God is hungry for devotion and feelings – Acharya Dr. Ramakrishna Trimurti

  • भक्ति और भाव के भूखें हैं भगवान – आचार्य डा राम लाल त्रिपाठी

    सतना,मध्यप्रदेश।। उतैली सतना में योगेश सिंह चंदेल के यहां हो रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास आचार्य डा राम लाल त्रिपाठी ने कृष्ण-सुदामा मिलन का वर्णन करते हुये बताया कि भगवान भक्ति और भाव के भूखे होते हैं। कृष्ण और सुदामा की भक्ति और मित्रता की कथा का वर्णन करते हुये कहा कि कृष्ण और सुदामा की मित्रता बचपन से गुरुकुल के समय से रही है।

    फ़ोटो सतना टाइम्स डॉट इन

    किंतु कृष्ण के राजा हो जाने के बाद भी अपने बालसखा सुदामा को एक पल भी विस्मृत नहीं कर पाये। जब द्वारपाल ने सुदामा का नाम लिया तो कृष्ण ने सिंहासन छोड़कर बाहर तक अपने मित्र को लेने आये और उनके चरणों को अपने आंसुओं से धो डाला। उन्होने बताया कि आत्मा-परमात्मा का ज्ञान और कर्तव्य के ज्ञान को ही विद्या कहते हैं। विद्यावान ही ईश्वर का सानिध्य प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त करता है। श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस सांसद गणेश सिंह भी भागवत कथा में शामिल हुये। उन्होने कथावाचक आचार्य डा राम लाल त्रिपाठी से आशीर्वाद प्राप्त किया।

    भागवत कथा में पधारे कथा वाचक आचार्य डा राम लाल त्रिपाठी ने कहा  देखि सुदामा की दीन दशा-करुणा करके करुणानिधि रोए,पानी परात को हाथ छुओ नहीं नहीं, नैनन के जल सों पग धोए। अर्थात मित्रता ही एक ऐसा धर्म है, जिसमें अपने बालसखा के लिए ईश्वर को भी नंगे पैर दौड़ते हुए दरवाजे पर आना पड़ा था।

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