Training workshop for journalists of Satna and Maihar district

  • सतना और मैहर जिले के पत्रकारों की प्रशिक्षण कार्यशाला, पत्रकारों को बताए गए Press Act और पत्रकारिता के आचरण के मानक

    सतना,मध्यप्रदेश।। पत्रकारिता का क्षेत्र लोक सेवा, जन सेवा, अनिवार्य सेवा का नहीं अपितु पत्रकारिता समाज की आवश्यकता और लोकोपयोगी सेवा का क्षेत्र है। समाज को सर्वोपरि रखते हुए सिद्धांत और आचार नीति के अनुरूप पत्रकारिता की जानी चाहिए। इस आशय के विचार पत्रकारिता क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों ने रविवार को जिला पंचायत सभागार सतना में मैहर और सतना जिले के पत्रकारों की प्रशिक्षण कार्यशाला में व्यक्त किये।

    जिला पंचायत सभागार में वर्कशॉप: पत्रकारों को बताए गए प्रेस एक्ट और पत्रकारिता के आचरण के मानक
    सतना टाइम्स डॉट इन

    जनसम्पर्क संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल के निर्देशानुसार ’’प्रेस एक्ट और पत्रकारिता के आचरण के मानक के संबंध में व्याख्यान’’ विषय पर जिला जनसम्पर्क कार्यालय सतना के तत्वाधान में आयोजित पत्रकार प्रशिक्षण कार्यशाला में भारतीय प्रेस परिषद द्वारा निर्धारित पत्रकारिता के आचरण के मानक, प्रेस से संबंधित कानून, पत्रकारिता में उत्तम आचरण विशिष्ट मुद्दों पर दिशा-निर्देश के बारे में गहन प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ श्री रमेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कहा कि संविधान के मौलिक अधिकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत पत्रकारिता की जाती है। पत्रकारिता के मूल्य और आदर्श को जीवन मूल्यों की तरह बचाये रखना जरूरी है।

     जिला पंचायत सभागार में वर्कशॉप: पत्रकारों को बताए गए प्रेस एक्ट और पत्रकारिता के आचरण के मानक

    उन्होंने कहा कि पत्रकारों को विशद ज्ञान होना चाहिए साथ ही अध्ययन और सीखने की निरंतरता भी होनी चाहिए। क्रमबद्ध लेखन को भी पत्रकारिता कहा जा सकता है। कलम में संवेदनशीलता भी होती है और वह कठोर प्रहार भी करती है। पत्रकारिता में चरित्र उत्तम होना चिहए। पत्रकारिता के आदर्श और सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।पत्रकारिता के आचरण के मानकों की जानकारी देते हुए विषय विशेषज्ञ डॉ. संजय पयासी ने कहा कि समाज को सर्वोपरि रखते हुए पत्रकारिता की जानी चाहिए। उन्होंने पावर पाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से सिद्धांत और आचार नीति, विशिष्ट मुद्दों पर दिशा-निर्देश, प्रेस से संबंधित कानून, प्रेस परिषद के अधिकार, व्यवहार कर्म तथा प्रक्रियायें और पत्रकारिता में उत्तम आचरण के संबंध में विस्तार पूर्वक व्याख्यान दिया।

    उन्होंने व्यवहारिक पत्रकारिता के दायरे में भाषा प्रस्तुतिकरण, चयन और महत्व, विज्ञापन और उनका प्रभाव, विज्ञापन से हित-अहित, व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन से जुडे़ लोगों के समाचार, व्यवसायिक कदाचार और संपादक की भूमिका, संवेदनशील विषयों पर समाचार संकलन के मापदण्ड, व्यवसायिक प्रतिद्वंदिता और उसके गुण-दोष के बारे में विस्तृत जानकारी दी।संभागीय जनसम्पर्क अधिकारी रीवा उमेश तिवारी ने कार्यशाला की प्रस्तावना और उद्देश्यों की जानकारी देते हुए वर्तमान परिदृश्य में पत्रकारिता के सिद्धांतों का अनुपालन एवं राज्य शासन द्वारा पत्रकारों के कल्याण और सुविधाओं के संबंध में किये गये प्रयासों की जानकारी दी।

    वरिष्ठ पत्रकार अशोक शुक्ला ने पत्रकारिता के व्यवहारिक अनुभव पर प्रकाश डालते हुए सोशल मीडिया और समाचारों की प्रमाणिकता के संबंध में जानकारी दी।जिला जनसम्पर्क अधिकारी राजेश सिंह ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए सतना और मैहर जिले के पत्रकारों की कार्यशाला में सहभागिता पर आभार व्यक्त किया। कार्यशाला में खुली चर्चा के दौरान पत्रकारों ने विषय विशेषज्ञों से अपनी शंका का समाधान भी किया। कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण से हुआ। एक दिवसीय कार्यशाला में सतना एवं मैहर जिले के सभी प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया प्रतिनिधि, जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

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