सिंगरौली(Singrauli)।।विन्ध्यनगर थाना क्षेत्र के गहिलगढ़ पूर्व में कल सुबह तकरीबन छ: बजे एक महिला नहर में कूद गयी थी। जहां घटना केबाद विन्ध्यनगर पुलिस को सूचना दी गयी थी। जिसके बाद कल सोमवार को पूरे दिन पुलिस व एसडीआरएफ की टीम महिला की तलाश में लगे रहे। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पायी थी। आज मंगलवार की सुबह महिला का शव पानी में उतराता हुआ देखा गया। जहां मौके से पहुंची विन्ध्यनगर पुलिस ने एसडीआरएफ टीम की मदद से शव को पानी से बाहर निकाल लिया गया।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शांती देवी कोल पति छोटेलाल कोल उम्र 45 वर्ष निवासी जयनगर के परिजनों ने कल सुबह तकरीबन 6 बजे विन्ध्यनगर थाना पहुंच महिला के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। जिसके बाद पुलिस को सूचना मिली की एक महिला टोला पुलिया गहिलगढ़ पूर्व में नहर में छलांग लगा दी। जिसके बाद मौके से पहुंची पुलिस व एसडीआरएफ की टीम कल पूरा दिन नहर में महिला की तलाश में जुटे रहे। लेकिन देर शाम तक महिला के शव को नहीं ढूंढ़ा जा सका था।
रात होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था। जहां आज सुबह स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उक्त महिला का शव नहर में तैर रहा है। ग्रामीणों की सूचना पर तत्काल मौके से पहुंची पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने शव को बाहर निकालते शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम उपरांत परिजनों को सौंप मर्ग कायम करते हुए घटना की विवेचना में जुट गयी है।
सिंगरौली(SINGRAULI) ।। जनपद पंचायत चितरंगी में पदस्थ उपयंत्री चंदन सिंह के खिलाफ अब तक कार्रवाई न किये जाने पर सरपंचों में असंतोष बढऩे लगा है। गणतंत्र दिवस के बाद सरपंच आंदोलन करने के लिए रणनीति बना रहे हैं। उधर जनपद सीईओ के प्रतिवेदन व सरपंचों की शिकायतों के आधार पर जिला पंचायत सीईओ ने उपयंत्री को नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। जहां आज उपयंत्री ने जबाव भी प्रस्तुत कर दिया है। गौरतलब हो कि चितरंगी जनपद पंचायत में पदस्थ उपयंत्री चंदन सिंह के खिलाफ ग्राम पंचायत झरकटिया, दार, गेरूई, कुड़ैनिया द्वितीय, खम्हनिया, कपुरदेई, बगैया, खोखवा, मटिहनी, बसनिया एवं दुधमनिया के सरपंचों ने मोर्चा खोला हुआ है।
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सरपंचों ने उपयंत्री पर सनसनीखेज गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। वहीं जनपद पंचायत के सीईओ ने भी उपयंत्री को हटाने के लिए अनुशंसा किया है। साथ ही जनपद पंचायत के सामान्य सभा में भी उपयंत्री के विरूद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। उपयंत्री के खिलाफ मिली शिकायतों को आधार मानकर जनपद पंचायत के माध्यम से सीईओ के द्वारा जिला पंचायत के यहां कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा गया। जिस पर जिला पंचायत के प्रभारी सीईओ ने उपयंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाव मांगा है। चर्चा है कि उपयंत्री ने आज मंगलवार को अपना जबाव भी प्रस्तुत कर दिया है।
इधर उपयंत्री एवं सरपंचों के बीच चल रहे विवाद से पंचायतों का कामकाज प्रभावित है। कई सरपंचों का आरोप है कि कार्रवाई करने में हीला-हवाली की जा रही है। उपयंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान जमकर पद का दुरूपयोग किया है। उधर चर्चा यह भी है कि यदि उपयंत्री के विरूद्ध कार्रवाई नहीं हुई तो उक्त ग्राम पंचायतों के सरपंच धरना देने की भी तैयारियां करने लगे हैं। सरपंचों ने इस ओर कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुए विवादित उपयंत्री को चितरंगी ब्लाक से हटाये जाने की मांग जोर-शोर से करने लगे हैं। वहीं जनपद अध्यक्ष ने भी सरपंचों के समर्थन में हैं।
पहले कमीशन,फिर मूल्यांकन
ग्राम पंचायतों में पंच परमेश्वर, मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के तहत होने वाले कार्यों में कमीशनखोरी चरम पर है। आरोप लगाये जा रहे हैं कि कार्यों के मूल्यांकन करने के पूर्व बतौर एडवांस के रूप में कई सरपंचों से वसूल लिया जाता है और जब तक कमीशन नहीं मिलता ऐसे कई उपयंत्री एवं सहायक यंत्री हैं जिनकी कलम आगे नहीं बढ़ती। यह हाल अकेले जनपद चितरंगी का नहीं है। देवसर, बैढऩ भी कमीशनखोरी से अछूता नहीं है। एक सरपंच ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उपयंत्री एवं सहायक यंत्री कमीशन लेना अपना अधिकार समझ लिये हैं। यदि निर्धारित मापदण्ड के अनुसार कार्य भी करा दिया तो उसमें भी कमीशन लेते हैं। नहीं तो एमाउंट घटाने में उन्हें थोड़ा भी झिझकते। कुछ न कुछ अड़ंगा लगाकर मूल्यांकन में कटौती कर देते हैं। मजबूर होकर कमीशन देना पड़ता है। यदि कमीशन मूल्यांकन एवं भुगतान के बाद नहीं दिया जाता है तो अन्य कार्यों को लटका दिया जाता है।
पंचायतों में गुणवत्ताविहीन कार्य, उपयंत्री भी संलिप्त
कई ग्राम पंचायतों में विभिन्न योजनाओं के तहत कार्य कराये जा रहे हैं और चुनाव के पहले भी कराये जा चुके हैं। किन्तु कार्यों की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल उठाये जा रहे हैं। इसकी शिकायतें भी कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचती रहती है। ग्रामीण शिकायतें करते हैं, लेकिन उनकी शिकायतों को संबंधित विभाग के अधिकारी रद्दी टोकरी में फेंक देते हैं। बगदरा अंचल के कई ऐसे ग्राम पंचायतें हैं जहां के पूर्व कई सरपंचों ने व्यापक पैमाने पर भ्रष्ट्राचार किया है। रेही, गोपला, फुटहड़वा सहित कई पंचायतों में गुणवत्ताविहीन कार्य कराये गये हैं और योजनाओं में जमकर बंदरबांट हुई है। उस दौरान के तत्कालीन उपयंत्रियों ने भी अपने आवास में बैठकर कार्यों का मूल्यांकन कर दे रहे थे। कमीशनखोरी के चलते गुणवत्ताविहीन कार्य पीसीसी, डब्ल्यूबीएम व अन्य कार्य कराये गये हैं और अभी भी कई पंचायतों में मनमानी तौर पर निर्धारित प्राक्कलन के विपरीत कार्य कराये जा रहे हैं।
आज हम आपको Google का मालिक कौन है व यह किस देश की कंपनी है इसके बारे में बताने वाले है गूगल के बारे में तो लगभग आप सभी लोग जानते होंगे पर कई लोगो को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती तो इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको गूगल के बारे में पूरी जानकारी बताने वाले है.गूगल के बारे में तो आप सभी लोग जानते होंगे ये बेहद ही बड़ी कंपनी है व गूगल की अन्य भी कई बड़ी बड़ी कंपनी है जैसे की यूट्यूब, gmail व google map आदि गूगल अपनी अधिकाशं service free में provide करता है जिससे की यूजर आसानी से बिना कोई पैसे खर्च किये इसका इस्तमाल कर सकते है.
Google का मालिक कौन है
सबसे पहले तो हम आपको गूगल के मालिक कौन है इसके बारे में बता देते है कई लोगो को इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं होती तो हम आपको बता दे की गूगल को 1998 को लांच कर दिया गया था व इसको बनाने का श्रेय लैरी पेज व सर्गे ब्रिन को जाता है इन्होने ने ही इसको बनाया था.
ये दोनों स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में सन्न 1995 को मिले थे व इसके बाद इनके बिच मित्रता बन गयी व इनको पढाई के साथ साथ अपना एक अलग बिजनेस शुरू करने का आइडिया आया इसके बाद से इन्होने गूगल पर अपना काम शुरू कर दिया था व 1998 को इन्होने गूगल को लॉच कर दिया था.
आपको बता दे की google को श्रेय लैरी पेज व सर्गे ब्रिन ने बनाया था पर इसका कोई एक मालिक नहीं है बल्कि इसके मालिक सभी शेयरहोल्डर है जिन्होंने गूगल से शेयर ख़रीदे है इस कारण से इसका कोई एक मालिक नहीं है.
हाल की बात करे तो गूगल के सबसे अधिक शेयर लैरी पेज व सर्गे ब्रिन के पास है जिसके कारण इस कंपनी पर हाल में इन होने का मालिकाना हक़ है व इन दोनों का नाम दुनिया के सबसे आमिर लोगो के नाम में जाना जाता है एक रिपोर्ट के अनुसार 2018 में लैरी पेज की कुल सम्पति 50.6 बिलियन डॉलर थी जबकि सर्गे ब्रिन की सम्पति 49.9 बिलियन डॉलर थी पर गूगल कंपनी प्रतिदिन बेहद ही तेजी से प्रगति कर रही है जिससे कहा जा सकता है की आने वाले समय में ये विश्व की सबसे बड़ी कंपनी बन सकती है.
Google के शेयर सबसे ज्यादा किसके पास है
शेयर के बारे में तो आप जानते ही होंगे पर शायद आपको ये पता नहीं होगा की किसके पास गूगल के सबसे अधिक शेयर है व कितने प्रतिशत शेयर किन लोगो के पास है.
Larry Page – 27.04%
Sergey Brin – 26.9%
इनके पास हाल में गूगल के सबसे अधिक शेयर है जिसके कारण हाल में ये कंपनी के कानूनी रूप से मालिक है व इनके बाद Eric Schmidt के पास गूगल से अधिक शेयर है इनके पास 5.5% गूगल के शेयर है.
Google किस देश की कंपनी है
गूगल किस देश की कंपनी है इसके बारे में आपको जानकारी होने जरुरी है हम आपको बता दे की ये अमेरिका की कंपनी है व इसका मुख्यालय अमेरिका के केलिफोर्निया में स्थित है ये जानकारी आपको हैरानी होगी की गूगल कंपनी में हाल में एक लाख से भी अधिक एम्प्लॉय कार्य करते है.
ये कंपनी हाल मेंपुरे विश्व में कार्य कर रही है इसके कारण सभी देशो में इसकी अलग अलग शाखाए है.
गूगल की कमाई कैसे होती है
आप सभी सोचते होंगे की गूगल पर हम सब कार्य फ्री में करते है तो ये पैसे कैसे कमाते होंगे व इसकी कमाई कैसे होती होगी तो हम बता दे की गूगल की 96% कमाई advertisement के द्वारा होती है व ये adsense और adwords के माध्यम से पैसे कमाते है आप सभी जानते है की गूगल का traffic billion में होता है ऐसे में इसकी कमाई भी बहुत ही अधिक होती है क्युकी जितना ज्यादा ट्रैफिक होगा उतनी ही ज्यादा कमाई होगी.
Adwords से कमाई
अपने कई बार गूगल अदि में ads देखे होंगे जो की आपको youtube video में भी कई बार देखने को मिलते है वो ads adwords पर ही बनाये जाते है इसमें कोई भी कंपनी या कोई भी व्यक्ति पैसे खर्च कर के अपने प्रोडक्ट आदि के ads बना सकता है इसके बाद वो इसमें invest करता है जितने अधिक पैसे वो व्यक्ति लगता है उतने ही अधिक लोगो को google ads दिखता है.
इससे गूगल की कमाई हो जाती है व लाखो कंपनी हर दिन करोडो अरबो रूपए के ads इसके माध्यम से शेयर करते है इससे कंपनी की sell बढ़ जाती है और इसके बदले गूगल उन्हें पैसे लेता है.
AdSense के द्वारा
गूगल की कमाई का ये भी एक बहुत ही बड़ा जरिया है इसमें google अपने ads को अन्य website आदि पर दिखता है और इसके बदले जितने click आते है उसकी 55% कमाई गूगल अपने पास रखता है और 45% कमाई गूगल अपने यूजर को देता है.
इससे हर वेबसाइट के माध्यम से भी गूगल हर दिन करोडो डॉलर की कमाई कर लेता है इस तरीके से इसकी कमाई होती है व advertisement एक बहुत ही बड़ा स्रोत है गूगल की कमाई का.
नई दिल्ली।। भारत सरकार के अंतर्गत आने वाली भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competion Commission Of India) ने गूगल (Google) पर हजार करोड़ रुपये से भी अधिक का जुर्माना लगाया है। सीसीआई ने रच इंजन गूगल पर 1,337 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है। रिपोर्ट के मुताबिक सीसीआई ने गूगल को एंड्रॉयड मोबाइल इकोसिस्टम के मार्केट में अपनी पॉजिशन का फायदा उठाने के आरोप लगाए हैं। साथ ही भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने कंपनी को जल्द-जल्द अपने कंडक्ट को सुधारने के निर्देश भी जारी किये हैं।
दरअसल, कई एंड्रॉयड बेस्ड स्मार्टफोन यूजर्स ने गूगल एंड्रॉयड के जरिए अनफ़ेयर बिजनेस प्रैक्टिस के खिलाफ शिकायत की थी। गूगल एंड्रॉयड ओएस का संचालन और प्रबंधन करता है और इस प्रक्रिया के अन्य कंपनियों को Proprietary application लाइसेंस भी जारी करता है। मूल उपकरण निर्माता इस ओएस और गूगल एप्स का इस्तेमाल अपने स्मार्टफोन्स में करते हैं। इस लाइसेंस के मुताबिक ओएस और एप के इस्तेमाल को लेकर कई तरह के अग्रीमेंट भी कीये जाते हैं, जिसमें मोबाइल डिस्ट्रब्यूशन एग्रीमेंट भी शामिल गई।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के मुताबिक गूगल मोबाइल डिस्ट्रब्यूशन एग्रीमेंट के तहत प्री-इंस्टॉललेशन प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करता है। साथ ही सर्च इंजन अपने मोबाइल सूट को अनइंस्टॉल करने का कोई ऑप्शन भी नहीं देता। गूगल पर आयोग ने अधिनियम की धारा 4 (2) (डी) का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं और जुर्माना भी लगाया है। साथ ही समय-सीमा के अंदर अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने के निर्देश भी दिए हैं।
बता दें की हाल ही में संसदीय समिति ने भारत में गूगल, एमेजॉन, नेटफलिक्स, एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट के सीनियर ऑफिसर को डिजिटल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा आयोग विरोधी गतिविधियों के जांच के लिए नोटिस भी जारी किया था, जिसके बाद इस मामले में तेजी से जांच भी चली।
नई दिल्ली।।आजकल मोबाइल (Mobile) से ही लोगों का जीवन चलता है। मोबाइल के बिना कोई भी काम होना लगभग असंभव हो गया है। इसी बीच देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स के लिए एक हैरान कर देने वाली बात सामने आई है। देश की सबसे बड़ी मोबाइल सब्सक्राइबर कंपनी कही जाने वाली वोडाफोन आइडिया (Vodafone idea) पर संकट आ गया है। कंपनी पर कुछ टावर कंपनियों का 10 हजार करोड़ का कर्ज बाकी है। अगर यह कर्ज जल्द से जल्द नहीं चुकाया गया तो वोडाफोन आइडिया का नेटवर्क (Mobile Network) बंद हो सकता है।
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जानकारी के मुताबिक अप्रैल 2022 के आखिरी तक वोडाफोन आइडिया के पास कुल 26 करोड़ ग्राहक थे। हालांकि, कंपनी का सब्सक्राइबर बेस घटा भी है। कंपनी को टावर कंपनियों का लगभग 10000 करोड का भुगतान करना है। इसमें से 7000 करोड़ का भुगतान अगले महीने तक कंप्लीट नहीं किए जाने पर टावर कंपनियां वोडाफोन आइडिया को अपना टावर उपयोग नहीं करने देगी।
Vodafone-idea को इंडस टावर की ओर से कनेक्टिविटी प्रदान की जाती है। कंपनी को 7000 करोड रुपए चुकाना है। भुगतान नहीं किए जाने पर नेटवर्क ठप कर दिया जाएगा। अगर ऐसा हो गया तो vodafone-idea की मुसीबतें बढ़ जाएंगी और इसका सबसे ज्यादा नुकसान ग्राहकों को होगा। अगर कंपनी का नेटवर्क ठप पड़ जाता है तो मार्केट में मौजूद अन्य ब्रांड एयरटेल और रिलायंस जियो को बहुत बड़ा फायदा होने वाला है।
Vodafone-idea के हालात इन दिनों वैसे भी खराब चल रहे हैं। इन हालातों को सुधारने के लिए ही दोनों कंपनियों को मर्ज किया गया था। इस दांव से कंपनी के सब्सक्राइब जरूर बढ़े लेकिन कर्ज भी बढ़ता चला गया। अगर कंपनी का नेटवर्क बंद होता है तो सबसे ज्यादा नुकसान 26 करोड़ उपयोगकर्ताओं को होगा क्योंकि उन्हें किसी अन्य नेटवर्क पर शिफ्ट होना पड़ेगा।