SATNA TIMES: कुल्थी की दाल सेहत के लिए है काफी फायदेमंद, आप भी सीख लें बनाने का तरीका

दालें भारतीय किचन का अहम हिस्सा हैं। अरहर, मूंग, चना, मसूर और उड़द कॉमन दालें हैं जो अक्सर घरों में बनाई जाती है। दालों में प्रोटीन काफी मात्रा में होता है। साथ ही ये टेस्ट में भी लाजवाब होती हैं।

ये दालें ज्यादातर उत्तर भारत में खाई जाती हैं। दक्षिण भारत की बात करें तो यहां कुल्थी की दाल काफी प्रसिद्ध है। कुल्थी की दाल में पोषक तत्व काफी मात्रा में होते हैं। कुल्थी की दाल प्रोटीन और फाइबर्स में रिच होती है। इससे ब्लड शुगर लेवल सही रहता है। इसके अलावा इस दाल में आयरन, फॉस्फोरस और विटामिन सी भी काफी मात्रा में पाया जाता है।  यह दाल आपके दिल के लिए भी फायदेमंद होती है। अगर इस न्यूट्रीशियस दाल को आप भी खाना चाहते हैं तो रेसिपी सीख सकते हैं।

रेसिपी

कुल्थी की दाल बनाने से पहले इसको भिगोना बेहद जरूरी है। पकाने से पहले इसको रातभर भिगोकर रखें। इसके बाद इसको नॉर्मल दाल की तरह नमक और हल्दी डालकर उबालें। इसको 5-6 सीटी तक उबाल लें। कुकर को प्रेशर निकल जाने तक ऐसे ही रख दें। अब दाल फ्राइ करने के लिए एक पैन में घी गरम करें। इसमें राई, जीरा और हींग डालें। इसके बाद अदरक, लहसुन का पेस्ट और हरी मिर्च डालें। अदरक-लहसुन पक जाए तो 2 मिनट बाद इसमें लंबा कटा प्याज डाल दें। प्याज पारदर्शी होने लगे तो बारीक कटे टमाटर डाल दें। अब इसमें मसाले डालें। आधी चुटकी नमक और लाल मिर्च डालें। थोड़ी सी कसूरी मेथी भी डाल लें। मसाला भुन जाए तो इसमें दाल डाल दें। दाल डालकर चमचे से चलाकर थोड़ा मैश कर लें। दाल उबाल आने तक पकने दें। इसे बाद गैस बंद कर दें। बाद में कटे धनिया से गार्निश करें।

नोट: ज्यादा मात्रा में दाल खाने से पेट फूलने की दिक्कत हो सकती है। अगर ब्लॉटिंग की समस्या लगे या गैस बने तो दाल न खाएं।

 

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