Chitrakoot Mela :धार्मिक नगरी चित्रकूट भगवान राम की तपोस्थली के रूप में विश्व विख्यात है। आज माघी पूर्णिमा के अवसर पर धार्मिक नगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। श्रद्धालु मंदाकनी नदी में डुबकी लगा रहे हैं। दान-पुण्य कर रहे हैं और भगवान कामतानाथ की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। माघ पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है। इस दौरान श्रद्धालुओं को असुविधा न हो इसके प्रशासन ने सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए हैं।
माघी पूर्णिमा के अवसर पर चित्रकूट में लाखों श्रद्धालु भक्तों ने मंदाकिनी नदी में लगाई आस्था की डुबकी, कुम्भ से लौटकर चित्रकूट पहुच रहे श्रद्धालु
दरअसल माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी चित्रकूट में लाखों श्रद्धालु पहुंचकर पवित्र मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगा रहे है।साथ ही भगवान श्री कामतानाथ स्वामी के दर्शन कर कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा कर रहे हैं।वही प्रयागराज महाकुंभ में स्नान कर लौटने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ चित्रकूट पहुच रही है। साथ ही अनुमान लगाया जा रहा है कि कल गुरुवार को श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा होने की उम्मीद है। जिसको लेकर लाखों श्रद्धालु तीर्थयात्रियों के लिए की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए बुधवार को सतना कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी चित्रकूट पहुंचे है।
प्राचीन मुखारविंद पुजारी रोहित मिश्रा ने बताया कि आज माघी पुण्यमासी है।आज 144 साल बाद प्रयागराज में महाकुम्भ नक्षत्रों के द्वारा बना हुआ योग है।उसमे श्रद्धालु सबसे ज्यादा चित्रकूट में बढ़ रहे है।जो लोग भी प्रयागराज महाकुम्भ में नही जा पा रहे है वह श्रद्धालु चित्रकूट आ रहे है।माघी पूर्णिमा सबसे महत्वपूर्ण होती है।साथ ही आज माघ का समापन भी होता है।
सुरक्षा को लेकर भारी पुलिसबल किये गए तैनात
सतना कलेक्टर सतीश कुमार एस ने बताया कि इस क्षेत्र में पांच जंगहो पर पॉइंट लगाए गए है।मौकमगढ़ तिराहे में पंडाल लगाए गए है जिसमे 50 से 100 लोग वहां पर अस्थायी रूप से ठहर सकते है।स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील करके रघुवीर मंदिर के पास लोगो के खाने की भी व्यवस्था करवाई गई है।अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रयागराज महाकुम्भ से लौटने वाले श्रद्धालु चित्रकूट आ सकते है।जिससे भीड़ बढ़ सकती है।सुरक्षा को देखते हुए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किये गए है।
MP News: मध्यप्रदेश में एक बार फिर से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। प्रदेश के संभागों और जिले की सीमाओं का दोबारा निर्धारण किया जाएगा। जिसमें कई नए जिले और नई तहसीलें बनाने का प्रस्ताव है। साल 2024 में संभाग, जिले और तहसीलों का नए सिरे से सीमांकन के लिए सितंबर में सरकार ने पुनर्गठन आयोग गठन किया था। इसमें रिटायर्ड आईएएस मनोज श्रीवास्तव और मुकेश कुमार शुक्ला को इसका सदस्य बनाया है।
बीते दिनों, पुनर्गठन आयोग ने भोपाल, सागर और ग्वालियर संभाग के जिलों के कलेक्टरों के साथ बैठक की थी। बाकी और जिलों की बैठक नवंबर महीने में ही की जाएगी। इसके बाद आयोग सभी जिलों की रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगा।
मैहर, मऊगंज और पांढुर्णा के जिला बनने से जिलों का खेल हुआ शुरू
मध्यप्रदेश में साल 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान मैहर, मऊगंज और पांढुर्णा को जिले के अस्तित्व में लाया गया था। रीवा को मऊगंज से अलग करके जिला बनाया गया था। इसी तरह सतना से मैहर और छिंदवाड़ा से पांढुर्णा को अलग करके जिला बनाया गया था। इससे पहले एमपी में 52 जिले ही हुआ करते थे। अब इन जिलों के अस्तित्व में आने से जिलों की संख्या 55 हो गई है। आइए जानते हैं कौन-सी जगहों को जिला-संभाग बनाने की तैयारी
बीना-खुरई में जिला बनाने को खींचतान
बीना को जिला बनाने की मांग लगभग 50 साल पुरानी है। कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे बीना के जिला बनाने के लिए भाजपा ज्वाइन की थी, लेकिन बीच में खुरई का पेंच फंस गया। खुरई को जिला बनाने के लिए भीतरी लड़ाई शुरु हो गई। अगर बीना को जिला बनाया जाता है तो उसमें खुरई, मालथौन, बांदरी, कुरवाई और कई तहसीलों को शामिल करने पर विचार किया जा सकता है।
निमाड़ को बनाया जा सकता 11वां संभाग
साल 2012 में निमाड़ को संभाग बनाने की मांग उठी थी। जिसके बाद राजस्व विभाग की ओर खरगोन जिला प्रशासन से प्रस्ताव मांगा गया था। हालांकि, 2016 में तत्कालीन कलेक्टर अशोक वर्मा ने प्रस्ताव तो भेज दिया, लेकिन कुछ संशोधनों का हवाला देते हुए प्रस्ताव को लौटा दिया गया। इसके बाद दोबारा सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था।
1 जनवरी 2024 को समीक्षा बैठक के दौरान निमाड़ को अलग संभाग बनाने की बात सामने आई थी क्योंकि इंदौर प्रदेश का सबसे बड़ा संभाग है। इसमें आठ जिले आते है। अगर निमाड़ संभाग बनता है तो खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी और खंडवा को मिलाकर नया संभाग बनाया जा सकता है।
इंदौर में पीथमपुर शामिल करने की कवायद
इंदौर से पीथमपुर की दूरी मात्र 26-27 किलोमीटर है। धार जिला मुख्यालय की दूरी 48 किलोमीटर है। परिसीमन के बाद अगर पीथमपुर को इंदौर में शामिल कराया जाता है तो आसपास के लोगों को कम दूरी तय करनी होगी। साथ इंदौर के नाम पीथमपुर की ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी। औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण लोग इंदौर से पीथमपुर जाना पसंद करते न की धार से पीथमपुर। इंदौर में पीथमपुर के शामिल होने के विकास कार्यों में तेजी आएगी।
सिरोंज और पिपरिया को जिला बनाने की मांग तेज
सिरोंज तहसील की दूरी विदिशा मुख्यालय से 85 किलोमीटर है। आसपास के लोगों को काम के लिए विदिशा आने-जाने में काफी टाइम लगता है। जिससे लोगों का काफी वक्त जाया होता है। सिरोंज को नया जिला बनाने की मांग काफी लंबे से उठी चली आ रही है।
इधर, पिपरिया अभी नर्मदापुरम जिले में आता है। इसकी दूरी मुख्यालय से 70 किलोमीटर है। पहाड़ी इलाका होने के कारण लोगों को आने-जाने में लगभग 2 घंटे का समय का लग जाता है। विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान पिपरियों को जिला बनाने के लिए धरना प्रदर्शन और हड़ताल भी की गई थी। पचमढ़ी आने-जाने वाले लोग पिपरिया से वाहन व्यवस्था देखते हैं। ऐसे में पिपरिया को भी नया जिला बनाने का प्रस्ताव है।
चित्रकूट तहसील 24 नवंबर को अस्तित्व में आएगी
सतना जिले में आने वाला चित्रकूट 24 नवंबर को तहसील के रूप में अस्तित्व में आ जाएगा। यहां सतना की नौंवी तहसील होगी। राजस्व विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। चित्रकूट को मझगंवा से तोड़कर तहसील का रूप दिया गया है। जिसके अंतर्गत 111 गांव आएंगे।
मुलताई तहसील को पांढुर्णा जिले में लाने का प्रयास
मुलताई तहसील बैतूल जिले में आती है, लेकिन भौगोलिक दृष्टि से मुलताई से पांढुर्णा काफी नजदीक है। जिसके कारण लोगों का सीधा पाढुंर्णा से जुड़ाव है।
यहां भी हो रही जिले बनाने की मांग
गुना जिले से हटाकर चाचौड़ा को भी अलग जिला बनाने की मांग उठ रही है। सिवनी जिले के लखनादौन को जिला बनाने की मांग काफी समय से उठाई जा रही है। ऐसे ही उज्जैन से अलग कर नागदा, दमोह से अलग करके हटा, डिंडौरी जिले के शाहपुरा, शिवपुरी जिले से अलग करके पिछोर को जिला बनाने की मांग की जा चुकी है। पिछोर को जिला बनाने की घोषणा खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी, लेकिन अभी तक पिछोर जिले के अस्तित्व में नहीं आया है।
ऐसे ही बालाघाट को तोड़कर वहां भी तीन जिले बनाएं जाने की मांग की जा चुकी है। इसके लिए पूर्व विधायक किशोर समरीते ने बालाघाट से तीन जिले बनाने के लिए राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा था।वहीं, इसके अलावा धार जिले के मनावर को जिला और कुक्षी को बड़वानी बड़वानी जिले से जोड़ने का काम किया जा सकता है।
कैसे तैयार होगी फाइनल रिपोर्ट
वर्तमान में मध्यप्रदेश में कुल 10 संभाग हैं। जिसमें 56 जिले और 430 तहसीलें हैं। नई सीमाओं को तय करने के लिए हर संभाग, जिले, तहसील और ब्लॉक स्तर पर रिपोर्ट मांगी जाएगी। इसके बाद उसको देखकर विचार-विमर्श किया जाएगा। फिर देखा जाएगा कि जिला मुख्यालय से तहसील या ब्लॉक से कितनी दूरी है। इसके साथ ही क्या-क्या विसंगतियां है। पुनर्गठन आयोग को देखेगा कि राजस्व, वन, नगरीय निकाय और पंचायत विभाग समन्वय कैस किया जा सकता है। सभी सीमाओं अध्यन करने के बाद ही फाइनल रिपोर्ट तैयारी की जाएगी।
दिसंबर के बाद नहीं बनेगी कोई प्रशासनिक ईकाई
साल 2025 में जनगणना की शुरुआत होने जा रही है। जिसके चलते प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं को फ्रीज करने के निर्देश दे दिए गए हैं। जब तक जनगणना का काम पूरा नहीं हो जाता। तबतक कोई प्रशासनिक इकाई नहीं बनाई जाएगी। जनगणना खत्म होने के बाद ही कोई भी संभाग, जिला या तहसील अस्तित्व में आएगा।
Satna News :मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ( Dr Mohan Yadav ) गुरूवार को सतना जिले के चित्रकूट में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने हेलीकॉप्टर से पहुंचे। हेलीपैड पहुंचने पर मुख्यमंत्री डॉ यादव का आत्मीय स्वागत जिले के जनप्रतिनिधियों और प्रषासनिक अधिकारियों द्वारा किया गया।
सतना टाइम्स डॉट इन
मुख्यमंत्री डॉ यादव की अगवानी पर्यटन धर्मस्व एवं संस्कृति राज्यमंत्री श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, पषुपालन एवं डेयरी विभाग राज्यमंत्री श्री लखन पटेल, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, सांसद श्रीगणेश सिंह एवं विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार ने किये।
इस अवसर पर महापौर श्री योगेश ताम्रकार,पूर्व राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रामखेलावन कोल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती सुष्मिता सिंह, जिलाध्यक्ष श्री सतीश शर्मा, कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री आशुतोष गुप्ता सहित प्रशासनिक अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
सतना,मध्यप्रदेश।। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि चित्रकूट के बगदरा घाटी में गौवंश संरक्षण के लिए काऊ सफारी के रुप में गौ अभयारण्य विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र पुराने समय से गौमाता के प्राकृतिक रहवास के रूप में जाना जाता रहा है। इसलिए यहां विचरण करने वाले गौवंशीय पशु स्वस्थ रहते।
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उन्होंने कहा कि बगदरा घाटी में सड़क के दोनों ओर 20-20 हेक्टेयर क्षेत्र में जंगल क्षेत्र को फेनसिंग कर वन्य प्राणियों से सुरक्षित किया जायेगा। और लगे हुए राजस्व भूमि के 50 एकड़ जमीन पर गौशाला एवं अन्य सुविधाएं विकसित की जायेगी।
उन्होंने कहा कि बसामन मामा गौ अभयारण्य की तर्ज पर यहां भी दानदाताओं और जनसहयोग से गौशाला के संचालन में सहयोग लिया जाएगा।इस मौके पर प्रभारी कलेक्टर डा परीक्षित झाड़े, जिला वनमंडलाधिकारी विपिन पटेल ने बगदरा घाटी में बनाए जाने वाले गौ अभ्यारण्य की रूपरेखा और कार्य योजना प्रस्तुत की।
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सतना,मध्यप्रदेश।। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि धैर्य और संयम के साथ अपने कर्तव्यों को पूरा करना ही राजनीति का मूल मंत्र है। उन्होंने कहा कि चित्रकूट की पवित्र धार्मिक नगरी में श्री बलराम देशिक संस्कृत विद्यापीठ द्वारा संचालित प्रियंबदा बिड़ला वैदिक एवं संस्कृत विद्यालय हमारी संस्कृति और सनातन धर्म के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा।
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उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल चित्रकूट के नयागांव में आचार्य आश्रम के समीप नवनिर्मित प्रियंबदा बिड़ला वैदिक एवं संस्कृत विद्यालय के भव्य भवन के लोकार्पण अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। संस्कृत विद्यालय नयागांव का भवन निर्माण विंध्या टेली लिंक्स लिमिटेड के सीएसआर मद से किया गया है।
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इस अवसर पर विधायक मैहर श्रीकांत चतुर्वेदी, विधायक मुड़वारा संदीप जायसवाल, विधायक मनगवां नरेंद्र प्रजापति, उत्तरप्रदेश सरकार के राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, जिला भाजपा अध्यक्ष सतीश शर्मा, चित्रकूट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भरत मिश्रा, पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी, उषा चौधरी, नीलांशु चतुर्वेदी, विंध्या टेली लिंक्स के रमेश सिंह, उद्योगपति रुद्र प्रताप त्रिपाठी, संकल्प सिंह, पुष्पराज बागरी सहित रीवा, सतना, मैहर, कटनी, छत्तीसगढ़ से आए हुए गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
आचार्य आश्रम नयागांव के पूज्य श्री डॉ बदरी प्रपन्नाचार्य जी महाराज, वरुण प्रपन्नाचार्य जी महाराज, चित्रकूट के साधु-संतों की उपस्थिति में उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने वैदिक मंत्रो और श्लोक के बीच विधि विधान पूर्वक वैदिक एवं संस्कृत विद्यापीठ का लोकार्पण किया। उन्होंने संस्कृत विद्यालय के प्रत्येक पठन कक्षों में जाकर पठन-पाठन के लिए की गई व्यवस्थाओं का अवलोकन किया।उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश की जनता ने सरकार को इतना बड़ा जनादेश दिया है। यह जनादेश जन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए है। राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश को देश का विकसित और सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इसके साथ ही विंध्य क्षेत्र को हिंदुस्तान का सबसे बेहतर और समृद्धशाली क्षेत्र बनाने का संकल्प भी पूरा होगा।
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि विंध्य क्षेत्र में धार्मिक, वाइल्डलाइफ, पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। चित्रकूट की पावन धरती पर जहां श्री राम के चरण पड़े, वहां की धरती पर बहुमूल्य खनिज, लाइमस्टोन, हीरे जवाहरात, बॉक्साइट जैसी संपदा मौजूद है। उन्होंने कहा कि कल ही नर्मदा घाटी विकास के अधिकारियों के साथ बरगी की नहर मैहर और सतना लाने के प्रयासों की समीक्षा बैठक हुई है। नर्मदा का पानी मंदाकिनी नदी तक सीधा नहीं ला सकते, इसलिए बांध बनाकर पयस्वनी नदी तक पानी छोड़ा जाएगा। पयस्वनी नदी के पानी से मंदाकिनी को सदानीरा बनाया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि यह विधि का विधान ही है प्रदेश सरकार में नई जिम्मेदारी संभालते ही मैहर, चित्रकूट के पवित्र धार्मिक स्थल और सनातन संस्कृति के कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।आचार्य आश्रम के स्वामी श्री बदरी प्रपन्नाचार्य जी ने कहा कि हमारे जीवन में पवित्र मन से किए गए सभी संकल्प भगवत कृपा से अवश्य पूरे होते हैं। उन्होंने संस्कृत विद्यालय के 1982 में स्थापना काल से अब तक की प्रगति का रेखांकन करते हुए संस्कृत विद्यालय की स्थापना और भवन निर्माण के लिए सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
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कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल को संस्कृत भाषा में रचित अभिनंदन पत्र भी भेंट किया गया। बाद में उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने धर्मपत्नी श्रीमती सुनीता शुक्ला के साथ आचार्य आश्रम की यज्ञशाला में हवन पूजा भी की।
भोपाल। MP News: विधानसभी चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में दिग्गजों के दौरे भी निरंतर जारी है। इसी कड़ी में आज यानि 27 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एमपी दौरे पर रहेंगे। जहां वे चित्रकूट में तुलसी पीठ आश्रम जाएंगे। सुबह 11:45 मिनिट पर वे दिल्ली से खजुराहों पहुंचेंगे। जानें मिनिट टू मिनिट कार्यक्रम।
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पीएम मोदी का मिनट टू मिनट कार्यक्रम
सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर दिल्ली से खजुराहो पहुंचेंगे।
खजुराहो से चित्रकूट के लिए 12 बजकर 55 मिनट पर रवाना होंगे।
दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर विशेष विमान से पहुंचेंगे।
1.45 बजे रघुवीर मंदिर में पूजन-अर्चन करेंगे।
सद्गुरु संघ सेवा ट्रस्ट की प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे।
2.25 बजे कार से विद्याधाम जानकीकुंड स्टेडियम पहुंचेंगे।
विद्याधाम जानकीकुंड स्टेडियम में सभा को संबोधित करेंगे।
3 बजकर 15 मिनट पर कार से तुलसीपीठ पहुचेंगे।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज का आशीर्वाद लेंगे।
10 मिनट तक जगद्गुरु से विशेष चर्चा करेंगे।
3 बजकर 20 मिनट पर किताब का विमोचन करेंगे।
4 बजकर 15 मिनट पर खजुराहो एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे।
PM Narendra Modi to visit Chitrakoot, Madhya Pradesh on 27th October. He will participate in multiple programmes at Shri Sadguru Seva Sangh Trust. PM will perform pooja and darshan at Raghubir Mandir. PM will also visit Tulsi Peeth; to perform pooja and darshan at Kanch Mandir:… pic.twitter.com/KLQOmYMe6p
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कल से तीन दिवसीय दौरे पर
चुनाव के नजदीक होते ही एमपी में अमित शाह फिर से सक्रिय होंगे। वे कल यानि 28 अक्टूबर से तीन दिवसीय एमपी दौरे पर रहेंगे। यानि 28, 29 और 30 अक्टूबर को एमपी के में उनके ताबड़तोड़ कार्यक्रम होंगे। यहां आकर वे एमपी बीजेपी का घोषणा पत्र जारी करेंगे।इसी के साथ हर संभाग में अमित शाह बैठक करेंगे। इसी के साथ चुनाव को लेकर बड़े पदाधिकारी के साथ रणनीति भी बनाएंगे।
चित्रकूट(वीरेंद्र शुक्ला) ।।चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय दृष्टि विहिंता एवं दृष्टि दोष नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में सरकारी अस्पतालों में नेत्र सर्जरी में गुणवत्ता लाने के लिए संत रणछोड़ दास जी महाराज द्वारा संस्थापित सद्गुरू नेत्र चिकित्सालय जानकीकुंड-चित्रकूट में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
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जिसमे प्रदेश के 18 मंडलों से आये लगभग 40 वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक (सर्जनो) ने कार्यशाला में प्रतिभाग किया | इस दो दिवसीय कार्यशाला में सद्गुरू नेत्र चिकित्सालय निदेशक डॉ. बी. के. जैन, डा राजेश जोशी, डा आशीष बजाज एवं अन्य चिकित्सको ने नेत्र सर्जरी में गुणवत्ता , क्षमता , और कार्य कुशलता जैसे तमाम विषयो पर अपनी जानकारियां साझा की साथ ही चिकित्सक दल ने अस्पताल परिषर में ओपीडी व आपरेशन थियेटर में तकनीकी बारीकियों को भी देखा।
और कहा कि हमने भारत में नेत्र से संबंधित सारी व्यवस्थाओं से लैस इतना बड़ा चिकित्सालय नही देखा है।वंही दो दिवसीय कार्यशाला के समापन के दौरान श्री सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट के ट्रस्टी एवम् सद्गुरू नेत्र चिकित्सालय के प्रशासक डा ईलेश जैन ने 18 मंडलों से गुणवत्ता प्रशिक्षण लेने आए सभी नेत्र सर्जनों एवम् उत्तर प्रदेश राज्य मेडिकल परामर्शदाता अभय द्विवेदी,साइड सेवर के यूपी हेड प्रमोद त्रिपाठी से कहा कि सदगुरु नेत्र चिकित्सालय आपका है देश के सभी नेत्र रोगियों के लिए है और हम सब नेत्र रोगियों के लिए ही काम कर रहे है।
हम सबका संकल्प और उद्देश्य होना चाहिए कि हम अंधत्व निवारण पर अपने देश के नेत्र रोगियों के लिए कितना बेहतर से काम कर सकते है इस सोंच के साथ अगर हम सब काम करेगे तभी हमारी अपने नेत्र रोगियों के लिए और अपने देश के लिए सच्ची सेवा होगी साथ ही उन्होंने कहा कि अंधत्व निवारण पर सदगुरु नेत्र चिकित्सालय की आपको जैसी भी और जिस तरह की मदद आपको लेनी हो हर समय मदद के लिए तैयार है। वहीं प्रशिक्षण लेने आये रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त अस्पताल लखनऊ के डॉ. के पी सिंह ने बताया कि बहुत ही छोटी-छोटी चीजे जो ध्यान में नहीं आती उन चीजों को यंहा देखा और काफी कुछ सीखने को मिला इसका उपयोग कर लोगो को बेहतर सुविधाएं दे सकेंगे।
SATNA NEWS , सतना।। चित्रकूट (chitrakoot news) में एक ऐसी गौशाला जहां गोवंश के बनते हैं डिजिटल कार्ड। इस बात को जानकर जरूर हैरानी होगी लेकिन यह सच चित्रकूट में देखने को मिल रहा है। जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर जानकीकुण्ड स्थित परमहंस संत श्री रणछोड़दास जी महाराज के कर कमलों से स्थापित मानव सेवा एवं नेत्र चिकित्सा के लिए विश्वविख्यात संस्थान श्री सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट का सदगुरु गौ सेवा केंद्र। यहां मौजूदा स्थिति में 1275 गाय हैं जिसमें सभी का डिजिटल कार्ड बना हुआ है।
ट्रस्ट द्वारा बतलाया गया कि इंटरनेट आधारित एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार करवाया गया, जहाँ गौसेवा केंद्र की सभी गौ वंश का डाटाबेस तैयार किया गया है, जिसमें जैसे ही गाय मुंह के सामने कैमरा स्क्रीन करेंगे वैसे ही गाय की नस्ल, उम्र, वजन, टीकाकरण, पूर्व में किया गया मेडिकल ट्रीटमेंट एवं फोटो जैसी सारी जानकारी कुछ ही सेकेण्ड में सामने आ जाएंगी। इस सदगुरु गौ सेवा समिति की अध्यक्ष एवं संचालिका उषा जैन ने बताया कि, यह परंपरा परम पूज्य गुरुदेव रणछोड़दास जी महाराज की प्रेरणा से एवं अध्यक्ष श्री अरविन्दभाई मफतलाल, रामभाई गोकाणी एवं डॉ.बी.के.जैन के मार्गदर्शन में लगभग 30 वर्ष पहले से शुरू हुई थी। शुरुआती दौर में गौ सेवा के लिए कच्चे बाड़े बनाकर गर्मियों के चार माह चारे-पानी का अभाव होता था, तब आस-पास के गांव में जाकर निराश्रित (दूध न देने वाली) गोवंश को लाकर उनकी सेवा की जाती थी और बारिश आने पर गाँववाले उन्हें वापस ले जाते थे, धीरे-धीरे यह क्रम बढ़ता गया और यह सेवा वर्षभर के लिए स्थायीरूप से शुरू हो गयी।
श्रीमती उषा जैन ने बताया कि गौ सेवा के लिए साल भर जो भी खर्च आता है वह देश-विदेश में रहने वाले गुरुभाई-बहनों एवं गौभक्तों के द्वारा प्रदत्त पुण्यलक्ष्मी से किया जाता है । वर्ष में दो बार विविध व्यंजनों का गौ-अन्नकूट लगाया जाता है। जिसमें 156 प्रकार का भोग तैयार कर गाय को खिलाया जाता है। उन्होंने कहा कि डिजिटलकार्ड प्रक्रिया से सबसे बड़ा लाभ यह है कि गोवंश के ट्रीटमेंट करने से पहले उसका डॉक्टर रिकार्ड कार्ड देख कर यह पहचान कर सकता है कि कितनी बार ट्रीटमेंट किया गया है कौन सी दवा लगी है कितनी बार टीकाकरण होना है कितने दिन की हो गई है। इसके साथ साथ अगर गाय कहीं बिछड़ जाती है डिजिटल कार्ड के जरिए गाय के स्वामी और उसका नाम का पता लगाकर गाय को अपने गौशाला में ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी समय में सभी गोवंश के लिए जीपीएस सिस्टम के लिए भी हम प्रयासरत हैं जिससे गौवंश के आवगमन की जानकारी ट्रेस हो सकेगी।
गौशाला में प्रतिदिन लगती है इतनी खुराक
80 कुंटल प्रतिदिन हरा चारा 30 कुंटल गेहूं भूसा 10 कुंटल दाना-चोकर दलिया एवं पशु आहार प्रतिदिन गायों को दिया जाता है। गायों के रखरखाव के लिए 15 शेड अलग-अलग बनाए गए हैं जिसमें गर्भवती गोवंश को अलग, बछड़े अलग, दुर्घटनाग्रस्त विकलांग गोवंश अलग, बीमार गो वंश अलग एवं स्वास्थ्य गौ वंश अलग शेड में रखे जाते हैं।
गायों के नहाने के लिए है शावर की व्यवस्था
इन सभी शेड में मौसम के अनुसार गायों को सुविधा का ध्यान रखा जाता है जिसमें, दवा, चारा,पानी के साथ गर्मियों में गायों के लिए पंखे एवं सर्दियों में शीतलहर से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था अलग से की जाती है | साथ ही सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त हुई गायों को उपचार हेतु लाने के लिए गौ-वाहिनी (एम्बुलेंस) एवं स्ट्रेचर की भी व्यवस्था है | इसी के साथ विशेष आकर्षण का केन्द्र है गायों के लिए वाटर शावर की व्यवस्था जहाँ फोगर के माध्यम से गायों को नहलाने की भी व्यवस्था है |
गौ सेवा करने के लिए लगे 30 लोग
गौ सेवा करने के लिए संस्था द्वारा 30 गौ सेवक नियुक्त गई है जिसमे 20 गौ सेवक 06 पशुचिकित्सक एवं पैरावेट की टीम एवं पर्यवेक्षक तथा प्रबंधक अदि उपस्थित रहते हैं जो 24 घंटे वहां सेवार्थ मौजूद रहते हैं | समय समय पर गायों को विभिन्न रोगों से बचाव के लिए उनका टीकाकरण भी किया जाता है साथ ही वर्तमान में गायों में फैली लम्पी वाइरस की बीमारी से बचाव हेतु सभी 1275 गायों को वैक्सीन भी लगायी जा चुकी है | साथ ही यहाँ प्रतिदिन गौपूजन एवं गौ माता की आरती भी की जाती है |
गोवंश के गोबर एवं गौमूत्र से तैयार होती हैं यह चीजें
गौ सेवा केंद्र में गोवंश के गोबर और गोमूत्र से गमले, धूपबत्ती, गोमूत्र अर्क, गौकाष्ठ, फिनायल, खाद, मच्छर धूप, पूजा धूप आदि का निर्माण गौ सेवा केंद्र में ही किया जाता है। जो पर्यावरण संरक्षण की दृष्टी से भी बहुत महत्वपूर्ण है |
संतों का पदार्पण
इस गौशाला में भारत भर के विख्यात सन्त-महन्त पधारकर कर चुके हैं गौ पूजन जिनमें प्रमुख रूप से प्रसिद्द रामकथा वक्ता श्री मोरारीबापू, श्री रमेशभाई ओझा, श्री राजेन्द्रदास जी महाराज, श्री हरिचरणदास जी महाराज, श्री चिदानन्द सरस्वती जी, श्री कृष्णानन्द जी, श्री उमाशंकर जी,श्री मैथिलिशरण जी आदि प्रमुख हैं |यह गौ सेवा केन्द्र मध्य प्रदेश गौ संवर्धन एवं गौपालन बोर्ड भोपाल तथा एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ़ इण्डिया भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पंजीकृत गौशाला है |
एक घर-एक गाय
सदगुरु गौ सेवा केंद्र की संचालिका उषा जैन ने सभी क्षेत्र वासियों से अपील करते हुए कहा कि एक घर एक गाय लोग रखना शुरु कर दें जिससे जो आज की दशा में गोवंश सड़कों पर आवारा घूम रहे हैं तो उससे निजात मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि गोवंश में 33 करोड देवताओं का वास रहता है इसलिए सब ही घर में 1 गोवंश होना जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि गाय को जब हम माता का दर्जा देते हैं तो उनके सेवा का दायित्व भी हम सभी का है | यदि आप अपने घरों में गौ सेवा करने में असमर्थ हैं तो अपनी नजदीकी गौशाला एवं गौ सेवा केन्द्र में जाकर तन-मन-धन से गौ सेवा में सहयोगी बनें एवं अपनी नयी पीढ़ी को भी इस पुनीत कार्य से जोड़ें |
चित्रकूट, सतना ।।अभी तक आपने फिल्मों में शादी के दौरान मंडप से सोने चांदी के जेवरात व पैसे लेकर दुल्हन और उसके परिवार को रफू चक्कर होने वाले किस्से खूब सुने होंगे। ऐसा ही एक मामला शनिवार को चित्रकूट जनपद से सामने आया है। जहां शादी के मंडप से एक दुल्हन सोने चांदी के जेवरात और नकदी लेकर फरार हो गई है। जिसके बाद पीड़ित दूल्हे ने कोतवाली में शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है ।
लुटेरी दुल्हन का ये मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के कामतानाथ परिक्रमा मार्ग स्थित बरहा के हनुमान मंदिर का है। जहां महोबा जिले के रहने वाले सुरेंद्र पाल की शादी चित्रकूट के मानिकपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली रागिनी रैदास से उसके रिश्तेदार ने शादी तय कराई थी। लड़की के परिजनों की आर्थिक स्थिति सही ना होने के कारण लड़के पक्ष ने लड़की की शादी का पूरा खर्चा उठाने का जिम्मा उठाया था और यह शादी चित्रकूट के बरहा मंदिर में 11 नवंबर को होना तय हुआ।
इसके बाद कल दूल्हा और दुल्हन पक्ष के दोनों लोग शादी के लिए मंदिर पहुंच गए और विधि विधान से पंडित जी शादी संपन्न करा रहे थे। इसी दौरान दुल्हन के भाई ने दुल्हन का सामान लाने के लिए लड़के पक्ष से 53000 रुपये ले लिए और सामान लेने चला गया। जब काफी देर तक लड़की का भाई वापस नहीं आया तो दुल्हन के साथ आए अन्य रिश्तेदार भी वहां से धीमे-धीमे खिसक गए।इधर शादी की सभी रस्में पूरी हो चुकी थी। सिर्फ विदाई की रिवाज बाकी रह गई थी लेकिन जब दुल्हन के मां और उसके सभी लोग वहां से खिसक लिए तो दुल्हन ने दूल्हे के साथ जाने से मना कर दिया। इसके बाद दूल्हे पक्ष से लाए गए सोने, चांदी के जेवरात, कपड़े लेकर वहां से फरार हो गई।
इसके बाद पीड़ित दूल्हे ने कर्वी कोतवाली में आज तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने लुटेरी दुल्हन सहित 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। ए एस पी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि पैसे लेकर फरार होने वाले भाई को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है । फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों के बयान लेकर मामले की जांच करने पर जुटी हुई है ।
सतना।।विंध्य के सतना जिले में स्थापित पावन नगरी चित्रकूट को गधों की बाजार के रूप में प्रसिद्धि देना अमानवीय कृत्य की श्रेणी में है इसको लेकर क्षेत्र के साधु संतों में आक्रोश व्याप्त हैं। विधायक मैहर ने कहा कि ये वह चित्रकूट है जहां श्री राम भगवान बने, मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। यह वह पावन धरा है जहाँ हजारो हजार ऋषि मुनियों साधु संतों ने तपस्या की धर्म की रक्षा करते करते अपने प्राणों की आहुति दे दी।यह वह पवित्र धरा है जहां रामचरित मानष जैसे ग्रंथ की रचना हुई,
भगवान श्री राम वनवासकाल का अधिकतम समय इस धरा में बिताया आज उस पवित्र भूमि को गधों की बाजार के रूप में प्रसिद्धि देना उचित नही। इस बाजार में तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए और इस मेले पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इस बाजार की प्रसिद्धि को लेकर हमारे साधु संतों के बीच खासी नाराजगी देखी जा रही है।
हमारे आराध्य की इस नगरी को औरंगजेब के द्वारा संचालित गधों की बाजार ने नाम से जाना जाना असहनीय कृत्य है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि मै आज ही माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर इस मेले के आयोजन को यहां से खत्म कराए जाने की मांग करूँगा।
जहां हम हर वर्ष दीपावली को भगवान श्री राम की स्मृति में भव्य दीपदान का आयोजन करते है लाखो लाख लोग आस्था के साथ यहां आते हो उस चित्रकूट को भगवान श्री राम की तपोभूमि के नाम से न जानकर गधों की बाजार के रूप में जाना जाना हमारी आस्था के साथ कुठाराघात है जिसे हम हरगिज बर्दास्त नही करेंगे।