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CG Flood: बस्तर में बारिश ने मचाई तबाही, नदियों का रौद्र रूप

Cg News :छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। दंतेवाड़ा जिले में मूसलधार बारिश ...

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| सतना टाइम्स

CG Flood: बस्तर में तबाही, नदियों का रौद्र रूप

Cg News :छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। दंतेवाड़ा जिले में मूसलधार बारिश के चलते इंद्रावती नदी उफान पर है। इसके चलते शंखनी और डंकनी नदियों का पानी ठहर गया और आसपास के गांवों में भारी तबाही मच गई। बताया जा रहा है कि डंकनी नदी का ऐसा भीषण रूप 53 साल पहले, सन 1972 में देखने को मिला था। हालात बिगड़ने पर अब तक 2196 लोगों को सुरक्षित राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है।

CG Flood: बस्तर में तबाही, नदियों का रौद्र रूप

पुल और रेल लाइन बह गए

बारिश का सबसे बड़ा असर दंतेवाड़ा नगर पर पड़ा है। चितालंका बाइपास पर डंकनी-शंखनी संगम पर बना 120 मीटर लंबा पुल बह गया। वहीं, गीदम-बारसूर मार्ग पर गणेश बहार नाले का पुल और किरंदुल-कोत्तवालसा रेललाइन की पटरियां भी पानी में बह गईं। ओएचई को भी गंभीर नुकसान हुआ है।

100 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूटा

भुसारास-कुकानार मार्ग पर कुन्ना, बालेपेट सहित कई छोटे पुल बह जाने से 100 से ज्यादा गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं। बारिश और बाढ़ से 200 से अधिक मकान गिर गए। पनेड़ा के पास नेशनल हाईवे का अप्रोच धंसने से 20 घंटे तक यातायात ठप रहा। ट्रक और बसों की लंबी कतारें लग गईं।

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500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अब तक 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। दंतेवाड़ा समेत बस्तर के कई हिस्सों में 15 से ज्यादा पुल-पुलिए टूट गए हैं, जिससे करीब 50 करोड़ का अलग नुकसान आंका गया है। जगदलपुर-चित्रकोट मार्ग और दोरनापाल-सुकमा हाईवे भी बंद हो गया है। बीजापुर-हैदराबाद रोड का संपर्क भी टूट चुका है।

राहत-बचाव कार्य तेज

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दक्षिण कोरिया प्रवास से ही अधिकारियों को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। राजस्व सचिव रीना बाबासाहेब कंगाले ने जानकारी दी कि बाढ़ प्रभावित 4 जिलों में 43 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें 2196 लोग ठहरे हुए हैं।

मौत का आंकड़ा बढ़ा

अब तक बाढ़ में 5 लोगों और 17 मवेशियों की मौत हो चुकी है। वहीं, दंतेवाड़ा के डुमाम गांव के दो मासूम बाढ़ का नजारा देखने रेल पटरी पर पहुंचे थे, जहां ट्रेन की चपेट में आने से दोनों की मौत हो गई।

 

पिछले पाँच वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय जयदेव विश्वकर्मा, जनसरोकार और जमीनी हकीकत की आवाज़ हैं। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक पहल, राजनीति, स्वास्थ्य और आमजन से जुड़े मुद्दों पर इनकी पकड़ गहरी है। निष्पक्षता और सटीक ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए जाने जाने वाले जयदेव, जनता के असली सवालों को सामने लाने में यक़ीन रखते हैं।... और पढ़ें