सतना।।माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं का शुक्रवार को परिणाम घोषित कर दिया गया है। इस वर्ष हायर सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा परिणाम 72.72 फीसदी रहा, जबकि तरह हाईस्कूल परीक्षा में 59.54 फीसदी विद्यार्थी सफल रहे। बोर्ड की 10वीं और
https://youtu.be/gkes4l_4QP0
12वीं की परीक्षा में छोटे शहरों की बेटियों ने टॉप किया है। कक्षा 10वीं में छतरपुर की नैंसी दुबे और सतना की सुचिता पांडे ने संयुक्त रूप से और 12वीं
के अलग-अलग विषयों में 9 छात्राओं ने टॉप किया है। प्रदेश मे प्रथम स्थान हाईस्कूल मे आई सुचिता पान्डेय सतना जिले की मैहर की निवासी सुचिता पांडेय पिता सत्य नारायण पान्डेय नाम की छात्रा ने पूरे प्रदेश, पहला स्थान प्राप्त कर किया टॉप, सुचिता ने 500 में से 496 अंक प्राप्त किये 10वी एमपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम जारी, बेटियों ने मारी बाजी, सुचिता सत्यनारायण पाण्डेय व रूक्मणी पाण्डेय की सुपुत्री है, तो वही मैहर के वरिष्ठ पत्रकार सूर्यकांत दिवेदी की भांजी है।आईएएस अफसर बनना चाहती है सुचिता।
MPBSE MP Board 10th 12th Result 2022 : मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल (MPBSE) के नतीजे आज ,शुक्रवार को दोपहर एक बजे जारी किए जाएंगे। आपको बता दें कि 18 लाख बोर्ड के स्टूडेंट्स की 1.30 करोड़ आंसर-शीट चेक करने में शिक्षकों को एक महीने क समय लग गया। शिक्षा मंत्री खुद परीक्षा परिणामों की घोषणा करेंगे। एमपी बोर्ड उत्तर पुस्तिकओं के मुल्यांकन मार्च में शुरू हुए थे। परीक्षार्थी mpresults.nic.in , mpbse.nic.in , mpbse.mponline.gov.in के अलावा livehindustan.com पर भी अपना परिणाम चेक कर सकेंगे। बताय जा रहा है कि इस बोर्ड स्टूडेंट्स की टॉपर लिस्ट भी जारी करेगा। पिछली बर कोरोना के कारण दो साल से टॉपर लिस्ट जारी नहीं हो पाई है। । एमपी बोर्ड ने 10वीं की परीक्षा 17 फरवरी से 12 मार्च और 12वीं की परीक्षा 18 फरवरी से 10 मार्च के बीच आयोजित की थी। यह कई सालों में दूसरा ऐस मौका है जब 10वीं और 12वीं का रिजल्ट एक साथ जारी किया जा रहा है। यहां चेक कर सकेंगे रिजल्ट
एमपी बोर्ड ने कहा है कि स्टूडेंट्स मोबाइल ऐप के जरिए भी अपना रिजल्ट चेक कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर पर MPBSE MOBILE App या MP मोबाइल ऐप या MP Mobile App Download करें व know your result का चयन करने के बाद अपना रोल नंबर व आवेदन क्रमांक डालकर रिजल्ट चेक कर सकेंगे।
ऐसे चेक कर सकेंगे रिजल्ट http://mpresults.nic.in या mpbse.nic.in पर क्लिक करें। 10वीं के छात्र 10वीं रिजल्ट पर और 12वीं के छात्र सीनियर 12वीं रिजल्ट के लिंक पर क्लिक करें। अपना रोल नंबर डालकर डालें और क्लिक करें। आपका रिजल्ट आपकी स्क्रीन पर आ जाएगा।
बेंगलुरु, ।। बहुचर्चित हिजाब विवाद (Hijab Controversy) को लेकर आज कर्नाटक हाईकोर्ट फैसला सुनाएगा। कर्नाटक हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पीठ आज सुबह इस पर अपना फैसला सुनाएगी। पीठ में न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित और न्यायमूर्ति खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन भी शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले सुनवाई करते हुए पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हिजाब विवाद पर फैसले को लेकर कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। साथ ही इस दौरान स्कूल-कालेज भी बंद रहेंगे। दक्षिण कन्नड़ के डीसी डा राजेंद्र केवी ने कहा कि बाहरी परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होंगी, लेकिन सभी स्कूलों और कालेजों की आंतरिक परीक्षाएं स्थगित कर दी जाएंगी।
कर्नाटक: उडुपी ज़िले में सीआरपीसी की धारा 144 लागू है। #HijabRow
ज़िलाधिकारी कुर्मा राव एम ने कल घोषणा की थी कि ज़िले के सभी स्कूल और कॉलेज 15 मार्च को बंद रहेंगे। pic.twitter.com/e1v9kjuama
कर्नाटक: उडुपी ज़िले में सीआरपीसी की धारा 144 लागू है। #HijabRow
ज़िलाधिकारी कुर्मा राव एम ने कल घोषणा की थी कि ज़िले के सभी स्कूल और कॉलेज 15 मार्च को बंद रहेंगे। pic.twitter.com/e1v9kjuama
कैसे शुरू हुआ विवाद?
बता दें कि ये विवाद उड्डुपी जिले में एक कालेज में हिजाब पहनकर आने के बाद शुरू हुआ था। एक कालेज में कुछ लड़कियां हिजाब पहनकर आई थी, जिस कारण उन्हें क्लास में बैठने से रोक दिया गया था। हिजाब पहनने से रोके जाने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। इसको लेकर कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी हुआ था।
कर्नाटक हाईकोर्ट गया मामला
मामले को लेकर लड़कियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। लड़कियों ने हिजाब पहनकर कक्षा में प्रवेश करने की अनुमति देने की मांग की थी। मुस्लिम छात्राओं ने सुनवाई के दौरान कहा था कि हिजाब धार्मिक परंपरा का हिस्सा नहीं है, लेकिन यह उनकी धर्म के प्रति आस्था को दर्शाता है, जिसके चलते हिजाब को धर्म के जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। मामले में बीते महीने सुनवाई पूरी कर ली गई थी।
राज्य सरकार की दलील
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से दलीलें भी दी गई थी। सरकार ने बताया कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक परंपरा का हिस्सा नहीं है। सरकार ने कहा था कि धर्म को शिक्षण संस्थानों से दूर रखा जाना चाहिए। सरकार का कहना है कि मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर स्कूल कंपाउंड में आ सकती है, लेकिन क्लास के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।