DR. MOHAN YADAV

  • प्रधानमंत्री मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में डॉ. मोहन यादव ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

    भोपाल, मध्यप्रदेश।। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने आज राजधानी भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में शपथ ग्रहण समारोह में डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

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    राज्यपाल श्री पटेल ने श्री जगदीश देवड़ा और श्री राजेंद्र शुक्ल को उप मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने नवनिर्वाचित विधायक, भारतीय जनता पार्टी के राज्य, संभाग, जिला और विकासखंड स्तरों के सभी पदाधिकारी और लाखों की संख्या में कार्यकर्ता, स्वयंसेवक और आम नागरिक उपस्थित थे।


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    भव्य शपथ ग्रहण समारोह में केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी और केन्द्रीय नागरिक विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।

    समारोह में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश श्री योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री महाराष्ट्र श्री एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री गुजरात श्री भूपेन्द्र पटेल, मुख्यमंत्री मणिपुर श्री एन. बीरेन सिंह, मुख्यमंत्री उत्तराखंड श्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री मेघालय श्री कोंराड संगमा, उप मुख्यमंत्री महाराष्ट्र श्री देवेन्द्र फड़नवीस, उप मुख्यमंत्री महाराष्ट्र श्री अजीत पवार एवं नागालैण्ड के उप मुख्यमंत्री श्री वाय. पैटन शामिल हुए।

    इसके साथ ही राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री बी.एल. संतोष, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे.पी. नड्डा, म.प्र. भाजपा अध्यक्ष श्री वी.डी. शर्मा, भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री श्री शिव कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, पूर्व मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय तथा बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि शामिल हुए।


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    पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्रगान की धुन के साथ आरंभ हुए शपथ ग्रहण समारोह का संचालन मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा ने किया। समारोह में देश के प्रमुख साधु संत भी सम्मिलित हुए।शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पूरे प्रदेश से आए बड़ी संख्या में आमजन ने उत्साह से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का अभिवादन किया। कार्यक्रम का समापन पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्रगान की धुन के साथ हुआ।

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  • Who Is Mohan Yadav :कौन है मोहन यादव? जो होंगे मध्यप्रदेश के नये मुख्यमंत्री

    MP BJP New CM: मध्य प्रदेश में सोमवार को सीएम के नाम के चयन के लिए बीजेपी की विधायक दल की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में विधायकों ने मोहन यादव के नाम पर मुहर लगाई है. मोहन यादव (Mohan Yadav) उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं. वह शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) सरकार में शिक्षा मंत्री रहे हैं. उन्होंने लगातार तीसरी बार विधायकी का चुनाव जीता है.

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    शिवराज के पांव छूकर लिया आशीर्वाद

    विधायक दल की बैठक में जब डॉ.मोहन यादव के नाम का एलान किया गया तो मंच पर वह पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के पांव छूते देखे गए और शिवराज सिंह ने आत्मीयता के साथ सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया. मोहन यादव मध्य प्रदेश में बीजेपी का बड़ा ओबीसी चेहरा हैं.


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    उनके नाम की घोषणा संभवतः 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए की गई है. मोहन यादव की शैक्षणिक योग्यता पीएचडी है. वह 2020 में उन्हें शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी और 2023 तक वह इस पद पर रहे. इससे पहले वह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री है।

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    मुख्यमंत्री मोहन यादव का परिचय

    सन् 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्यक्ष. सन् 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख. सन् 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा सन् 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री.


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    सन् 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खण्ड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह एवं 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह. सन् 1997 में भा.ज.यु.मो. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य. सन् 1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य. सन् 1999 में भा.ज.यु.मो. के उज्जैन संभाग प्रभारी, सन् 2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्य परिषद के सदस्य. सन् 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री एवं सन् 2004 में भा.ज.पा. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य,

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    सन् 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य, सन् 2004-2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा), सन् 2008 से भारत स्काउट एण्ड गाइड के जिलाध्यक्ष सन् 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा). भा.ज.पा. की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य. सन् 2013-2016 में भा.ज.पा. के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक. उज्जैन के समग्र विकास हेतु अप्रवासी भारतीय संगठन शिकागो (अमेरिका) द्वारा
    महात्मा गांधी पुरस्कार और इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा सम्मानित. मध्यप्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास हेतु सन् 2011-2012 एवं 2012-2013 में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत. सन् 2013 में चौदहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित.सन् 2018 में दूसरी बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित. दिनांक 2 जुलाई,. 2020 को मंत्री बने,.2023 में तीसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित,आज मुख्यमंत्री बने.

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  • Satna News :उच्च शिक्षा मंत्री का सतना दौरा, इन कार्यक्रमों में होंगे शामिल

    SATNA NEWS।। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव 5 अगस्त को सतना आएंगे। डॉ. यादव सतना और चित्रकूट के विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे तथा रात्रि 9.20 बजे मैहर से भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे।उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव के निर्धारित भ्रमण कार्यक्रम के अनुसार वे 5 अगस्त की प्रातः 4.55 बजे ट्रेन से सतना आकर सर्किट हाउस में अल्प विश्राम करेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव प्रातः 7.30 बजे चित्रकूट पहुंचकर देव स्थान के दर्शन एवं स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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    दोपहर 12 बजे सतना पहुंचकर जनप्रतिनिधियों से भेंट करेंगे। डॉ. यादव दोपहर 12.30 बजे फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित सांसद श्री गणेश सिंह के निवास पर जाकर उनके पिता स्वर्गीय कमलभान सिंह के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री दोपहर 1.15 बजे शहीद पदमधर सिंह पीजी शासकीय महाविद्यालय सतना में नवीन भवन का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद दोपहर 2 बजे शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में 7 करोड़ की लागत से निर्मित छात्रावास प्रयोगशाला सभागार कम्प्यूटर लैब कक्षाओं का लोकार्पण करेंगे।

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    उच्च शिक्षा मंत्री सायं 5 बजे शासकीय महाविद्यालय मैहर के नवीन भवन तथा छात्रावास का लोकार्पण करने के बाद 6.30 बजे मैहर माता मंदिर में मां शारदा के दर्शन करेंगे। उच्च शिक्षा मंत्री मैहर से रात्रि 9.20 बजे रेवांचल एक्सप्रेस से भोपाल जाएंगे।

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  • SATNA TIMES:नाना जी के दर्शन में है राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चुनौतियों का समाधान-उच्च शिक्षा मंत्री

    सतना -।। नानाजी की 12 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर शनिवार को चित्रकूट के दीनदयाल उद्यमिता परिसर के विवेकानंद सभागार में नाना जी की दृष्टि में राष्ट्र निर्माण : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ।

    मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, स्कूल शिक्षा मंत्री इंद्र सिंह परमार, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो प्रदीप जोशी , भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक और भारत में कृषि शिक्षा के सचिव डॉ त्रिलोचन महापात्रा के साथ प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों सहित मध्य प्रदेश से बाहर के 12 राज्यों के कुलपतियों ने उद्घाटन सत्र में सहभागिता की। हाईब्रिड मोड़ में प्रारंभ इस संगोष्ठी में प्रख्यात चिंतक ए.बी.एम.राजू , ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक प्रो एन सी गौतम, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन और संगठन सचिव अभय महाजन भी उपस्थित रहे।इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रधेय नाना जी का शैक्षिक चिंतन भी उनके अन्य सामाजिक आयामों के चिंतन की तरह ही अति विशिष्ट और नयापन लिए हुए था। देश ने जिस महत्वाकांक्षी दस्तावेज राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारत निर्माण के लिए आवश्यक शिक्षा का सपना देखा है, उसे नाना जी ने चित्रकूट में वर्ष 1991 में सोच रखा था। यह जानकार सुखद अनुभूति होती है जब नाना जी के शैक्षिक चिंतन पर आधारित नवाचार और अभिनव प्रयोग के रूप में चित्रकूट के ग्रामोदय विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ प्रारंभ हुए हैं। आज मध्य प्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को पूरी तत्परता और समर्पण के साथ प्रतिबद्धता पूर्वक लागू करने वाले राज्यों में सबसे आगे है। नाना जी के चिंतन के विचार राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समाहित हैं। यदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान प्रभावी ढंग से लागू होते हैं तो नाना का शैक्षिक चिंतन भी देश के कोने कोने में पहुंचेगा। अतः हमारे लिए महत्वपूर्ण अवसर है। इसीलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समग्र रूप में लागू किए जाने की जो चुनौतियां सम्मुख हैं उन पर विचार विमर्श कर उन्हें और प्रभावी बनाने के लिए एक रोडमैप, एक ब्लूप्रिंट बनाया जाये। यही इस संगोष्ठी का प्रमुख लक्ष्य है। मुझे विश्वास है कि इस राष्ट्रीय विमर्श से निकले निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में मील का पत्थर साबित होंगे।प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्र ने कहा कि आज जो शिक्षा के किसी भी आयाम पर देश सोच रहा है उसे नाना जी ने तीन दशकों पहले ही क्रियान्वित करना प्रारंभ कर दिया था यह उनकी दूरदृष्टि थी। नाना जी का चिंतन सदैव समग्रता पर रहा है और इसलिए उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय होते हुए भी ग्रामोदय विश्वविद्यालय की परिकल्पना की थी, जिसमें ग्रामीण जीवन के बहुआयामी जीवन के समस्त पक्षों को प्रधानता मिल सके।संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रदीप जोशी ने नाना जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आयोजन को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मैं विविध सेवाओं के लिए चयन हेतु देश की सर्वोच्च संस्था के प्रतिनिधि के रूप में मंच में हूं, इसलिए इस देश के युवाओं की नौकरी के प्रति आकर्षण का प्रत्यक्ष गवाह हूं। भारत जैसे देश में चाह कर भी सभी को नौकरी देना संभव नहीं है और इस बात की आवश्यकता महसूस करते हुए नाना जी ने वर्षो पूर्व शिक्षा में नौकरी के बजाय स्वाबलंबी पर जोर दिया था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आत्मनिर्भर भारत का स्वर सबसे मुखर है ।मुझे विश्वास है कि संगोष्ठी के निष्कर्ष पूरे देश को दिशा देने वाले होंगेे।विषय प्रवर्तन करते हुए ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक प्रो नरेश चंद्र गौतम में आयोजन की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति और नाना जी के विचारों में बड़ी समानता है। गौर से देखें तो लगता है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 नाना जी के अभिलाषा और अपेक्षाओं का जीवंत दस्तावेज है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सम्मुख उपस्थित चुनौतियों का सर्व सम्मत समाधान खोजने की दिशा में यह एक दूरगामी और निर्णायक पहल है।स्वागत उद्बोधन में दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा नाना जी के संकल्पों को साकार करना ही उनको दी गई सच्ची श्रद्धांजलि है। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में सभी विद्वानों के अभिमत से जो रूपरेखा तैयार होगी वह चित्रकूट घोषणा के नाम से संगोष्ठी के निष्कर्षों में अभिव्यक्त होगी।आगंतुक अतिथियों और कुलपतियों का आभार मानते हुए ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने कहा कि इस प्रतिष्ठित आयोजन में आप सब को पाकर हम सब गौरवान्वित हुए हैं उन्होंने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय नानाजी के शैक्षिक चिंतन का जीवंत स्मारक है। इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान लोक व्यापी होकर जन जन तक पहुंचते हैं और भारत के विश्व गुरु बनने की आधारशिला रखते हैं तो सबसे अधिक प्रसंन्नता महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय और दीनदयाल शोध संस्थान को ही होगी।उद्घाटन सत्र का आरंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। आयोजकों द्वारा मंचासीन अतिथियों का शॉल श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। संचालन दीनदयाल शोध संस्थान के महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ ने किया। ज्ञातव्य हो दीनदयाल शोध संस्थान और महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी विवेकानंद सभागार में आयोजित किया जा रहा है।

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