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  • MP Pensioners: एमपी सरकार का पेंशन भोगियों को भी बड़ा तोहफा! महंगाई भत्ते में भारी बढ़ोतरी

    MP Pensioners Dearness Allowance increased: साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (mp election news) के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी कोशिश सभी वर्गों को साधने की है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री शिवराज की सरकार द्वारा सभी वर्गों को अलग-अलग सौगातें दी जा रही हैं. अब सीएम शिवराज ने पेंशनर्स को लेकर भी बड़ी घोषणा की है. मध्य प्रदेश सरकार ने पेंशनर्स को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है. चुनावी साल में सरकार का एक और बड़ा तोहफा. शिवराज सरकार ने पेंशनभोगियों को पेंशन पर महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है. अब पेंशनर्स को 38 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा. पहले 33 फीसदी महंगाई भत्ता मिलता था. प्रदेश में लगभग 5 लाख पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि से लाभ होगा, छठे वेतनमान के लिए 11% और सातवें वेतनमान के पेंशनभोगियों के लिए 5% की बढ़ोतरी होगी.

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    बता दें कि आगामी चुनावों से पहले, शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार ने पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते में भारी वृद्धि की घोषणा की है. महंगाई भत्ता बढ़ाकर 38% कर दिया गया है, जिसमें पिछली 33% की दर से 5 % की वृद्धि हुई है.

    प्रदेश के पांच लाख पेंशनधारियों को होगा फायदा  
    बता दें कि मध्य प्रदेश में पेंशनभोगियों की कुल संख्या लगभग 500,000 है. छठे वेतनमान के तहत पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (डीए) 11 प्रतिशत बढ़ाया गया है, जबकि सातवें वेतनमान के तहत पेंशनभोगियों के डीए में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. यह निर्देश वित्त विभाग ने जारी किया है.

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    सरकार के इस फैसले के चलते, छठे वेतनमान के तहत पेंशनभोगियों को अब 212 प्रतिशत डीए मिलेगा, जबकि सातवें वेतनमान के तहत पेंशनभोगियों को 38 प्रतिशत डीए मिलेगा. बढ़ा हुआ DA 1 जुलाई से लागू होगा.

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  • Pension New Rules: केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, कर्मचारियों की लगी लॉटरी!अब बढ़ेगी पेंशन और सैलरी

    Pension and Salary Rules: अगर आप भी अपनी पेंशन और सैलरी (Pension Hike) बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. केंद्र सरकार (Central Government) अब लाखों कर्मचारियों की पेंशन और सैलरी में इजाफा करने जा रही है. साल 2023 में कर्मचारियों की पेंशन में बंपर इजाफा होने वाला है. इसको लेकर सरकार की तरफ से आदेश जारी कर दिया है. केंद्रीय कर्मचारियों (Central government employees) को इस साल मोटा पैसा मिलने वाला है. इस समय पर देश भर में पुरानी पेंशन को लेकर जंग छिड़ी हुई है. इस बीच सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन बढ़ाने का फैसला ले सकती है.

    पुरानी पेंशन बहाली की चल रही है मांग

    देश भर में इस समय पर पुरानी पेंशन बहाली की मांग तेजी से चल रही है. इन सभी मांगों के बीच में सरकार कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी की लिमिट में इजाफा कर सकती है. इस साल सरकार कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिनिमम सैलरी को 15,000 से बढ़ाकर 21,000 कर सकते हैं.

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    बढ़ जाएगा प्रोविडेंट फंड का योगदान
    आपको बता दें कर्मचारियों की न्यूतनम सैलरी लिमिट बढ़ने के बाद में पेंशन में भी बंपर इजाफा हो जाएगा. इससे पहले आखिरी बार साल 2014 में सरकार ने इस लिमिट में इजाफा किया था. फिलहाल नए साल में सरकार एक बार फिर से वेतन बढ़ाने का प्लान बना रही है. सैलरी बढ़ने से पीएफ में योगदान भी बढ़ेगा और साथ ही पेंशन में भी इजाफा होगा.

    कितना बढ़ेगा पीएफ का योगदान
    प्रोविडेंट फंड के योगदान की बात की जाए तो मिनिमम सैलरी की कैलकुलेशन 15,000 रुपये पर की जाती है, जिसकी वजह से ईपीएस खाते में अधिकतम 1250 रुपये का ही योगदान हो पाता है. अगर सरकार वेतन की सीमा को बढ़ा देती है तो कॉन्ट्रिब्यूशन भी बढ़ जाएगा. सैलरी बढ़ने के बाद में मंथली कॉन्ट्रिब्यूशन 1749 रुपये (21,000 रुपये का 8.33 फीसदी) हो जाएगा.

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  • Old Pension पर आई बड़ी खुशखबरी, मोदी सरकार ने लागू की पुरानी पेंशन! लाखों कर्मचारियों की हुई बल्ले-बल्ले

    Old Pension News: केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Yojana) पर बड़ा अपडेट जारी किया गया है. अगर आप भी ओल्ड पेंशन योजना का फायदा लेना चाहते हैं तो आपके लिए खुशखबरी आ गई है. लंबे इंतजार के बाद में सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) को ओल्ड पेंशन योजना देने का फैसला लिया है जी हां… अब आप पुरानी पेंशन योजना के विकल्प को चुन सकते हैं. बता दें लंबे समय से देश भर में OPS और NPS को लेकर जंग चल रही थी, जिसके बाद अब मोदी सरकार ने बड़ा ऐलान कर दिया है. MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए डाऊनलोड करें सतना टाइम्स ऐप, इस लिंक पर करें क्लिक)

    किन कर्मचारियों को मिलेगा OPS का फायदा?
    पुरानी पेंशन योजना पर मिले अपडेट के मुताबिक, अगर किसी भी कर्मचारी की नौकरी में भर्ती 22 दिसबर 2003 के पहले हुई है तो उन सभी को पुरानी पेंशन योजना का फायदा मिलेगा. वहीं, जिन भी कर्मचारियों नें सरकारी नौकरी 22 दिसंबर 2003 के बाद में ज्वाइन की है उन सभी लोगों को पुरानी पेंशन योजना का फायदा नहीं मिलेगा. उन लोगों को नई पेंशन योजना में कवर किया जाएगा.

    अगस्त तक चुन लें ओल्ड पेंशन योजना
    आपको बता दें जो भी सरकारी कर्मचारी हैं वह पुरानी पेंशन योजना को चुन सकते हैं. उनके पास में इस पेंशन को चुनने का ऑप्शन 31 अगस्त 2023 तक है. इसके साथ ही सरकार ने बताया है कि जो भी योग्य कर्मचारी 31 अगस्त तक ओल्ड पेंशन योजना (OPS) के ऑप्शन को सलेक्ट नहीं करते हैं तो उनको नई पेंशन योजना (New Pension Yojana) में डाल दिया जाएगा.

    सलेक्ट करने के बाद नहीं बदल पाएंगे
    सरकारी जानकारी के मुताबिक, अगर कोई भी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना में जाने के विकल्प को सलेक्ट कर लेता है तो उसको आखिरी ऑप्शन मान लिया जाएगा. इसके बाद में वह सभी कर्मचारी नई पेंशन योजना में नहीं जा पाएंगे.

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    पुरानी पेंशन योजना के फायदे क्या हैं?
    पुरानी पेंशन योजना के फायदे की बात की जाए तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आखिरी ड्रॉन सैलरी के आधार पर बनती है. इसके अलावा इसमें महंगाई दर बढ़ने के साथ ही डीए में भी इजाफा होता है. जब सरकार नया वेतन आयोग लागू करती है तो भी इससे पेंशन में इजाफा होता है.

  • Old Pension Scheme : Old Pension लागू करने पर आया बड़ा अपडेट, कर्मचार‍ियों के फायदे को देखते हुए सरकार ने उठाया यह कदम

    Old Pension Latest News: राज्‍य सरकार और केंद्र सरकार के कर्मचार‍ियों की तरफ से लगातार पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग की जा रही है. कांग्रेस शास‍ित राज्‍यों ह‍िमाचल प्रदेश, राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़, झारखंड और पंजाब आद‍ि राज्‍य इसे पहले ही लागू कर चुके हैं. इसके बाद देशभर में इसे लागू करने की मांग ने और जोर पकड़ ल‍िया है. प‍िछले द‍िनों कर्नाटक में राज्य सरकार कर्मचारी एसोसिएशन (KSGEA) ने सैलरी हाइक और पुरानी पेंशन को लेकर हड़ताल शुरू की तो सरकार की तरफ से कर्मचार‍ियों की सैलरी में 17 प्रत‍िशत का इजाफा करने का ऐलान क‍िया गया.MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए डाऊनलोड करें सतना टाइम्स ऐप, इस लिंक पर करें क्लिक)

    कर्नाटक सरकार की सम‍ित‍ि राजस्थान का दौरा करेगी
    इसके अलावा पुरानी पेंशन पर सरकारी कर्मचार‍ियों की मांग मानते हुए सरकार ने पुरानी पेंशन को वापस लाने की मांग पर समिति का गठन क‍िया गया. साथ ही इस सम‍ित‍ि की र‍िपोर्ट के आधार पर पुरानी पेंशन को बहाल करने की भी बात कही. इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) के क्र‍ियान्‍वयन के बारे में जानकारी जुटाने के ल‍िए तीन सदस्‍यों पर कर्नाटक सरकार की सम‍ित‍ि राजस्थान का दौरा करेगी. इस सम‍ित‍ि का गठन पुरानी पेंशन को कैसे लागू क‍िया जाए, इस पर र‍िपोर्ट देने के ल‍िए तैनात क‍िया गया है.

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    भाजपा शास‍ित राज्‍य में लागू होगी ओपीएस
    समिति के 25 मार्च को राजस्‍थान में पहुंचने की उम्मीद है. अगर कर्नाटक में पुरानी पेंशन को लागू क‍िया गया तो यह भाजपा शास‍ित पहला राज्‍य होगा, ज‍िसके यहां ओपीएस को लागू करने की उम्‍मीद की जा रही है. सूत्रों ने बताया क‍ि कर्मचारियों की मांग के बाद, कर्नाटक सरकार ने 2006 के बाद नौकरी में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए ओपीएस (OPS) को फिर से लागू करने का अध्‍ययन का काम शुरू क‍िया है.

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    मुख्य सचिव के नेतृत्व में समिति का गठन
    इसके ल‍िए अतिरिक्त मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है. समिति राजस्थान सहित पांच राज्यों का दौरा करेगी, जहां पर ओपीएस को लागू किया गया है. सूत्रों का यह भी दावा है क‍ि यह समिति पहले राजस्थान का दौरा करेगी. यहां पर मुख्य सचिव उषा शर्मा, वित्त सचिव अखिल अरोड़ा और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका से मुलाकात की जाएगी.’

    राजस्थान सरकार की तरफ से अप्रैल 2022 में ओपीएस को बहाल किया गया था. राज्य सरकार की तरफ से 1 जनवरी 2004 से 31 मार्च 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए लोगों के निकाले गए पैसे को जमा करने की भी  व्यवस्था की जा रही है.

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  • Old Pension पर बड़ा अपडेट, RBI के पूर्व गवर्नर ने बताया-कर्मचार‍ियों को कैसे दें फायदा

    Reserve Bank of India: देश के कुछ राज्‍यों में ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम (OPS) को फ‍िर से बहाल क‍िया गया है. राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़, झारखंड और ह‍िमाचल प्रदेश की तरफ से पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से शुरू करने के फैसले पर चिंता जताते हुए र‍िजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि सरकारी पेंशनहोल्‍डर्स की चिंताओं को दूर करने के लिए कम खर्चीले तरीके खोजे जाने चाहिए. राजन ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में बड़े पैमाने का भावी परिव्यय शामिल होता है क्योंकि पेंशन को मौजूदा वेतन से जोड़ा जाता है. MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए डाऊनलोड करें सतना टाइम्स ऐप, इस लिंक पर करें क्लिक)

    ओपीएस अपनाने के ल‍िए एक बार का विकल्प दिया
    उन्होंने कहा, ‘भले निकट भविष्य में न हो लेकिन लंबे समय में यह बड़ी ज‍िम्‍मेदारी होगी. उन्होंने कहा, जहां तक वह समझते हैं, पुरानी पेंशन योजना (OPS) पर लौटना तकनीकी और कानूनी दोनों लिहाज से व्यावहारिक नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘जिस वजह से ऐसे कदम उठाने पड़ रहे हैं, उन चिंताओं का समाधान निकालने के लिए कम खर्चीले तरीके भी हो सकते हैं.’ एक बड़े कदम के तहत केंद्र सरकार के चुनिंदा कर्मचारियों के समूह को पुरानी पेंशन योजना को अपनाने के लिए एक बार का विकल्प दिया गया है.

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    50 प्रतिशत राशि पाने का हकदार
    ओपीएस के तहत कर्मचारियों को एक तय पेंशन मिलती है. एक कर्मचारी पेंशन के रूप में अंतिम प्राप्त वेतन के मुकाबले 50 प्रतिशत राशि पाने का हकदार है. ओपीएस (OPS) को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने एक अप्रैल 2004 से बंद करने का फैसला किया था. नयी पेंशन योजना (NPS) के तहत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है.

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    राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड सरकार ने पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को अपने कर्मचारियों के लिए ओपीएस फिर से शुरू करने के फैसले से अवगत कराया है. पंजाब ने भी ओपीएस फिर से शुरू करने का फैसला किया है.

  • Old Pension Scheme : पुरानी पेंशन योजना पर क्या कदम उठाएगी सरकार? फटाफट जानें

    Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लेकर काफी चर्चाएं इन दिनों चल रही हैं. कई राज्य पुरानी पेंशन योजना को फिर से अपना चुके हैं. इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल है. इन राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को एक बार फिर से शुरू कर दी है और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस को बंद कर दिया है. वहीं अब केंद्र सरकार और दूसरे राज्यों की सरकारों की ओर से पुरानी पेंशन योजना पर क्या कदम उठाए जाएंगे, इसको लेकर अभी भी सवालिया चिह्न बने हुए हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि पुरानी पेंशन योजना क्या है? MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए डाऊनलोड करें सतना टाइम्स ऐप, इस लिंक पर करें क्लिक

    पेंशन योजना
    Old Pension Scheme के तहत सरकारी कर्मचारी को सरकार के जरिए रिटायरमेंट के बाद पूरी पेंशन राशि का भुगतान किया जाता है. जब तक कर्मचारी की नौकरी चल रही होती है, उस अवधि के दौरान कर्मचारी के वेतन से पेंशन की राशि नहीं काटी जाती है. हालांकि 2004 में एनडीए सरकार के जरिए पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गया था, तब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की शुरुआत की थी.

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    पुरानी पेंशन योजना
    पुरानी पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी को वर्ष में दो बार महंगाई राहत (DR) के पुनरीक्षण का लाभ मिलता था. पुरानी पेंशन योजना के तहत लास्ट सैलरी का लगभग 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में प्रदान किया जाता था.

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    पेंशन
    नियम के अनुसार केवल सरकारी कर्मचारी ही रिटायरमेंट के बाद पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन प्राप्त करने के पात्र थे. ओपीएस के तहत जनरल प्रॉविडेंट फंड (GPF) का प्रावधान था. GPF केवल भारत में सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है. मूल रूप से यह सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने वेतन का एक निश्चित प्रतिशत GPF में योगदान करने की अनुमति देता है.

  • Old Pension Scheme को लेकर आई बड़ी खुशखबरी, Modi सरकार करने जा रही बड़ा बदलाव, पेंशन में होगा इतना इजाफा!

    Old Pension Scheme: देशभर में पुरानी पेंशन (Old Pension System) को लेकर मांग बढ़ती ही जा रही है. नए पेंशन सिस्टम (New Pension Scheme) की तुलना में ओल्ड पेंशन की मांग कई राज्यों में की जा रही है. वहीं, कई राज्यों ने नई पेंशन स्कीम को रद्द करके पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू कर दिया है. इस बीच केंद्र सरकार ने OPS को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है. (SATNA TIMES का App डाऊनलोड करने लिए अभी क्लिक करे और दिनभर खबरे पाये) बता दें मोदी सरकार देश भर की मांगों को देखते हुए न्यू पेंशन सिस्टम में कई रियायतें देने पर विचार कर सती है. केंद्र सरकार (Central Government) पेंशन सिस्टम में रिफार्म करने पर विचार कर रही हैं.

    कई राज्यों में लागू हुई OPS
    आपको बता दें राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों में पहले ही नई पेंशन व्यवस्था को बंद करके पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी गई है.

    पेंशन सिस्टम में हो बदलाव
    सरकारी कर्मचारियों का मानना है कि सरकारी खजाने पर बिना बोझ डाले सरकार मौजूदा पेंशन सिस्टम में बदलाव कर दे, जिससे कर्मचारियों को किसी भी तरह के नुकसान का सामना न करना पड़े. इसके साथ ही उनको पेंशन का भी नुकसान न हो. वर्तमान में नई पेंशन योजना के तहत किसी व्यक्ति के वर्किंग इयर्स के दौरान जमा राशि का 60 फीसदी रिटायरमेंट के समय वापस लेने की अनुमति है, जो पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है. शेष 40 फीसदी को एन्युटी (annuity) में निवेश किया जाता है.

    क्या है नई पेंशन योजना की समस्या?
    अधिकारियों का मानना है कि सरकार एनपीएस में इस तरह से बदलाव करे, जिससे रिटायरमेंट के समय में कर्मचारियों को एकमुश्त राशि के रूप में मोटा पैसा यानी करीब 41.7 फीसदी का योगदान वापस मिल जाएगा.  अधिकारी ने कहा कि यह मॉडल ओपीएस के ठीक उल्टा है और यही इसकी एकमात्र समस्या है.

    OPS में मिलती है ज्यादा पेंशन
    आपको बता दें नई और पुरानी पेंशन योजना में बहुत ही ज्यादा अंतर है, जिसकी वजह से कर्मचारी और पेंशनर्स ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. OPS में रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को सैलरी की आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती है. वहीं, नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 10 फीसद हिस्सा कटता है. पुरानी पेंशन स्कीम की खास बात यह कै इसमें कर्मचारियों की सैलरी से कोई भी पैसा नहीं कटता है. इसके अलावा नई पेंशन में 6 महीने बाद मिलने वाले डीए का भी प्रावधान नहीं है. इसके अलावा ओल्ड पेंशन में पेमेंट सरकार की ट्रेजरी के जरिए किए जाता है. वहीं, नई पेंशन में निश्चित पेंशन की कोई भी गारंटी नहीं होती है.

    दोनों की पेंशन राशि में है बड़ा अंतर
    पुरानी पेंशन योजना की बात करें तो इसमें रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु हो जाने के बाद भी उनके परिजनों को पेंशन मिलती है. उदाहरण के तौर पर आपको बताते हैं कि अगर अभी किसी कर्मचारी को 80,000 रुपये सैलरी मिल रही है तो रिटायर होने के बाद में पुरानी पेंशन योजना के हिसाब से उसे करीब 35 से 40 हजार रुपये तक पेंशन मिलेगी. इसके अलावा नई पेंशन में इसी कर्मचारी को करीब 800 से 1000  रुपये पेंशन मिलेगी.

  • पुरानी पेंशन कर्मचारियों का मौलिक अधिकार, मध्यप्रदेश सरकार कर्मचारियों के परिवार का ध्यान रखते हुए इसे तत्काल बहाल करे : नारायण त्रिपाठी

    SATNA NEWS सतना।। पुरानी पेंशन बहाली (old pension scheme) राष्ट्रीय आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु,प्रान्तध्यक्ष परमानन्द डहेरिया एवं राष्ट्रीय कोआर्डिंनेटर सदस्य अशोक तिवारी जी के आह्वान पर ब्लाक अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद तिवारी एवं तहसील अध्यक्ष शिवनारायण मिश्रा के नेतृत्व मे मैहर विधायक श्री मान नारायण त्रिपाठी (mla narayan tripathi) जी को स्मरण पत्र (ज्ञापन)आंदोलन के संरक्षण सुरेन्द्र सिंह तिवारी, प्रांतीय आई टी सेल रामनरेश कुशवाहा,संभाग अध्यक्ष मनमोहन दुबे, कार्यक्रम प्रभारी सुभाष चौरसिया की उपस्थित मे देकर पुरानी पेंशन एवं नियुक्ति दिनाँक से वरिष्ठता पर संवाद किया गया!

    विधायक श्री त्रिपाठी जी संवाद के दौरान सभी सवालों का स्पष्ट जबाव देते हुए कहा पुरानी पेंशन कर्मचारियों का मौलिक अधिकार है, मध्यप्रदेश सरकार कर्मचारियों के परिवार का ध्यान रखते हुए पुरानी पेंशन तत्काल बहाल करे!मै आप सबके साथ हूं, और 27 फ़रवरी से आने वाली विधानसभा मे ध्यानाकर्षण के माध्यम से इस मामले को सदन मे उठाऊंगा और ज्ञापन के बिंदुओं पर माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखूंगा और मिलकर कर्मचारियों की समस्याओ पर चर्चा करूँगा!

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    और अंत मे उन्होंने विंध्य के पुनरनिर्माण मे कर्मचारियों का सहयोग माँगा!इस अवसर पर ओमप्रकाश खरे, श्यामलाल दहिया, अजय दुबे,शिवशंकर श्रीवास्तव, संतोष सिंह, लक्ष्मीकांत मिश्रा, राजेंद्र द्विवेदी, अरुण दहायत, रमाशंकर तिवारी,अनिल तिवारी, सत्यस्वरुप तिवारी, मनोज पटेल,जंगबहादुर सिंह,शरद वाजपेयी, बृजेश बढ़ोलिया, सूर्यकान्त त्रिपाठी, ठाकुर प्रसाद कुशवाहा,अरविन्द त्रिपाठी, अतुल गर्ग,शिप्रासाद सिंह पटेल,शौखीलाल दाहिया,बाबूलाल लाल सिंगोतिया, अरुण सिंह,रामखेलावन चौधरी, कुमुद शुक्ला, मलका बेगम, ज्योत्सना सोनकिया,मंजू दाहिया, ममता अग्निहोत्री अर्चना निगम आदि सैकड़ो साथी उपस्थित रहे!!

  • Old Pension Scheme : ओल्ड पेंशन स्कीम मामले में खुशखबरी, कर्मचारियों को खुश करने के लिए 3 रास्ते निकाल सकती है सरकार

    नई दिल्ली : सरकारी कर्मचारियों में ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) की बढ़ती डिमांड के मद्देनजर केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। यह चुनावी मुद्दा बन रहा है और कई राज्यों में असेंबली चुनाव इस साल होंगे, फिर 2024 में आम चुनाव हैं। इससे पहले सरकार और पेंशन रेगुलेटर के अंदर तीन उपायों पर मंथन चल रहा है। इस मामले में एक उपाय यह है कि ओल्ड पेंशन की तरह लास्ट सैलरी की आधी रकम तक पेंशन तो मिले, लेकिन उसके लिए कर्मचारी से योगदान लिया जाए। इस तरह की स्कीम आंध्र प्रदेश में चलाई जा रही है। सरकार और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के बीच इस मुद्दे पर बातचीत हो चुकी है।

    एनपीएस में भी तय हो न्यूनतम पेंशन

    दूसरा उपाय यह है कि मौजूदा एनपीएस (NPS) में ही न्यूनतम पेंशन तय कर दी जाए। एनपीएस को लेकर शिकायत यह है कि इसमें कर्मचारी का योगदान तय है, लेकिन रिटर्न तय नहीं है। इस पर काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन बोर्ड की मंजूरी बाकी है। हालांकि, संकेत मिल रहे हैं कि इसमें न्यूनतम रिटर्न 4 से 5 फीसदी हो सकता है, जिसे बेहद कम समझा जाएगा। गारंटी के कारण लागत बढ़ जाएगी। वैसे बाजार ने बेहतर रिटर्न दिया तो न्यूनतम रिटर्न से 2-3 पर्सेंट ज्यादा तक पेंशन मिल सकती है। इसके अलावा मौजूदा एनपीएस में मच्योरिटी की 60 फीसदी रकम कर्मचारी के हाथ में चली जाती है। अगर ये पैसा भी पेंशन में लग जाए, तो पेंशन की रकम बढ़ जाएगी।

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    सबको न्यूनतम पेंशन की गारंटी

    तीसरा उपाय यह है कि अटल पेंशन योजना की तरह सबको न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी जाए। PFRDA फिलहाल यह योजना चला रही है, जिसमें योगदान के आधार पर 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की पेंशन तय है। PFRDA अटल पेंशन योजना का दायरा सभी के लिए बढ़ाने और 5000 रुपये की लिमिट खत्म करने के लिए तैयार हो सकती है, बशर्ते गारंटी में किसी वित्तीय कमी की स्थिति में सरकार मदद का जिम्मा ले। तीनों उपायों पर विचार करने का जिम्मा PFRDA के पास ही है, लेकिन मुश्किल यह है कि फिलहाल इसके नए चेयरमैन की नियुक्ति का इंतजार है। पिछले चेयरमैन का कार्यकाल हाल ही में पूरा हो गया। नए चेयरमैन की नियुक्ति के बाद इस पर काम तेजी से बढ़ सकता है।

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