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MP : अब प्यासी नहीं रहेगी विंध्य की धरती – रबी की फसल भी कर सकेंगे किसान, बाणसागर परियोजना की सबसे अहम टनल की खुदाई पूरी जल्दी मिलेगा पानी

Satna Times : मध्यप्रदेश के विंध्य इलाके के रीवा और सतना के किसानों के लिए नये साल के पहले की सबसे बड़ी खुशखबरी आयी है। बाणसागर बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना के तहत बहुती नहर परियोजना के सबसे अहम काम यानि लघु सुरंग बनाने में बड़ी सफलता मिली है। इस सुरंग को दोनों तरफ से मिलाने के लिए जरुरी डे ब्रेकिंग यानि सुरंग मिलान का काम शनिवार को कर लिया गया और अब केवल एक महीने के अंदर ही इससे पानी का वितरण किया जा सकेगा। टनल की लंबाई कुल 3.79 किलोमीटर है।

इस परियोजना के पूरा होने पर रीवा की पांच तहसीलों और सतना की दो तहसीलों के करीब 65 हजार हेक्टेयर और तीन लाख किसानों को इसका लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं नई टनल से पानी का प्रवाह भी पहले की अपेक्षा ज्यादा होगा। बाणसागर बांध का पानी बहुती नहर परियोजना में पहुंचाने के लिए छुहिया घाटी गोविंदगढ़ में बनाई जा रही जल सुरंग का निर्माण कार्य का अहम हिस्सा यानि नहर के दोनों तरफ से पानी के लिए डे ब्रेकिंग का काम पूरा हो गया है। इसके बाद अब बाकी नहर में विस्तार और निकास के बाकी काम जल्दी ही पूरी होकर पानी का वितरण शुरु हो जायेगा।

इस परियोजना को लेकर कड़ी चुनौतिया रही हैं। इस परियोजना के तहत क्यूटी और पुरवा नहर के जरिये ऊंचाई के इलाकों तक सिंचाई की सुविधा देने का लक्ष्य रखा गया है। इस काम को सिंचाई परियोजनाओं के लिए विशेषज्ञ मानी जाने वाली कंपनी मंटेना के तहत मिलकर मंटेना बहुती संयुक्त परियोजना के तहत किया गया। पहले इसे बाणसागर बांध के झिन्ना गांव के पास प्रस्तावित किया गया था। जिसमें से करीब 14 किलोमीटर की नहर के साथ 45 क्यूबिक मीटर पानी छोडा जाना था। सर्वे के दौरान अलाइनमेंट में बदलाव की जरुरत महसूस की गयी और नयी डिजाइन के साथ प्रस्ताव दिया गया। इसमें सतना जिले के रामनगर तहसील के गुलवार गुजारा गांव से नहर का मुख्य प्रवाह बनाने को मंजूरी दी गई। साथ ही नहर का विस्तार करीब 18 किलोमीटर तक कर दिया गया। करीब 4 किलोमीटर की सुरंग बनाने का निर्णय लिया गया। इस नये प्रस्ताव के कारण पानी का प्रवाह भी 10 लाख क्यूबिक मीटर तक बढ जायेगा। इसके अलावा गर्मी के मौसम में जब बाणसागर परियोजना में पानी का स्तर कम हो जाता है, उस समय भी नहर में प्रवाह बनाये रखने के लिए आमघोरी रामादीन गांव के पास एक फीडर पंप भी लगाया जा रहा है। इसके कारण नहर और सुरंग सहित करीब 21 किलोमीटर तक पानी का प्रवाह 54 लाख क्यूबिक मीटर बना रहेगा।

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बाणसागर बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना रीवा जिले में ही नहीं पूरे विंध्य क्षेत्र के लिए वरदान साबित हुई है। इससे रीवा संभाग के सभी जिलों में खेती को उन्नत बनाने तथा फसलों का उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बाणसागर से रीवा जिले में विकसित रकबे का दुगुना क्षेत्रफल विकसित होगा है। अब तक जिले के 1.5 लाख एकड़ में ही सोन नदी का पानी पहुंचा है। 3.87 लाख एकड़ में पानी पहुंचाने की चुनौती अभी बाकी है। बाणसागर बांध की नहरों का लाभ रीवा जिले के अधिकांश क्षेत्रों को मिल रहा है। जिले का नईगढ़ी तथा मऊगंज क्षेत्र के किसानों को बाणसागर के पानी का पूरा लाभ अब तक नहीं मिला था। इस कमी को दूर करने के लिए नईगढ़ी नहर का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही त्योंथर एवं बहुती नहर का निर्माण किया जा रहा है। सिंचाई की सुविधा मिलने से किसानों की तकदीर बदल जायेगी। खेती को उन्नत बनाने तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के अवसर मिलेगे।

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परियोजना के अधिकारियों के अनुसार इस सुरंग का काम बहुत कठिन था क्योकिं छुइया घाटी का पहाड़ हार्डरॉक और मिट्टी का बना है। इसलिए खुदाई के दौरान कई जगहों पर तो कड़ी चट्टान थी, तो कहीं पर मिट्टी। ऐसे में अत्याधुनिक बूमर मशीन का इस्तेमाल किया गया और पूरी सावधानी और सुरक्षा के साथ ही सुरंग को आरपार निकाला गया। ये सुरंग करीब 7.2 डाय मीटर की होगी। सुरंग के साथ ही नहरों को बनाने का काम भी 90 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है औऱ अगले साल ही शुरुआत से ही इसमें पानी छोड़ा जा सकेगा।

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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