अपनों से सामान खरीदने में कोई आपत्ति नहीं है।”यह अपील हिंदू उत्सव समिति की साधु-संतों के साथ हुई बैठक के बाद आई है, जिसमें तय किया गया कि दीपावली की पुताई से लेकर खरीददारी तक का सारा सामान केवल ‘सनातनियों’ से ही खरीदा जाए। पोस्टर में “हिंदुओं को काफिर कहने वालों” से सामान न खरीदने की अपील भी की गई है।

PunjabKesari

त्यौहार सौहार्द बढ़ाते हैं, यह संस्कृति पर चोट है” – पीसी शर्मा

दूसरी ओर, पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने इस तरह की अपीलों को भारतीय संस्कृति के विपरीत बताते हुए सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने पर जोर दिया।पीसी शर्मा ने कहा कि ऐसे लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के विचारों के खिलाफ हैं, जिनका मानना है कि “सब अपने हैं, बाबा आदम के ज़माने से सब अपने हैं।”

PunjabKesari

उन्होंने आगे कहा हमारी भारतीय संस्कृति ऐसी है कि इस पर चोट करोगे तो ज्यादा दिन नहीं चलेगी। सभी त्यौहार सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने के लिए होते हैं। कोरोना काल में हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई आपस में मिलजुल कर समय निकाले, यह हमारी मिसाल है। सबको मिलजुल कर त्योहार मनाने चाहिए।”यह सियासी घमासान ऐसे समय में शुरू हुआ है जब प्रदेश में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, और इस पोस्टर ने व्यवहार और व्यापार के आधार पर धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिशों को हवा दे दी है।

 

जनता का सवाल: क्या त्यौहार पर की गई खरीदारी को भी अब सौहार्द या सियासत के तराजू पर तौला जाएगा?

प्रांशु विश्वकर्मा, ग्राफिक डिजाइनर, वीडियो एडिटर और कंटेंट राइटर है।जो बिजनेश और नौकरी राजनीति जैसे तमाम खबरे लिखते है।... और पढ़ें