भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के हर वर्ग के लाभ के लिए कई योजनाएं चला रही है। ऐसे ही ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए एक खास योजना चल रही है। जिससे गांव की बेटी बिना खर्चों की चिंता किए अपनी शिक्षा पूरी कर सके। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार के द्वारा गांव की बेटी योजना चलाई जा रही है।
इस योजना के तहत 12वीं कक्षा प्रथम श्रेणी से पास करने वाली गांव की बेटियों को हर साल 5000 से 7500 रुपए सालाना मदद दी जा रही है। यह योजना उन ग्रामीण बेटियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाती हैं। गांव की बेटी योजना का उद्देश्य बेटियों को सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना है।
एमपी में गांव की बेटी योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रा का किसी भी मान्यता प्राप्त शासकीय या निजी कॉलेज या विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला होना अनिवार्य है। छात्राओं को यह प्रोत्साहन राशि दस महीने के लिए मिलती है। इस तरह रेगुलर पाठ्यक्रमों में पढ़ाई करने वाली छात्राओं को सालाना 5,000 रुपए और इंजीनियरिंग या मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्राओं को 7,500 रुपए मिलते हैं।
योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक छात्राएं छात्रवृत्ति पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। आवेदन की प्रक्रिया सरल है और इसमें संबंधित कॉलेज या विश्वविद्यालय द्वारा आवेदन की पुष्टि की जाती है। पुष्टि हो जाने के बाद छात्रा के बैंक खाते में प्रोत्साहन राशि सीधे जमा कर दी जाती है। गांव की बेटी योजना से ग्रामीण क्षेत्रों की बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और अपने सपनों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
ladli behna yojana।।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की गरीब एवं मध्यम परिवार की महिलाओं के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण के लिये लागू की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के प्रति अपार उत्साह देखने को मिला है। अब तक एक करोड़ 25 लाख 23 हजार 437 बहनें योजना में अपना पंजीयन करा चुकी हैं।
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मुख्यमंत्री ने हर फोरम पर जिक्र किया योजना का
मुख्यमंत्री श्री चौहान लाड़ली बहना योजना की जानकारी लक्षित समूह तक पहुँचाने के प्रति इतने गंभीर एवं संवेदनशील रहे कि उन्होंने एक भी ऐसा अवसर नहीं छोड़ा, जहाँ पर योजना का उल्लेख न किया हो। राजधानी भोपाल से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में वे जहाँ-जहाँ गये बहनों को योजना का उद्देश्य बताने से नहीं चूके। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न अंचलों में महिला महासम्मेलन कर बहनों को योजना की जानकारी दी और उन्हें योजना में पंजीयन कराने एवं अन्य बहनों को भी प्रोत्साहित करने की अपील भी की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान की सजगता और संवेदनशील सोच से उपजी लाड़ली बहना योजना में अब तक भोपाल संभाग के भोपाल जिले में 3 लाख 8 हजार 56, रायसेन जिले में 2 लाख 43 हजार 362, राजगढ़ जिले में 2 लाख 89 हजार 152, सीहोर जिले में 2 लाख 36 हजार 486 और विदिशा जिले में 2 लाख 70 हजार 981 आवेदन हो चुके हैं। चम्बल संभाग के भिण्ड जिले में 2 लाख 71 हजार 555, मुरैना जिले में 3 लाख 29 हजार 457 और श्योपुर जिले में एक लाख 8 हजार 267 आवेदन हुए हैं। ग्वालियर संभाग के ग्वालियर जिले में 3 लाख 8 हजार 90, अशोकनगर में एक लाख 52 हजार 878, दतिया में एक लाख 42 हजार 281, गुना में 2 लाख 26 हजार 565 और शिवपुरी जिले में 2 लाख 82 हजार 377 आवेदन बहनें भर चुकी हैं।
नर्मदापुरम संभाग के नर्मदापुरम जिले में 2 लाख 5 हजार 304, बैतूल में 2 लाख 71 हजार 334, हरदा जिले में 90 हजार 986 आवेदन आये हैं। इंदौर संभाग के इंदौर जिले में 4 लाख 39 हजार 384, अलीराजपुर में एक लाख 25 हजार 662, बड़वानी में 2 लाख 36 हजार 330, बुरहानपुर में एक लाख 27 हजार 680, धार में 3 लाख 82 हजार 226, झाबुआ में एक लाख 94 हजार 252, खण्डवा में 2 लाख 12 हजार 473 और खरगोन जिले में 3 लाख 14 हजार 358 प्राप्त हुए हैं। जबलपुर संभाग के जबलपुर जिले में 3 लाख 81 हजार 72, बालाघाट में 3 लाख 53 हजार 126, छिंदवाड़ा में 3 लाख 91 हजार 696, डिण्डोरी में एक लाख 32 हजार 253, कटनी में 2 लाख 40 हजार 420, मण्डला में एक लाख 96 हजार 604, नरसिंहपुर में 2 लाख 9 हजार 223 और सिवनी जिले में 2 लाख 69 हजार 727 बहनों ने आवेदन किये। रीवा संभाग के रीवा जिले में 4 लाख 261, सतना में 3 लाख 74 हजार 886, सीधी में 2 लाख 6 हजार 870 और सिंगरौली जिले में एक लाख 94 हजार 335 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
सागर संभाग के सागर जिले में 4 लाख 13 हजार 515, छतरपुर में 3 लाख 18 हजार 364, दमोह में 2 लाख 41 हजार 283, निवाड़ी में 78 हजार 833, पन्ना में एक लाख 79 हजार 572 और टीकमगढ़ जिले में 2 लाख 2 हजार 297 आवेदनों का पंजीयन हुआ है। शहडोल संभाग के शहडोल जिले में एक लाख 88 हजार 352, अनूपपुर जिले में एक लाख 27 हजार 777 और उमरिया जिले में एक लाख 9 हजार आवेदन प्राप्त हुए। उज्जैन संभाग के उज्जैन जिले में 3 लाख 29 हजार 588, आगर-मालवा में एक लाख 12 हजार 98, देवास में 2 लाख 78 हजार 860, मंदसौर में 2 लाख 57 हजार 155, नीमच में एक लाख 56 हजार 78, रतलाम में 2 लाख 46 हजार 144 और शाजापुर जिले में एक लाख 64 हजार 552 बहनों ने योजना में पंजीयन कराया है।
अंतिम सूची पर 15 मई तक ऑनलाइन की जा सकेंगी आपत्ति दर्ज
अंतिम सूची में उल्लेखित महिलाओं की पात्रता संबंधी आपत्तियाँ 1 मई से 15 मई तक योजना के पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज की जा सकेंगी। आपत्ति करने के लिये योजना के पोर्टल बउसंकसपइंीदं.उच.हवअ.पद पर ‘आपत्ति दर्ज करें लिंक पर दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप आपत्तिकर्ता को अपना पंजीयन कर नाम एवं मोबाइल नंबर भरना होगा। इसके बाद‘आपत्ति करें’ बटन पर क्लिक कर जिस भी क्षेत्र की जिस विशेष महिला की पात्रता एवं अनंतिम चयन को लेकर आपत्ति है उसके नाम पर क्लिक कर आपत्ति दर्ज कराना होगी। आपत्तिकर्ता द्वारा किसी भी महिला की पात्रता संबंधी आपत्ति करते समय आपत्ति के संबंध में आवश्यक दस्तावेज होना आवश्यक है। आपत्तिकर्ता पोर्टल पर दर्ज आपत्ति की पावती भी पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं। पोर्टल पर निर्धारित समय-सीमा में दर्ज आपत्तियों पर योजना गठित आपत्ति निराकरण समिति 16 मई से 30 मई तक जाँच कर निराकरण किया जायेगा। पोर्टल पर निर्धारित समय-सीमा के बाद निराकरण की स्थिति का विवरण देखा जा सकता है।
भोपाल।। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना(ladli behna yojana) में कोई भी कर्मचारी गड़बड़ी करता हुआ पाया जाएगा तो उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। योजना में आवेदन भरवा कर रजिस्ट्रेशन करने, ई-केवायसी और सूची तैयार करने के कार्य को ईमानदारी से बेहतर कार्य किया जाए।
30 अप्रैल को रविवार का अवकाश होने के बावजूद भी रजिस्ट्रेशन जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक मई को अन्तिम सूची का प्रकाशन किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय समत्व भवन में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस तथा प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्रीमती दीपाली रस्तोगी तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।
जन-प्रतिनिधि तथा जिलों के कलेक्टर्स वर्चुअली शामिल हुए। सतना कलेक्ट्रेट स्थित एन.आई.सी. कक्ष में कलेक्टर अनुराग वर्मा, सीईओ जिला पंचायत डॉ. परीक्षित झाड़े, अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह तथा नगर पंचायत के सीएमओ भी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजना में पहले ई-केवायसी के कार्य में कियोस्क के कर्मचारियों द्वारा पैसे मांगे जाने की शिकायतें मिल रही थी।
जिला प्रशासन की सख्त कार्यवाही के बाद अब इस तरह की शिकायतें मिलना बंद हो गई हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए सभी कलेक्टर्स, जन-प्रतिनिधियों और सभी कर्मचारियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी कलेक्टर्स अपने कार्य क्षेत्र में बैंकों से समन्वय स्थापित करने डीएलसीसी की बैठकें अवश्य कर लें। प्रचार रथ एवं अन्य माध्यमों द्वारा योजना का बेहतर प्रचार होता रहे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जन-प्रतिनिधियों के सुझाव भी लिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रजिस्ट्रेशन होने के बाद लोगों की फर्जी आपत्तियाँ दर्ज न हों, इसके लिए ईमानदारी से जाँच करें। फर्जी शिकायतें रोकने के लिए महिला-बाल विकास विभाग द्वारा अच्छी व्यवस्था की गई है। इसमें शिकायत करने वाले को अपना नाम और मोबाइल नंबर देना आवश्यक होगा।
भोपाल।।मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के भत्ते दोगुने होने जा रहे हैं। इस मामले में सरकार द्वारा इसी साल 25 जनवरी को गठित की गई समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। रिपोर्ट जल्द सरकार को सौंपी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक समिति ने रिपोर्ट में भत्तों को दोगुना करने की सिफारिश की है। यदि सिफारिश मान ली जाती है तो सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला टीए यानी यात्रा भत्ता 48 रुपए से बढ़कर 96 रुपए हो जाएगा।
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2013 से बंद वाहन भत्ता भी देने की बात है। वाहन भत्ता पहले 15 रुपए मिलता था, जो बढ़कर 30 रुपए हो जाएगा। प्रदेश में छठवां वेतनमान 1 जनवरी 2006 से लागू किया गया, लेकिन अभी 17 साल पहले तय दरों के हिसाब से भत्ते दिए जा रहे हैं। इसके बाद 2016 में 7वां वेतनमान लागू किया गया। इसमें वेतन का पुनरीक्षण तो कर दिया, लेकिन भत्तों का पुनरीक्षण नहीं किया। इसीलिए राज्य सरकार ने कमेटी का गठन किया था।
अभी इस तरह मिलते हैं भत्ते
अभी यदि कर्मचारी को शहर से बाहर शासकीय कार्य से जाना है तो टीए की दरें 48 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से हैं यानी 24 रुपए जाने और 24 रुपए ही वापसी का खर्च। इसी तरह वाहन भत्ता 2013 तक 15 रुपए देय था, जिसे बंद कर दिया गया है। सचिवालय भत्ता कर्मचारियों को 450 रुपए और अधिकारियों को 1000 रुपए देय है।
Old Pension Latest News: राज्य सरकार और केंद्र सरकार के कर्मचारियों की तरफ से लगातार पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग की जा रही है. कांग्रेस शासित राज्यों हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब आदि राज्य इसे पहले ही लागू कर चुके हैं. इसके बाद देशभर में इसे लागू करने की मांग ने और जोर पकड़ लिया है. पिछले दिनों कर्नाटक में राज्य सरकार कर्मचारी एसोसिएशन (KSGEA) ने सैलरी हाइक और पुरानी पेंशन को लेकर हड़ताल शुरू की तो सरकार की तरफ से कर्मचारियों की सैलरी में 17 प्रतिशत का इजाफा करने का ऐलान किया गया.MP में सबसे तेज और भरोसेमंद खबरों के लिए डाऊनलोड करें सतना टाइम्स ऐप, इस लिंक पर करें क्लिक)
कर्नाटक सरकार की समिति राजस्थान का दौरा करेगी
इसके अलावा पुरानी पेंशन पर सरकारी कर्मचारियों की मांग मानते हुए सरकार ने पुरानी पेंशन को वापस लाने की मांग पर समिति का गठन किया गया. साथ ही इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर पुरानी पेंशन को बहाल करने की भी बात कही. इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) के क्रियान्वयन के बारे में जानकारी जुटाने के लिए तीन सदस्यों पर कर्नाटक सरकार की समिति राजस्थान का दौरा करेगी. इस समिति का गठन पुरानी पेंशन को कैसे लागू किया जाए, इस पर रिपोर्ट देने के लिए तैनात किया गया है.
भाजपा शासित राज्य में लागू होगी ओपीएस
समिति के 25 मार्च को राजस्थान में पहुंचने की उम्मीद है. अगर कर्नाटक में पुरानी पेंशन को लागू किया गया तो यह भाजपा शासित पहला राज्य होगा, जिसके यहां ओपीएस को लागू करने की उम्मीद की जा रही है. सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों की मांग के बाद, कर्नाटक सरकार ने 2006 के बाद नौकरी में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए ओपीएस (OPS) को फिर से लागू करने का अध्ययन का काम शुरू किया है.
मुख्य सचिव के नेतृत्व में समिति का गठन
इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है. समिति राजस्थान सहित पांच राज्यों का दौरा करेगी, जहां पर ओपीएस को लागू किया गया है. सूत्रों का यह भी दावा है कि यह समिति पहले राजस्थान का दौरा करेगी. यहां पर मुख्य सचिव उषा शर्मा, वित्त सचिव अखिल अरोड़ा और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका से मुलाकात की जाएगी.’
राजस्थान सरकार की तरफ से अप्रैल 2022 में ओपीएस को बहाल किया गया था. राज्य सरकार की तरफ से 1 जनवरी 2004 से 31 मार्च 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए लोगों के निकाले गए पैसे को जमा करने की भी व्यवस्था की जा रही है.
Ladli Bahna Yojana 2023 : मध्य प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण योजना चलाई है जिसका नाम लाडली बहना योजना है। यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए की जा रही है इस योजना की शुरुआत आखिरकार 5 मार्च से ही की शुरू है इसके बारे में आज हम आपको पूरी जानकारी देने वाले हैं। साथ ही लाडली बहना योजना में क्या दस्तावेज जरूरी है और किस प्रकार यह फायदा हमें पहुंचेगी इसके बारे में पूरी डिटेल आपको देंगे।
एमपी सरकार की तरफ से चलाई गई लाडली बहना योजना का शुभारंभ होने जा रहा है। मध्य प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जन्मदिन यानी कि 5 मार्च को की जा रही है। इस योजना के तहत मध्यप्रदेश की 1 करोड़ से अधिक महिलाओ को योजना का लाभ दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि एमपी सरकार ने इसके माध्यम से मध्यप्रदेश की पात्र महिलाओ को हर महीने 1000 रुपए की राशि सहायता के तौर पर दिए जाने का प्रावधान रखी है।
मध्य प्रदेश सरकार की यह लाडली बहना योजना से जुड़ी बाकी की जानकारी जैसे : योजना के लिए जरूरी दस्तवेज, योजना की जानकारी, आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज और आवेदन कब से शुरू हो रहे है आदि की जानकारी हमारे इस लेख में विस्तार से दी जा रही है कृपया कर हमारे इसीलिए लेख को ध्यान पूर्वक पढ़े।
क्या है लाडली बहना योजना ?
एमपी के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा लाडली बहना योजना को शुरू करने की घोषणा की गई थी जिसके जरिये गरीब परिवार और मध्यम परिवार की महिलाओं को 1000 रुपए की राशि प्रत्येक महीने पेंशन के तौर पर दी जाएगी। यह योजना की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जन्मदिन 5 मार्च को भोपाल में एक बड़ा इवेंट आयोजित में की जाएगी जिसमे मध्यप्रदेश की लाखों महिलाएं शिरकत करने वाली है और इसी दिन योजना को लॉन्च करते हुए आवेदन प्रिक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। गौरतलब है कि सरकार के द्वारा 5 मार्च से 51,455 राजस्व गांवो में ये लाडली बहना योजना अभियान चलाया जाएगा।
क्या होंगी लाडली बहना योजना के लिए पात्रताए
एमपी सरकार ने जो लाडली बहना योजना शुरू कर दी है जिसके लिए क्या गाइडलाइन है इसके बारे में हम आपको विस्तृत रूप से जानकारी देने वाले हैं। एमपी मे लाडली बहना योजना के लिए मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी कर दी गई है जिसमे लाभ लेने वाली महिलाओ के लिए निम्न पात्रताए रखी गयी है। जैसे-
1. वह राज्य की निवासी हो- इस योजना की सबसे पहली पात्रता ये होगी कि महिला उमीदवार मध्यप्रदेश राज्य का निवासी होना चाहिए।
2. आवेदिका के पास 5 एकड़ से कम जमीन हो- जिन महिलाओं के नाम पर 5 एकड़ या इससे अधिक भूमि पाई जाती है तो उन्हें मप्र लाडली बहना योजना के पात्र नहीं माना जाएगा।
3. आय ढाई लाख से अधिक न हो- ये भी एक महत्वपूर्ण पॉइंट है कि, जिन महिलाओं की सालभर की कमाई 2.5 लाख रुपये से अधिक होगी उन्हें भी योजना का पात्र नहीं माना जाएगा।
4. पेंशन पाने वाली महिलाएं नहीं ले सकेंगी लाभ- जो महिला उमीदवार पहले से पेंशन प्राप्त कर रही है या किसी दूसरी योजना का लाभ ले रही है ऐसी महिलाओं को भी लाडली बहना योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
5. इन सब के अलावा जो महिलाएं टेक्स का भुगतान करती है उन्हें भी योजना के लाभ से वंचित रखा जाएगा।
क्या होंगे लाडली बहना योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
लाडली बहना के आवेदिका मध्यप्रदेश की निवासी हो।
आवेदन करने वाली महिला का आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और राशन कार्ड होना चाहिए।
आवेदक महिला को अपने बैंक खाते का विवरण देना होगा।
लाभार्थी महिला के पास आय प्रमाण पत्र होना चाहिए।
आवेदिका के पास बिजली का बिल होना चाहिए
आवेदन के लिए मोबाइल नम्बर होना अनिवार्य है।
योजना का लाभ लेने वाली महिला का अपना पासपॉर्ट साइज फ़ोटो देना होगा।