मध्यप्रदेशविंध्यसिंगरौलीहिंदी न्यूज

गौसेवा के जुनून नें दिलाई पहचान और सम्मान : ऐरा प्रथा को समाप्त कर रोहणी बनें 20 हजार प्रतिमाह के आत्मनिर्भर किसान

SATNA NEWS सतना।। सहिजना कोठार ग्राम पंचायत मतरीपतोरा के किसान रोहणी त्रिपाठी बताते हैं कि जन अभियान परिषद द्वारा आयोजित मासिक बैठकों में ‘‘आओ बनाये अपना मध्यप्रदेश’’ के तहत विभिन्न विषयांं पर प्रशिक्षण दिया जाता था। उसी प्रशिक्षण के दौरान कृषि विषय पर जब चर्चा हो रही थी तब ऐरा प्रथा जो मेरे लिये सामान्य बात थी मुझे बड़ी समस्या के रूप में दिखनें लगी। मैनें उसी दिन ठान लिया कि मैं अपनें प्रस्फुटन समिति के माध्यम से अपनें गांव से इस प्रथा को दूर करूंगा। इन्हीं समस्याओं का सामना करते हुये ग्राम विकास प्रस्फुटन समति, के अध्यक्ष रोहणी प्रसाद त्रिपाठी द्वारा इस चुनौती को अपनें जीवन का मिशन बनाकर प्रयास करना प्रारंभ किया गया।

रोहिणी त्रिपाठी ने अपनें सभी प्रस्फुटन समिति के सदस्यों के साथ बैठक की और सबसे पहले सर्वे का काम प्रारंभ किया। अपनें गांव के सर्वे के उपरांत टीम द्वारा 275 पशुओं को चिन्हित किया गया, जिनके मालिकों द्वारा उन्हें निराश्रित किया जा चुका है। टीम नें सभी निराश्रित पशुओं को चिन्हित करनें एवं उन्हें हाइवे में दुर्घटना से बचाने के उद्देश्य से सबसे पहले सभी पशुओं के सींग पर रेडियम की पट्टी चिपकानें का कार्य किया। जिससे हाइवे के वाहनों को उनकी चमकती हुई सींग दूर से ही दिख जाये और वाहन दुर्घटना होनें से बच जाये। साथ ही बेजुबान पशु वाहन की चपेट में आनें से बच सकें।

यह भी पढ़े – MP NEWS : पीएम आवास योजना में जीआरएस ने किया फर्जीवाड़ा,पूर्व जीआरएस का कारनामा आया सामने,जाने मामला


   रोहणी अपनें अनुभवों को बताते हुये कहा कि प्रस्फुटन समिति के माध्यम से हम अपनें गांव के प्रत्येक घर में टोली बनाकर सम्पर्क करते थे और प्रत्येक घर को ऐरा के दुष्प्रभाव के बारे में बताते बहुत से लोग हमारी बातों को समझते और बहुत से लोग मजाक में टाल कर हमारी हंसी उड़ाते और व्यंग में कहते कि तुम्हे इतना दर्द हो रहा तो अपनें घर सबको ले जाओ हम तुमको अपनें पशु दान में दिये दे रहे। यही बात मेरे दिल में घर कर गई और उसी दिन मैनें प्रण लिया कि अपनें गांव के सभी ऐरा पशुओं का सेवक बनूंगा। मैनें व्यंग में कही बात को आधार बनाकर मैनें गौशाला निर्माण का फैसला किया। इस कार्य में जन अभियान परिषद नें मेरा मार्गदर्शन करते हुये मेरी बहुत मदद की। स्थानीय प्रशासन से समन्वयक कराकर मुझे गौशाला के लिये मदद करायी। मेरी संस्था को प्रस्फुटन से बटईयाबाबा गौ शाला समिति के रूप में पंजीकृत कराकर शासकीय योजनाओं से जोड़ दिया। हमारी प्रस्फुटन समिति सामाजिक संस्था के रूप में गौशाला का सफल संचालन कर रही है। गौशाला में 327 पशु आज भी हैं। बहुत सी ऐसी गायें जो पहले दूध नही देती थी वो उचित भरण पोषण से दुधारू बन गयी। गौशाला में प्रतिदिन एक हजार रूपये का दूध उत्पादित होनें लगा। जिससे हमारी समिति को एक आर्थिक आधार मिला और हम सभी की सेवा का प्रतिफल गौमाता से मिला कि गौशाला के माध्यम से हमारी समिति के 5 लोगों को स्वरोजगार मिल सका। रोहणी जैसे नवयुवक समाज के समक्ष एक मिसाल बनकर उभरें है। स्वप्रेरणा और सेवाभाव ने सामाजिक बदलाव के वाहक बनकर उभरे हैं। जिनके गौसेवा संकल्प से ऐरा जैसी कुप्रथा का निराकरण हो सका।

JAYDEV VISHWAKARMA

पत्रकारिता में 4 साल से कार्यरत। सामाजिक सरोकार, सकारात्मक मुद्दों, राजनीतिक, स्वास्थ्य व आमजन से जुड़े विषयों पर खबर लिखने का अनुभव। Founder & Ceo - Satna Times

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button