Exit poll loksabha election 2024

  • करारी हार के बाद बोली स्मृति ईरानी, जानिए क्या कहा

    लोकसभा चुनाव-2024 (Loksabha Elections-2024) में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका (Big setback to BJP in Uttar Pradesh) लगा है. कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है. इसी कड़ी में स्मृति ईरानी (Smriti Irani) का भी नाम है. वो अमेठी से पार्टी की प्रत्याशी थीं. कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा (Congress candidate Kishori Lal Sharma) ने हराया है. इस जीत को शर्मा ने गांधी परिवार और अमेठी की जनता की जीत करार दिया है. वहीं, हार का सामना करने के बाद स्मृति ईरानी का भी बयान आया है.

    स्मृति ईरानी ने कहा, मुझे लगता है कि आज जनता का आभार व्यक्त करने का दिन है, जो जीते उन्हें बधाई देने का दिन है. संगठन का स्वभाव विश्लेषण करने का है और संगठन विश्लेषण करेगा. एक जनप्रतिनिधि के नाते यह मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने हर गांव में जाकर काम किया. हार या जीत के बावजूद मैं लोगों से जुड़ी और यह मेरे जीवन का बहुत बड़ा सौभाग्य है. उधर, किशोरी लाल शर्मा की जीत पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने कहा है, किशोरी भैया, मुझे कभी कोई शक नहीं था, मुझे शुरू से यकीन था कि आप जीतोगे. आपको और अमेठी के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई.

    लोकसभा चुनाव नतीजों पर प्रियंका गांधी ने कहा, मैं बहुत खुश हूं. मैं उत्तर प्रदेश की जनता को कहना चाहूंगी कि उन्होंने बहुत विवेक दिखाया और मुझे सबसे ज्यादा गर्व अपने उत्तर प्रदेश पर है. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, मैं दोनों सीटों पर जीता हूं. वायनाड और रायबरेली के मतदाताओं को दिल से धन्यवाद देता हूं. थोड़ा समय लूंगा और तय करूंगा कि कौन सी सीट पर रहूंगा. अभी निर्णय नहीं लिया है. हिंदुस्तान के सबसे गरीब लोगों ने संविधानबचाने का काम किया है.

  • Exit Polls 2024 :आज से शुरू होंगे EXIT Polls,

    नईदिल्ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024) के सातवें और आखिरी चरण (seventh and last phase) के तहत शनिवार को देशभर में वोटिंग हो रही है. इसके बाद चुनावों के नतीजों की घोषणा (Announcement of election results) चार जून को की जाएगी. लेकिन चुनावी नतीजों से पहले शनिवार शाम से ही एग्जिट पोल (Exit Poll) के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे. ऐसे में ये जान लेना जरूरी है कि एग्जिट पोल (Exit Poll) होता क्या है? इसे कैसे कराया जाता है? और आखिर इसकी शुरुआत कैसे हुई?

    Exit Polls 2024 :आज से शुरू होंगे EXIT Polls,

    क्या होता है एग्जिट पोल?
    किसी भी चुनाव में मतदान के बाद जब वोटर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो उससे पूछा जाता है कि उसने किस पार्टी या उम्मीदवार को वोट दिया है. इस सर्वे के लिए देश की कई प्रमुख एजेंसियां शामिल रहती हैं, जो अलग-अलग ढंग से एग्जिट पोल करती हैं. ये एजेंसियां मतदान के दिन अपने लोगों को पोलिंग बूथ के बाहर तैनात करती हैं, जैसे ही वोटर मतदान कर बाहर निकलते हैं. उनसे कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं, मसलन- उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया. प्रधानमंत्री पद के लिए उनका पसंदीदा उम्मीदवार कौन सा है, वगैरह-वगैरह।

    एग्जिट पोल को रिप्रेजेन्टेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 के सेक्शन 126ए के तहत नियंत्रित किया जाता है. वहीं, चुनाव आयोग एग्जिट पोल को लेकर बकायदा दिशानिर्देश भी जारी करता है, जिसमें बताया जाता है कि एग्जिट पोल का तरीका क्या होना चाहिए।

    एग्जिट पोल की शुरुआत कैसे हुई?
    भारत की तरह दुनियाभर के कई देशों में चुनावों से पहले एग्जिट पोल कराए जाते हैं. अमेरिका से लेकर एशिया और अफ्रीका तक कई महाद्वीपों पर ये पोल कराए जाते रहे हैं. लेकिन सबसे पहला एग्जिट पोल 1936 में अमेरिका में कराया गया था. उस समय जॉर्ज गैलप और क्लॉड रॉबिनसन ने न्यूयॉर्क में सर्वे किया था. मतदान केंद्रों से बाहर आ रहे वोटर्स से पूछा गया था कि कि उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए किस उम्मीदवार को वोट दिया है।

    इस एग्जिट पोल में फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट के जीतने का अनुमान जताया गया था, जो चुनावी नतीजों में सच साबित हुआ. इसके बाद दुनियाभर में एग्जिट पोल का चलन तेजी से फैला. इसके बाद 1937 में ब्रिटेन और 1938 में फ्रांस में पहले एग्जिट पोल हुए।

    भारत में पहला एग्जिट पोल कब हुआ था?
    भारत में 1957 में दूसरे आम चुनाव में पहली बार एग्जिट पोल कराया गया था. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने ये पोल कराया था. लेकिन इसे पूरा तरह से एग्जिट पोल नहीं कहा गया. इसके बाद 1980 में डॉ. प्रणय रॉय ने पहला एग्जिट पोल कराया था।

    1996 का लोकसभा चुनाव एग्जिट पोल के लिहाज से काफी अहम था. उस समय दूरदर्शन पर एग्जिट पोल दिखाए गए थे. ये पहली बार था जब टीवी पर एग्जिट पोल के नतीजे दिखाए गए. ये सर्वे सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) ने किया था। उस चुनाव में CSDS ने अपने एग्जिट पोल में खंडित जनादेश का अनुमान लगाया था. हुआ भी ऐसा ही था. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन बहुमत से दूर रह गई थी. अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, लेकिन बहुमत नहीं होने के कारण 13 दिन में ही इस्तीफा देना पड़ा।

  • सात चरणों का लोकसभा चुनाव आज समाप्त, पीएम मोदी की वाराणसी पर रहेगी नजर

    2024 के लोकसभा चुनाव का सातवाँ और अंतिम चरण आज सुबह शुरू हो रहा है। पंजाब और उत्तर प्रदेश में 13-13, बंगाल में नौ, बिहार में आठ, ओडिशा में छह, हिमाचल प्रदेश में चार और झारखंड तथा चंडीगढ़ में तीन-सात राज्यों की 57 सीटों पर 55 दिन पहले यानी 19 अप्रैल को शुरू हुआ एक बड़ा मतदान होगा। मतदान देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी के बीच होगा, जिसमें मतदान करने वाले भी शामिल हैं.

    Seven-phase Lok Sabha election ends today, PM Modi will keep an eye on Varanasi

    ओडिशा में गर्मी से संबंधित कम से कम 10 मौतें हुई हैं, जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में तापमान के कारण सात चुनाव अधिकारियों की मौत हो गई है। कुल मिलाकर 30 से अधिक गर्मी से संबंधित मौतों का संदेह है, क्योंकि उपरोक्त राज्यों में दिन का तापमान प्रतिदिन 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाता है, जिससे मतदान को लेकर चिंता बढ़ जाती है।

    कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एनडीटीवी से कहा है कि इस सवाल का जवाब – परिणाम घोषित होने के बाद – सदस्य-दलों के साथ बैठकर दिया जाएगा। दूसरे शब्दों में, अगर गठबंधन नहीं जीतता है तो इस बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा। हालांकि, आज उन्होंने उस लाइन से अलग हटकर राहुल गांधी को चुना – जो, बेशक, सबसे संभावित सर्वसम्मति उम्मीदवार प्रतीत होते हैं, यदि किसी की जरूरत हो – प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में। इस चरण में एक और सुर्खियां ओडिशा में भाजपा-बीजद के बीच विवाद रही, जहां एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।

    मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की “बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं” का इस्तेमाल श्री मोदी ने बीजद प्रमुख पर हमला करने के लिए किया है। 77 वर्षीय श्री पटनायक ने अपने ही अंदाज में पलटवार करते हुए कहा कि यदि 73 वर्षीय प्रधानमंत्री उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं तो उन्हें उनसे सीधे बात करने में संकोच नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, इस चरण से पहले, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाजपा पर अंतिम हमला किया, जिसमें मतदाताओं से आग्रह किया कि वे “हमारे लोकतंत्र और संविधान को निरंकुश शासन द्वारा बार-बार हमलों से सुरक्षित रखने के लिए अंतिम अवसर” का अधिकतम लाभ उठाएं।

    आखिरकार, तमिलनाडु में कन्याकुमारी में श्री मोदी की ध्यान यात्रा ने विवाद को जन्म दे दिया है, खासकर इसलिए क्योंकि उनकी पार्टी ऐतिहासिक रूप से दक्षिणी राज्य में संघर्ष करती रही है और चुनाव के बाद की यात्रा को विपक्ष ने मतदाताओं को प्रभावित करने के तरीके के रूप में देखा है। हालांकि, भाजपा ने जोर देकर कहा है कि यह एक व्यक्तिगत यात्रा है और इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

    प्रधानमंत्री का गढ़ वाराणसी

    प्रधानमंत्री का गढ़ वाराणसी
    इस चरण में ज़्यादातर ध्यान उत्तर प्रदेश में श्री मोदी की सीट वाराणसी पर रहेगा, जहाँ से उन्हें लगातार तीसरी बार जीतने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने 2019 में लगभग 6.8 लाख वोट और 63 प्रतिशत से ज़्यादा वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी। उनका मुक़ाबला कांग्रेस के अजय राय से है।

    प्रधानमंत्री ने 14 मई को भाजपा और उसके सहयोगियों के वरिष्ठ नेताओं के साथ अपना नामांकन दाखिल किया था, जिसमें पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह, साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके मेघालय के समकक्ष कॉनराड संगमा शामिल थे।

    यह शाम को छह किलोमीटर के शानदार रोड शो के बाद हुआ।

    श्री राय ने पिछले तीन चुनावों में से प्रत्येक चुनाव मंदिर शहर से लड़ा है; पिछले दो चुनाव कांग्रेस नेता के रूप में और 2009 का चुनाव अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के सदस्य के रूप में।

    उनकी सबसे अच्छी वापसी 2019 में हुई थी – 1.5 लाख वोट और लगभग 14 प्रतिशत वोट शेयर।

    वाराणसी की जनसांख्यिकी में हिंदू लगभग 75 प्रतिशत और मुसलमान 20 प्रतिशत हैं।

    अनुमानित 10 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति से हैं जबकि 0.7 अनुसूचित जाति से हैं। जनसंख्या का ग्रामीण-शहरी विभाजन 65 से 35 प्रतिशत है।

    वाराणसी से दूर, सुर्खियों में पंजाब और बंगाल के बीच विभाजन होगा।

  • Loksabha Election 2024 : 1 जून तक प्रतिबंधित रहेगा एग्जिट पोल और इसके परिणाम का प्रकाशन या प्रचार

    Loksabha Election 2024 :भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता के दौरान 19 अप्रैल की सुबह 7 बजे से निर्वाचन के संबंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का संचालन तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इसके परिणाम का प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से इसका प्रचार-प्रसार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध एक जून की शाम 6ः30 बजे तक रहेगा।

    एक जून तक प्रतिबंधित रहेगा एग्जिट पोल और इसके परिणाम का प्रकाशन या प्रचार
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    भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस आशय की अधिसूचना जारी की जा चुकी है। जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि निर्वाचन के दौरान सभी मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिये नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घण्टों के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामलों के प्रदर्शन पर भी पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।

    उल्लेखनीय है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126‘क’ में यह प्रावधानित किया गया है कि कोई भी व्यक्ति, कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा और किसी निर्गम मत सर्वेक्षण के परिणाम का ऐसी अवधि के दौरान, जो निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचित की जाए, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन या प्रचार या किसी भी प्रकार की अन्य रीति से प्रसार भी नहीं करेगा। यदि कोई व्यक्ति इस प्रावधान का उल्लंघन करेगा, तो वह ऐसी अवधि के कारावास से, जो दो वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से या दोनों से, दण्डनीय होगा।

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