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MP : आवारा पशुओं के आतंक से अन्नदाताओं की बढ़ी टेंशन,मवेशी फसलों को कर रहे तहस-नहस

सिंगरौली।। जिले में आवारा पशुओं ने अन्नदाताओं की टेंशन इस तरह बढ़ा दिया है कि किसान रात में फसलों की रखवाली करने के लिए मजबूर हैं। यह समस्या एक जगह नहीं पूरे जिले की है। जहां अन्नदाताओं में हाय तौबा मच गयी है। अन्नदाताओं का आरोप है कि प्रशासन इस मामले में बेसुध है।
दरअसल फसलों के लिए ग्रहण बन चुके आवारा पशुओं के आतंक ने किसानों का सुख चैन छीन लिया है। जहां एक तरफ किसानों द्वारा खेती में लाखों रुपए लगा दिया जाता है और उनको उनका लागत मूल्य भी नहीं मिल पाता तो वही आवारा पशुओं ने किसानों की रातों की नींद उड़ा रखी है।

इस कड़ाके की ठंड में किसानों द्वारा रात भर अपने खेतों में रहकर फसलों की देखरेख की जाती है लेकिन इसके बावजूद भी अपनी खेती नहीं बचा पा रहे हैं। आलम यह है कि गांवो में सैकड़ों की संख्या में आवारा गाय घूम रही हैं जो लगातार किसानों की फसलों को खराब कर रही हैं। इन पर कब लगाम लगेगी जवाब किसी के पास नहीं है। जानवरों के आतंक से फसलों को बचाने के लिए किसान दिन-रात खेतों में अपना जीवन खपा आते हैं। लेकिन जिले भर में सैकड़ों की संख्या में घूम रहे इन आवारा पशुओं को रोक पाना मुश्किल होता है। इधर आवारा पशुओं के आतंक से परेशान किसानों के अंदर अब सरकार के प्रति रोष बढ़ता ही जा रहा है तो वहीं शासन.प्रशासन को भी चाहिए कि आवारा पशुओं के ऊपर लगाम लगाने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाए।

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किसानों को झेलना पड़ रहा है दोहरा मार
आलम यह है कि आवारा पशु खेतों तरफ सुबह से लेकर शाम तक धावा बोल रहे हैं। एक तरफ जहां किसानों द्वारा अपनी खेती में जुताई बुवाई में हजारों रुपए लगा दे जाते हैं और उनका लागत मूल्य भी नहीं निकल पाता तो वहीं आवारा पशुओं के आतंक से परेशान किसानों द्वारा अपने खेतों में कंट्रीरिले तारों का उपयोग किया जा रहा है जिससे उनको लागत में दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। यह समस्या करीब तीन साल से बिकराल रूप धारण कर लिया है।

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

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