भोपाल. युवा शक्ति किसी भी प्रदेश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भागीदार होती है. मध्यप्रदेश के युवाओं को आगे बढ़ने के बेहतर अवसर देने राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में चल रहे अनेक प्रयासों में एक अनूठा कदम और जुड़ने जा रहा है. मुख्यमंत्री मंगलवार को भोपाल के रविन्द्र भवन से मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में पोर्टल पर प्रशिक्षणार्थियों के पंजीयन का शुभारंभ करेंगे. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री युवाओं से संवाद भी करेंगे, जिसका सभी जिला मुख्यालयों पर लाइव प्रसारण भी किया जाएगा. प्रदेश के युवा अपने मनपसंद विषय में पात्रता अनुसार पोर्टल पर पंजीयन करा सकेंगे.MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए सतना टाइम्स ऐप को डाऊनलोड करें, इस लिंक पर करें क्लिक
सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं के हितों और मध्यप्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई कदम उठाए हैं. इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी युवा नीति को आगे बढ़ाते हुए ‘ लर्न एंड अर्न ‘की तर्ज पर नई ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ तैयार की है. योजना अंतर्गत प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को उद्योग उन्मुख नई तकनीक और प्रक्रियाओं में दक्षता लाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे युवाओं को सहजता से रोजगार प्राप्त हो सकेगा. इस योजना के तहत प्रदेश के 18 से 29 वर्ष के शिक्षित युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्रतिष्ठित कंपनियों में प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा. प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को प्रतिमाह 8 हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक का स्टाइपेंड भी दिया जाएगा.
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किन युवाओं को मिलेगा योजना का लाभ
इस योजना के पहले चरण में एक लाख युवाओं को रोजगार उन्मुखी कौशल में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके बाद आवश्यकतानुसार लक्ष्य को बढ़ाया जाएगा. योजना के तहत चयनित मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा निर्धारित कोर्स में प्रशिक्षणार्थी के रूप में पंजीकृत किया जाएगा, जिसमें पाठ्यक्रमों की सूची योजना के पोर्टल www.mmsky.mp.gov.in पर उपलब्ध रहेगी. योजना की पात्रता के लिए आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो, आयु 18 से 29 वर्ष हो और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास, आईटीआई उत्तीर्ण , डिप्लोमा उत्तीर्ण , स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शिक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है.
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कितना मिलेंगा प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड
इस योजना के प्रति युवाओं में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है. योजना में चयनित छात्र -छात्राओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप स्टाइपेन्ड मिलेगा, जिसमें 12वीं उत्तीर्ण को प्रतिमाह 8000, आईटीआई उत्तीर्ण को 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9000 और स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शिक्षा उत्तीर्ण होने पर 10 हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. इस योजना में युवाओं को अपने संस्थानों में रोजगार दिलाने के लिए 1 जुलाई तक 10 हजार से अधिक प्रतिष्ठानों ने पंजीयन कराया है, जिसके द्वारा लगभग 35000 प्रशिक्षण रिक्तियां प्रकाशित की जा चुकी है. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की इस नई पहल से प्रदेश के युवाओं के सपनों को नए पंख लगेंगे.
कौशल और कमाई के साथ रोजगार के भी
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना ‘के लागू होने से काम सीखने के साथ-साथ युवाओं को आर्थिक रूप से जो मदद मिलेगी वह उनका आत्मविश्वास बढ़ाएगी. आमतौर पर औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को पर्याप्त संख्या में कार्यकुशल मानव संसाधन नहीं मिल पाते है. इसे देखते हुए प्रदेश सरकार को उनके कौशल विकास के लिए इस तरह की योजना की जरूरत महसूस हुई, जहां पर युवाओं को काम सीखने के साथ ही कमाई के अवसर भी मिलेंगे. योजना में युवाओं को उद्योगों, सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण के साथ ही नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण करने या फार्मेटिव एसेसमेंट के बाद मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार बोर्ड स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र देगा. इसके लिए योजना से कंपनियों और सर्विस सेक्टर को जोड़ा गया है. प्रशिक्षित युवाओं को अच्छे रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे.
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नई तकनीक और प्रक्रियाओं के लिए किया जाएगा प्रशिक्षित
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि यह योजना जहां एक और युवाओं का सपनों को नई उड़ान देने का काम करेगी तो वहीं युवाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी भी बनाएगी. ‘मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ के प्रभावी होने के बाद मध्यप्रदेश एक ऐसा प्रदेश बनकर उभरेगा, जिसमें युवाओं की ऊर्जा और योग्यता के सभी बहुआयामी सरोकार समाहित होंगे. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस योजना से प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को उद्योग उन्मुख नई तकनीक और प्रक्रियाओं में दक्षता लाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उन्हें सहजता से रोजगार प्राप्त हो सकेगा.
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