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अंग्रेज़ी में एक कहावत है “वंस आ सोल्जर ऑलवेज आ सोल्जर”

अंग्रेज़ी में एक कहावत है “वंस आ सोल्जर ऑलवेज आ सोल्जर” जिसका मतलब है जो एक बार सैनिक बन जाता है वह हमेशा सैनिक ही रहता है, रिटायर होने के बाद भी सैनिक अपनी जिम्मेदारियों को नहीं भूलता और किसी न किसी प्रकार से देश की सेवा करता रहता है. इस कहावत को सच बनाया है. रीवा जिले के त्योंथार तहसील के मालपार गांव के रिटायर सैनिक योगेश कुमार तिवारी ने. इनकी दास्तां सुन आप भी इनकी देशभक्ति के जज्बे को सलाम करने में मजबूर हो जाएंगे.

अंग्रेज़ी में एक कहावत है "वंस आ सोल्जर ऑलवेज आ सोल्जर"

वर्षों भारतीय सेना में रहकर देश की सेवा करने के बाद सैनिक योगेश कुमार तिवारी अब रिटायर हो गए हैं, वह भारतीय सेना से तो रिटायर हो गए परंतु देश भक्ति और देश के प्रति अपनी लगन से रिटायर नहीं हुए,
इसीलिए तो रिटायर होने के बाद गांव जाकर सैनिक योगेश कुमार तिवारी गांव की महिलाओं और बेटियों को आत्मनिर्भर बनने का प्रशिक्षण दे रहे हैं. वह गांव की महिलाओं और बेटियों को निशुल्क सिलाई करना सिखाते हैं.

उन्होंने गांव मालपार में निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण सेंटर खोल रखा है, जहां वह महिलाओं और बच्चियों को सिलाई सिखाने के साथ उनके प्रशिक्षण के लिए उनके कैंची और कपड़े तक की व्यवस्था स्वयं करते हैं.

इनके सेंटर में ही प्रशिक्षण ले रही एक लड़की ने बताया की काफी समय से सिलाई कढ़ाई सिखने की इच्छा थी पर गांव में वो व्यवस्था नहीं थी साथ ही आर्थिक रूप हम सब मजबूत नहीं थे क्युकी ज्यादातर सिलाई प्रशिक्षण सेंटर त्योंथर और चाकघाट में संचालित थे जो की 5 और 10 किमी की दूरी में थे वही जब से फौजी चाचा सेवानिवृत होने के बाद घरआए तब से गांव में एक उम्मीद की किरण जाग गई और हम सब मिलकर निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण सीख रहे जिसकी पूरी व्यवस्था फौजी चाचा करते है.

सैनिक योगेश कुमार तिवारी का कहना है की जब ड्यूटी पीरियड में गांव छुट्टी आता था तब गांव की बेटियो को परेशान देखता था की शिक्षा जरूर हासिल कर लेती थी पर सिलाई कढ़ाई में पीछे थी उसी दिन मन बना रखा था जब सेवा निवृत होकर आऊंगा तब निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण सेंटर खोलूंगा ताकि बेटियो और महिलाएं को आत्मनिर्भर बना सकू उसी क्रम में निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण सेंटर खोला जिसमे लगभग 40 से अधिक बेटी और महिलाए आती है जिनकी पूरी व्यवस्था करता हू हर दो गांव के बीच में एक निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण सेंटर खोलने का लक्ष्य है.

सैनिक योगेश कुमार तिवारी गांव की महिलाओं और बेटियों के लिए आशा वह की  किरण है, जिनका वो वर्षों से इंतजार कर रही थी. सैनिक योगेश कुमार तिवारी के इस अनोखे कदम ने न सिर्फ व्यक्तिगत रुप से उनका मान बढ़ाया है बल्की उनके इस कदम ने भारतीय सेना का भी मान बढ़ाया है. ऐसे वीरों की दास्तां सुनने के बाद दिल से सिर्फ यही आवाज निकलती है की “सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा”

Rishi Raj Shukla

ऋषि राज शुक्ला (पत्रकार) - फिल्में अच्छी लगती है, राजनीति आकर्षित करती है, अपराधियों को छोड़ना नहीं चाहता, सवाल करना आदत है और पत्रकारिता के बिना जी नहीं सकता ।

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