Siddha pahad

  • सीएम शिवराज का बड़ा फैसला, सिद्धा पहाड़ पर नहीं होगा खनन, कांग्रेस बोली सत्य की जीत हुई

    भोपाल। सतना में सिद्धा पहाड़ पर खनन को लेकर उठे विरोध के बाद सीएम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा फैसला लिया है. सीएम ने ट्वीट कर जानकारी दी की सिद्धा पहाड़ी पर किसी भी कीमत पर खनन नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने सतना जिला प्रशासन को इस संबंध में निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ”सिद्धा पहाड़ जैसे अमूल्य सांस्कृतिक स्थान हमारी आस्था और श्रद्धा का केंद्र हैं. वहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा’

    कांग्रेस बोली सत्य की जीत हुई: उधर सरकार के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने कहा है कि ”सरकार ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है”. कांग्रेस कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा कि ”इस मामले को लेकर कमलनाथ ने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी थी. शिवराज सरकार ने अपनी गलती स्वीकारी है और कहा है कि यहां खनन नहीं होगा, आज सत्य की जीत हुई है”.
    यह है पूरा मामला: सतना जिले के पौराणिक महत्व वाले सिद्धा पहाड़ पर उत्खनन को लेकर स्थानीय जिला प्रशासन ने तैयारी की थी. उत्खनन के पहले पर्यावरण अनुमति के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा 30 सितंबर को सुनवाई की जानी थी. सिद्धा पहाड़ के उत्खनन की अनुमति दिए जाने की खबरें जैसे ही सामने आई इसको लेकर स्थानीय स्तर पर विरोध शुरू हो गया. कांग्रेस और खुद बीजेपी विधायकों ने कड़ा विरोध जताया. बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने आपत्ति जताते हुए खनन पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था.

    सिद्धा पहाड़ को बचाने बीजेपी विधायक ने PM मोदी को लिखा पत्र, श्रीराम की स्मृति स्थल को खनन माफिया से बचा लीजिए
    भगवान राम ने यहीं ली थी पहली प्रतिज्ञा: विंध्य क्षेत्र स्थित सिद्धा पहाड़ का धार्मिक और पौराणिक महत्व है. भगवान राम के 14 साल के वनवास की यात्रा पर अनुसंधान करने वालों ने ऐसे 200 स्थानों का पता लगाया था, जहां भगवान श्रीराम रुके थे. इसमें मध्यप्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट को उनका दूसरा पड़ाव माना गया है. पौराणिक कथाओं के अनुसार सतना जिले के बिरसिंहपुर क्षेत्र के इस सिद्धा पहाड़ पर भगवान श्रीराम ने निशाचरों का नाश करने की पहली प्रतिज्ञा ली थी. रामचरित मानस के अरण्य कांड में इसका उल्लेख है. जब भगवान राम चित्रकूट से आगे बढ़े तो सिद्धा पहाड़ मिला, यह पहाड़ ऋषि मुनियों की अस्थियों से बना था. यहां राक्षसों ने ऋषि मुनियों को मारा, जिनकी अस्थियों से यह पहाड़ बन गया. यहीं भगवान श्रीराम ने राक्षसों का नाश करने की पहली प्रतिज्ञा की थी।

  • जनता की भावनाओं के साथ धार्मिक आघात,मुख्यमंत्री रामायण में उल्लेखित सिद्धा पहाड़ के उत्खनन पर तत्काल रोक लगाए-अजयसिंह

    राम वन गमन पथ को सुनियोजित तरीके से नष्ट कर रही है सरकार


    पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि शिवराजसिंह सरकार मध्यप्रदेश में राम वन गमन पथ को लगातार नष्ट करने में लगी हुई है। यहाँ भगवान राम ने वनवास काल के साढ़े ग्यारह वर्ष बिताये थे| मुख्यमंत्री बार बार जनता से वायदा करते हैं कि भगवान राम की स्मृतियों को बचाने के लिए राम वन गमन पथ का विकास किया जाएगा| लेकिन राम नाम का इस्तेमाल कर सत्ता का सफ़र तय करने वाले शिवराज सिंह बाद में सब भूल जाते हैं| वे मध्यप्रदेश और खासकर विन्ध्य की जनता के साथ लगातार धार्मिक धोका कर रहे हैं| वे धर्मप्राण जनता के विश्वास को आघात पहुंचा रहे हैं|


    अजयसिंह ने कहा कि पहले रीवा में सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों के एकमात्र केंद्र भगवान परशुराम आश्रम को मुख्यमंत्री के इशारे पर अतिक्रमण के नाम पर तोड़ दिया गया| देश भर के साधू संत चित्रकूट और राम वन गमन पथ यात्रा के दौरान यहाँ रुकते थे| फिर राम की तपोभूमि चित्रकूट को सतना से जोड़ने वाली फोर लेन रोड का प्रस्ताव शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए पूरी तरह निरस्त हुआ| इसके साथ सतना से मैहर तक फोर लेन सड़क के प्रस्ताव को भी घटा कर टू लेन कर दिया गया| छब्बीस सौ करोड़ के प्रोजेक्ट को घटा कर 328 करोड़ रूपये कर दिया गया| अब सरकार भगवान राम की कर्मभूमि सिद्धा पहाड़ को ही खोदने की अनुमति देने जा रही है| रामायण में इस पहाड़ का उल्लेख है| यह पहाड़ ऋषि मुनियों की हड्डियों के ढेर से बना है| यहाँ प्रभु श्रीराम ने राक्षसों का संहार किया था| उन्होंने इस भूमि को राक्षसों से विहीन करने की प्रतिज्ञा ली थी| अगले कुछ साल में रामायण में उल्लेखित सिद्धा पहाड़ भी विन्ध्य भूमि से गायब हो जाएगा|
    सिंह ने कहा कि तत्कालीन कलेक्टर सुखबीर सिंह ने 27 लीज को निरस्त किया था जिसमें सिद्धा पहाड़ भी शामिल था| एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार भगवान राम से जुड़े अवशेष तलाश रही है, वहीं मध्यप्रदेश में श्रीराम के चिन्हित अवशेषों को सुनियोजित तरीके से नष्ट किया जा रहा है| उन्होंने कहा कि वनवास के दौरान श्री राम जहां से गुजरे थे उनमें सरभंगा आश्रम और सिद्धा पहाड़ भी था| वर्ष 2007 में यहाँ भाजपा सरकार ने विकास की 560 लाख रूपये की योजना बनाई गई थी जो अब ठन्डे बस्ते में है| सरभंगा आश्रम के अलावा सिद्धा पहाड़ के पास वर्षों से खनन होता रहा है| लीज खत्म हो गई है लेकिन अवैध खनन जारी है| राम वन गमन पथ का क्षेत्र चित्रकूट के चौरासी कोसीय परिक्रमा क्षेत्र के अंदर आता है| भाजपा सरकार राम की स्मृतियों को भी अवैध खनन से नहीं बचा पाई| जहां राम के वनवास काल में बिताये गये साढ़े ग्यारह वर्ष के अवशेष है| अजयसिंह ने कहा कि शिवराज सिंह की यदि वाकई राम के प्रति आस्था है तो वे राम वन गमन पथ क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहे अवैध उत्खनन पर तत्काल रोक लगायें|

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