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  • सतना में अज्ञात बदमाशों ने महिला के सूने घर को बनाया निशाना, जेवर और नकदी ले उड़े चोर

    Satna News Today : मध्य प्रदेश का सतना जिला हमेशा ही मीडिया में चर्चा का विषय बना रहता है। कभी यहां चोरी के मामले आते हैं, तो कभी डकैती जैसी घटनाएं सामने आती है। लगातार बढ़ रही आपराधिक मामले को लेकर पुलिस भी चिंतित है। यह उनके लिए गंभीर विषय भी बनता चला जा रहा है। लोग चंद घंटे के लिए भी घर पर ताला लगा कर बाहर जाना सेफ नहीं समझते।

    सतना में अज्ञात बदमाशों ने महिला के सूने घर को बनाया निशाना, जेवर और नकदी चुरा ले गए
    सतना में अज्ञात बदमाशों ने महिला के सूने घर को बनाया निशाना, जेवर और नकदी ले उड़े चोर

    हालांकि, पुलिस द्वारा लगातार धड़-पकड़ अभियान भी चलाए जाते हैं। इसके बावजूद, बदमाशों के हौसले बुलंद है।ताजा मामला हाल ही सामने आया है। जब अज्ञात बदमाशों ने महिला के सूने घर को अपना निशाना बनाया।



    दरअसल, मामला शहर के वार्ड नंबर 4 बगहा का है। जब अज्ञात बदमाशों ने एक महिला के सोने घर में चोरी की। इस दौरान चोरों ने 79,000 की नगदी और जेवर पर कर दिए। जिसकी पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। चोरी का पता सुबह चला जब पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदारों ने घर के दरवाजों का ताला टूटा हुआ देखा।

    मौके पर पहुंची पुलिस

    इसके बाद फौरन थाने में इसकी खबर की गई। जिसके बाद पुलिस ने टीम का गठन करते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी। वहीं, सिविल लाइन थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। बता दें कि घर की मालकिन शशि त्रिपाठी जबलपुर गई थी और इस घर में वह अकेली रहती हैं। फिलहाल, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में चार बदमाशों को देखा है, जिसके लिए मुखबिर तंत्रों को भी एक्टिव कर दिया गया है।

    आरोपियों की तलाश शुरू

    प्रारंभिक जांच में 79000 नगद सोने की बालियां, चांदी की पायल समेत कुल ₹50000 के गहने चोरी होने की बात सामने आई है। खबर मिलते ही शशि त्रिपाठी जबलपुर से वापस लौट आई और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवा दिया है। फिलहाल, पुलिस द्वारा आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।

  • राजीव गांधी फार्मेसी संस्थान, फार्मास्युटिकल विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय के स्टूडेंट का रिसर्च पेपर पब्लिश

    सतना(सतना टाइम्स)।।एकेएस विश्वविद्यालय, सतना, मध्य प्रदेश, इंडिया के एम फार्मा स्टूडेंट दीपांशु विश्वकर्मा का रिसर्च पेपर डॉ. सूर्य प्रकाश गुप्ता के मार्गदर्शन में प्रकाशित हुआ है।उनका कार्य एसोसिएशन ऑफ़ फार्मास्यूटिकल टीचर्स ऑफ़ इंडिया ऑफ़ इंडिया के प्रतिष्ठित जनरल इंडियन जनरल ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के वॉल्यूम 58 इशू 4 और ईयर 2024 में 58 वर्ष पुराने इस जनरल में प्रकाशित हुआ है।

    डॉ. गुप्ता ने बताया कि एंटी इन्फ्लेमेटरी और सिलिको स्ट्डीज ऑफ फ्यू नोवेल 1, 2, 4 ट्रायजोल व्युत्पन्न शिफ़ बेस कंपाउंड पर स्टूडेंट ने मौलिक कार्य किया। फार्मेसी विभाग के डायरेक्टर डॉ.सूर्य प्रकाश गुप्ता ने पृष्ठभूमि पर बात करते हुए बताया कि वर्तमान जांच का उद्देश्य हाल ही के 1,2,4-ट्राईज़ोल व्युत्पन्नों की सूजन-रोधी क्षमता को संश्लेषित करना और उसका आकलन करना था। सामग्री और विधि पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि 1,2,4-ट्राईज़ोल यौगिकों का संश्लेषण तीन अलग-अलग चरणों में पूरा किया गया जिसमें इबुप्रोफेन के हाइड्रैज़ाइड का निर्माण और उसके बाद 1,2,4-ट्राईज़ोल नाभिक में चक्रण और अंतिम चरण में शिफ़ बेस का निर्माण शामिल था।



    इसका परिणाम है कि प्रत्येक यौगिक गहरे भूरे रंग का था और 65-71% उपज में प्राप्त किया गया था और पानी और हेक्सेन में अघुलनशील था जबकि एसपीजी और मेथनॉल में घुलनशील थे और सभी यौगिक क्लोरोफॉर्म में घुलनशील थे। यौगिकों का मूल्यांकन इन विट्रो एंटी-इन्फ्लेमेटरी क्षमता के लिए एल्ब्यूमिन विकृतीकरण और प्रोटीज क्रिया विधियों के निषेध का उपयोग करके किया गया था। 500 ग्राम/एमएल की सांद्रता पर अवरोध (62.44±2.88%) उत्पन्न करने की सबसे अच्छी क्षमता एसपीजी ४ के साथ, सभी पदार्थों ने एल्ब्यूमिन विकृतीकरण के खुराक-निर्भर अवरोध को दर्शाया। एसपीजी चार 500 ग्राम/एमएल पर प्रोटीज गतिविधि (46.63±3.211%) को बाधित करने में सक्षम था और एंटीप्रोटीज प्रभावकारिता भी खुराक-निर्भर थी। निष्कर्ष यह निकला कि ट्रायज़ोल व्युत्पन्न मध्यम एंटी-इन्फ्लेमेटरी क्रिया को दोहराने में सक्षम थे और उन्हें लीड अणु विकसित करने के लिए अनुकूलित किया जा सकता था। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने फार्मेसी संकाय के स्टूडेंट दीपांशु विश्वकर्मा को शुभकामना दी है।

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