Chandrayaan-3 Launch:

  • Chandrayaan-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की 5वीं और अंतिम कवायद सफलतापूर्वक पूरी की

    Chandrayaan-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की पांचवीं और अंतिम कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. भारत का महत्वाकांक्षी तीसरा चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3′ सोमवार को कक्षा में नीचे लाए जाने की एक और सफल प्रक्रिया से गुजरने के साथ ही चंद्रमा की सतह के और नजदीक पहुंच गया था. इस बारे में बेंगलुरु में स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया था कि चंद्रयान-3 अब चंद्रमा की ‘‘निकटवर्ती कक्षा” में पहुंच गया है.

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    ‘चंद्रयान-3′ का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. इसके बाद छह और नौ अगस्त को चंद्रयान को कक्षा में नीचे लाए जाने की दो प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया.  इसरो के सूत्रों के अनुसार, अंतरिक्ष यान को 100 किमी की कक्षा तक पहुंचाने के लिए एक और प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा, जिसके बाद लैंडर और रोवर से युक्त ‘लैंडिंग मॉड्यूल’ आगे की प्रक्रिया के तहत ‘प्रॅपल्शन मॉड्यूल’ से अलग हो जाएगा.

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    इसके बाद, लैंडर के ‘डीबूस्ट’ (धीमे होने की प्रक्रिया) से गुजरने और 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने की उम्मीद है.

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  • Chandrayaan-3 Launch: चंद्रमा पर विजय पाने निकला ‘बाहुबली’ चंद्रयान-3, भारत ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास

    ISRO Chandrayaan 3 Launch Today Latest Updates: आज भारत का तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) लॉन्च किया गया. दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 लॉन्च हो गया. इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा (Sriharikota) स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा गया. चंद्रयान-3 मिशन सबसे अलग और खास है क्योंकि अब तक जितने भी देशों ने अपने यान चंद्रमा पर भेजे हैं उनकी लैंडिग उत्तरी ध्रुव पर हुई है जबकि चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला यान होगा. चंद्रयान-3 मिशन साल 2019 में किए गए चंद्रयान-2 मिशन का फॉलोअप मिशन है. इस मिशन में लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग और रोवर को सतह पर चलाकर देखा जाएगा, जिसके जरिए जानकारी जुटाई जाएगी..

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    इसरो का चंद्रयान-3 मिशन चांद के अज्ञात स्थलों की जानकारी देगा. रासायनिक तत्व और पानी-मिट्टी की खोज करेगा. इसके अलावा चंद्रयान-3 चांद पर बहुमूल्य धातु का पता लगाएगा. चंद्रयान-3 की चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग होगी. रोवर को चंद्रमा की सतह पर चलाना लक्ष्य है. चंद्रमा पर मौजूद तत्वों का वैज्ञानिक परीक्षण चंद्रयान-3 करेगा.

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    भारत का किफायती मिशन

    बता दें कि चंद्रयान-1 मिशन में 386 करोड़ रुपये का खर्च आया था. वहीं, चंद्रयान-2 मिशन में 978 करोड़ रुपये की लागत आई थी. अब चंद्रयान-3 मिशन भी काफी किफायती है. इसकी लागत 615 करोड़ रुपये है. इतने में तो स्पेस पर आधारित हॉलीवुड की फिल्में बनती हैं.

    भारत का ‘मून मिशन’

    बता दें कि चंद्रयान-3 आज 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च हो चुका है. यह चंद्रयान -2 का फॉलोअप मिशन है. श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से इसकी लॉन्चिंग हुई. चंद्रयान-3 मिशन में लैंडर, रोवर शामिल हैं. मिशन में ऑर्बिटर शामिल नहीं  है. लैंडर, रोवर 14 दिनों तक एक्टिव रहेंगे. 23-24 अगस्त के बीच चांद में लैंडिंग की कोशिश होगी. चंद्रयान-3 का वजन की बात करें तो लैंडर मॉड्यूल का वजन 1.7 टन है. प्रोपल्शन का वजन करीब 2.2 टन है. लैंडर में रखा रोवर 26 किलोग्राम का है.source zee news

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