Singrauli Today News

  • MP : आदिवासी विभाग के छात्रावासों की मरम्मत के नाम पर गड़बड़झाला, जिम्मेदार मौन

    सिंगरौली(SINGRAULI NEWS)।। आदिवासी विभाग के छात्रावासों मेें छत मरम्मत, पुताई, बाउन्ड्रीवाल, शौंचालय, टाइल्स, गेट सहित अन्य कार्यों को लेकर जनजातीय विभाग ने 101.41 करोड़ की लागत से 9 छात्रावासों का मरम्मत कार्य किया जा रहा है। जहां संविदा एजेंसी पीडब्ल्यूडी के द्वारा हुए टेण्डर के बाद संविदाकार कार्यों में लीपापोती कर खानापूर्ति कर रहे हैं। लेकिन संविदा एजेंसी पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, कर्मचारियों को इसकी मानीटरिंग करने तक का समय नहीं मिल रहा है।


    दरअसल जिले के जनजातीय विभाग के 9 छात्रावासों में मरम्मत कार्य के लिए 101.41 करोड़ की लागत से टेण्डर कार्य जारी किये गये थे। जिसमें अलग-अलग छात्रावासों में अलग-अलग कार्य कराये जाने हैं। जिनमें सिंगरौली मुख्यालय के तीन छात्रावासों जनजातीय सीनियर उत्कृष्ट बालक छात्रावास चन्द्रमा टोला बैढऩ, जनजातीय जूनियर बालक छात्रावास बलियरी एवं जनजातीय महाविद्यालयीन बालक छात्रावास बैढऩ में हो रहे मरम्मत कार्यों का नवभारत की टीम ने जायजा के दौरान मिला की मरम्मत कार्य के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है।

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    आलम यह है कि छात्रावासों के छतों के मरम्मत के बाद भी छतों से पानी का सिपेज अभी भी बंद नहीं हुआ है। वहीं जगह-जगह क्रेक दिवालों में सीमेंट, बालू चुपड़कर पुताई करायी जा रही है। छात्रावास मेें मौजूद छात्रों से पूछने पर छात्रों ने बताया कि कार्य को लेकर शुरू में ही अधिकारी काम बताने के लिए आये थे। लेकिन इसके बाद आज तक सत्यापन करने के लिए कोई जिम्मेदार अमला नहीं आया है। लिहाजा संविदाकार के द्वारा छात्रावासों के मरम्मत कार्य को घटिया तरीके से कराया जा रहा है।

    डिस्टेम्पर से छतों में करायी जा रही पुताई

    मीडिया की टीम ने जब छात्रावासों में चल रहे मरम्मत कार्यों का जायजा लेने पहुंची तो देखा गया कि छत मरम्मत कार्य में भी गड़बड़झाला करने की बू आ रही है। हालांकि इस पर कुछ कह पाना अभी जल्दबाजी होगी। बारिश के सीजन में लाखों रूपये खर्च का पोल खुल सकता है। वहीं छत मरम्मत कार्य के दौरान संविदाकार ने छतों से पानी निकलने की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। लिहाजा छतों में अभी भी पानी रमा हुआ है। जिससे स्पष्ट रूप से अभी भी दीवालों में सिपेज जारी है।

    ग्राउण्ड के लेवलिंग में भी गड़बड़झाला

    जनजातीय जूनियर बालक छात्रावास बैढऩ में ग्राउण्ड के लेवलिंग को लेकर 4.96 लाख की लागत से कार्य कराया जाना था। लेकिन संविदाकार ने महज मिट्टी पटवाकर लेवलिंग का कार्य पूरा कर दिया है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि संविदाकार के द्वारा पानी निकलने तक की व्यवस्था नहीं की गयी है। लिहाजा बारिश के दिनों में ग्राउण्ड में पानी भरे रहने की पूरी संभावना है या फिर ग्राउण्ड के अंदर का पूरा पानी छात्रावासों में प्रवेश कर सकता है। जिसको लेकर छात्रावास के अधीक्षक ने भी संविदाकार पर सवाल खड़े किये हैं।

  • MP : धान खरीदी में एक दर्जन केन्द्र शक के घेरे में लक्ष्य से ज्यादा धान खरीदी का मामला,जांच हो तो खुल सकते हैं कई रहस्य



    सिंगरौली(SINGRAULI TODAY NEWS)।। जिले में वर्ष 2022-23 धान उपार्जन में कई खरीदी केन्द्रों के द्वारा व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। तकरीबन एक दर्जन खरीदी केन्द्र शक के दायरे में आ गये हैं। हालांकि जिम्मेदार अधिकारी इन पर मेहरबान भी हैं और दरियादिली दिखाने में पीछे नहीं हैं। समिति कुशाही में धान खरीदी में गड़बड़ घोटाला एक बानगी के रूप में माना जा रहा है।गौरतलब हो कि जिले में खरीफ धान उपार्जन वर्ष 2022-23 में पिछले साल खरीदी को पीछे छोड़ दिया। तकरीबन 14 लाख क्विंटल से अधिक धान खरीदी कर समितियों ने खूब वाहवाही ली थी। हालांकि इससे सरकार के खजाने पर मार पड़ती है। पिछले वर्ष बारिश भी अच्छी हुई थी और धान की पैदावार बेहतर थी। तब भी 13 लाख क्विंटल के करीब धान का उपार्जन समर्थन मूल्य के तहत हुआ था।

    यहां बताते चलें कि इस वर्ष अल्प बारिश व मानसून के देरी से सक्रिय होने के कारण जिले में 50 फीसदी भी खरीफ फसल की बोनी नहीं हो पायी थी। अधिकांश अन्नदाता धान की खेती बाड़ी नहीं कर पाये। इसके बावजूद धान उपार्जन के लिए बनाये गये तकरीबन 5 दर्जन केन्द्रों में से अधिकांश में खूब खरीदी हुई। सवाल उठाया जा रहा है कि जब धान का पैदावार नहीं हुआ और भूमि के रकवे में खेती बाड़ी नहीं हुई फिर धान कहां से आयी? बैढऩ ब्लाक के उर्ती समिति के क्षेत्र में धान की सर्वाधिक खेती होती थी। लेकिन वर्ष 2022-23 में महज 19253 क्विंटल ही धान की खरीदी हो पायी। लोग बताते हैं कि यहां के अधिकांश खेत पड़ती रह गये थे। फिर भी खरीदी केन्द्रों में धान की खरीदी जमकर हो गयी।

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    कहीं न कहीं धान खरीदी में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी करायी गयी है। यदि सूत्रों की बात मानें तो झारखण्ड एवं यूपी से धान सिंगरौली जिले में खपाई गयी। सीमा पर बनाये गये चेक पोस्ट शो-पीस बनकर रह गये थे। आरोप यहां तक लग रहे हैं कि चेक पोस्ट पर तैनात किये गये कर्मचारी महज कागजों में ही ड्यूटी कर रहे थे। अब सवाल उठाया जा रहा है कि करीब एक दर्जन खरीदी केन्द्रों में गड़बड़झाला हुआ है। जहां शक के दायरे में है। तथाकथित केन्द्रों में दलाल भी सक्रिय थे उनका बकायदे कमीशन बना हुआ था। प्रबुद्धजनों का कहना है कि यदि धान खरीदी की निष्पक्ष जांच हो जाय तो कई चौकाने वाले मामले आ सकते हैं। फिलहाल धान खरीदी में कुशाही समिति का मामला उजागर होने के बाद अब कुछ अन्य समिति व खरीदी केन्द्र शक के घेरे में आ गयी हैं। कलेक्टर से धान खरीदी की जांच कराये जाने की मांग की गयी है।

    तीन साल पहले कुशाही नहीं था खरीदी केन्द्र

    चितरंगी ब्लाक के सेवा सहकारी समिति कुशाही तीन साल पूर्व तक खरीदी केन्द्र नहीं बनाया गया था। इसका मुख्य कारण यही बताया जा रहा है कि यहां धान की खेती करने वाले किसानों की संख्या न के बराबर थी और पहले 5 हजार क्विंटल से ज्यादा धान की खरीदी होने का अनुमान नहीं रहता था। इसीलिए कुशाही समिति को सेवा सहकारी समिति मर्यादित गढ़वा में शामिल किया गया था। चर्चाओं के मुताबिक राजनैतिक दबाव के चलते कुशाही को दो साल पूर्व नया धान एवं गेंहू खरीदी केन्द्र बनाया दिया गया और उसका फायदा समिति प्रबंधक लेने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा है और इस तरह के आरोप भी हैं और मौजूदा उदाहरण भी है।

    फूड विभाग को नहीं दिखी इस साल कहीं गड़बड़ी

    हैरानी की बात है कि पिछले वर्ष धान उपार्जन के दौरान यूपी से सिंगरौली आते समय कई पिकअप एवं टै्रक्टर सहित अन्य वाहन पकड़ लिये गये थे। सबसे ज्यादा कार्रवाई चितरंगी व बैढऩ इलाके में हुई थी। अधिकारियों की सक्रियता के चलते दूसरे प्रांतों से आने वाले धान व गेंहू पर शिकंजा कस दिया गया था। धान उपार्जन 2022-23 में संभवत: एक भी गड़बड़ी फूड विभाग को नहीं मिली। इसके पीछे कारण क्या है वह धीरे-धीरे जगजाहिर हो रहा है। खाद्य एवं नान विभाग की उदासीनता का फायदा दलाल व कई तथाकथित खरीदी केन्द्रों के कर्ताधर्ताओं ने जमकर लाभ उठाया है।

  • Satna Times : जांच में 600 क्विंटल धान मिली शार्टेज, जिला खाद्य अधिकारी ने कहा कि जांच प्रतिवेदन कलेक्टर के यहां किया जायेगा प्रस्तुत

    SINGRAULI TODAY NEWS।। सेवा सहकारी समिति कुसाही में धान खरीदी में हुई गड़बड़ी की पोल आखिरकार खुल गयी। जांच टीम ने जिला खाद्य अधिकारी के यहां प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। जिसमें करीब 600 क्विंटल से अधिक धान खरीदी केन्द्र में शार्टेज मिली है। खाद्य अधिकारी ने कहा है कि समिति के संबंधित कर्ता धर्ताओं के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई के लिए शीघ्र कलेक्टर के यहां जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जावेगा। नवभारत ने 29 जनवरी को प्रकाशित खबर को जांच अधिकारी ने पुष्ट कर दिया है।


    Satna Times : गौरतलब हो कि जिले के चितरंगी ब्लाक अंतर्गत सेवा सहकारी समिति कुसाही में धान खरीदी में व्यापक पैमाने पर गड़बड़झाला किये जाने की शिकायतें मिल रही थीं। 29 जनवरी को नवभारत ने कुसाही समिति में गड़बड़झाला,धान खरीदी केन्द्र से 700 क्विंटल धान गायब, होने की खबर को प्राथमिकता के साथ प्रकाशित किया था। सूत्र बता रहे हैं कि पहले मामले को रफा-दफा एवं गोलमाल करने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे थे। समिति प्रबंधक से लेकर एक तथाकथित मीलर भी सक्रिय हो गया था। यहां तक की खाद्य निरीक्षक भी समिति प्रबंधक के प्रति भी बड़ा दिल दिखाने में लग गये थे। नवभारत के खुलासे के बाद मामला गरमाया और कलेक्टर के निर्देश पर नायब तहसीलदार चितरंगी अर्जुन बेलवंशी एवं खाद्य निरीक्षक ने जांच किया जिसमें तकरीबन 600 क्विंटल से अधिक धान खरीदी केन्द्र मेें कम मिलने की पुष्टि की है। सूत्र बता रहे हैं कि जांच टीम ने अपना प्रतिवेदन जिला खाद्य अधिकारी के यहां प्रस्तुत किया है। जिसमें माना है कि धान खरीदी केन्द्र समिति कुसाही में अनियमितताएं की गयी हैं।

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    Satna Times : यहां बताते चलें कि इसके पहले 12 जनवरी को तत्कालीन एसडीएम सम्पदा सर्राफ ने भी कुसाही समिति का जांच प्रतिवेदन जिला खाद्य अधिकारी के यहां प्रस्तुत कर विक्रेता को खरीदी से पृथक एवं ब्लैक लिस्ट करने के लिए कहा था। हैरानी की बात थी कि खरीदी की तिथि जब समाप्त हो गयी तब जिला खाद्य अधिकारी ने उपायुक्त सहकारिता को पत्र लिखकर समिति प्रबंधक के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए पत्राचार किया। जबकि यह पत्र कलेक्टर सिंगरौली को लिखा जाना था। फिलहाल जांच प्रतिवेदन आने के बाद अब समिति के कर्ताधर्ताओं के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर के पाले में गेंद चली गयी है।

    इस वर्ष 40 फीसदी ज्यादा हुई धान की खरीदी

    गौरतलब हो कि मानसून कमजोर पडऩे के कारण जिलेभर में धान की खेती नाम मात्र की रही है। इसे सभी भली-भांति जानते हैं। किन्तु सेवा सहकारी समिति कुसाही में इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में तकरीबन 40 फीसदी ज्यादा धान का उपार्जन किया गया है। वर्ष 2021-22 में तकरीबन 20 हजार क्विंटल की धान खरीदी हुई थी और इस वर्ष 35 हजार 700 क्विंटल से अधिक धान का उपार्जन किया गया। सवाल उठ रहा है कि जब कम बारिश के चलते धान की पैदावार हुई नहीं फिर इतनी मात्रा में धान कहां से आ गयी। हालांकि इस बारे में सभी भली-भांति जानते हैं।

    ऑपरेटर-प्रबंधक के बीच रार

    सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक एवं ऑपरेटर के बीच अब रार बढऩे की संभावना व्यक्त जा रही है। जन चर्चाओं के मुताबिक खरीदी केन्द्र से धान शार्टेज होने की कहीं जबावदेही समिति प्रबंधक ऑपरेटर पर न थोप दे। बताया जा रहा है कि खरीदी केन्द्र का पासवर्ड आईडी ऑपरेटर के पास ही रहता है। चर्चाएं की जा रही हैं कि यहां बिचौलिये भी हावी थी। समिति प्रबंधक एवं ऑपरेटर के बीच इसी बात को लेकर कहीं तकरार बढ़ सकता है। यदि एफआईआर तक बात पहुंची तो धान खरीदी का सारा भेद खुल जायेगा।

    इनका कहना है
    जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। करीब 607 क्विंटल खरीदी केन्द्र से धान शार्टेज है। जांच प्रतिवेदन अग्रिम कार्रवाई के लिए कलेक्टर के यहां प्रस्तुत किया जावेगा।
    पीसी चन्द्रवंशी
    जिला खाद्य अधिकारी,सिंगरौली

  • Singrauli : गरीबो के राशन में कोटेदार डाल रहा डांका, खाद्य अधिकारी ने निरीक्षक को जान करने के दिये निर्देश

    SINGRAULI TODAY NEWS।। बैढऩ ब्लाक के शासकीय उचित मूल्य दुकान हर्रहवा के विक्रेता द्वारा किसी तरह राशन वितरण शुरू किया। लेकिन हितग्राहियों को नि:शुल्क खाद्यान्न का लाभ नहीं मिल रहा है। आरोप है कि दिसम्बर महीने के खाद्यान्न वितरण में 50 फीसदी कटौती की जा रही है। जिसकी शिकायत जिला खाद्य अधिकारी के यहां पहुंची है। उन्होंने खाद्य निरीक्षक को तत्काल जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया है।


    गौरतलब हो कि शासकीय उचित मूल्य दुकान हर्रहवा क्षेत्र के कई हितग्राहियों ने आरोप लगाया है कि नवम्बर महीने का दर्जनों राशनकार्ड धारियों को खाद्यान्न नहीं मिला है। दिसम्बर एवं जनवरी महीने का भी खाद्यान्न वितरण करने दुकान खोलने से विक्रेता परहेज कर रहा था।इस बीच हितग्राहियों का आरोप है कि दिसम्बर महीने का ही आधा अधूरा राशन दिया जा रहा है। नि:शुल्क राशन में भी 50 फीसदी कटौती की जा रही है। जनवरी महीने का खाद्यान्न वितरण करने का नाम नहीं लिया जा रहा है। दिसम्बर महीने के खाद्यान्न की कटौती एवं जनवरी माह का खाद्यान्न न दिये जाने को लेकर हितग्राहियों एवं विक्रेता के बीच तूतू-मैंमैं की स्थिति निर्मित हो रही है और इसी बात को लेकर लोगों में विके्रता के खिलाफ नाराजगी भी दिखाई देने लगी है।

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    ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री का ऐलान है कि गरीबों के खाद्यान्न को लूटने वालों को बक्सेंगे नहीं और यहां गरीबों का खाद्यान्न लूटा जा रहा है। प्रदेश सरकार के सरकारी तंत्र ऐसे विके्रताओं पर कब कार्रवाई करेंगे। ग्रामीणों ने विक्रेता पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराकर दिसम्बर महीने के खाद्यान्न में की जा रही कटौती को रोकने एवं संपूर्ण खाद्यान्न जनवरी महीने तक का वितरण कराये जाने की मांग की है।

    इनका कहना है
    हर्रहवा उचित मूल्य दुकान में खाद्यान्न वितरण में कटौती की शिकायत मिली है। खाद्य निरीक्षक को जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये हैं।
    पीसी चन्द्रवंशी
    जिला खाद्य अधिकारी,सिंगरौली

  • Singrauli : अर्चना सिंह को मिली जिपं उपाध्यक्ष संघ का प्रदेश अध्यक्ष की कमान

    सिंगरौली ।। जिला पंचायत अध्यक्ष अर्चना-नागेन्द्र सिंह को जिला पंचायत उपाध्यक्ष संघ का प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है। अर्चना सिंह को उक्त संघ का प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने पर हर्ष का माहौल है। जानकारी के मुताबिक आज 1 फरवरी को गांधी भवन श्यामला हिल्स भोपाल में मध्यप्रदेश के जिला पंचायत के नव निर्वाचित उपाध्यक्षों की बैठक हुई।

    बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष संघ मध्यप्रदेश का गठन किया गया। संघ के गठन उपरांत सर्वसम्मत से अर्चना-नागेंद्र प्रताप सिंह उपाध्यक्ष जिला पंचायत सिंगरौली को जिला पंचायत उपाध्यक्ष संघ मध्यप्रदेश का अध्यक्ष एवं मोहन सिंह जाट उपाध्यक्ष जिला पंचायत भोपाल को जिला पंचायत उपाध्यक्ष संघ मध्यप्रदेश का उपाध्यक्ष चुने गये।

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    अर्चना सिंह को उक्त जबावदेही मिलने पर चितरंगी क्षेत्र के साथ-साथ जिले के आम नागरिकों द्वारा बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। सोशल मीडिया के माध्यम से समर्थकों ने बधाई प्रेषित कर रहे हैं।

  • Singrauli News : कैमोर जंगल के चुनहवा नाला के पास टाइगर ने लगाई दहाड़,दहशत में लोग बाग,रात में दिखा बाघ



    सिंगरौली (SINGRAULI NEWS)।। संजय राष्ट्रीय उद्यान अभ्यारण्य बगदरा के खैरहनी के चुनहवा नाला के समीप सोमवार की रात करीब 10.30 बजे टाइगर दिखा। जहां एबीव्हीपी के छात्रों ने इसे अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया है। वहीं वन विभाग के डिप्टी रेंजर राजकुमार प्रजापति ने कैमोर जंगल में टाइगर के आने की पुष्टि करते हुए बताया कि हरमा तालाब के पास टाइगर का पग मार्ग दिखा है।


    जानकारी के मुताबिक कल सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कई छात्र-छात्राएं वाहन में सवार होकर आज मंगलवार को जिला मुख्यालय बैढऩ में आयोजित छात्र सम्मेलन में शामिल होने आ रहे थे कि बीछी से करीब तीन किलोमीटर आगे हरमा मार्ग के खैरहनी बीट अंतर्गत कैमोर पहाड़ के जंगल चुनहवा नाला के मुख्य मार्ग को पार करते अचानक टाइगर दिख गया। टाइगर को देखते ही वाहन चालक ने खड़ा कर दिया।

    जहां छात्रों ने टाइगर को अपने मोबाइल कैमरे में तस्वीर को कैद कर लिया। बताया जा रहा है कि करीब एक मिनट तक वह सड़क पर खड़ा रहा। वहीं कैमोर जंगल में टाइगर के दस्तक दिये जाने के बाद लोगों में दहशत का माहौल निर्मित हो गया है। अभ्यारण्य बगदरा के डिप्टी रेंजर व अन्य वन कर्मियों ने चरवाहों के साथ-साथ आमजनों को अवगत कराते हुए सावधान एवं सतर्क रहने की हिदायत दे रहे हैं।

    हरमा तालाब के पास मिला पद मार्ग

    डिप्टी रेंजर राज कुमार प्रजापति के अनुसार यह टाइगर हर साल ठण्डी के महीने में दिखाई देता है। संभवत: यूपी या रीवा जिले के गोविन्दगढ़ से अभ्यारण्य जुड़ा हुआ है। वहीं से आने की संभावना है। कल सोमवार की रात में लोगों को टाइगर दिखाई दिया है। रात में ही हम सबको जानकारी हुई। सुबह टाइगर पद मार्ग मूवमेंट की तलाश शुरू कर दी गयी। हरमा तालाब के पास टाइगर का पद मार्ग दिखाई दिया है। हालांकि अभी तक टाइगर ने किसी प्रकार की जन हानि को नुकसान नहीं पहुंचाया है।

  • एनसीएल के आवासों से सेवानिवृत्त कर्मियों का नहीं हो रहा मोहभंग, प्राचार्य ने जारी किया नोटिस

    SINGRAULI TODAY NEWS ।। यहां सरकारी आवासों के अतिक्रमण का खेल वर्षों से चला आ रहा है। जिसका पीडि़त अब एनसीएल खुद हो गया है। इसमे सरकारी शिक्षकों के नाम की चर्चा अब जोरों पर है।
    जानकारी के मुताबिक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पंजरेह व शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय पंजरेह के शिक्षक जो अब इन स्कूलों में पदस्थ नहीं हैं, वे आवास छोडऩे को तैयार नहीं हैं। ये शिक्षक वर्षों पहले यहां से स्थानान्तरित या सेवानिवृत हो चुके हैं। नतीजतन अब एनसीएल प्रबंधक को आवास खाली कराने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है।

    वहीं दूसरी ओर संबंधित विद्यालयों के नए कर्मचारियों को आवास नहीं मिल पा रहे हैं। नई नियुक्ति या स्थानान्तरित होकर सिंगरौली आए कर्मचारियों के लिए ये अब बड़ी समस्या बन चुकी है। यही हाल शाला विकास के तहत शाउमावि पंजरेह में बने क्वाटर का भी है। इनमें भी स्थानांतरित हो चुके कर्मचारियों का ही कब्जा बना हुआ है। इन कर्मचारियों के आवासों को खाली कराने को लेकर अब एक बार फिर नोटिस दी गई है। साथ ही 31 जनवरी को एनसीएल प्रशासन व स्कूल आवास आबंटन समिति की संयुक्त बैठक बुलाई गई है। जिसमें संबंधित सभी विवादित आवासधारी को बैठक में आने के लिए कहा गया है।

    सेवानिवृत्त एवं स्थानांतरित कर्मियों का है कब्जा

    जानकारी के अनुसार एनसीएल के आवासों में निवासरत व विद्यालय में पूर्व में कार्यरत राम सुभग सिंह, त्रिवेणी सिंह, ईश्वर प्रताप सिंह, मीरा देवी सिंह वर्षों पहले रिटायर हो चुके हैं। वहीं सूत्र बता रहे हैं कि न ही एनसीएल द्वारा निर्धारित बिल का भुगतान कर रहे हैं और न ही रूम खाली कर रहे हैं। इधर बताया जा रहा है कि गीता कोरी, संदीप त्रिपाठी, रामलाल कोरी, रामदुलारे पनिका, देवप्रताप सिंह का स्थानांतरण हो चुका है, फिर भी एनसीएल के आवासों से मोहभंग नहीं हो रहा है।

    क्या कहता है नियम

    आवास आबंटन के लिए संकुल प्राचार्य को जिम्मेदारी दी गई है कि ये अपने विद्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों को आवश्यकता के हिसाब से आवास दें। एनसीएल एक निर्धारित नियमों के साथ आवास विद्यालय को दे चुका है। इन आवासों का लाइट, पानी व मासिक रेंट को जमा करने का नियम है। लेकिन कर्मचारी इनका भुगतान लगातार नहीं कर रहे हैं। जिसका कुल बकाया लाखों में शेष है। जिसको लेकर एनसीएल व स्कूल प्रबंधन परेशान है।

  • पुलिस के कॉम्बिंग गश्त ने पांच दर्जन से अधिक निगरानी बदमाशों को दबोचा

    SINGRAULI MP POLICE NEWS ।। पुलिस अधीक्षक बीरेन्द्र कुमार सिंह के मार्गदर्शन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा की अगुवाई में 28-29 जनवरी की दरम्यानी रात्रि एक साथ पूरे जिले में काम्बिंग ऑपरेशन चलाया गया। जिसके तहत जिले के सभी थाना व चौकी स्तर पर 5 राजपत्रित अधिकारियों सहित 170 पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा एक साथ हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार सहित कई गंभीर अपराधों में लंबे समय से फरार वारण्टियों, आरोपियों की तलाश एवं चेकिंग की गई।

    ऑपरेशन के दौरान कई सालों से फरार 6 स्थाई वारण्टी एवं 62 गिरफ्तारी वारण्ट सहित हत्या, लूट एवं अन्य गंभीर अपराधों के 68 आरोपी हिरासत में लिये गये। कॉम्बिंग ऑपरेशन के दौरान थाना बैढऩ,नवानगर,मोरवा, जियावन, सरई तथा थाना चितरंगी द्वारा 1-1 सहित गंभीर अपराधों के वांछित एवं लम्बे समय से फरार कुल 6 स्थाई वारण्टी गिरफ्तार किये गये।इसी प्रकार काम्बिंग ऑपरेशन के दौरान थाना वैढऩ द्वारा 13, थाना विन्ध्यनगर पुलिस द्वारा 8, थाना नवानगर द्वारा 9, थाना मोरवा द्वारा 4, थाना बरगवां द्वारा 5, थाना माड़ा द्वारा 3, थाना जियावन द्वारा 5, थाना सरई द्वारा 4, थाना चितरंगी द्वारा 7 तथा थाना गढ़वा द्वारा 4 सहित गंभीर अपराधों की लम्बे समय से फरार कुल 62 गिरफ्तारी वारण्टी गिरफ्तार किये गये।

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    साथ ही नाइट कॉम्बिंग गश्त के दौरान थाना मोरवा द्वारा 8, थाना माड़ा 9, थाना सरई 8, थाना लंघाडोल 2, थाना चितरंगी पुलिस 3 सहित कुल 30 निगरानी, गुण्डा बदमाशों की चैकिंग की गई। इसके अतिरिक्त आबकारी एक्ट के तहत थाना सरई में 7, थाना लंघाडोल में 1, थाना चितंरगी में 3 एवं थाना गढ़वा में 2 सहित कुल 13 प्रकरणों में कार्रवाई की गई। कॉम्बिंग के दौरान पुलिस कप्तान एवं एएसपी के अलावा सीएसपी विन्ध्यनगर देवेश कुमार पाठक, एसडीओपी सिंगरौली राजीव पाठक, एसडीओपी चितरंगी हिमाली पाठक एवं समस्त थाना व चौकी प्रभारी मौजूद रहें।

  • Singrauli : ननि की बेसकीमती जमीन पर हो रहा कब्जा,ननि अमला अंजान,वर्षों से लोगों ने कर रखा है कब्जा

    SINGRAULI MP NEWS : नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्र.41 गनियारी एलआईजी के इर्द-गिर्द पड़ी नगर निगम की खाली भू-खण्डों पर इन दिनों अवैध कब्जा जमाये जाने का खेल शुरू है.एलआईजी कॉलोनी में रहने वाले लोग अपने घरों के इर्द-गिर्द ननि के खाली पड़े प्लाटों में झोपड़ पट्टी तनने के साथ-साथ बाउन्ड्रीवाल करा खाली जमीन को अपने कब्जे में ले रहे हैं। लेकिन ननि अमला इन सभी से बेखबर है। दरअसल एलआईजी कॉलोनी में कई वर्ष पूर्व से ही लोग घर के अगल-बगल खाली पड़े प्लाटों पर झोपड़ पट्टी तने हुए थे।

    धीरे-धीरे कर एक-दो लोगों ने बाउन्ड्रीवाल कराकर प्लाट को अपने कब्जे में ले लिया। बीच में शिकायत के बाद नगर निगम अमले के द्वारा बनायी गयी बाउन्ड्रीवाल को तोड़वाकर अतिक्रमण हटाया गया था।लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से लोग वही प्रक्रिया अपना रहे हैं। इन दिनों गनियारी एलआईजी में खाली पड़े प्लाटो को लोग अपने-अपने कब्जे में लेने के लिए होड़ लगाये हुए हैं।

    रोजगार कार्यालय में पदस्थ बाबू ने भी जमाया है कब्जा

    सूत्रों की मानें तो रोजगार कार्यालय मेंं पदस्थ एक बाबू के द्वारा भी एलआईजी कॉलोनी के खाली पड़े जमीन को अपने कब्जे में लिया गया है। साथ ही घर के सामने रोड पर गायों को बांधकर गंदगी का आलम भी निर्मित किया जा रहा है। जिसको लेकर कॉलोनी के कुछ रहवासियों ने आपत्ति भी जताई है कि आखिर नगर निगम अमले को इनके द्वारा किया गया अतिक्रमण दिखाई क्यों नहीं पड़ता। इसके पूर्व कुछ रहवासियों की शिकायत पर भी ननि अमला ने खाली पड़ी भूमि पर इनके द्वारा करायी जा रही बाउन्ड्रीवाल को जाकर तोड़वाया भी गया था। लेकिन आज तक इनके द्वारा किये जा रहे अतिक्रमण को ननि अमला हटाने में अक्षम दिखाई दे रहा है।

    पूर्व ननि संविदाकार भी अब कर रहा अतिक्रमण

    स्थानीय रहवासियों के मुताबिक 2015-16 में ननि में स्वच्छता को लेकर सामग्रियों की सप्लाई कर रहे एक संविदाकार के द्वारा नगर निगम में अपनी पैठ बनाने के बाद अब नगर निगम के खाली पड़े प्लाट को दबंगई के साथ अपने कब्जे में लिया जा रहा है। स्थानीय जनों ने बताया कि यदि कोई भी व्यक्ति इस संबंध में कुछ भी बोलता है तो उक्त संविदाकार की पत्नी के द्वारा लोगों को काफी भला-बुरा कहा जाता है। जिससे लोग कुछ भी कहने से बचते हैं। लोगों ने ध्यान आकृष्ट कराते हुए निगम आयुक्त से एलआईजी में हो रहे अतिक्रमण को हटाये जाने की मांग की है।

  • Singrauli News : गायब धान को लीपापोती करने की शुरू हुई कवायदें!,खाद्य से लेकर नागरिक आपूर्ति अमले की भूमिका संदिग्ध

    सिंगरौली ।। सेवा सहकारी समिति कुसाही में तकरीबन 700 क्विंटल धान के अचानक गायब होने के उपरांत सनसनीखेज खुलासे के बाद सहकारिता एवं सोसायटी में हड़कम्प मचा हुआ है। गायब धान पर पर्दा डालने की कवायदें भी जारी हो गयी हैं। धान को कैसे मर्ज करें इसके लिए समिति प्रबंधक खूब इधर-उधर हाथ-पैर चला रहा है। वहीं इस पूरे मामले में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग अमले की भूमिका को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं।

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    दरअसल धान उपार्जन सत्र 2022-23 में सिंगरौली जिला इस बार फिर निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा समर्थन मूल्य के तहत खरीदी कर लिया है। जबकि धान की बोनी इस वर्ष 50 फीसदी भी नहीं हुई है। फिर अचानक खरीदी केन्द्रों में धान कहां से आ गयी। सूत्र इसके पीछे कई जानकारियां मुहैया करा रहे हैं। चर्चाओं के मुताबिक झारखण्ड एवं यूपी से धान चोरी-चुपके जिले के कई तथाकथित केन्द्रों में खपाई गयी। इसकी भनक कुछ अधिकारियों को लगी। इसके बावजूद कार्रवाई करने से परहेज करने लगे।

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    जबकि प्रमुख सचिव खाद्य आपूर्ति ने जिले के अधिकारियों को निर्देशित किया था कि किसी भी हालत में दूसरे प्रांत से धान जिले में नहीं आनी चाहिए। प्रमुख सचिव के सख्त निर्देश के बावजूद जिले का संबंधित विभाग के अमले ने गंभीरता से नहीं लिया। लिहाजा झारखण्ड एवं यूपी प्रांत से एमपी के सिंगरौली जिले में खूब धान खपाई गयी और यह धान रणनीति पूर्वक परिवहन कराया गया। सूत्र एवं चर्चाओं के मुताबिक सबसे पहले दूसरे प्रांत से आने वाली धानों को केन्द्रों में खपाया गया और अपने चहेते चिन्हित किसानों की धान बताकर उनके खाते में रकम भी हासिल करा लिये। यह सब खेल चुनिंदा चर्चित तथाकथित समिति सेवकों ने किया है। जिसके बारे में खण्ड स्तर के अधिकारी भी भली-भांति जानते हैं।

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    उधर चितरंगी ब्लाक के सेवा सहकारी समिति कुसाही में 700 क्विं टल धान के गायब होने के बाद सहकारिता विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। हालांकि यह सब विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है। सवाल उठाया जा रहा है कि पूरे समितियो ंके धान का परिवहन पिछले सप्ताह ही हो चुका है। कुसाही समिति की धान अब तक परिवहन क्यों नहीं हुआ। जिम्मेदार अधिकारी मानीटरिंग करने से कतराते क्यों रहे। कहीं न कहीं अधिकारी समिति प्रबंधक पर बड़ा दिल दिखा रहे थे। फिलहाल इस बात की चर्चा सहकारिता विभाग में ही चलने लगी है कि मामला उजागर हो गया है। इसके बावजूद उक्त मामले में लीपापोती की कवायदें की जा रही हैं। जिसमें एक मीलर भी शामिल है। इसके पहले भी कथित मीलर भी लंबा खेल कर चुका है। मीलर के बहाने गायब धान की पूर्ति कराने के लिए पुरजोर कोशिशें की जा रही हैं।

    एसडीएम के निर्देश को खाद्य अधिकारी ने डाल दिया था ठण्डे बस्ते में

    12 जनवरी को तत्कालीन चितरंगी के एसडीएम सम्पदा सर्राफ ने कलेक्टर एवं खाद्य अधिकारी को पत्र लिखते हुए कुसाही समिति प्रबंध के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई किये जाने और धान उपार्जन से पृथक करने के लिए निर्देशित किया था। हैरानी की बात है कि एसडीएम का पत्र 12 जनवरी को खाद्य अधिकारी के यहां पहुंच गया और 16 जनवरी तक धान खरीदी की अंतिम तिथि थी। आरोप है कि खाद्य अधिकारी ने गुणा-भाग लगाते हुए करीब 10 दिन बाद जब धान खरीदी की तिथि समाप्त हो गयी तब उन्होंने उपायुक्त सहकारिता सिंगरौली को पत्र लिखकर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करने में जुट गये। आरोप है कि इस मामले में भी जिला खाद्य अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध बतायी जा रही है। वहीं खाद्य निरीक्षक की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है। कल शनिवार को खाद्य निरीक्षक ने जिस तरह से भूमिका निभाई है ऐसे में खाद्य निरीक्षक पर भी तरह-तरह के आरोप लगने लगे हैं। समिति प्रबंधक पर हमदर्दी दिखाने की कोशिश की है। खाद्य निरीक्षक की भूमिका के संबंध में कलेक्टर को भी अवगत करा दिया गया है।

    इनका कहना है
    पारिवारिक कारणों से अभी मैं जिले से बाहर हूॅ। मामले के संबंध में अभी विस्तृत जानकारी नहीं है। बुधवार को जिले में आने के बाद क्या कुछ मामला है और अब तक क्या जांच पड़ताल हुई है इसके बाद ही कुछ बता पाऊंगा।
    चन्द्रशेखर गोयल
    प्रबंधक
    नागरिक आपूर्ति अधिकारी,सिंगरौली

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