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  • MP News: SDM की मौत मामले में नया मोड़, डॉक्टर का चौंकाने वाला खुलासा, पति ही निकला हत्यारा

    Madhya Pradesh News: डिंडोरी में शहपुरा एसडीएम निशा नापित (Sdm nisha napit) शर्मा की संदिग्ध मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है. रविवार को उनके परिजन छत्तीसगढ़ से डिंडोरी पहुंच गए. मृतक एसडीएम की बहन नीलमा नापित ने मीडिया को दिए बयान में एसडीएम के पति मनीष शर्मा पर गंभीर लगाए. उन्होंने कहा कि बहन की हत्या की है और हत्या के बाद के बाद सबूत छिपाए हैं.

    सतना टाइम्स डॉट ई

    एसडीएम की बहन का कहना है कि दोनों के बीच लड़ाई झगड़ा भी होता रहता था. मामले में उन्होंने प्रशासन से जांच की मांग की है. वही एसपी ने कहा कि अभी पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहने की बात कही है. बता दें कि रविवार को शहपुरा एसडीएम निशा नापित शर्मा का निधन हो गया था. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान मौत हुई थी. घटना के वक्त उनके पति भी मौजूद थे. आज रात एसडीएम निशा नापित शर्मा का पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर ले जाया जाएगा.

     

     

    पति से पूछताछ कर रही पुलिस
    इधर, संदिग्ध हालात में हुई SDM की मौत को लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. शुरुआती जांच में पुलिस ने शक की बुनियाद पर एसडीएम के पति मनीष शर्मा सहित बंगले के कर्मचारियों और ड्राइवर से पूछताछ कर रही है, जो घटना के दौरान एसडीएम बंगले पर मौजूद थे. हालांकि मौत की अधिकृत वजह पीएम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट होगी. पुलिस ने मृत एसडीएम निशा नापित और उनके पति मनीष शर्मा के मोबाइल जब्त किये हैं. बंगले में फॉरेंसिक टीम जांच में जुटी है. फिलहाल पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने से बच रही है.

     

    डॉक्टर का चौंकाने वाला खुलासा
    दूसरी ओर डॉक्टर रत्नेश द्विवेदी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. डॉक्टर रत्नेश द्विवेदी का कहना है कि अस्पताल पहुंचने से चार-पांच घंटे पहले ही एसडीएम निशा नापित की मौत हो चुकी थी. उनके पति मनीष शर्मा एसडीएम निशा नापित को मृत अवस्था मे अस्पताल लेकर आये थे. अब सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि आखिर उनकी मौत की वजह क्या है सवाल यह भी है कि नापित ने खुदकुशी की या उनकी हत्या की गई यह पुलिस जांच का विषय है.

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  • SDM Full Form :SDM कौन होता है? जानिए काम,कितनी मिलती है सैलरी, और सुविधाओं के बारे में

    SDM Officer: किसी भी जिले में जहां सबसे ज्यादा पावरफुल डीएम (District Magistrate) होता है और उसके पास सारे अधिकारी होते हैं, वहीं डिवीजन स्‍तर पर वही अधिकार एसडीएम के पास होते हैं। जिसे उप प्रभागीय न्यायाधीश (Sub Divisional Magistrate) कहते हैं। एक SDM का पद बहुत जिम्मेदारी भरा होता है।

    Image credit by satna times

    SDM के पद पर भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और राज्यों के लोक सेवा आयोग द्वारा की जाती है। इसके द्वारा आयोजित सर्वाधिक लोकप्रिय पीसीएस (PCS) परीक्षा है। इसके लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद एक साक्षात्कार भी होता है। हर राज्य का एक आयोग होता है जो इस सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है। राज्य की सिविल सेवा परीक्षा में SDM सबसे बड़ा पद होता है। इस परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को उपखंड मजिस्ट्रेट (SDM) के पद पर नियुक्त किया जाता है। वहीं एक आईएएस ऑफिसर को भी अपने कैडर में ट्रेनिंग के दौरान या बाद में पहली पोस्टिंग एसडीएम के पद पर मिल सकती है। एसडीएम के पद में कोई निश्चित कार्य समय नहीं है, क्योंकि अधिकारी को हर समय ड्यूटी के लिए तैयार रहना पड़ता है. एसडीएम को अपने क्षेत्र में प्रशासन के मामलों की देखभाल करनी पड़ती है।

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    एसडीएम की परिभाषा (Definition of SDM)
    दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 20 (4) के अनुसार राज्य सरकार एक उप-मंडल के प्रभारी कार्यकारी मजिस्ट्रेट को रख सकती है और अवसर की आवश्यकता के अनुसार उसे प्रभार से मुक्त कर सकती है। उप-मंडल के प्रभारी मजिस्ट्रेट को उप-मंडल मजिस्ट्रेट कहा जाएगा। एसडीएम पद पर रहने वाले अधिकारी प्रमोशन पाकर जिलाधिकारी और राज्य सरकार में सचिव भी बन सकते हैं। बता दें कि राज्य प्रशासनिक सेवा में वरीयता में एसडीएम का पद सबसे ऊपर रहता है। इस पद के लिए वे उम्मीदवार ही भाग ले सकते हैं जिन्होंने स्नातक डिग्री पास की है।

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    एसडीएम की प्रमुख जिम्मेदारियां (Major Responsibilities of SDM)
    1. प्रशासनिक एवं न्यायिक कार्य
    2. क्षेत्रीय विवादों का निपटारा, आपदा प्रबंधन
    3. राजस्व कार्यों में भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव।          4. राजस्व मामलों का संचालन
    5. सीमांकन और अतिक्रमण से निपटना
    6. सार्वजनिक भूमि का संरक्षण, भू-पंजीकरण।
    7. राज्यों में लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों का चुनाव करवाना आदि।

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    8. विवाह रजिस्ट्रेशन करवाना, ओबीसी, एससी / एसटी और जन्म एवं निवास प्रमाण पत्र।
    9. एसडीएम का कार्य विभिन्न प्रकार के पंजीकरण करना कई तरह के लाइसेंस जारी करना, नवीकरण करना भी है।
    10. एसडीएम आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 और कई अन्य नाबालिग कृत्यों के तहत विभिन्न न्यायिक कार्य को करता है।

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