सतना,मध्यप्रदेश।। मध्यप्रदेश के सतना जिले की डॉ शिवानी प्रजापति पुत्री संतलाल प्रजापति निवासी राजेन्द्र नगर गली न. १ बसंत बिहार कलोनी ने परिवार सहित पूरे सतना जिले का नाम रोशन कर दिया, आप को बता दे कि कल INICET (AIIMS PG) का परिणाम आया, जिसमे डॉ शिवानी ने आल इंडिया रैंक (all india rank) में 959 हासिल की है।
डॉ शिवानी(Dr. Shivani Prajapati) ने अपने पहले प्रयास में ही इतना बडा मुकाम हासिल कर लिया। आपको बता दे कि डॉ शिवानी ने अपनी एमबीबीएस एलएन मेडिकल कॉलेज (MBBS LN MEDICAL COLLEGE ) भोपाल से की है, वह अपने कालेज की मेधावी थी, अब वह अपनी आगे की पढ़ाई AIIMS से एमडी मेडिसिन ले कर करेगी, डॉ शिवानी के परिवार में भी उनकी दो और बहने है जो MBBS कर रही हैं, डॉ शिवानी प्रजापति ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया है।
Success Story: कहा जाता है कि उड़ान पंखों से नहीं, हौसलों से होती है. इस कहावत को सच साबित कर दिखाया है चंडीगढ़ के सेक्टर 25 में तंग गलियों में स्थित एक छोटे से कमरे में रहने वाली सफाई कर्मचारी की बेटी प्रिया ने. बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखने वाली प्रिया ने अपनी मेहनत व लगन से मेडिकल की प्रवेश परीक्षा को पास कर अपने सपनों को साकार करने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है.(Satna Times का ऐप डाउनलोड करने के लिए अभी क्लिक करें) एक सरकारी पॉलीक्लिनिक में सफाई कर्मचारी की बेटी प्रिया (19) ने मेडिकल की एंट्रेस एग्जाम में नौवीं रैंक हासिल कर सेक्टर- 32 स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (GMCH) में MBBS कोर्स में एडमिशन ले लिया.
छठवीं से 12वीं कक्षा तक जवाहर नवोदय विद्यालय, सेक्टर 25 में पढ़ने वाली प्रिया ने बताया कि वह वह छठवीं कक्षा से ही डॉक्टर बनने का सपना देखने लगी थी. प्रिया के पिता हनुमान प्रसाद बताते हैं कि वह अक्सर मेरे साथ पॉलीक्लिनिक में जाती थी और डॉक्टरों को देखकर हमेशा पूछती थी कि वे कौन हैं. उसी समय से उसने डॉक्टर बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था.
12वीं कक्षा के बाद वह NEET की कोचिंग लेना चाहती थी, लेकिन चंडीगढ़ में स्थित कोचिंग संस्थानों की फीस बहुत ज्यादा थी. आखिर में उसका एडमिशन पुणे में स्थित दक्षिणा फाउंडेशन में कराया गया. प्रिया ने बताया कि वहां उसकी कक्षाएं सुबह 7 बजे शुरू होती थीं और शाम 5 बजे समाप्त होती थीं. इस बीच खाली समय के दौरान वह अपने संदेहों को दूर करती थी.
प्रिया ने बताया कि दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के अन्य सदस्यों का रवैया बहुत सहयोगात्मक रहा, सभी ने उसे प्रोत्साहित किया. विशेष रूप से स्कूल में मेरी पीटी प्रशिक्षक मुक्ता मैडम ने. मार्शल आर्ट में स्वर्ण पदकधारी और राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी प्रिया जीएमसीएच से मिले बैज को दिखाती है और मां सरोज कुमारी के हाथों से बनी नूडल्स खाने की तैयारी करती हैं.
सतना।।मध्यप्रदेश (MP) में इन दिनों नए नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं। यहां हिंदी को बढ़ावा देते हुए मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में शुरू कर दी गई है। एमपी पहला ऐसा राज्य है जहां इन दोनों प्रोफेशन की पढ़ाई हिंदी में कराई जाएगी। बीते ही दिन केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मेडिकल की हिंदी किताबों का विमोचन किया।
मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने को लेकर काफी दिनों से चर्चा चल रही है। बीते शनिवार को एक कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने ये कहा था कि ये जरूरी थोड़ी है कि दवाइयों के नाम इंग्लिश में लिखे जाएं। पर्चे पर ऊपर श्री हरी लिखकर नीचे हिंदी में भी क्रोसिन लिखा जा सकता है। सीएम शिवराज की इस बात का असर अब डॉक्टर्स पर दिखने लगा है।
सतना (Satna) के एक डॉक्टर ने मरीजों को दिए जाने वाले पर्चे को हिंदी में लिखने की शुरुआत कर दी है। सतना के कोटर शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी सर्वेश सिंह का हिंदी में लिखा पर्चा तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
डॉक्टर सर्वेश के लिखे इस पर्ची पर बकायदा मरीज का नाम हिंदी में लिखा हुआ है। मरीज को किस बात की शिकायत है यह लिखने के बाद उन्होंने RX की जगह श्रीहरि लिख कर दवाओं के नाम हिंदी में लिखे हैं। मरीज को 5 गोलियां लेने की सलाह दी गई है।
इस बारे में डॉक्टर सर्वेश का कहना है कि मैंने केंद्रीय मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम देखा था जिसमें उन्होंने सरकारी अस्पतालों में खर्चे पर हिंदी में दवाइयों के नाम लिखने की बात कही थी। मेरे मन में भी यह विचार आया कि ऐसा किया जा सकता है और मैंने इस काम की शुरुआत कर दी। डॉक्टर का लिखा हुआ यह पर्चा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है