MAIHAR

  • Toddler Killed As Car Overturns In Maihar

    Maihar : An 11-month-old toddler was killed, and two women sustained injuries after a speeding car overturned in Maihar district on Saturday. The family from Hyderabad was traveling to Prayagraj for Mahakumbh when the accident occurred near Kherwasani Toll Plaza on NH-30.

    अपने पति को खाना देने पैदल जा रही महिला को ट्रक ने मारा टक्कर माजन मोड़ की घटना, लोगों में भारी आक्रोश
    Photo credit by Google

    Police identified the deceased as 11-month-old Tanisq, while the injured — Renuka Rani (37) and Anjali (27) — have been admitted to Maihar civil hospital.

    A case has been registered at Maihar Kotwali police station, and an investigation is underway.

  • एमपी के पुष्पा भाऊ… लाल चंदन की खेती कर कमा रहे लाखों, Pakistan जैसे कई देशों में सप्लाई होता है माल

    MP Ke Pushpa Bhau:कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों।’ महाकवि दुष्यंत कुमार की इन बहुचर्चित पंक्तियों को चरितार्थ किया है मैहर जिले के एक किसान कृष्ण कुमार सिंह ने। कृष्ण कुमार सिंह ने न केवल किसानों को आधुनिक सुविधाओं के जरिए खेती करने का नया जरिया सिखाया है। बल्कि आने वाली पीढ़ी को खेती किसानी से जुड़ने का संदेश भी दिया है।

    एमपी के पुष्पा भाऊ... लाल चंदन की खेती कर कमा रहे लाखों, पाकिस्तान जैसे कई देशों में सप्लाई होता है माल
    फ़ोटो – सतना टाइम्स.इन

    यह कहानी है एमपी के सतना जिले के अंतर्गत रामपुर बाघेलान ग्राम त्योंधरी के निवासी कृष्ण कुमार की। किसान कृष्ण कुमार मैहर जिले रीवा रोड स्थित बगीचे में लाल चंदन और सफेद चंदन की खेती कर रहे हैं। आज से तकरीबन 3 साल पहले यूट्यूब के माध्यम से कृष्ण कुमार ने चंदन के बीज से लाल और सफेद चंदन की खेती करना सीखा था। अब वह खुद का यूट्यूब चैनल बना कर लाखों लोगों को चंदन के पेड़ की खेती के बारे में खेती करना सीखा रहे हैं।

    पाकिस्तान समेत अन्य देशों भी भेजते है बीज

    सतनाटाइम्स.इन से बातचीत के दौरान किसान कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि पहले तो हम शौक के लिए पौधे लगाते थे। हमारे पिता जी लोग भी चन्दन के पौधे लगाते थे। हर किसान चाहता है पैसा कमाना इसलिए हम इसको बढ़ावा दिए और साल के इसी खेती से लाखों की कमाई कर रहे हैं। उत्पादित बीज सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका और वियतनाम जैसे कई अन्य देशों में भी भेजे जाते हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो डालने के बाद से उन्हें आर्डर मिलते हैं और उसी के माध्यम से ऑर्डर मिलने के बाद वो बीज को यहां से भेजते है। इसमें उनकी कमाई लाखों में होती है।

    एमपी के पुष्पा भाऊ... लाल चंदन की खेती कर कमा रहे लाखों, पाकिस्तान जैसे कई देशों में सप्लाई होता है माल
    फ़ोटो – सतना टाइम्स

    यूट्यूब से कमा रहे लाखों

    बीज उत्पादन के व्यवसाय के अलावा कृष्ण कुमार यूट्यूब में प्रशिक्षण देकर लाखों की कमाई भी कर रहे हैं। कृष्ण कुमार का मानना है कि चंदन की खेती से अच्छी खासी आमदन भी हो सकती है। वो इस बात के प्रत्यक्ष उदाहरण भी हैं।

    पाकिस्तान भेज चुके 25 किलो चंदन के बीज

    किसान कृष्ण कुमार ने आगे बताया कि शुरुआत में जब उन्हें पाकिस्तान से ऑर्डर मिला तो उन्होंने 2 किलो बीज पाकिस्तान भेजे। जब उन्हें लगा की लेनदेन सही हो रहा है। तब उसके बाद उन्होंने भारतीय एजेंट के माध्यम से अधिक बीच भेजना शुरू कर दिए। अब तक वह 25 किलो बीज पाकिस्तान भेज चुके हैं।

  • एमपी के इन संभागों और जिलों को तोड़ने की हो रही कोशिश, बनेंगे नए जिले

    MP News: मध्यप्रदेश में एक बार फिर से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। प्रदेश के संभागों और जिले की सीमाओं का दोबारा निर्धारण किया जाएगा। जिसमें कई नए जिले और नई तहसीलें बनाने का प्रस्ताव है। साल 2024 में संभाग, जिले और तहसीलों का नए सिरे से सीमांकन के लिए सितंबर में सरकार ने पुनर्गठन आयोग गठन किया था। इसमें रिटायर्ड आईएएस मनोज श्रीवास्तव और मुकेश कुमार शुक्ला को इसका सदस्य बनाया है।

    बीते दिनों, पुनर्गठन आयोग ने भोपाल, सागर और ग्वालियर संभाग के जिलों के कलेक्टरों के साथ बैठक की थी। बाकी और जिलों की बैठक नवंबर महीने में ही की जाएगी। इसके बाद आयोग सभी जिलों की रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगा।

    मैहर, मऊगंज और पांढुर्णा के जिला बनने से जिलों का खेल हुआ शुरू

    मध्यप्रदेश में साल 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान मैहर, मऊगंज और पांढुर्णा को जिले के अस्तित्व में लाया गया था। रीवा को मऊगंज से अलग करके जिला बनाया गया था। इसी तरह सतना से मैहर और छिंदवाड़ा से पांढुर्णा को अलग करके जिला बनाया गया था। इससे पहले एमपी में 52 जिले ही हुआ करते थे। अब इन जिलों के अस्तित्व में आने से जिलों की संख्या 55 हो गई है। आइए जानते हैं कौन-सी जगहों को जिला-संभाग बनाने की तैयारी

    बीना-खुरई में जिला बनाने को खींचतान

    बीना को जिला बनाने की मांग लगभग 50 साल पुरानी है। कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे बीना के जिला बनाने के लिए भाजपा ज्वाइन की थी, लेकिन बीच में खुरई का पेंच फंस गया। खुरई को जिला बनाने के लिए भीतरी लड़ाई शुरु हो गई। अगर बीना को जिला बनाया जाता है तो उसमें खुरई, मालथौन, बांदरी, कुरवाई और कई तहसीलों को शामिल करने पर विचार किया जा सकता है।

    निमाड़ को बनाया जा सकता 11वां संभाग

    साल 2012 में निमाड़ को संभाग बनाने की मांग उठी थी। जिसके बाद राजस्व विभाग की ओर खरगोन जिला प्रशासन से प्रस्ताव मांगा गया था। हालांकि, 2016 में तत्कालीन कलेक्टर अशोक वर्मा ने प्रस्ताव तो भेज दिया, लेकिन कुछ संशोधनों का हवाला देते हुए प्रस्ताव को लौटा दिया गया। इसके बाद दोबारा सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था।

    1 जनवरी 2024 को समीक्षा बैठक के दौरान निमाड़ को अलग संभाग बनाने की बात सामने आई थी क्योंकि इंदौर प्रदेश का सबसे बड़ा संभाग है। इसमें आठ जिले आते है। अगर निमाड़ संभाग बनता है तो खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी और खंडवा को मिलाकर नया संभाग बनाया जा सकता है।

    इंदौर में पीथमपुर शामिल करने की कवायद

    इंदौर से पीथमपुर की दूरी मात्र 26-27 किलोमीटर है। धार जिला मुख्यालय की दूरी 48 किलोमीटर है। परिसीमन के बाद अगर पीथमपुर को इंदौर में शामिल कराया जाता है तो आसपास के लोगों को कम दूरी तय करनी होगी। साथ इंदौर के नाम पीथमपुर की ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी। औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण लोग इंदौर से पीथमपुर जाना पसंद करते न की धार से पीथमपुर। इंदौर में पीथमपुर के शामिल होने के विकास कार्यों में तेजी आएगी।

    सिरोंज और पिपरिया को जिला बनाने की मांग तेज

    सिरोंज तहसील की दूरी विदिशा मुख्यालय से 85 किलोमीटर है। आसपास के लोगों को काम के लिए विदिशा आने-जाने में काफी टाइम लगता है। जिससे लोगों का काफी वक्त जाया होता है। सिरोंज को नया जिला बनाने की मांग काफी लंबे से उठी चली आ रही है।

    इधर, पिपरिया अभी नर्मदापुरम जिले में आता है। इसकी दूरी मुख्यालय से 70 किलोमीटर है। पहाड़ी इलाका होने के कारण लोगों को आने-जाने में लगभग 2 घंटे का समय का लग जाता है। विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान पिपरियों को जिला बनाने के लिए धरना प्रदर्शन और हड़ताल भी की गई थी। पचमढ़ी आने-जाने वाले लोग पिपरिया से वाहन व्यवस्था देखते हैं। ऐसे में पिपरिया को भी नया जिला बनाने का प्रस्ताव है।

    चित्रकूट तहसील 24 नवंबर को अस्तित्व में आएगी

    सतना जिले में आने वाला चित्रकूट 24 नवंबर को तहसील के रूप में अस्तित्व में आ जाएगा। यहां सतना की नौंवी तहसील होगी। राजस्व विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। चित्रकूट को मझगंवा से तोड़कर तहसील का रूप दिया गया है। जिसके अंतर्गत 111 गांव आएंगे।

    मुलताई तहसील को पांढुर्णा जिले में लाने का प्रयास

    मुलताई तहसील बैतूल जिले में आती है, लेकिन भौगोलिक दृष्टि से मुलताई से पांढुर्णा काफी नजदीक है। जिसके कारण लोगों का सीधा पाढुंर्णा से जुड़ाव है।

    यहां भी हो रही जिले बनाने की मांग

    गुना जिले से हटाकर चाचौड़ा को भी अलग जिला बनाने की मांग उठ रही है। सिवनी जिले के लखनादौन को जिला बनाने की मांग काफी समय से उठाई जा रही है। ऐसे ही उज्जैन से अलग कर नागदा, दमोह से अलग करके हटा, डिंडौरी जिले के शाहपुरा, शिवपुरी जिले से अलग करके पिछोर को जिला बनाने की मांग की जा चुकी है। पिछोर को जिला बनाने की घोषणा खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी, लेकिन अभी तक पिछोर जिले के अस्तित्व में नहीं आया है।

    ऐसे ही बालाघाट को तोड़कर वहां भी तीन जिले बनाएं जाने की मांग की जा चुकी है। इसके लिए पूर्व विधायक किशोर समरीते ने बालाघाट से तीन जिले बनाने के लिए राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा था।वहीं, इसके अलावा धार जिले के मनावर को जिला और कुक्षी को बड़वानी बड़वानी जिले से जोड़ने का काम किया जा सकता है।

    कैसे तैयार होगी फाइनल रिपोर्ट

    वर्तमान में मध्यप्रदेश में कुल 10 संभाग हैं। जिसमें 56 जिले और 430 तहसीलें हैं। नई सीमाओं को तय करने के लिए हर संभाग, जिले, तहसील और ब्लॉक स्तर पर रिपोर्ट मांगी जाएगी। इसके बाद उसको देखकर विचार-विमर्श किया जाएगा। फिर देखा जाएगा कि जिला मुख्यालय से तहसील या ब्लॉक से कितनी दूरी है। इसके साथ ही क्या-क्या विसंगतियां है। पुनर्गठन आयोग को देखेगा कि राजस्व, वन, नगरीय निकाय और पंचायत विभाग समन्वय कैस किया जा सकता है। सभी सीमाओं अध्यन करने के बाद ही फाइनल रिपोर्ट तैयारी की जाएगी।

    दिसंबर के बाद नहीं बनेगी कोई प्रशासनिक ईकाई

    साल 2025 में जनगणना की शुरुआत होने जा रही है। जिसके चलते प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं को फ्रीज करने के निर्देश दे दिए गए हैं। जब तक जनगणना का काम पूरा नहीं हो जाता। तबतक कोई प्रशासनिक इकाई नहीं बनाई जाएगी। जनगणना खत्म होने के बाद ही कोई भी संभाग, जिला या तहसील अस्तित्व में आएगा।

  • Gandhi Jayanti :सुलखमा गांव से विलुप्त हो रहा गांधी जी का चरखा, अधिकारियो को गांधी जयंती पर आती इस गांव की याद

    मैहर ,मध्यप्रदेश/जयदेव विश्वकर्मा।। आज भी मध्यप्रदेश के मैहर जिले में एक ऐसा गांव है जहां के लोग महात्मा गांधी बापू जी के सिखाए पाठ का अनुसरण कर रहे हैं, तो आपके लिए इस बात पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो जाएगा.परंतु यह सही है।

    सुलखमा गांव से विलुप्त हो रहा गांधी जी का आदर्श - Satna Times
    सुलखमा गांव से विलुप्त हो रहा गांधी जी का आदर्श – Satna Times

    दरअसल मैहर से लगभग 42 किलोमीटर दूर मैहर जिले के अंतर्गत रामनगर ब्लॉक में सुलखमा गांव है जहां आज भी बापू के सिखाए पाठ का अनुसरण किया जा रहा है.लेकिन प्रशासन की मदद न मिल पाने से सुलखमा से चरखा विलुप्त होते नजर आ रहा है, स्वावलंबी बनने की प्रथा को बनाए रखने वाले इस गांव के लगभग हर घर में एक चरखा चलता था, जो इनकी जरूरत भी है और परंपरा भी क्योंकि बुजुर्गों ने महात्मा गांधी से पाठ सीखा और इन्हें विरासत में दे गए।

    खंडहर में तब्दील हो गया प्रशिक्षण केंद्र

    खंडहर में तब्दील हो गया प्रशिक्षण केंद्र - Satna Times
    खंडहर में तब्दील हो गया प्रशिक्षण केंद्र – Satna Times

    आजादी के 77 साल बाद भी यह परंपरा कायम है लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा के चलते चरखों की चकरी अब थमने लगी है. जरूरत है तो एक सरकारी मदद की है जो आज तक नहीं मिली. वही कहने को तो गांव में चरखा चलाने के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र भी बनाया गया था, जो अब खंडहर में तब्दील हो चुका है. और ताला जड़ा हुआ है, यहां के लोग आज भी मशीन या प्रशासनिक सुविधाओं के इंतजार में बैठे हैं.

    विलुप्त हो रहा गांव से गांधी जी का चरखा

    इस गांव में लगभग साढ़े तीन हजार के करीब लोग रहते हैं एक समय ऐसा भी था जब यहां के प्रत्येक घरों से चरखे की आवाज सुनाई दिया करती थी, हम यह भी कह सकते हैं कि यहां के हर घर में चरखा चलता था. लेकिन वर्तमान में प्रशासनिक उपेक्षाओं के चलते अब यह प्रथा धीरे-धीरे सिमट रही है और जहा सभी घरों में चरखा चलता था, अब वही चार से पांच ही घरों में ही चरखा चल रहा है।ग्रामीणों की माने तो इसकी मुख्य वजह यह प्रशासन ध्यान नही दे रहा है।

    महिलाओं ने भी इस काम मे बटाया हांथ

    महिलाएं भी बता इस काम मे हाथ
    महिलाएं भी बता इस काम मे हाथ

    इस गांव के लोंग चरखे से कपड़े और कंबल बनाकर बेचते हैं इसी से इनकी आजीविका भी चलती है. इनका काम भी बंटा हुआ है. चरखा चलाकर सूत कातने का काम घर की महिलाओं का होता है. महिलाएं घरेलू काम निपटाकर खाली बचे समय में चरखे से सूत तैयार करती हैं. इसके बाद का काम घर में पुरुषों का होता है, जो इस सूत से कंबल और बाकि चीजें बुनने का काम करते हैं.

    नही मिल पाती पूरी मजदूरी

    दुद्धी पाल बताते हैं कि बजुर्गों की परंपरा पर आधारित ये रोजगार अब कमजोर होने लगा है. कारण यह है कि कई दिनों तक चरखा चलाने, सूत कातने और बुनने के बाद भी पूरी मजदूरी तक नहीं मिल पाती है.व्यापारी पहले आते थे और समान खरीद कर ले जाते थे लेकिन अब कोई नही आता है, पूरी तरह से हमे आमदनी तक नही निकल रही है, इसलिए हम इसे बंद भी नही कर सकते है क्योंकि यही हमारी जीविका और रोजगार है. इसके अलावा हमारे पास कोई रोजगार नहीं है.

    गांव के लोग दे रहे बापू जी को सच्ची श्रद्धांजलि

    आज के युग में जहां खुद को आधुनिक दिखाने की होड़ में लोग अपनी पुरातन चीजों को त्याग रहे हैं वही इस गांव के लोग अपनी प्राचीन परंपरा को अपना विरासत समझ उसे आगे बढ़ा एक आदर्श बन गए हैं. हम सभी को इस गांव से सीख लेनी चाहिए क्योंकि असल मायने में बापू को सच्ची श्रद्धांजलि इसी गांव के लोग दे रहे हैं.

    एक कम्बल बनाने में एक हफ्ते का समय

    वही रामदुलारी पाल ने बताया कि हमने अपने बुजुर्गों से चरखा चलाना सीखा है और वही से सीखकर हम लोग भी चरखा चलाकर जीवन यापन करने लगे है, लेकिन एक कम्बल बनाने में एक सप्ताह से लेकर दस दिन का समय लग जाता है और वह कम्बल व्यापारी एक हजार रुपये का खरीदते है इसमे आमदनी सही ढंग से नही मिलती है। इसलिए हम लोग इसको अब मजबूरन चला रहे है।

    गांधी जयंती पर प्रशासन को आती है सुलखमा गांव की याद

    वही सुरेंद्र पाल ने बताया कि प्रशासन हमारी कोई खास मदद नही कर रहा है, जब गाँधी जयंती आती है तभी गांव आकर पिछले साल लोगो साल बाटी गयी थी बाकी कोई और खास मदद नही की गई है, प्रशासन अगर मदद करे तो हम यह चरखा चलाते रहेंगे अन्यथा यह बन्द होने की कगार में है,क्योंकि इससे हमें इतनी मजदूरी नही मिल पाती है।

    सर्वे कराकर आवश्यकता को करेंगे पूरा

    कलेक्टर रानी बाटड़ ने बताया कि रामनगर तहसील के सुलखमा में जो चरखा या हतकरघा से कपड़ा बनाया जा रहा है, उसके लिए हम प्रयास करेंगे कि हमारी जो विभागीय योजनाएं जैसे ग्रामीण विकास की योजना या हतकरघा विभाग की योजनाएं है हम उससे उन्हें लाभान्वित करेंगे. हम यह भी प्रयास करेंगे कि उनके द्वारा बनाये जा रहे कपड़े या वस्त्र हम उन्हें बाजार में उपलब्ध कराएंगे, अभी 2 अक्टूबर को गांधी जयंती है हम इस अवसर पर कोशिश करेंगे कि वहां हम कुछ आयोजन करें और उनकी जो भी आवश्यकता है उसको हम समझेंगे और सर्वे कराएंगे।

  • मैहर में खाद की किल्लत से किसान परेशान, मानसून में बुआई के लिए नहीं मिल रही पर्याप्त खाद!

    मैहर, मध्यप्रदेश।। मैहर जिले में बारिश होने के बाद किसान खाद के लिए सोसायटी कार्यालय के चक्कर लगा रहा हैं। ग्रामीण क्षेत्र के किसान खेती-किसानी छोड़कर सोसायटी में खाद के लिए भटक रहे हैं।

    मैहर में खाद की किल्लत से परेशान किसान
    Photo credit by satna times

    शुक्रवार को अमरपाटन के परसवही सोसायटी पर खाद लेने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीण क्षेत्रों के किसान खाद लेने पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें निराश लौटना पड़ रहा है। किसानों की जरूरत का खाद सोसायटी में उपलब्ध नहीं है।



    कई युवाओं ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि अपनी पढ़ाई छोड़कर खाद के लिए लाइनों में लगे हैं और जितनी जरूरत है उसके मुताबिक काफी कम खाद की बोरी दी जा रही हैं। किसानों का यह भी कहना था कि नेता इस ओर ध्यान नहीं दे रहे और किसान लाइन में लगे हैं। कोई नेता क्यों खाद के लिए लाइन में नहीं लगा उनके यहां सीधी गाड़ी भेज दी जाती हैं।

    खरमसेडा से आए किसान संतोष पटेल ने बताया कि खाद की पर्ची वितरण में बहुत गड़बड़ी की जा रही है, जो लोग पहले आए हैं वह लाईन में लगे हैं और काउंटर पर अपने चाहेतों को पर्ची बना कर दी जा रही है। किसान दुर्जन सिंह ने बताया कि वह सुबह 9 बजे से पांच बोरी डीएपी खाद के लिए लाइन में लगे हैं। किसानों ने बताएया इस गर्मी के दौरान किसानों को दिनभर लाइन में खड़ा रहना पड़ता है जहां पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं है।

    बताया जा रहा है कि अमरपाटन के परसवाही समिति मे किसान सुबह से शाम तक खाद के लिए लाइन मे खड़ा दिखाई पड रहा है। जिसे खाद न मिलने के चलते कुछ किसानों को बैरंग वापस लौटना पड़ता है। किसानो ने राजनैतिक दल के जरिये अफसरो से समितियों मे खाद की किल्लत दूर किए जाने की माँग उठाई है।

  • विंध्य जनता पार्टी(VJP) ने 25 सीटों पर घोषित किए उम्मीदवार,मैहर से नारायण तो सतना से हरिओम लड़ेंगे चुनाव

    भोपाल, मध्यप्रदेश।।मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Election 2023) के लिए विंध्य जनता पार्टी (Vindhya Janata Party) ने अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है। VJP ने 25 सीटों पर नामों का ऐलान किया है। सतना जिले की मैहर (Maihar) विधानसभा से नारायण त्रिपाठी (Narayan Tripathi) चुनावी मैदान में उतरेंगे। (MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए सतना टाइम्स ऐप को डाऊनलोड करें, इस लिंक पर करें क्लिक)

    Image credit by satna times

    नारायण ने भारतीय जनता पार्टी से बागी होकर अपनी अलग (वीजेपी) पार्टी बनाई है। त्रिपाठी 2018 में बीजेपी के टिकट पर विधायक चुने गए थे।विंध्य जनता पार्टी ने पहली सूची में 25 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं।

    सतना से हरिओम गुप्ता, मैहर से नारायण त्रिपाठी, अमरपाटन से शशि सत्येंद्र शर्मा, रैगांव से आरती शर्मा, सेमरिया से हासिफ मोहम्मद अली, त्यौंथर से कमांडो अरुण गौतम, देवतालाब से कुंजबिहारी तिवारी, गुढ़ से शिवमोहन शर्मा, चुरहट से अरुण द्विवेदी, सीधी से वाल्मीकि तिवारी, सिंहावल से आशीष मिश्रा, चितरंगी से रामकृष्ण कोल को प्रत्याशी बनाया है।

    देखिए पूरी सूची

    वही सिंगरौली से कुंदन पांडेय, ब्यौहारी से लेखन सिंह, जयसिंहनगर से फूलमती सिंह, जैतपुर से हीरालाल पनिका, अनूपपुर से प्यारेलाल पनिका, पुष्पराजगढ़ से अमृतलाल सोनवानी, बांधवगढ़ से धूप सिंह, मानपुर से राजकुमार बैगा, शहपुरा से मदन सिंह परस्ते, डिंडोरी से सितार मरकाम, भोपाल दक्षिण पश्चिम से मनीष पांडेय, महू से बैद्यनाथ मिश्रा और बड़ामलहरा से दिनेश यादव को टिकट दिया है।

     

     

  • MP Election 2023: सोशल मीडिया लगाएगी उम्मीदवारों की नैया पार! IT सेल को दिया ये टारगेट

    भोपाल। MP Election 2023: आज के समय में लगभग हर घर में एक-दो स्मार्ट फोन होंगे ही, जिससे अब सोशल मीडिया का लोगों पर अच्‍छा खासा प्रभाव देख जा सकता है।इसे अब राजनीतिक पार्टीयां अपना ह‍थियार बना रही हैं और सोशल मीडिया पर चुनावी जंग छेड दी है। इस जंग में कांग्रेस-बीजेपी के अलावा अन्‍य राजनीतिक पार्टीयां भी पीछे नहीं है।

    Image Credit By Social Media

    सोशल मीडिया पर बजा चुनावी बिगुल

    राजनीतिक पार्टीयां को प्रचार करने के लिए अधिक दिन नहीं है, जिसके चलते पे अब सोशल मीडिया के मध्यम से लोगों से सीधे जुड़ने का प्रयास कर रही है।प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है और सोशल मीडिया पर वार भी शुरू हो गया है। अलग-अलग सोशल प्लेटफार्म का उपयोग जनता तक पहुंचने के लिए और पार्टी और कार्यकर्ता की छबि सुधरने में IT सेल जुटी हुई है।

    इसे भी पढ़े – MP Election 2023: बगावत के बाद कांग्रेस में मंथन, इन पांच सीटों पर बदल सकते हैं उम्मीदवार! 

    कांग्रेस-बीजेपी ने तैयार की टीम

    यूट्यूब, ट्विटर, व्हाट्स एप समेत अन्य प्लेटफार्म पर मैसेज छोड़े जा रहे है। दोनों ही पार्टियों ने सोशल मीडिया के लिए टीम तैयार कर ली है।कांग्रेस ने एजेंसी हायर कर वार रूम बनाकर सोशल मीडिया पर सरकार की नाकामी को गिनाना शुरू कर दिया है। साथ ही सत्‍ता की चाबी के लिए जमकर प्रचार – प्रसार किया जा रहा है।

    इसे भी पढे – आम आदमी पार्टी ने जारी की प्रत्याशियों की चौथी लिस्ट, 12 उम्मीदवारों को इन विधानसभा सीटों से दिया गया मौका, देखें सूची … 

    BJP गिना रही कांग्रेस की नाकामी

    इधर, BJP ने भी 228 विधानसभा में सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर चुके है और BJP ने बूथ लेवल पर सोशल मीडिया की टीम तैयार की है।BJP की सोशल मीडिया सीट भी ट्विटर, व्हाट्स एप समेत अन्य प्लेटफार्म की मदद से विपक्ष के 15 महीने की नाकामी को गिना रहे है।

  • Narayan Tripathi की पार्टी को मिला चुनाव चिन्ह, जानिए कैसा है विंध्य जनता पार्टी का लोगो?

    Vindhya Janata Party Symbol: बागी स्वर उठाकर अपनी पार्टी का ऐलान करने वाले चर्चित MLA नारायण त्रिपाठी की पार्टी का पंजीयन हो गया है.मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने विंध्य जनता पार्टी सहित 5 राजनैतिक दलों को मान्यता दे दी है. आयोग की ओर से विंध्य जनता पार्टी के लिए चुनाव चिन्ह भी जारी कर दिया गया है. नारायण त्रिपाठी विंध्य की कई सीटों से अपने उम्मीदवार आगामी विधानसभा चुनाव में उतारने वाले हैं.

    Image credit by social media

    विंध्य जनता पार्टी को मिला चुनाव चिन्ह
    चुनाव आयोग की ओर से विंध्य जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह में 2 गन्ना और एक किसान है. आयोग ने शुक्रवार को पार्टी के लिए चिन्ह जारी किया. विंध्य जनता पार्टी के साथ-साथ 5 अन्य राजनीतिक दलों को भी निर्वाचन आयोग ने मान्यता दी है.

    इसे भी पढ़े – MP Congress Candidate List 2023: मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट की जारी, जाने कहा से किसे मिली टिकट… 

    MLA नारायण त्रिपाठी
    वर्तमान में नारायण त्रिपाठी BJP की टिकट से मैहर विधानसभा सीट से विधायक हैं. हालांकि, अब उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. चुनाव से पहले नारायण ने अपनी अलग पार्टी बनाने का ऐलान भी कर दिया था. जब उन्होंने BJP से इस्तीफा दिया तो अटकलें थी कि वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. वे इसके लिए कांग्रेस दफ्तर भी पहुंचे लेकिन उनकी दाल वहां नहीं गली. नारायण त्रिपाठी विंध्य क्षेत्र से बड़ा ब्राह्मण चेहरा हैं. वे लंबे से विंध्य को अलग प्रदेश बनाने की मांग कर रहे हैं. इसी मांग के चलते उन्होंने पार्टी भी छोड़ दी.

    MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए सतना टाइम्स ऐप को डाऊनलोड करें, इस लिंक पर करें क्लिक

    मैहर विधानसभा चुनाव 2023
    मैहर विधानसभा सीट पर अगले महीने चुनाव होना है. कांग्रेस ने जहां इस सीट से धर्मेश घई को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं BJP ने इस बार नारायण त्रिपाठी का टिकट काटते हुए श्रीकांत चतुर्वेदी पर अपना भरोसा जताया है. पहले मैहर विधानसभा सीट सतना जिले में आती थी, लेकिन हाल ही में मैहर को नया जिला घोषित कर दिया गया है.  नारायण त्रिपाठी ने इसका श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री और PCC चीफ कमलनाथ को दिया था. बता दें कि विंध्य में कुल 30 विधानसभा सीट हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में BJP ने इन 30 में से 24 सीटों पर जीत दर्ज की थी.source zee news

  • Maihar की जनता करे पुकार,नारायण त्रिपाठी पांचवी बार,अपने नेता की अगुवाई में उमड़ा जन सैलाब

    मैहर,मध्यप्रदेश।। चुनावी बिगुल बज चुका था नेता अपना राग अलापना सुरु कर चुके थे लेकिन क्षेत्र की जनता के बीच मायूसी का आलम था,जनता साइलेंट मूड में थी लेकिन जैसे ही लोगो को पता चला कि उनके नेता नारायण त्रिपाठी का 17 तारीख को आगमन हो रहा है फिर क्या था लोग अपने नेता की एक झलक पाने उनकी अगुवाई के लिए आतुर हो गए। लोग अगुवाई करने झुकेही तक ऐसे पहुँच गए जैसे मानो उनका कोई अपना आ रहा हो।

    लोगो के दिलो में राज करने वाले नारायण त्रिपाठी को लेकर ऐसा उत्साह जो अविष्मरणीय है। झुकेही से मैहर तक लोगो और गाड़ियों का काफिला युवाओं का उत्साह देखते बन रहा था हर गाँव मे लोगो ने घरों से निकलकर अपने सपूत का अभिवादन किया। सभा के दौरान नारायण त्रिपाठी ने अपनी जनता जनार्दन अपने चाहने वालो का अभिवादन करते हुए कहा कि मै आप सभी के स्नेह और प्यार का कायल हु।

    इसे भी पढ़े – Satna News :डाटा फ्रीज नहीं कराने पर सात प्राचार्यों की दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने नोटिस 

    आपने ही मुझे चार बार अलग अलग दल से अपनी सेवा करने का मौका दिया बदले में मैन आप सभी का मान सम्मान पूरे देश मे स्थापित करने का कार्य किया आज आप देश के किसी भी कोने में चले जाइये आप मैहर का होना बताएंगे तो लोग नारायण त्रिपाठी का नाम अवश्य लेंगे।

    उन्होंने कहा कि मै कोई राजनीति का व्यापार नही करता विकास की कोई सीमा नही होती मेरा पूरा जीवन आप सभी को समर्पित है आप लोग जबतक चाहेंगे मै आप सभी की सेवा बिना किसी भेदभाव,बिना किसी जातपात,के समर्पण भाव से करता रहूंगा।

    उन्होंने कहा कि इसबार अगर आप सभी चाहते है तो इतने मतों से मुझे जिताइये की इतिहास बन जाये क्योकि आप सभी मेरी ताकत है जिनके दमपर मै सबसे भिड़ने की क्षमता रखता हूं।

  • MP News: मध्‍य प्रदेश में अब 55 जिले, पांढुर्णा और मैहर जिला पर लगी मुहर

    MP News: भोपाल।। मप्र में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले शिवराज सरकार ने अपनी घोषणा को पूरा करते हुए दो नए जिले पांढुर्णा और मैहर का गठन कर दिया। बुधवार देर रात निर्णय होने के बाद गुरुवार को सुबह अधिसूचना भी जारी कर दी।इससे दोनों जिले अस्तित्व में आ गए। अब प्रदेश में 55 जिले हो गए हैं।

    Image credit by social media

    नागदा पर अंतिम निर्णय बाकी

    नागदा को जिला बनाने की प्रारंभिक अधिसूचना जारी हो चुकी है लेकिन अंतिम निर्णय होना बाकी है। पांढुर्णा और मैहर में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना आज-कल में हो सकती है।

    पांढुर्णा और मैहर जिले के गठन को शिवराज सरकार को बड़ा सियासी कदम माना जा रहा है। छिंदवाड़ा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ का गढ़ है और जिले की सभी सात विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।

    इसे भी पढ़े – Satna News :सतना पहुँचे सीएम शिवराज ने किया व्यंकटेश लोक की मूर्तियों का लोकार्पण

    केवल छिंदवाड़ा लोकसभा सीट कांग्रेस के पास

    29 लोकसभा सीटों में से केवल छिंदवाड़ा ही कांग्रेस के पास है और कमल नाथ के पुत्र नकुल नाथ सांसद हैं। नगर निगम और जिला पंचायत अध्यक्ष भी कांग्रेस से हैं। भाजपा कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। इसी कड़ी में छिंदवाड़ा जिले को विभाजित कर पांढुर्णा जिला बनाया गया है। इसकी मांग लंबे समय से की जा रही थी। जिला मुख्यालय पांढुर्णा रहेगा।

    इसमें पांढुर्णा तहसील के 74 पटवारी हलके और सौंसर तहसील के 63 पटवारी हलके शामिल होंगे। छिंदवाड़ा में अमरवाड़ा, उमरेठ, चांद, चौरई, छिंदवाड़ा, छिंदवाड़ा नगर, जुन्नारदेव, तामिया, परासिया, मोहखेड़, बिछुआ और हर्रई के सभी पटवारी हलके आएंगे।

    इसे। भी पढ़े – अब उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 600 रुपये में मिलेगा गैस सिलेंडर, मोदी कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला… 

    विंध्‍य में प्रदर्शन सुधारने का प्रयास

    विंध्य क्षेत्र में मऊगंज के बाद सरकार ने मैहर जिला गठित किया है। विंध्य में भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 23 सीटें जीती थीं। कांग्रेस यहां अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए बीते तीन वर्ष से प्रयास कर रही है।

    श्रीकांत चतुर्वेदी को द‍िया टिकट

    मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी हैं, जिनका टिकट काटकर श्रीकांत चतुर्वेदी को प्रत्याशी बनाया है। सतना से सांसद गणेश सिंह को भी विधानसभा चुनाव में उतारा गया है। दरअसल, त्रिपाठी ने अपनी अलग पार्टी बनाकर विंध्य की सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर चुके हैं।

    मैहर के बहाने बड़ा दांव

    इससे पार्टी की संभावनाओं पर कोई असर न पड़े, इसलिए मैहर को जिला बनाकर बड़ा दांव खेला गया है। जिला मुख्यालय मैहर होगा। इसमें मैहर तहसील के 122, अमरपाटन के 53 और रामनगर तहसील के 53 पटवारी हलके शामिल होंगे। सतना में अब रघुराजनगर, कोठी, मझगवां, नागौद, उचेहरा, रामपुर बाघेलान, बिरसिंहपुर और कोटर तहसील के सभी पटवारी हलके आएंगे।

Back to top button